देश-विदेश
महाराष्ट्र चुनाव: MVA का घोषणा पत्र जारी, 300 यूनिट फ्री बिजली और 500 रुपये में सिलेंडर देने का वादा
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की घंटी बज चुकी है। राजनीतिक दलों द्वारा सांठ-गांठ भी की जा चुकी है। सभी राजनीतिक दल वोटरों को लुभाने में जुटे हुए हैं। इस बीच महाविकास अघाड़ी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर अपने घोषणापत्र को जारी कर दिया है। इस दौरान कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, आज हम महाराष्ट्र चुनाव के मद्देनजर घोषणापत्र रख रहे हैं। इसके पहले हमने पांच गारंटी रखी थी। देश के लोग निवेश के लिए महाराष्ट्र और मुंबई की तरफ देखते हैं। ये चुनाव देश का भविष्य तय करने वाला है।
क्या बोले मल्लिकार्जुन खरगे
उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार को हम हटाएंगे तभी एक अच्छी स्थिर सरकार हम महाविकास अघाड़ी की ला सकेंगे। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार अनैतिक और असंवैधानिक सरकार है। खेती और किसान का विकास महाविकास अघाड़ी की सरकार में किया जाएगा। हम जनता के सामने महाराष्ट्रनामा रख रहे हैं। हमारी पांचों गारंटी हमारी सरकार के आने के बाद लागू करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारी कॉपी करने वाले लोग हमें कहते हैं कि ये दिवालियापन निकालने के लिए योजना ला रहे हैं।
मुफ्त दी जाएगी बिजली
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि महाराष्ट्र में हम महिलाओं को फ्री बस की सुविधा देंगे और 3 लाख किसानों की कर्जमाफी करेंगे, साथ ही किसानों को 50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि देंगे। बेरोजगार युवाओं को 4 हजार रुपये का स्टायपेंड देंगे। साथ ही 25 लाख की स्वास्थ्य बीमा को हम सर्वसम्मति से महाराष्ट्र में लागू करेंगे। मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि महाविकास अघाड़ी को पहले 100 दिनों में हम सालान 6 गैस सिलेंडर 500 रुपये में देंगे। साथ ही महाराष्ट्र में निर्भया महाराष्ट्र नीति बनाएंगे। साथ ही 300 यूनिट तक बिजली मुफ्त दी जाएगी। वहीं 2.5 लाख खाली पड़ी रिक्तियों को भरा जाएगा।
आरक्षण को बढ़ाए जाने का किया वादा
मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि राज्य में हमारी सरकार आने के बाद लोकल सेल्फ गवर्मेंट का चुनाव कराएंगे। इसके अलावा मिशन 2030 के तहत अहम कदम उठाएंगे। उन्होंने कहा, “राज्य में महाविकास अघाड़ी की सरकार आने के बाद डेली वेजेस और कॉन्ट्रैक्ट लेबर को खत्म करेंगे। इसके अलावा सभी को बराबरी का अवसर देंगे। चुनाव में जीत मिलने के बाद राज्य में जातीय जनगणना कराई जाएगी। इससे उन लोगों को फायदा मिलेगा जो वंचित हैं।” उन्होंने कहा कि सरकार बनने के बाद महाराष्ट्र में 50 फीसदी आरक्षण की मर्यादा को बढ़ाया जाएगा।
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जेल से निकला सीएम… झारखंड में ला दी JMM की आंधी, कैसे मिली हेमंत को एक साल में डबल जीत?
हेमंत सोरेन के लिए ये साल यानी 2024 की शुरुआत और फिर इसका अंत भी खास रहा है। इस साल में उन्हें डबल जीत मिली हैं। इस साल में एक महीने से भी कम समय में, झारखंड मुक्ति मोर्चा के इस नेता को एक बार मुश्किल हालात से गुजरना पड़ा तो वहीं मुश्किलों से निकलने के साथ ही जेल से निकलने के बाद उन्होंने साबित कर दिया कि हम हारने वालों में से नहीं हैं। हेमंत सोरेन को भूमि घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने हिरासत में ले लिया था और उन्होंने गिरफ्तार होने से पहले झारखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। लेकिन फिर उन्हें कोर्ट ने जमानत दी और अब, वर्ष में एक महीना बचा है और सोरेन ने झारखंड चुनाव में एक प्रचंड जीत के सूत्रधार के रूप में उभरे हैं।
हेमंत ने बताया जीत का मंत्र
झारखंड मुक्ति मोर्चा की बड़ी बढ़त और इंंडिया गठबंधन को प्रदेश में मिली जीत से से यह सुनिश्चित हो गया है कि राज्य में इंडिया गठबंधन सत्ता में बना रहेगा और हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री के रूप में लगातार दूसरा कार्यकाल मिलेगा। इस तरह से एक जीत उन्हें कोर्ट से मिली जमानत और दूसरी जीत जो विधानसभा में मिली है। एक साल में हेमंत सोरेन को दो-दो जीत मिलीं और ये साल उनके लिए यादगार होगा।झारखंड में शानदार जीत के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया पर अपने दोनों बेटों के साथ मस्ती करते हुए तस्वीर शेयर की और उन्हें अपनी शक्ति बताया।
