राष्ट्रीय
GDP को इस वर्ष हो सकता है 20 लाख करोड़ रुपए का नुकसान, अगले साल होंगे हालात सामान्य
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नई दिल्ली। देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में पहली तिमाही में करीब एक-चौथाई की भारी गिरावट आने के सवाल पर पूर्व वित्त सचिव (former finance secretary) सुभाष चंद्र गर्ग (Subhash Chandra Garg) ने कहा है कि यह नुकसान देशव्यापी लॉकडाउन लगाने की रणनीति सही नहीं होने के कारण हुआ है। उनका आकलन है कि अर्थव्यवस्था को चालू वित्त वर्ष में 20 लाख करोड़ रुपए की क्षति हो सकती है।
गर्ग ने कहा कि लॉकडाउन से कोरोना वायरस महामारी का प्रसार शुरू में धीमा जरूर पड़ा लेकिन अर्थव्यवस्था को इससे कहीं ज्यादा नुकसान हुआ। गर्ग का मानना है कि आर्थिक हालात कहीं जाकर चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च 2021) तक ही सामान्य हो सकेंगे, तब तक देश के जीडीपी को कोविड-19 और उससे जनित प्रभावों से कुल 10-11 प्रतिशत यानी करीब 20 लाख करोड़ रुपए की क्षति हो चुकी होगी।
पूर्व प्रशासनिक अधिकारी ने अर्थव्यवस्था से जुड़े मुद्दों पर खास बातचीत में सुझाव दिया कि आत्मनिर्भर भारत पैकेज में सुधार कर इसका लाभ ज्यादा से ज्यादा सूक्ष्म और छोटे उद्यमों तक पहुंचाने तथा बेरोजगार हुए मजदूरों की विशेष सहायता करने में किया जाना चाहिए। साथ ही बुनियादी ढांचा क्षेत्र में सरकारी निवेश बढ़ाए जाने की रणनीति पर भी काम करने की जरूरत है।
गर्ग ने कहा, जब लॉकडाउन लगाया गया उस समय देश में वायरस की शुरुआत ही हो रही थी। लॉकडाउन से उस समय इसका प्रसार धीमा हुआ, ज्यादा तेजी से नहीं फैला, लेकिन इस दौरान देश की स्थिति को देखते हुए अर्थव्यवस्था को नुकसान ज्यादा हुआ है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन हटने के बाद वायरस फैलने की गति बढ़ी है। पर बेहतर होता कि अर्थव्यवस्था से समझौता किए बिना महामारी पर अंकुश लगाने के प्रयास किए जाते।
पूर्व वित्त सचिव ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था का आकार 10 से 11 प्रतिशत तक कम हो सकता है। पहली तिमाही में 23.9 प्रतिशत की गिरावट के बाद दूसरी तिमाही में यह गिरावट 12 से 15 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 4 से 5 प्रतिशत रह सकती है। चौथी तिमाही में कहीं जाकर स्थिति सामान्य हो सकती है। कुल मिलाकर 2020-21 में जीडीपी 10 से 11 प्रतिशत तक कम रह सकती है। यानी आंकड़ों में बात करें तो इसमें 20 लाख करोड़ रुपए की कमी आएगी।
जीडीपी में गिरावट आने का मतलब है सबकी आय में कमी। आमदनी घटने से खर्च कम होता है और आर्थिक गतिविधियों का नुकसान होता है। वर्ष 2020- 21 के बजट पत्रों में इससे पिछले वित्त वर्ष (2019-20) में देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 2,04,42,233 करोड़ रुपए रहने का संशोधित अनुमान लगाया गया है।
गर्ग ने कहा कि लॉ’कडाउन से सूक्ष्म, लघु उद्योगों को बड़ा झटका लगा है। कुल मिलाकर 7.5 करोड़ के करीब सूक्ष्म, लघु, मझोले उद्यम (एमएसएमई) हैं। उनकी मदद की जानी चाहिए। आत्मनिर्भर भारत के तहत जो योजनाएं पेश की गईं हैं उनका लाभ 40- 45 लाख को ही मिल पा रहा है। एमएसएमई में एक बड़ा वर्ग है जो अभी भी अछूता है सरकार को उन्हें सीधे अनुदान देना चाहिए।
