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पितृ पक्ष के दौरान पितरों का श्राद्ध करते समय इन बातों का रखें ध्यान

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पितृ पक्ष की शुरुआत आश्विन कृष्ण पक्ष की शुरूआत के एक दिन पहले यानि भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से ही हो जाती है। इस तरह सभी स्थितियां सामान्य होने पर यह पक्ष सोलह दिन का होता है। पितृ पक्ष में पितरों का श्राद्ध उसी तिथि को किया जाता है, जिस दिन उनका स्वर्गवास हुआ हो। देखिए कृष्ण पक्ष में केवल प्रतिपदा से अमावस्या तक की तिथियां होती हैं और अगर किसी का स्वर्गवास पूर्णिमा के दिन हुआ हो तो श्राद्ध कब करेंगे? इस परेशानी के निवारण के लिये ही शास्त्रों में भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से महालया, यानि पितृ पक्ष की शुरुआत का प्रावधान किया गया है।

श्राद्ध कितने प्रकार के होते हैं-

भविष्य पुराण के अनुसार कुल बारह प्रकार के श्राद्ध होते हैं, जो कि इस प्रकार हैं- पहला नित्य, दूसरा नैमित्तिक, तीसरा काम्य, चौथा वृद्ध, पांचवा सपिंडित, छठा पार्वण, सातवां गोष्ठ, आठवां शुद्धि, नौवां

कर्मांग, दसवां दैविक, ग्यारहवां यात्रार्थ और बारहवां पुष्टि।

श्राद्ध के दौरान इन बातों का रखें ध्यान

1. श्राद्ध कार्य दोपहर के समय करना चाहिए। वायु पुराण के अनुसार शाम के समय श्राद्धकर्म निषिद्ध है क्योंकि शाम का समय दैत्यों का माना जाता है।

2. श्राद्ध कर्म कभी भी दूसरे की भूमि पर नहीं करना चाहिए। जैसे अगर आप अपने किसी रिश्तेदार के घर हैं और श्राद्ध चल रहे हैं, तो आपको वहां पर श्राद्ध करने से बचना चाहिए। अपनी भूमि पर किया गया श्राद्ध ही फलदायी होता है। हालांकि पुण्यतीर्थ या मंदिर या अन्य पवित्र स्थान दूसरे की भूमि नहीं माने जाते। अतः आप पवित्र स्थानों पर श्राद्ध कार्य कर सकते हैं।

3. श्राद्धकर्म में गाय का घी, दूध या दही काम में लेना बेहतर होता है। श्राद्ध में तुलसी व तिल के प्रयोग से पितृगण प्रसन्न होते हैं। अतः श्राद्ध के भोजन आदि में इनका उपयोग जरूर करना चाहिए। श्राद्ध में चांदी के बर्तनों का उपयोग व दान बड़ा ही पुण्यदायी बताया गया है। अगर हो सके तो श्राद्ध में ब्राह्मणों को भोजन भी चांदी के बर्तनों में ही कराना चाहिए।

4. श्राद्ध कार्य दोपहर के समय करना चाहिए और अपनी भूमि पर या किसी पवित्र स्थान पर करना चाहिए। श्राद्ध के दौरान हो सके तो चांदी के बर्तनों का उपयोग व दान करना चाहिए।
साथ ही ब्राह्मणों को भी चांदी के बर्तनों में भोजन कराना चाहिए।

5. इसके अलावा श्राद्ध में ब्राह्मण को भोजन जरूर करवाना चाहिए। जो व्यक्ति बिना ब्राह्मण को भोजन कराये श्राद्ध कर्म करता है, उसके घर में पितर भोजन ग्रहण नहीं करते और ऐसा करने से व्यक्ति को समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

6. श्राद्ध से एक दिन पहले ही ब्राह्मण को खाने के लिये निमंत्रण दे आना चाहिए और अगले दिन खीर, पूड़ी, सब्जी और अपने पितरों की कोई मनपसंद चीज और एक मनपसंद सब्जी बनाकर ब्राह्मण को भोजन कराना चाहिए।

