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डॉ. प्रिंस जायसवाल ने शर्मा अस्पताल के संचालक की एनेस्थीसिया डिप्लोमा की जॉच के लिए शासन को लिखा पत्र

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आरटीआई से जानकारी में विश्वविघालय ने दिया जवाब हमारे यहा एैसा कोई पाठयक्रम नही

रायपुर/ छत्तीसगढ़ : डॉ. प्रिंस जायसवाल ने अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग से डॉ. राकेश कुमार शर्मा, संचालक शर्मा हॉस्पिटल के एनेस्थीसिया में डिप्लोमा के दस्तावेज की जांच कराने की मांग की है। उन्होने अपने लिखित पत्र में कहा है कि आरटीआई से प्राप्त जानकारी के अनुसार डॉ. राकेश शर्मा के द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य उपचर्यागृह तथा रोगोपचार संबंधी अधिनियम, 2013 अंतर्गत पंजीयन हेतु संलग्न एनेस्थीसिया में डिप्लोमा का जो दस्तावेज अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा से सन् 1993 में पैरामेडिकल डिप्लोमा इन एनेस्थीसिया का प्रस्तुत किया गया है। वह गलत है। जबकि डॉ. प्रिंस के द्धारा आरटीआई लगाकर विश्वविघालय से जानकारी ली गई जिस पर विश्व विघालय ने जो जवाब दिया वह अपने आप में पूरे मामले से पर्दा हटाने के लिए काफी है। विश्वघालय ने आरटीआई का लिखित जवाब में कहा है कि पैरामेडिकल डिप्लोमा इन एनेस्थीसिया चिकित्सक जैसा कोई कोर्स उनके यहा संचालित ही नही होता है। इसलिए डॉ. पिं्रस ने कहा कि कई दशको से बैकुंठपुर के शर्मा अस्पताल के संचालक डॉ. राकेश शर्मा की योग्यता की उच्चस्तरिय जॉच होनी चाहिए। यदि इनके द्धारा शासन और प्रशासन को दिया गया दस्तावेज फर्जी है तो फिर झूठी डिग्री के सहारे ईलाज करने वाले डाक्टर का सही ईलाज होना चाहिए।

यह है पूरा मामला

बैकुंठपुर के शर्मा अस्पताल के संचालक डॉ. राकेश शर्मा के द्वारा छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान परिषद् में दिनॉक 24.11.2018 को अपना पंजीयन कराया गया है। जिसमें केवल जबलपुर विश्वविद्यालय से सत्र 1981 मंे एमबीबीएस (आयुर्विज्ञान एवं शल्यविज्ञान-स्नातक) की उपाधि का उल्लेख है। वही पर डॉ. शर्मा के द्धारा 19.02.2024 को छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान परिषद् में जारी एडिशनल रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट अंतर्गत अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा से 1993 में डिप्लोमा इन एनेस्थीसिया कोर्स का उल्लेख किया गया है। विश्वविद्यालय के द्वारा जारी प्रमाण पत्र एवं परिषद् के द्वारा जारी प्रमाण पत्र में उल्लेखित एनेस्थीसिया कोर्स संबंधित विवरण में विरोधाभाष है। यही कारण है कि डॉ. प्रिंस ने मामले की जांच कराकर, दोषी पाये जाने पर कडी कार्यवाई का अनुरोध शासन से किया है।

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सुंगेरा एनीकट निर्माण के लिए 9 करोड़ से अधिक रुपये स्वीकृत

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रायपुर, 22 नवंबर 2024  : राज्य शासन ने बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के विकासखंड तिल्दा की कोल्हान नाले पर सुंगेरा एनीकट के निर्माण के लिए नौ करोड़ चार लाख 14 हजार रूपये स्वीकृत किये हैं। योजना के कोर्यों के निर्माण हो जाने पर क्षेत्रीय किसानों को निस्तारी, पेयजल, भू-जल संवर्धन आवागमन एवं कृषकों को निजी पम्प के  माध्यम से करीब 80 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा मिलेगी। जल संसाधन विभाग मंत्रालय महानदी भवन से मुख्य अभियंता महानदी गोदावरी कछार जल संसाधन विभाग रायपुर को एनीकट का निर्माण कराने प्रशासकीय स्वीकृति जारी की है।

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बाल विवाह रोकने जागरूकता व जनभागीदारी जरूरी : रेणुका सिंह

