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ज्ञानवापी मामलाः पूजा के अधिकार के खिलाफ कोर्ट पहुंचा मुस्लिम पक्ष, अदालत के आदेश पर रोक लगाने की मांग

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ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष ने वाराणसी की जिला अदालत में याचिका दाखिल कर व्यास परिसर में पूजा अर्चना के कोर्ट के आदेश को पंद्रह दिन तक लागू न करने की अपील की है। वहीं, ज्ञानवापी मस्जिद की इंतजामिया कमेटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी एक अर्जी दाखिल की है। यह अर्जी तहखाने में पूजा पाठ पर रोक लगाने की मांग को लेकर दाखिल की गई है। मस्जिद की इंतजामिया कमेटी की अर्जी में पूजा स्थल अधिनियम 1991 का हवाला दिया गया है। मस्जिद कमेटी ने हाईकोर्ट से अर्जेंट बेसिस पर मामले में सुनवाई की मांग की है। अर्जी में वाराणसी जिला जज के फैसले पर रोक लगाने की मांग की गई है।

व्यास जी के तहखाने में पूजा शुरू

बता दें कि वाराणसी की जिला अदालत ने बुधवार को ज्ञानवापी परिसर में स्थित व्यास जी के तहखाने में हिंदुओं को पूजा-पाठ करने का अधिकार देने का आदेश दे दिया। मुस्लिम पक्ष ने इस आदेश को अदालत में चुनौती दी है।  व्यास जी के तहखाने में पूजा का अधिकार दिये जाने के चंद घंटों बाद बुधवार देर रात तहखाने को खोलकर उसमें पूजा की गई।
जिले के बड़े अधिकारी भी रहे मौजूद
मिली जानकारी के अनुसार, बुधवार रात करीब साढ़े 10 बजे 31 साल बाद व्यास जी का तहखाना पूजा-पाठ के लिये खोला गया और उसकी साफ-सफाई करायी गयी। सूत्रों के मुताबिक, व्यास जी के तहखाने में जिला अदालत से पूजा-पाठ की अनुमति मिलने के बाद बुधवार की देर रात मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा, जिलाधिकारी एस.राजलिंगम और पुलिस आयुक्त मुथा अशोक जैन ज्ञानवापी परिसर पहुंचे। सूत्रों के मुताबिक, इस दौरान उनके साथ अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त निकालने वाले गणेश्वर द्रविड़ भी मौजूद थे। इस दौरान ज्ञानवापी और आसपास के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर पुलिस बल तैनात रहा।
हिंदू पक्ष का 1993 तक पूजा होने का दावा

हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव के मुताबिक, जिला न्यायाधीश अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने तहखाने में पूजा पाठ करने का अधिकार व्यास जी के नाती शैलेन्द्र पाठक को दे दिया है। उन्होंने दावा किया कि इस तहखाने में वर्ष 1993 तक पूजा-अर्चना होती थी मगर उसी साल तत्कालीन सरकार ने इसे बंद करा दिया था।

 

 

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देश-विदेश

दोगुनी तक बढ़ी सरकारी अस्पताल की फीस, OPD, ब्लड टेस्ट भी महंगा, इस राज्य में फैसला

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कर्नाटक सरकार ने राज्य के अस्पतालों की फीस में बड़े स्तर पर इजाफा किया है। कर्नाटक में चिकित्सा शिक्षा विभाग के तहत आने वाले अस्पतालों में इलाज और डाइगनोस्टिक टेस्ट 20 प्रतिशत तक महंगे हो गए हैं। कई सेवाओं के शुल्क में दोगुनी बढ़ोतरी भी हुई है। बैंगलोर मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (BMCRI) और कर्नाटक के विभिन्न स्वायत्त मेडिकल शिक्षा संस्थानों के तहत आने वाले अस्पतालों में बढ़ी हुई फीस प्रभावी हो गई है। आइए जानते हैं कि अस्पतालों में किस सेवा के लिए कितनी फीस बढ़ोतरी हुई है।

अधिकारियों ने क्या बताया?

BMCRI के अधिकारियों ने TOI को इस बात की जानकारी दी है कि इलाज, सर्जरी, विभिन्न रक्त परीक्षण और स्कैन की फीस को संशोधित किया गया है। अधिकारियों की दलील है कि फीस में पिछला संशोधन 5-6 साल पहले हुआ था। इस बढ़ोतरी से अस्पतालों के रखरखाव में मदद मिलेगी। अधिकारियों ने इसे मामूली फीस वृद्धि कहा है। उन्होंने बताया कि सभी टेस्ट और इलाज 20% महंगे नहीं हैं, कुछ ब्लड टेस्ट अभी भी मुफ़्त हैं।

कहां कितनी फीस बढ़ाई गई?

TOI के मुताबिक, फीस में संशोधन के बाद स्पेशल वार्ड (2 मरीज) के लिए शुल्क 750 रुपये से बढ़ाकर 1,000 रुपये कर दिया गया है। सिंगल बेड स्पेशल वार्ड की फीस 750 रुपये से बढ़ाकर 2,000 रुपये कर दी गई है। जनरल वार्ड की फीस 15 रुपये से बढ़कर 20 रुपये हो गई है। ओपीडी रजिस्ट्रेशन फीस 10 रुपये से दोगुनी होकर 20 रुपये हो गई है।

संशोधित नियम के मुताबिक, आंतरिक रोगी रजिस्ट्रेशन फीस 25 रुपये से बढ़ाकर 50 रुपये और मरीज के बेड का शुल्क 30 रुपये से बढ़ाकर 50 रुपये कर दिया गया है। पोस्टमार्टम, चिकित्सा जांच, चोट और शारीरिक फिटनेस प्रमाणपत्र के लिए शुल्क 250 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये कर दिया गया है। मेडिकल बोर्ड प्रमाणपत्र की कीमत अब 350 रुपये से बढ़कर 500 रुपये हो गई है। इसके अलावा डाइट की सलाह के लिए 50 रुपये और डाइट से संबंधित सलाह के लिए 100 रुपये के नए चार्ज जोड़े गए हैं।

