खबरे छत्तीसगढ़
गुरुनानक देव जी ने दिया समतामूलक समाज के निर्माण पर जोर : मुख्यमंत्री साय
रायपुर, 15 नवम्बर 2024 : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज राजधानी रायपुर के खालसा स्कूल प्रांगण में गुरुनानक जयंती के अवसर पर आयोजित प्रकाश पर्व में शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री साय ने कीर्तन दरबार में मत्था टेका और सभी छत्तीसगढ़ वासियों की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रकाश पर्व पर सभी को बधाई देते हुए कहा कि आज इस पवित्र दिन सिख समुदाय के अपने भाइयों-बहनों के बीच आकर मैं बहुत खुशी का अनुभव कर रहा हूँ। गुरु नानक देव जी का जीवन न केवल सिख समुदाय के लिए प्रेरक है अपितु सभी भारतीयों के लिए उनका जीवन प्रेरणादायी है। गुरु नानक जी के वचनों में सामाजिक एकता पर जोर दिया गया है। उन्होंने एक समतामूलक समाज के निर्माण पर जोर दिया। देश की आज़ादी में सिख समाज का बहुत बड़ा योगदान है। सिख समाज का इतिहास बहुत ही गौरवशाली और समृद्ध है। धर्म के प्रति समर्पण और सेवा की भावना सिख समाज की अभिन्न पहचान है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि जब हम गुरु गोविंदसिंह जी का जीवन देखते हैं तो हमें पता चलता है कि उनके पुत्र साहेबजादे बाबा जोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह जी पर धर्म बदलने का दबाव आया। उन्होंने शहादत कबूल की लेकिन धर्म नहीं बदला। ऐसा इतिहास सिख समाज का रहा है।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने साहेबजादों के शहादत दिवस 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का निश्चय किया और हर साल हम गर्व के साथ यह दिन मनाते हैं।
इस अवसर पर विधायक श्री पुरन्दर मिश्रा, श्री संजय श्रीवास्तव, श्री भूपेंद्र सवन्नी, श्री मनमोहन चावला व गुरुद्वारा कमेटी के पदाधिकारियों सहित बड़ी संख्या में सिख समाज के लोग उपस्थित थे।
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मुख्यमंत्री साय ने राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर दी बधाई एवं शुभकामनाएं
रायपुर 15 नवंबर 2024 : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राष्ट्रीय प्रेस दिवस 16 नवंबर के अवसर पर मीडिया जगत से जुड़े सभी लोगों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। साय ने कहा है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हमारे लोकतंत्र की विशेषता और आधारशिला है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि निष्पक्ष प्रेस और निर्भीक पत्रकारिता स्वस्थ लोकतंत्र के लिए आवश्यक है। मीडिया नागरिकों को उनके अधिकार और दायित्व के प्रति सचेत कर देशहित व लोकहित के प्रति जागरूक करता है। भारतीय प्रेस दिवस भारत जैसे जीवंत लोकतंत्र में स्वतंत्र और निष्पक्ष प्रेस के महत्व और योगदान को याद करने का दिन है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हम सभी लोग साथ मिलकर यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि मीडिया हमारे लोकतंत्र में अपनी भूमिका का सम्यक निर्वहन करते हुए देश को प्रगति के पथ पर अग्रसर करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सके।
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मुख्यमंत्री साय ने जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर बैगा, गुनिया, सिरहा को दी सम्मान निधि की सौगात
रायपुर, 15 नवम्बर 2024 : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने साइंस कॉलेज मैदान में राज्य स्तरीय जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में अपने संबोधन में कहा कि जनजातीय समाज का इतिहास बहुत समृद्ध और गौरवशाली है। पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जनजातीय समुदाय के मान, सम्मान और गौरव को बढ़ाने का काम किया है। श्री अटल जी ने जनजातीय समुदाय के कल्याण के लिए पृथक से मंत्रालय बनाया और इस समुदाय के विकास को एक नई दिशा दी। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने जनजातीय समुदाय के उत्थान के लिए अनेक योजनाएं शुरू की है। प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत 24,000 करोड़ रूपए और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के लिए 80,000 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान किया है, जिसके चलते जनजातीय इलाकों में तेजी से बुनियादी सुविधाओं का विकास और जनजातियों की बेहतरी के काम हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150 वीं जयंती वर्ष समारोह के अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य के जनजातीय समुदाय से ताल्लुक रखने वाले बैगा, गुनिया, सिरहा लोगों के लिए मुख्यमंत्री सम्मान निधि दिए जाने की घोषणा की। इसके तहत उन्हें प्रति वर्ष 5 हजार रूपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने जनजातीय गांवों में धार्मिक एवं मांगलिक कार्य के लिए अखरा निर्माण विकास योजना शुरू करने और जनजातीय समुदाय के शहीदों की प्रतिमाएं चिन्हित स्थलों पर स्थापित किए जाने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने समारोह में जनजातीय समुदाय के विभूतियों, राज्य में हुए जनजातीय विद्रोह के शहीदों एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों को सम्मानित किया। उन्होंने जनजातीय चित्रकला प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर वन अधिकार अधिनियम से संबंधित ‘‘एटलस‘‘, कैलेण्डर ‘‘शौर्यांजलि‘‘ तथा ‘‘हल्बा जनजातीय की वाचिक परंपराएं‘‘ विषय पर प्रकाशित पुस्तक का विमोचन किया। इनका प्रकाशन छत्तीसगढ़ आदिम जाति विकास विभाग द्वारा किया गया है।
इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे राज्यसभा सांसद श्री अरूण सिंह ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य में सभी वर्गाें के उत्थान और कल्याण के लिए किए जा रहे कार्याें की सराहना की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की लोकप्रियता और विनम्रता की सराहना पूरे देश में होती है। उन्होंने कहा कि रायपुर में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस एवं अंतर्राज्यीय नृत्य महोत्सव समारोह में आकर ‘‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत‘‘ का दर्शन हुआ है। राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस के इस विशेष आयोजन के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय को बधाई दी। उन्होंने इस मौके पर जनजातीय समुदाय के महापुरूषों को नमन करते हुए कहा कि वही देश और समाज जागृत रहता है, जो अपनी संस्कृति और अपने महापुरूषों को याद रखता है।
आदिम जाति विकास मंत्री श्री रामविचार नेताम ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जनजातीय समुदाय के उत्थान के लिए चिंता की है। उन्होंने इस समुदाय के विकास के लिए कई योजनाएं संचालित की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान से छत्तीसगढ़ के साढे छह हजार गांवों और ग्रामीणों का समग्र विकास होगा। उन्होंने कहा कि पीएम जनमन योजना के माध्यम से जनजातीय समुदाय के लोगों का जीवन स्तर बेहतर हो रहा है।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित दो दिवसीय जनजातीय गौरव दिवस के कार्यक्रम में उपस्थित मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय, आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री रामविचार नेताम, राज्यसभा सांसद श्री अरूण सिंह, विधायकगण, अन्य जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में उपस्थित जनसमुदाय ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सम्बोधन को न सिर्फ सुना, बल्कि वर्चुअल रूप से उसका हिस्सा भी बना।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की जन्म जयंती के अवसर पर देश के दूर दराज के ग्रामीण क्षेत्रों के बुनियादी सुविधाओं के विकास एवं विस्तार वाली 6600 करोड़ की लागत वाली कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने देश के जनजातीय इलाकों और जनजाति समुदाय के कल्याण के लिए पांच गुना बजट खर्च कर रहे हैं। दस साल पहले इसका बजट मात्र 25,000 करोड़ रूपए हुआ करता था, जो अब बढ़कर 1,25,000 करोड़ रूपए हो गया है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी आज बिहार के जमुई में धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150 वीं जयंती वर्ष के शुभारंभ समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। जमुई में आयोजित इस कार्यक्रम का लाईव प्रसारण पूरे देश में हुआ। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि हमने इतिहास के एक बहुत बड़े अन्याय को दूर करने का एक ईमानदार प्रयास किया है। इतिहास में आदिवासी समाज के लोगों को वह स्थान नहीं मिला, जिसके वह अधिकारी थे। आदिवासी समाज वो है, जिसने राजकुमार को मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान राम बना दिया। इस समाज ने देश की संस्कृति और परंपरा का मान बढ़ाया है। आज़ादी की लड़ाई में अंग्रेजों से लोहा लिया है। अपनी अस्मिता, संस्कृति, और स्वाधीनता के लिए जनजातीय समुदाय के हजारों नायकों ने अपने प्राण न्यौछावर किए। देश की आजादी की लड़ाई में हजारों आदिवासी भाइयो-बहनों को मौत के घाट उतार दिया गया था, उनके योगदानों को हम नहीं भुला सकते। हमने जनजातीय समुदाय के गौरव को बढ़ाने का काम किया है। पीएम जनमन के तहत जितने कार्य शुरू हुए हैं, उसका श्रेय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी को जाता है। जब वह झारखण्ड में थी, तब मुझसे अति पिछड़ी जनजातियों की चर्चा करती थी। हमने 24 हजार करोड़ रूपए से पीएम जनमन योजना की शुरुआत की, जिससे अति पिछड़ी जनजातियों के बस्तियों और गांवों का विकास हो रहा है। जनजातीय बाहुल्य जिलों को आकांक्षी जिला घोषित कर वहां का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित किया, आज वहां बदलाव दिख रहा है।