7. आपके जिस भी पूर्वज का स्वर्गवास है, उसी के अनुसार ब्राह्मण या ब्राह्मण की पत्नी को निमंत्रण देकर आना चाहिए। जैसे अगर आपके स्वर्गवासी पूर्वज एक पुरुष हैं तो पुरुष ब्राह्मण को और अगर महिला है तो ब्राह्मण की पत्नी को भोजन खिलाना चाहिए। साथ ही ध्यान रखें कि अगर आपका स्वर्गवासी पूर्वज़ कोई सौभाग्यवती महिला थी, तो किसी सौभाग्यवती ब्राह्मण की पत्नी को ही भोजन के लिये निमंत्रण देकर आएं।

8. ब्राह्मण को खाना खिलाते समय दोनों हाथों से खाना परोसें और ध्यान रहे श्राद्ध में ब्राह्मण का खाना एक ब्राह्मण को ही दिया जाना चाहिए। ऐसा नहीं है कि आप किसी जरूरतमंद को दे दें। श्राद्ध में पितरों की तृप्ति केवल ब्राह्मणों द्वारा ही होती है। अतः श्राद्ध में ब्राह्मण का भोजन एक सुपात्र ब्राह्मण को ही कराएं।

9. भोजन कराते समय ब्राह्मण को आसन पर बिठाएं। आप कपड़े, ऊन, कुश या कंबल आदि के आसन पर बिठाकर भोजन करा सकते हैं, लेकिन ध्यान रहे आसन में लोहे का प्रयोग बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए।  भोजन के बाद ब्राह्मण को अपनी इच्छा अनुसार कुछ दक्षिणा और कपड़े आदि भी देने चाहिए।

10. श्राद्ध के दिन बनाये गये भोजन में से गाय, देवता, कौओं, कुत्तों और चींटियों के निमित भी भोजन जरूर निकालना चाहिए। देखिये किसी भी हाल में कौओं और कुत्तों का भोजन उन्हें ही कराना चाहिए, जबकि देवता और चींटी का भोजन आप गाय को खिला सकते हैं।

11. ब्राह्मण आदि को भोजन कराने के बाद ही घर के बाकी सदस्यों या परिजनों को भोजन कराएं। एक ही नगर में रहने वाली अपनी बहन, जमाई और भांजे को भी श्राद्ध के दौरान भोजन जरूर कराएं। ऐसा न करने वाले व्यक्ति के घर में पितरों के साथ-साथ देवता भी भोजन ग्रहण नहीं करते। श्राद्ध के दिन अगर कोई भिखारी या कोई जरूरमंद आ जाए तो उसे भी आदरपूर्वक भोजन जरूर कराना चाहिए।

12. श्राद्ध के भोजन में जौ, मटर, कांगनी और तिल का उपयोग श्रेष्ठ रहता है। तिल की मात्रा अधिक होने पर श्राद्ध अक्षय हो जाता है। कहते हैं तिल पिशाचों से श्राद्ध की रक्षा करते हैं। साथ ही श्राद्ध के कार्यों में कुशा का भी महत्व है।

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जानिए राशि के अनुसार आपका दिन कैसा रहेगा और किन उपायों से इसे आप बेहतर कर सकते हैं

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आज आश्विन शुक्ल पक्ष की उदया तिथि एकादशी और सोमवार का दिन है। एकादशी तिथि आज सुबह 6 बजकर 42 मिनट पर समाप्त हो चुकी है। आज रात 12 बजकर 43 मिनट तक शतभिषा नक्षत्र रहेगा। इसके अलावा आज पापांकुशा एकादशी का व्रत किया जाएगा। जानिए कैसा रहेगा आपके लिए 14 अक्टूबर 2024 का दिन और किन उपायों से आप ये दिन बेहतर बना सकते हैं। साथ ही जानते हैं कि आपके लिए लकी नंबर और लकी रंग कौन सा होगा।

मेष राशि:

आज आपको धन का लाभ मिलेगा। कोई विशेष कार्य जो बहुत दिनों से अटका हुआ पड़ा था वो पूरे होंगें। आज समाज में आपके मान-सम्मान में बढ़ोतरी होगी।। आज किसी के साथ भी बेकार कके वाद विवाद में नहीं पड़े। आज किसी उलझे हुए मामले को सुलझाने के लिए बहुत अधिक धैर्य की जरूरत पड़ेगी। आपके व्यापार में कई गुना अधिक वृद्धि होने के योग बन रहे हैं। जीवनसाथ के साथ आज मूवी डेट का प्लान बन सकता है।