कई मोर्चों पर हेमंत सोरेन ने लड़ी लड़ाई
31 जनवरी को हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद, उनकी भाभी, सीता सोरेन – उनके दिवंगत भाई दुर्गा सोरेन की पत्नी, मार्च में भाजपा में शामिल हो गईं, ये हेमंत के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं था। सीता सोरेन, हेमंत सोरेन की अनुपस्थिति में उनकी पत्नी कल्पना को मुख्यमंत्री बनाने के कथित कदमों से नाराज थीं और मई में ‘पार्टी विरोधी’ गतिविधियों के लिए उन्हें झामुमो से निष्कासित कर दिया गया था।
पूर्व मुख्यमंत्री को उनकी गिरफ्तारी के पांच महीने बाद जून में झारखंड उच्च न्यायालय ने जमानत दे दी थी। अदालत ने माना कि, प्रथम दृष्टया, वह दोषी नहीं थे और केस में उनके अपराध करने की संभावना भी नहीं थी, यह देखते हुए कि कड़े धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत जमानत के लिए दोनों शर्तें पूरी की गई थीं। कोर्ट ने हेमंत को राहत देते हुए जमानत दे दिया।
चंपई सोरेन ने हेमंत से की बेवफाई
चंपई सोरेन, जो झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन के करीबी सहयोगी और व्यापक रूप से पार्टी में नंबर तीन के रूप में देखे जाते थे, चंपई को हेमंत सोरेन की अनुपस्थिति में मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया था। हालांकि, समस्या तब पैदा होने लगी, जब जुलाई में हेमंत सोरेन की रिहाई के बाद पार्टी ने चंपई सोरेन से इस्तीफा देने के लिए कहा।
जुलाई में इस्तीफा देने के बाद परेशान चंपई सोरेन ने कहा था, “जब नेतृत्व बदला था, तो मुझे जिम्मेदारी दी गई थी। आप घटनाओं का क्रम जानते हैं। हेमंत सोरेन के वापस आने के बाद, हमने (गठबंधन ने) उन्हें अपना नेता चुना और मैंने इस्तीफा दे दिया है। मैं गठबंधन द्वारा लिए गए निर्णय का पालन कर रहा हूं।”
चंपई सोरेन एक महीने बाद यह दावा करते हुए भाजपा में शामिल हो गए कि उन्हें “अपमानित” किया गया है और वह लोगों को न्याय दिलाना चाहते हैं। भाजपा ने झामुमो-कांग्रेस गठबंधन पर राज्य में “घुसपैठ” की इजाजत देने का भी आरोप लगाया, एक ऐसा मुद्दा जो मतदाताओं के बीच जोर पकड़ता नजर आया।
परेशानियों के बावजूद हेमंत ने जीत दर्ज की
इन परेशानियों के बावजूद, और राष्ट्रीय जनता दल जैसे सहयोगियों के साथ कुछ सीट-बंटवारे की परेशानी के बावजूद, हेमंत सोरेन ने यह सुनिश्चित किया कि उनकी पार्टी इस साल 81 सदस्यीय विधानसभा में अपनी अनुमानित संख्या 33 तक बढ़ा ले, जो 2019 में 30 थी। कांग्रेस, राजद और सीपीआई (एमएल) ने सत्तारूढ़ गठबंधन की संख्या को 55 तक पहुंचा दिया है, जबकि भाजपा के नेतृत्व वाला गठबंधन केवल 25 सीटों पर आगे है।
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भाई से भी आगे निकली बहन, 4 लाख से भी अधिक मार्जिन से प्रियंका गांधी ने जीता चुनावी रण
केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस की प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने भाई राहुल गांधी का रिकॉर्ड तोड़ दिया। उन्होंने इस सीट से बहुत ही बड़े अंतर से जीत हासिल की। प्रियंका गांधी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 4,10,931 वोटों के अंतर से हराया। उन्होंने सीपीआई उम्मीदवार सत्यन मोकेरी को हराया। प्रियंका गांधी का यह पहला चुनाव था, जहां उन्हें इस उपचुनाव में 622338 वोट मिले। जबकि सत्यन मोकरी को 211407 वोट मिले। वहीं, तीसरे स्थान पर भाजपा की नव्या हरिदास रहीं। जिन्हें 1 लाख 9 हजार 939 वोट मिले। मालूम हो कि ये सीट कांग्रेस नेता और प्रियंका के भाई राहुल गांधी के इस्तीफे की वजह से खाली हुई थी। तब राहुल ने अमेठी से सांसद बने रहने का फैसला किया था।
2024 में मिले राहुल की जीत के मार्जिन को भी किया पार