गर्ग ने कहा, दूसरा वर्ग 10-12 करोड़ के करीब कामगारों का है जिनके पास कोई काम नहीं रहा, उनका रोजगार नहीं रहा, उनकी मदद की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि रणनीति के तीसरे हिस्से के तहत-सरकार को समग्र अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न ढांचागत क्षेत्रों में पूंजी व्यय बढ़ाना चाहिए। कई क्षेत्रों में नीतिगत समस्याएं आड़े आ रही हैं उन्हें दूर किया जाना चाहिए। पहली तिमाही में पूंजी निवेश में भारी कमी आई है, उस तरफ ध्यान देना चाहिए।
वर्ष 1983 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी गर्ग मार्च से जुलाई 2019 तक ही वित्त सचिव रहे। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के जुलाई 2019 में पेश पहले पूर्ण बजट में ‘सावरेन बांड के प्रस्ताव को लेकर वह चर्चा में आए। इस मुद्दे पर सरकार की किरकिरी होने पर उन्हें वित्त मंत्रालय से हटाकर बिजली मंत्रालय में भेज दिया गया, जिसके बाद उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृति ले ली।
नोटबंदी का अर्थव्यवस्था पर अभी भी असर बने रहने के सवाल पर गर्ग ने कहा, मुझे नहीं लगता कि नोटबंदी का असर अभी भी बना हुआ है। नोटबंदी का असर अस्थायी रहा। अर्थव्यवस्था में अनौपचारिक गतिविधियों का बड़ा हिस्सा था। इसमें ज्यादातर भुगतान नकद में होता रहा है। करीब 25 से 30 प्रतिशत अनौपचारिक अर्थव्यवस्था पर नोटबंदी का भारी असर पड़ा।
लेकिन इसका एक असर यह भी हुआ कि असंगठित क्षेत्र का काफी कारोबार संगठित क्षेत्र में होने लगा और उनमें लेनदेन औपचारिक प्रणाली में परिवर्तित हुआ। इस प्रकार नोटबंदी का असर अस्थायी ही रहा है। नोटबंदी के बाद के वर्षों में आर्थिक वृद्धि में सुधार आया है।
देश-विदेश
लापता होने के बाद पहली बार मुंबई में दिखे गुरुचरण सिंह, शो की पेमेंट को लेकर किया खुलासा
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तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ के स्टार गुरुचरण सिंह, जिन्होंने रोशन सिंह सोढ़ी का किरदार निभाया था। इस साल की शुरुआत में लापता होने के बाद पहली बार पब्लिक प्लेस पर दिखाई दिए हैं। अभिनेता को शनिवार रात, 6 जुलाई को अपने पेट डॉग के साथ मुंबई एयरपोर्ट पर देखा गया। गुरुचरण को पैपराजी के साथ टीआरपी लिस्ट में धूम मचा रहे कॉमेडी शो TMKOC में अपने वापसी के बारे में बात करते देखा गया। सोशल मीडिया पर ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ के रोशन सिंह सोढ़ी को लापता होने के बाद पहली बार मुंबई में देखा गया।
लापता होने के बाद पहली बार मुंबई में दिखे रोशन सोढ़ी
इंस्टाग्राम पर शेयर किए गए वीडियो में गुरुचरण सिंह ने इस साल की शुरुआत में अपने अचानक गायब होने के बारे में कुछ नहीं बताया। हालांकि, वह मुंबई वापस आकर खुश दिख रहे हैं। वीडियो में गुरुचरण से पूछा गया कि क्या ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ के निर्माताओं ने उनका बकाया पैसा उन्हें दे दिया। इस पर अभिनेता ने कहा कि हां लगभग चुका दिया गया है, लेकिन वो दूसरों के बारे में नहीं जानते हैं। उन्होंने कहा, ‘हां जी, सबका कर दिए हैं लगभग… लगभग। कुछ का मुझे पता नहीं है वो मुझसे पूछना पड़ेगा।’ ऐसी अटकलें थीं कि गुरुचरण सिंह ने भुगतान में देरी के कारण शो को छोड़ दिया था। हालांकि, अभिनेता आज तक इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हैं।