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत में देशवासियों को भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती वर्ष समारोह की बधाई दी। उन्होंने कहा कि आज कार्तिक पूर्णिमा, देव दीपावली और गुरुनानक जी का प्रकाश पर्व भी है। आज भगवान बिरसा मुंडा की जयन्ती भी है, राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस भी है। आदिवासी समाज सूर्य, वायु और पेड़-पौधों, पहाड़-पर्वत को पूजने वाला समाज है। उन्होंने कहा कि जिलों में बिरसा मुंडा जनजातीय उपवन बनाए जायेंगे। हम मिलकर देश के आदिवासी समाज के विचारों को देश की प्रगति का आधार बनायेंगे। उनकी परंपरा और उनके आदर्शों को अपनाएंगे।
इस अवसर पर विधायक सर्वश्री मोती लाल साहू, श्री अनुज शर्मा, श्री पुरंदर मिश्रा, पूर्व मंत्री श्री महेश गागड़ा, पूर्व विधायक श्री उमेश कच्छप सहित अन्य जनप्रतिनिधि, जनजातीय समाज के पदाधिकारी, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा, आयुक्त श्री नरेन्द्र दुग्गा सहित अन्य अधिकारी एवं बड़ी संख्या में नागरिकण उपस्थित थे।
खबरे छत्तीसगढ़
अदाणी फाउंडेशन ने रायगढ़ जिले के स्कूलों में उत्साहपूर्वक मनाया बाल दिवस
- रंगोली, चित्रकला, पोस्टर मेकिंग, फैन्सी ड्रेस, कुर्सी दौड़, सुई में धागा डालना, गुब्बारा संतुलन इत्यादि का हुआ आयोजन
- 40 से अधिक स्कूलों के 800 से अधिक बच्चे हुए शामिल
अनीता गर्ग अमनपथ ब्यूरों ,रायगढ़, 15 नवंबर, 2024: जिले के तमनार और पुसौर ब्लॉक में अदाणी फाउंडेशन द्वारा गुरुवार को बाल दिवस बड़े ही उत्साहपूर्वक मनाया गया। देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में मनाएक जाने वाले बाल दिवस के शुभ अवसर पर आसपास की 40 से अधिक प्राथमिक व मिडिल शालाओं और आंगनवाड़ी केंद्रों में बाल विकास को ध्यान में रखते हुए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए।
इस कार्यक्रम में रंगोली, चित्रकला, पोस्टर मेकिंग, फैन्सी ड्रेस, कुर्सी दौड़, सुई में धागा डालना, गुब्बारा संतुलन, कविता पाठ प्रतियोगिताओं के साथ ही कई रोचक खेलों को शामिल किया गया। अदाणी फाउंडेशन द्वारा जहाँ एक ओर तमनार के मिलूपारा बंजारी मंदिर के समीप नर्सरी में आयोजित कार्यक्रम में फाउंडेशन द्वारा संचालित निःशुल्क जवाहर नवोदय कोचिंग सेंटर और चार शालाओं में अध्ययनरत कुल 65 विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया।
वहीं, अदाणी फाउंडेशन की उत्थान परियोजना के तहत पुसौर प्रखण्ड के बड़े भंडार, अमलीभौंना, छोटे भंडार, सरवानी, सूपा और बुनगा सहित कुल 17 परिधीय ग्रामों के 20 प्राथमिक और छह मिडिल स्कूलों के उपरांत 10 आंगनवाड़ी केंद्रों में बाल दिवस मनाया गया। इस अवसर पर 800 से अधिक छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को उनकी प्रतिभा और मेहनत के लिए सम्मानित करना और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना रहा।
पुसौर प्रखण्ड में कार्यक्रम की शुरुआत संकुल प्रभारी श्री रामप्रसाद साव और शिक्षकों की उपस्थिति में हुई। इस अवसर पर 26 शालाओं के 1033 बच्चों को लेखन कार्य और क्षमता में सुधार करने हेतु कुल 3220 अभ्यास पुस्तिकाओं का वितरण किया गया, जिसमें हिन्दी की 1279, अंग्रेजी की 1294 और गणित की 647 अभ्यास पुस्तिकाएँ शामिल हैं। उत्थान परियोजना के तहत इस वर्ष कुल 10 शालाओं में बाला पेंटिंग का कार्य किया जाना भी प्रस्तावित है। जबकि, तमनार प्रखण्ड में कार्यक्रम के दौरान, शैक्षणिक सत्र 2023-24 में 100 प्रतिशत उपस्थिति दर्ज कराने वाले विद्यार्थियों को मेडल देकर सम्मानित किया गया। इसके साथ-साथ उन विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया गया, जिन्होंने मासिक परीक्षा में अच्छे अंक अर्जित किए थे।
कार्यक्रम में उपस्थित उपस्थित प्रतिनिधियों ने अदाणी फाउंडेशन द्वारा गुणवत्ता युक्त शिक्षा के लिए की जा रही पहल और बाल दिवस के विभिन्न कार्यक्रमों की सराहना करते हुए इसे शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण और क्रांतिकारी कदम बताया।
अदाणी फाउंडेशन जिले के तमनार और पुसौर विकासखण्ड में नियमित रूप से इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन कराता रहता है, ताकि सामुदायिक विकास को प्रोत्साहित किया जा सके। इसके साथ ही फाउंडेशन शिक्षा, स्वास्थ्य, स्थायी आजीविका और सामुदायिक विकास जैसे क्षेत्रों में सामाजिक पहलों के जरिए नागरिकों के जीवन को सशक्त और समृद्ध बनाने के लिए भी निरंतर कार्यरत है।
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