पिछले लोकसभा चुनाव 2024 में राहुल गांधी को वायनाड में 6,47, 445 वोट मिले थे। उन्होंने सीपीआई की बड़ी नेता एनी राजा को 3,64,422 वोटों के अंतर से हराया था। उस वक्त एनी राजा को 2,83,023 वोट मिले थे। वहीं भाजपा के के सुरेंद्रण को मात्र 1,41,045 वोट आ पाए थे। 2024 में राहुल गांधी को 59.69% वोट मिले थे। लेकिन, इस उपचुनाव में प्रियंका गांधी वाड्रा को करीब 65% वोट मिले। इस वजह से प्रियंका अपने भाई राहुल गांधी को भी इस मामले में पछाड़ दिया। यानी कि 2024 में राहुल गांधी को जितने मार्जिन से जीत मिली थी, उससे कहीं ज्यादा मार्जिन से प्रियंका गांधी को इस उपचुनाव में जीत मिली है।
2019 में राहुल गांधी को मिली थी बड़ी जीत
इस उपचुनाव में सबकी निगाहें इस बात पर टिकीं थी कि क्या प्रियंका गांधी अपने भाई राहुल गांधी जैसी बड़ी जीत दोहरा पाएंगी। बता दें कि साल 2019 में वायनाड सीट से राहुल गांधी को 7,06,367 वोट मिले थे। उन्होंने सीपीआई के पीपी सुनीर को 431770 वोटों से हराया था। पीपी सुनीर को उस चुनाव में 2,74,597 वोट मिले थे। हालांकि, प्रियंका गांधी ने साल 2019 में मिले राहुल गांधी के वोटों के मुकाबले इस बार कम वोट पाईं लेकिन अपने करियर के पहले चुनाव में इतनी बड़ी जीत हासिल करना बहुत ही बड़ी बात होती है।
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महाराष्ट्र में महायुति की जीत पर पीएम मोदी का पहला रिएक्शन, कहा- यह विकास और सुशासन की जीत
पीएम मोदी ने महाराष्ट्र की जीत को विकास और सुशासन की जीत बताया है। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा-एकजुट होकर हम और भी ऊंचे उठेंगे! एनडीए को ऐतिहासिक जनादेश देने के लिए महाराष्ट्र के मेरे भाई-बहनों, खासकर राज्य के युवाओं और महिलाओं का हार्दिक आभार। यह प्यार और गर्मजोशी अद्वितीय है। मैं लोगों को भरोसा दिलाता हूं कि हमारा गठबंधन महाराष्ट्र की प्रगति के लिए काम करता रहेगा।
एनडीए के जनहितैषी प्रयासों की गूंज हर जगह
साथ ही उन्होंने अन्य राज्यों में भी एनडीए की जीत के लिए जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं को बधाई दी। उन्होंने लिखा-‘एनडीए के जनहितैषी प्रयासों की गूंज हर जगह सुनाई दे रही है। मैं अन्य राज्यों जहां उपचुनाव हुए हैं वहां को लोगों को उपचुनावों में एनडीए उम्मीदवारों को आशीर्वाद देने के लिए धन्यवाद देता हूं। हम उनके सपनों और आकांक्षाओं को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।’ उन्होंने आगे लिखा-‘मुझे एनडीए के हर कार्यकर्ता पर गर्व है, जिन्होंने जमीनी स्तर पर काम किया। उन्होंने कड़ी मेहनत की, लोगों के बीच गए और हमारे सुशासन के एजेंडे पर विस्तार से बात की।’
महाराष्ट्र में महायुति का परचम
बता दें कि खबर लिखे जाने तक बीजेपी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 24 सीट जीत ली हैं और 106 पर आगे है, जबकि सहयोगी शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) क्रमशः 15 और 14 सीट जीत चुकी हैं। भाजपा के प्रमुख विजयी उम्मीदवारों में मौजूदा विधायक नितेश राणे शामिल हैं, जिन्होंने सिंधुदुर्ग जिले की कंकावली विधानसभा सीट पर 58,007 मतों के अंतर से जीत हासिल की। राज्य विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर कोलाबा सीट पर 48,581 मतों से जीत हासिल कर चुके हैं जबकि सातारा से शिवेंद्रराजे भोंसले को 1,42,124 मतों के बड़े अंतर से जीत मिली है।
मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने शिरडी सीट पर 70,282 मतों के अंतर से जीत हासिल की। भाजपा सांसद नारायण राणे के बड़े बेटे नीलेश राणे ने शिवसेना के उम्मीदवार के तौर पर 8,176 मतों के अंतर से जीत हासिल की। राज्य के मंत्रियों और शिवसेना के उम्मीदवारों उदय सामंत ने रत्नागिरि जबकि दीपक केसरकर ने सावंतवाड़ी निर्वाचन क्षेत्र से क्रमशः 41,590 मतों और 39,899 मतों के अंतर से जीत हासिल की।
शिवसेना ने 15 सीट जीती हैं और 39 सीट पर इसके उम्मीदवार आगे हैं। उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा ने 14 सीट जीती हैं और 27 अन्य पर आगे है। महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल ने नासिक जिले के डिंडोरी निर्वाचन क्षेत्र से 44,403 जबकि अदिति तटकरे ने रायगढ़ जिले के श्रीवर्धन निर्वाचन क्षेत्र से 82,798 मतों के अंतर से जीत हासिल की।
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