  • शुभ रंग और अंक- गुलाबी, 5

वृष राशि:

आज आपके नए विचार और जागरूकता आपके आत्मविश्वास और आत्मबल को बढ़ाएंगे। आज कोई रुका हुआ काम पूरा होगा। वहीं  उधार दिया हुआ पैसा भी वापस मिल सकता है। आज किसी भी स्थिति में घबराने के जगह उनका समाधान ढूंढने की कोशिश करेंगे तो आपको समाधान मिल जाएगा। बिजनेस के सिलसिले में आपकी आज विदेश यात्रा भी हो सकती है। आज आप कोई इलेक्ट्रनिक समान खरीद सकते है।

  • शुभ रंग और अंक- आसमानी, 2

मिथुन राशि:

आज आपका दिन अति उत्तम बना रहेगा। आप अपने गुरु से करियर के बारे में परामर्श ले सकते हैं। आज कार्यस्थल के कामों में उलझनें आएंगी, लेकिन समस्याओं से निजात पाने का रास्ता भी ढूंढ लेंगे। स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने और अनुशासित दिनचर्या रखने से आप खुद में ताजगी व ऊर्जा से भरपूर महसूस करेंगे। दांपत्य जीवन खुशनुमा बना रहेगा। संतान सुख की प्राप्ति होगी।

  • शुभ रंग और अंक- नीला, 8

कर्क राशि:

आज आपको जो अच्छा लगता है, उस काम में समय बीताएं। इससे आपको शांति और ऊर्जा मिलेगा। संतान की ओर से सुख की प्राप्ति होगी। आज की गई मेहनत के भविष्य में बेहतरीन परिणाम मिलने वाले हैं।  घर के बुजुर्गों का स्नेह एवं आशीर्वाद आपके मनोबल को बनाकर रखेगा।

  • शुभ रंग और अंक- बैंगनी, 1

सिंह राशि:

आज आपको किसी काम में अपार सफलता मिलेगी। वहीं छात्रों को आज जॉब के अच्छे ऑफर मिल सकते हैं। वहीं सिंह राशि के जातक आज अपने खर्चों पर कंट्रोल करें वरना आर्थिक नुकसान हो सकता है। आज बातचीत करते समय उचित शब्दों का प्रयोग करेंगे तो रिश्तों में मिठास बनी रहेगी। आज बिजनेस में किसी खास काम में और अनुभव लेने की जरूरत है।

  • शुभ रंग और अंक- गोल्डन, 6

कन्या राशि:

आज का दिन  आपकी काफी अच्छा रहेगा। बिजनेस में आपको कई बड़ी डील मिल सकती है जिससे धन का अपार लाभ हो सकता है। आज पारिवारिक रिश्तों के बीच सामंजस्य बनाने में आप सफल रहेंगे। स्वास्थय आज पहले से फिट रहेगा। वहीं आज आपको अपनी मेहनत का पूरा फल मिलेगा और घर-परिवार में खुशियां ही खुशियां बनी रहेंगी।

  • शुभ रंग और अंक- लाल, 7

तुला राशि:

आज इस राशि के जातक अपने गुस्से पर कंट्रोल रखें अन्यथा कोई बड़ा नुकसान हो सकता है। आज आर्थिक पक्ष पहले से अधिक मजबूत रहेगा। आज कोई अच्छी सूचना मिलने से मन खुश रहेगा। आज परिवार के साथ शॉपिंग आदि में भी बेहतरीन समय बीतेगा। आज रुके हुए कार्यों में गति आएगी।

  • शुभ रंग और अंक- मैरून, 2

वृश्चिक राशि:

आज दोस्तों के साथ दिन शानदार बीतेगा। आज पिछले कुछ समय से चल रही कड़ी मेहनत के आज उचित परिणाम मिलने वाले हैं। आपको अपनी छवि और अधिक बेहतर बनाने का मौका भी मिलेगा। आज कोई भी बड़ा फैसला ना ले। आज अपने भविष्य और करियर के साथ किसी भी प्रकार का समझौता ना करें। आज अपने बड़े-बुजुर्ग का आशीर्वाद लेकर नया बिजनेस शुरू करें तो फायदा होना तय है।

  • शुभ रंग और अंक- बैंगनी, 6

धनु राशि:

आज इस राशि के जातकों को धन का लाभ मिलेगा। आज आपके सकारात्मक विचारों से खुश होकर बॉस आपको उपहार स्वरूप कोई उपयोगी वस्तु गिफ्ट कर सकते हैं। वहीं परिवार में पिछले जिस गलतियों की वजह से आपके रिश्ते ठीक नहीं चल रहे थे वो आज जीवनसाथी की मदद से ठीक हो जाएंगे।

  • शुभ रंग और अंक- नीला, 3

मकर राशि:

अपने कामों से संबंधित जानकारी बढ़ाएंगे, इससे जल्द ही आपको कुछ उपलब्धियां हासिल होगी। अगर जमीन से संबंधित कोई लेन-देन करने जा रहे हैं तो पहले उसकी अच्छे से जांच-पड़ताल जरूर कर लें। वरना नुकसान हो सकता है। आज कार्यस्थल पर चापलूस लोगों से सावधान रहें। आज बेवजह के वाद-विवाद से दूर रहेंगे तो आपका मानसिक सुकून बना रहेगा।

  • शुभ रंग और अंक- सिल्वर, 1

कुंभ राशि:

आज आपको मेहनत के उचित परिणाम मिलने से प्रसन्नता रहेगी और मनोबल भी बढ़ेगा। इस राशि के स्टूडेंट्स के लिए भी आज का दिन अच्छा है, पढ़ाई में मन लगेगा।  वालों आज का दिन आपके लिए अच्छा रहेगा। आज आपको कई दिनों से रुके हुए काम में सफलता मिल सकती है। परिवार में किसी विशेष कार्य को लेकर आपसी वार्तालाप होगा। आपके निर्णय को विशेष प्राथमिकता भी मिल सकती है। वहीं पैसों के मामले में आज आपका दिन लाभदायक रहने वला है।

  • शुभ रंग और अंक- पीला, 5

मीन राशि:

जीवनसाथी के साथ कहीं बाहर डिनर पर जा सकते हैं। दोनों के बीच में सामांजस्य बना रहेगा। लवमेट के लिए आज रिश्तों में मिठास भरने का दिन है।  आज आपकी मुलाकात किसी मित्र से हो सकती है। जो आगे चलकर आपके लिए फायदेमंद होगी। आज आपको व्यापार में धन लाभ मिलेगा। वहीं अपनी सेहत पर खास ध्यान दें।

  • शुभ रंग और अंक- लाल, 2

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दिवाली से पहले सपने में यदि उल्लू दिख जाए तो ये किस बात का संकेत होता है?

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सपने में हम कई ऐसी चीजें देखते हैं जो हमें जागने पर थोड़ा बैचेन कर देती हैं। स्वप्न शास्त्र में हर सपने का एक अर्थ होता है। सपने कई बार भविष्य में होने वाली घटनाओं का संकेत देती हैं। हर देखे गए सपने में कई सपने का हमारे जीवन में अच्छा और बुरा दोनों तरह से प्रभाव पड़ता है। कई बार सपने में पशु और पक्षी को भी देखते हैं, जो कोई न कोई संकेत देते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि अगर आपने दिवाली से पहले सपने में उल्लू को देखा है तो इसका क्या मतलब होता है।

सपने में उल्लू का देखना

1. उल्लू माता लक्ष्मी की सवारी है। ऐसे में अगर आपने दिवाली से पहले सपने में उल्लू को देखा है तो यह एक बेहद ही शुभ संकेत हैं। इस सपने का मतलब है कि आपके घर में जल्द ही मां लक्ष्मी का आगमन होने वाला है। आपके धन-दौलत में तेजी से वृद्धि होगी।

2. सपने में उल्लू को देखने का मतलब है कि आपके सभी अधूरे काम पूरे होंगे। इतना ही नहीं आप कोई अपना नया काम जल्द ही शुरू करने वाले हैं।

3. अगर किसी गर्भवती महिला ने सपने में उल्लू को देखा है तो इसका अर्थ है कि आपको भाग्यशाली संतान की प्राप्ति होगी। आपके धन, सौाभाग्य में बढ़ोतरी होगी।

4. सपने में उल्लू को देखने का यह भी मतलब होता है कि अविवाहित लोगों को मनचाहा जीवनसाथी मिलने वाला है। सपने में उल्लू देखना शीघ्र विवाह का संकेत देता है।