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कोरिया  : भरतपुर-सोनहत विधायक  रेणुका सिंह ने कल कटगोड़ी ग्राम पंचायत में आयोजित जिला स्तरीय जनसमस्या निवारण शिविर में आम लोगों से अपील करते हुए कहा कि बाल विवाह रोकने की जिम्मेदारी सिर्फ शासन-प्रशासन की ही नहीं है, हम सबकी है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह एक सामाजिक बुराई है, ऐसे में समाज प्रमुखों व जनप्रतिनिधि आप सब अपने परिवार, गांव व समाज में बाल विवाह के खिलाफ अभियान चलाएं ताकि कम उम्र में होने वाले विवाह को रोका जा सके।

उन्होंने आम लोगों को संकल्प दिलाते हुए कहा कि 18 वर्ष से कम उम्र के लड़कियों और 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के का विवाह नहीं होने दे, कम उम्र की शादी एक सामाजिक बुराई एवं कानून अपराध है। इसकी रोकथाम के लिए हर संभव प्रयास किया जाए ताकि जिले को बाल विवाह मुक्त बनाया जा सके।

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श्रमिक सम्मेलन: श्रमिक सशक्तिकरण की नई पहल..कोरिया जिले के 304 हितग्राहियों को विभिन्न योजनाओं के तहत 27 लाख से अधिक की राशि प्रदान

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कोरिया :  विगत दिनों कोरबा में आयोजित श्रमिक सम्मेलन ने छत्तीसगढ़ में श्रमिक सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्थापित किया।कार्यक्रम में कोरिया जिले के श्रमिकों और उनके परिवारों के लिए आर्थिक, शैक्षणिक और सामाजिक विकास के तहत संचालित योजनाओं का लाभ सीधे हितग्राहियों तक पहुंचाया गया।जिले के 304 हितग्राहियों को विभिन्न योजनाओं के तहत कुल 27 लाख 20 हजार 266 की राशि प्रदान की गई। यह राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में जमा की गई, जिससे पारदर्शिता और विश्वास सुनिश्चित हुआ।

श्रमिक हित में संचालित योजनाएं

कार्यक्रम के दौरान विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सहायता प्रदान की गई।मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण सहायता योजना का उद्देश्य बेटियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। कार्यक्रम में 73 हितग्राहियों को 14 लाख 60 हजार की राशि वितरित की गई। यह योजना बेटियों की शिक्षा और भविष्य को सुरक्षित करने का प्रयास है। मिनीमाता महतारी जतन योजना के तहत मातृ स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए 4 लाभार्थियों को 80 हजार रुपये की सहायता राशि दी गई। मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना के तहत शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए तीन विद्यार्थियों को एक लाख 10 हजार रुपए की सहायता प्रदान की गई, वहीं निर्माण श्रमिकों के बच्चों हेतु निःशुल्क गणवेश एवं पुस्तक- कॉपी सहायता योजना के तहत इन श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा के लिए 191 बच्चों को दो लाख 74 हजार रुपये की राशि दी गई। मुख्यमंत्री सायकल सहायता योजना के अंतर्गत श्रमिकों के आवागमन को सुविधाजनक बनाने के लिए 26 श्रमिकों को 96 हजार 266 की सहायता राशि प्रदान की गई, वहीं मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजना निर्माण कार्य के दौरान दिवंगत या दिव्यांग श्रमिकों के परिवारों को 7 नॉमिनियों को 7 लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान कर सहयोग किया गया।

श्रमिक कल्याण के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता

यह सम्मेलन मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में श्रमिकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा संचालित योजनाएं श्रमिक वर्ग के समग्र विकास की दिशा में मजबूत कदम हैं।

पारदर्शिता और सशक्तिकरण का मॉडल

इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी विशेषता डीबीटी के माध्यम से राशि का सीधा हस्तांतरण है। इससे हितग्राही को त्वरित लाभ मिलता है। निश्चित ही प्रदेश की श्ऊर्जाधानीश् के रूप में प्रसिद्ध कोरबा में आयोजित यह श्रमिक सम्मेलन राज्य सरकार की श्रमिकों के प्रति संवेदनशीलता और उनके सशक्तिकरण के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है। इस प्रकार के कार्यक्रम न केवल श्रमिक वर्ग का मनोबल बढ़ाते हैं, बल्कि उनके जीवन में वास्तविक बदलाव लाने में सहायक होते हैं। श्रम मंत्री श्री लखन देवांगन व छत्तीसगढ़ सरकार के इन प्रयासों से श्रमिक वर्ग को नई उम्मीदें मिली हैं और यह राज्य के समावेशी विकास की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है।

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