गुरुचरण सिंह शो में करेंगे वापसी
रोशन सोढ़ी से जब पूछा गया कि क्या उनके शो में वापस आने की संभावना है तो गुरुचरण ने कहा कि उन्होंने यह भगवान पर छोड़ दिया है। रोशन सोढ़ी कहते हैं कि ‘भगवान जाने। रब जाने। मुझे कुछ नहीं पता है। जैसे ही पता चलेगा, आपको बताऊंगा।’ आपको बता दें कि दो महीने यह खबर आई थी कि गुरुचरण दिल्ली एयरपोर्ट से अचानक गायब हो गए। इसके बाद उनके परिवार ने उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। हालांकि, 25 दिन के बाद एक्टर अपने घर पहुंचे थे।
गुरुचरण सिंह गुमशुदा होने पर हुआ था बवाल
बता दें कि गुरुचरण सिंह 22 अप्रैल, 2024 को लापता हो गए थे। दिल्ली पुलिस की खोजबीन के बाद, अभिनेता 18 मई को अपने दिल्ली स्थित घर लौट आए। रोशन सोढ़ी के घर लौटने के तुरंत बाद दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने उनसे पूछताछ की, जिसके बाद पता चला कि अभिनेता धार्मिक यात्रा पर जाने के लिए घर से निकले थे। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सिंह ने अपने लापता होने के बाद से अमृतसर और लुधियाना जैसे कई शहरों में गुरुद्वारों का दौरा किया। हालांकि, बाद में उन्हें एहसास हुआ कि उन्हें घर लौट जाना चाहिए।
खेल
जय शाह ने कर दिया सबसे बड़ा ऐलान, इस खिलाड़ी की कप्तानी में जीतेंगे चैंपियंस ट्रॉफी और WTC फाइनल
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भारतीय टीम ने रोहित शर्मा की कप्तानी में टी20 वर्ल्ड कप 2024 का खिताब जीता था। तब फाइनल में भारतीय टीम ने साउथ अफ्रीका को 7 रनों से हराया था। अब अगला आईसीसी टूर्नामेंट चैंपियंस ट्रॉफी है और उसके बाद वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल मैच खेला जाएगा। टीम इंडिया की निगाहें इन 2 खिताब को जीतने पर होंगी। चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का आयोजन पाकिस्तान की धरती पर होना है। लेकिन अभी तक ये कन्फर्म नहीं हो पाया है कि टीम इंडिया चैंपियंस ट्रॉफी के लिए पाकिस्तान जाएगी या नहीं। अब इससे पहले ही BCCI सेक्रेटरी जय शाह ने बड़ी बात कही है।
टी20 वर्ल्ड कप की जीत के लिए दी बधाई
बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने कहा कि टीम इंडिया को इस ऐतिहासिक जीत के लिए बहुत-बहुत बधाई। इस जीत को मैं कोच राहुल द्रविड़, कैप्टन रोहित शर्मा, विराट कोहली और रवींद्र जडेजा को डेडीकेट करना चाहता हूं। बीते एक साल में ये हमारा तीसरा फाइनल था। जून 2023 में हम वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में हारे, नवंबर 2023 में वनडे वर्ल्ड कप में 10 जीत के बाद हमने दिल जीते, लेकिन कप नहीं जीत पाए।
मैंने राजकोट में बोला था कि जून 2024 में हम कप भी जीतेंगे और दिल भी जीतेंगे और भारत का झंडा गाड़ेंगे। हमारे कप्तान ने झंडा गाड़ दिया। इस जीत में आखिरी पांच ओवर का बहुत बड़ा योगदान था। इसके लिए मैं सूर्यकुमार यादव, जसप्रीत बुमराह, अर्शदीप सिंह और हार्दिक पांड्या का बहुत-बहुत धन्यवाद करना चाहता हूं। इस जीत के बाद अगला पड़ाव है चैंपियंस ट्रॉफी और WTC Final। मुझे पूरा भरोसा है कि रोहित शर्मा की कप्तानी में हम इन दोनों टूर्नामेंट्स में चैंपियन बनेंगे। फिर से आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद। जय हिन्द वन्दे मातरम।