5. अगर दिवाली से पहले आपको बार-बार सपने में उल्लू दिखाई दे रहा है तो खुश हो जाइए। इस सपने का मतलब है कि आपको कारोबार और रोजगार में जबरदस्त लाभ मिलने वाला है।

6.  दिवाली  से पहले या उसके आसपा सपने में उल्लू दिखाई दे तो यह जीवन में धन की प्राप्ति का संकेत माना जाता है।

7. वहीं अगर सपने उल्लू दूर जाता हुआ दिखाई दे तो यह सपना अशुभ माना जाता है। स्वप्न शास्त्र के अनुसार ऐसा सपना धन हानि का संकेत देता है।

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करवा चौथ पर सास को दें ये चीजें, मिलेगा अखंड सौभाग्यवती का आशीर्वाद

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करवा चौथ सुहागिनों के प्रमुख त्यौहारों में से एक है। इस दिन विवाहित महिलाओं पूरा दिन निर्जला व्रत रखती हैं और शाम के समय चांद के दीदार के बाद ही अपना व्रत खोलती हैं। धार्मिक मान्यता है कि करवा चौथ का व्रत करने से पति की आयु दीर्घायु होती हैं और दांपत्य जीवन में भी मधुरता बनी रहती है। करवा चौथ के दिन भगवान शिव, मां पार्वती, गणेश जी और कार्तिक जी के साथ करवा माता और चंद्रमा की पूजा की जाती है। करवा चौथ का व्रत बिना चंद्रमा को अर्घ्य दिए नहीं खोला जाता है। इसके अलावा करवा चौथ के दिन सास को ये चीजें देना भी शुभ माना गया है। कहते हैं कि सास को ये चीजें देने से अखंड सौभाग्यवती का आशीर्वाद मिलता है।

करवा चौथ पर सास को क्या दिया जाता है?

करवा चौथ का व्रत सरगी के साथ शुरू होता है। सरगी सूर्योदय के ब्रह्म मुहूर्त में खाया जाता है। सरगी सास अपनी बहू को देती हैं। सरगी में मिठाई, सेंवई, ड्राई फ्रूट्स और फल दिया जाता है। इसके अलावा सुहाग का सामान भी सरगी में देने का विधान है। वहीं बहू द्वारा भी सास को कुछ चीजें देने का विधान है। करवा चौथ के दिन बहू अपनी सास को ये चीजें दें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।

बता दें कि करवा चौथ के दिन पूजा के लिए मिट्टी का करवा का इस्तेमाल किया जाता है। मिट्टी के करवा के अलावा मीठा करवा भी होता है, जिसे खांड करवा भी कहा जाता है। इस मीठे करवे में ड्राई फ्रूटस भी रखे जातें हैं। तो करवा चौथ के दिन अपनी सास को ये मीठा करवा, कपड़ा, सुहाग का सामान और शगुन के तौर पर कुछ पैसे दिए जाते हैं।

इसके अलावा करवा चौथ के दिन बहू अपनी सास को  सोने-चांदी से बने गहने जैसे पायल, बिछिया गले की चेन या फिर कंगना भी दे सकती हैं। ये सब सास को देने अति शुभ माना जाता है। सास को शृंगार की सामग्री जैसे चूड़ियां, बिंदी, मेंहदी और काजल आदि चीजें देना भी शुभदायी माना जाता है। लेकिन ध्यान रहें कि ये सब चीजें पूजा के समय चौकी पर रखें और फिर पूजा करने के बाद ही ये सभी सामान अपनी सास को दें। कहते हैं कि ऐसा करने से अखंड सौभाग्यवती का आशीर्वाद मिलता है।

करवा चौथ तिथि और मुहूर्त

  • करवा चौथ व्रत- 20 अक्टूबर 2024
  • चतुर्थी तिथि प्रारंभ – 20 अक्टूब को सबुह 6 बजकर 46 मिनट से
  • चतुर्थी तिथि समाप्त- 21 अक्टूबर को सुबह 4 बजकर 16 मिनट तक
  • करवा चौथ पूजा मुहूर्त – शाम 5 बजकर 46 मिनट शाम 7 बजकर 2 मिनट तक
  •  करवा चौथ के दिन चंद्रोदय का समय – 20 अक्टूब को  शाम 7 बजकर 54 मिनट पर

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