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दिल दहलाने वाला हादसा, पटना जा रही बस हजारीबाग में पलटी, अब तक 7 लोगों की मौत

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झारखंड के हजारीबाग से हादसे की दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। गुरुवार को पटना जा रही एक बस हजारीबाग जिले में पलट गई। इस हादसे के कारण बस में बैठे यात्रियों में से कम से कम 7 लोगों की मौत हो गई है। वहीं, कई अन्य घायल भी हैं। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, ये बस कोलकाता से पटना जा रही थी और दुर्घटना के समय बस में लगभग 50 यात्री सवार थे।

7 लोगों की मौत

अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, बस के साथ ये हादसा बरकट्ठा के गोरहर थाना क्षेत्र में हुआ है। इस हादसे में 7 लोगों की मौत हो गई है। शुरुआती जानकारी में सात लोगों की मौत की खबर सामने आ रही है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं है। यह आंकड़ा आगे बढ़ भी सकता है। बस में चार से पांच लोग दबे हुए बताए जा रहे है। वहीं, घायलों की संख्या दो दर्जन से अधिक बताई जा रही है।

कैसे हुआ हादसा?

बताया जा रहा है कि सिक्स लेन सड़क निर्माण के दौरान सड़क को काटकर छोड़ दिया गया है। यहीं पर सुबह बस गड्ढे में गिर गई। जानकारी के अनुसार, बस सड़क पर मुड़ते समय पलट गई।  फिलहाल पुलिस प्रशासन की ओर से राहत और बचाव कार्य जारी है। घायल लोगों में 10 की हालत अति गंभीर बताई जा रही है।

पुलिस ने क्या बताया?

पुलिस ने बताया है कि बस जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर गोरहर थाना क्षेत्र के पास हादसे का शिकार हुई है। पुलिस की टीम मौके पर पहुंच चुकी है। घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया है। बस में कुछ और लोगों के फंसे होने की आशंका है जिन्हें बचाने के लिए राहत और बचाव कार्य जारी है।

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खेल

एशियन चैंपियंस ट्रॉफी में भारत की लड़कियों ने किया कमाल, चीन को धूल चटाकर रचा नया इतिहास

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बिहार के राजगीर में हुई एशियन चैंपियंस ट्रॉफी में भारतीय महिला टीम ने तिरंगा लहरा दिया है और चीन को पटकते हुए तीसरी बार खिताब जीत लिया। फाइनल में भारत ने चीन को 1-0 से हराया। भारतीय प्लेयर्स ने कमाल का प्रदर्शन किया और गेंद को ज्यादातर समय अपने नियंत्रण में रखा और दूसरी तरफ चीन की प्लेयर्स मैच में एक भी गोल नहीं कर पाईं। भारत के लिए मैच का एकमात्र गोल दीपिका ने किया और उनके गोल की मदद से ही भारत खिताब जीतने में सफल रहा है।

भारत ने साउथ कोरिया की कर ली बराबरी

सलीमा टेटे की अगुवाई में भारत महिला टीम ने एशियन चैंपियंस ट्रॉफी 2024 में दबदबा कायम रखा और पूरे टूर्नामेंट में एक भी मुकाबला नहीं हारा। सेमीफाइनल में भारत ने जापान को मात दी थी। भारत ने तीसरी बार (2016, 2023, 2024) एशियन चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब अपने नाम किया है। इसी के साथ भारत ने साउथ कोरिया की बराबरी कर ली है। साउथ कोरिया ने भी  ACT चैंपियंस ट्रॉफी का टाइटल तीन बार जीता था।

सबसे ज्यादा बार महिला एशियन चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीतने वाली हॉकी टीमें: 

  • भारतीय टीम- 3 बार
  • साउथ कोरिया- 3 बार
  • जापान-2 बार

दीपिका ने किया शानदार गोल

पहला हॉफ गोलरहित रहने के बाद दूसरे हाफ के पहले ही मिनट में भारत को मिले पेनाल्टी कॉर्नर पर दीपिका ने गोल करके खचाखच भरे बिहार खेल यूनिवर्सिटी स्टेडियम में मौजूद दर्शकों में उत्साह का संचार कर दिया। दूसरे हॉफ के पहले ही मिनट में भारत को लालरेम्सियामी ने पेनल्टी कॉर्नर दिलाया। इस पर पहला शॉट चूक गया लेकिन गेंद सर्कल के भीतर ही थी और नवनीत की स्टिक से डिफ्लैक्ट होकर दीपिका के पास पहुंची जिसने शानदार फ्लिक से उसे गोल के भीतर डाला। भारत के पास तीसरे क्वार्टर में ही बढ़त दोगुनी करने का सुनहरा मौका था लेकिन 42वें मिनट में मिले पेनाल्टी स्ट्रोक पर दीपिका का शॉट चीन की गोलकीपर ने दाहिनी ओर डाइव लगाकर बचा लिया।

भारत ने ACT 2024 में नहीं हारा एक भी मुकाबला

एशियन चैंपियंस ट्रॉफी 2024 में भारत ने पांच मुकाबले खेले और सभी में जीत हासिल की। यानी की टीम एक भी मैच हारे बिना चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब अपने कब्जे में कामयाब रही है। चीन की टीम ने पांच मुकाबले खेले, जिसमें से सिर्फ एक हारा और वह भी फाइनल। फाइनल में भारत के आगे चीन की प्लेयर्स कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाए।

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