साल 2008 के बाद भारत ने नहीं किया पाकिस्तान का दौरा
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड चैंपियंस ट्रॉफी आयोजित करवाने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहा है। पीसीबी ने आईसीसी को शेड्यूल भी भेज दिया है, जिसके मुताबिक चैंपियंस ट्रॉफी के मैच लाहौर, कराची और रावलपिंडी में कराए जा सकते हैं। कई मीडिया रिपोर्ट्स में पहले ही दावा किया जा चुका है कि टीम इंडिया को पाकिस्तान भेजने का फैसला भारत सरकार का होगा। भारतीय टीम ने साल 2008 के बाद से ही पाकिस्तान का दौरा नहीं किया है। आंतकी गतिविधियों के कारण दोनों देशों के बीच बाइलेटरल सीरीज नहीं हो रही हैं। इसी वजह से दोनों टीमें अब आईसीसी टूर्नामेंट्स में ही खेलती हुई नजर आती हैं।
भारत ने इंग्लैंड को हराकर जीता था खिताब
भारतीय टीम ने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में 11 साल पहले 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब इंग्लैंड को हराकर जीता था। उसके बाद भारतीय टीम चैंपियंस ट्रॉफी 2017 के फाइनल में भी पहुंची, लेकिन टीम को पाकिस्तान के खिलाफ हार झेलनी पड़ी थी।
देश-विदेश
छत्तीसगढ़: मिड-डे मील में बच्चों की थाली से दाल और सब्जी गायब, हल्दी डालकर परोसे जा रहे चावल
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छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में बच्चों को दिए जाने वाले मिड-डे मील पर गड़बड़ी का मामला सामने आया है। बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर इलाके के एक स्कूल में बच्चों की थाली से दाल और सब्जी ही गायब दिखी है। बच्चों को चावल में सिर्फ हल्दी डालकर खिलाया जा रहा है। बच्चों ने कहा कि एक सप्ताह से उन्हें मिड-डे मील में सब्जी खाने को नहीं मिली है। मिड-डे मील में गड़बड़ी का मामला वाड्रफनगर के बिजाकुर के प्राथमिक शाला पटेल पारा का है।
बच्चों को लगे ये है दाल-चावल
छत्तीसगढ़ के बिजाकुर के प्राथमिक स्कूल में बच्चों को मिड-डे मील में सादा चावल दिया गया। सब्जी और दाल की तरह दिखने के लिए चावल में ही थोड़ी हल्दी डाल दी गई। ऐसा इसिलए किया गया ताकि बच्चों को लगे ये कोई खिचड़ी या दाल-चावल है।
एक हफ्ते से बच्चों को नहीं दी जा रही सब्जी
बलरामपुर के पटेल पारा के बिजाकुरा गांव के प्राइमरी स्कूल में 43 बच्चों को मिड-डे मील दिया जाता है। स्कूल के टीचरों ने माना कि वे करीब एक हफ्ते से मीड-डे मील में कोई सब्जी नहीं परोस रहे हैं। खाने में चावल और दाल या सिर्फ हल्दी चावल ही शामिल है। स्कूल के प्रिंसिपल ने कहा कि आपूर्तिकर्ताओं ने सब्जियां उपलब्ध नहीं कराईं है। इसलिए मिड-डे मील के खाने में बच्चों को हरी सब्जियां नहीं दे पा रहे हैं।
शिक्षा विभाग निर्धारित करता है मेनू
बता दें कि छत्तीसगढ़ के शिक्षा विभाग ने मिड-डे मील के लिए एक निर्धारित मेनू बनाया है। इसमें बच्चों को विभिन्न प्रकार के पौष्टिक भोजन दिए जाने का वादा किया गया है। शिक्षा विभाग के इस मेनू से अलग बच्चों को खाने में सिर्फ चावल में हल्दी मिलाकर खिलाई जा रही है। इस लापरवाही पर जिला शिक्षा अधिकारी देवेंद्र नाथ मिश्रा ने तत्काल जांच और कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
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