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प्रकृति ने सरगुजा को दी है अकूत सुंदरता और सुकून

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कोरिया  : छत्तीसगढ़ को प्रकृति ने भरपूर आशीष दी है। जब सरगुजा सम्भाग की बात करें तो प्रकृति की गोद में बसे और हरियाली की चादर से ढंके हैं मानो यह जन्नत की नगरी कश्मीर हो।

तीन दिवसीय मैनपाट महोत्सव का शुभारंभ प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के द्वारा किया गया।

वर्ष 2012 में हुई थी शुरूआत
बता दें मैनपाट में पर्यटन को बढ़ावा देने तथा विकास को गति देने के लिए वर्ष 2012 में जिला प्रशासन सरगुजा द्वारा मैनपाट महोत्सव की शुरुआत की थी। इस तरह हर वर्ष मैनपाट महोत्सव का आयोजन किया जाता है, जिसमें स्थानीय व देश के नामी कलाकारों के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी जाती है और विभागीय स्टॉलों से विकास की झलक देखने को मिलती है तो यहां एडवेंचर स्पोर्ट्स, नौकायन, पतंग फेस्ट, मेला, दंगल आदि गतिविधियां लोगों के मनोरंजन का माध्यम बनते हैं।

इस वर्ष तीन दिवसीय महोत्सव
तीन दिवसीय मैनपाट महोत्सव 23 फरवरी से 25 फरवरी तक रोपाखार जलाशय के समीप आयोजन किया गया है।

समुद्र सतह से 3781 फीट ऊंचाई पर
मैनपाट विन्धपर्वत माला पर स्थित है, जिसकी समुद्र सतह से ऊंचाई 3781 फीट है इसकी लम्बाई 28 किलोमीटर और चौडाई 10 से 13 किलोमीटर है। राजधानी रायपुर से अम्बिकापुर की दूरी लगभग 365 किमी है, वहीं अम्बिकापुर से मैनपाट की दूरी लगभग 50 किमी है। यहां की जलवायु के कारण मैनपाट को छत्तीसगढ का शिमला कहा जाता है।

प्रदेश के चारों दिशाओं में विराजी है मातेश्वरी
बस्तर से लेकर सरगुजा अपनी नैसर्गिक प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है वहीं चारो दिशाओं में दंतेश्वरी माई, माँ बम्लेश्वरी, माँ महामाया, माँ चंद्रहासिनी विराजी है, जिनकी आशीर्वाद इस प्रदेश को सतत मिल रही है।

संस्कृतियों का संगम स्थल
पर्यटन की दृष्टि से सरगुजा सम्भाग का बड़ा स्थान है। मैनपाट जहां सुंदर वादियां, खुशनुमा वातावरण और ऊंची-ऊंची पहाड़ियों से घिरा, विभिन्न संस्कृतियों का संगम स्थल है। जहां पहुंचते ही मन को सुकून व अलौकिक शांति की प्राप्ति होती है।

मुख्यमंत्री ने की घोषणा
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देवसाय ने मैनपाट महोत्सव के लिए 50 लाख रुपए की घोषणा की तो नर्मदापुर में झंडा पार्क बनाने के लिए एक करोड़ रूपए देने की घोषणा की। श्री साय ने मैनपाट को पंचमढ़ी की तरह और छत्तीसगढ़ का शिमला बताया।

दूर तक फैला पाट क्षेत्र
मैनपाट के नयनाभिराम दृश्य स्वतः ही सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। यहां चारों ओर फैली हरियाली, घुमावदार पहुँचमार्ग, मन को असीम शीतलता प्रदान करने वाले जलप्रपात, अचंभित करने वाले प्राकृतिक दृश्य और दूर-दूर तक फैला पाट क्षेत्र है।

मैनपाट में है खुशनुमा वातावरण
वैसे तो मैनपाट का मौसम वर्षभर खुशनुमा होता है, परन्तु नवम्बर से जनवरी के मध्य सर्दियों के मौसम में मैनपाट की खूबसूरती और बढ़ जाती है। बारिश के बाद झरनों की सुंदरता, चारों ओर खेतों में लहलहाती हुई टाऊ की फसल दर्शनीय होती है। इसलिए ये मौसम मैनपाट में सैर करने के लिए सबसे अच्छा मौसम है।

आलू और टाऊ की खेती के लिए प्रसिद्ध
सरगुजा सम्भाग वैसे तो अनेक संसाधनों के लिए प्रसिद्ध है। लेकिन यहां आलू की खेती देश के अलग अलग राज्यों तक पहुंचती है। इसी तरह टाउ की खेती भी इस अंचल में बड़ी सँख्या में की जाती जो प्रसिद्ध है।
प्रमुख पर्यटन स्थल –
बौद्ध मंदिर
मैनपाट से ही रिहन्द एवं मांड नदी का उदगम हुआ है। इंडो-चाइना वार के पश्चात 1962-63 में तिब्बती शरणार्थियों को मैनपाट में बसाया गया। यहां तिब्बती लोगों का जीवन एवं बौद्ध मंदिर आकर्षण का केन्द्र है। इसलिए इसे मिनी तिब्बत भी कहा जाता है।
टाइगर प्वाइंट–
मैनपाट के महत्वपूर्ण प्रमुख टूरिस्ट स्पॉट में टाइगर प्वाइंट का अपना विशेष महत्व है। टाइगर प्वाइंट एक खूबसूरत प्राकृतिक झरना है जिसमें पानी इतनी तेजी से गिरता है कि शेर के गरजने जैसी आवाज आती है। चारों तरफ घनघोर जंगलों के बीच पहाड़ से गिरता हुआ झरना बहुत ही आकर्षक लगता है।
उल्टापानी –
मैनपाट के बिसरपानी गांव में स्थित उल्टापानी छत्तीसगढ़ की सबसे ज्यादा अचंभित और हैरान करने वाला दर्शनीय स्थल है। यहां पर पानी का बहाव नीचे की तरफ न होकर ऊपर यानी ऊँचाई की ओर होता है। यहां सड़क पर खड़ी न्यूट्रल चारपहिया गाड़ी 110 मीटर तक गुरूत्वाकर्षण के विरूद्ध पहाड़ी की ओर अपने आप लुढ़कती है।
जलजली–
मैनपाट में प्रकृति के नियमों से दूर जलजली वह पिकनिक स्पॉट है जहाँ दो से तीन एकड़ जमीन काफी नर्म है और इसमें कूदने से धरती गद्दे की तरह हिलती है। आस-पास के लोगों के मुताबिक कभी यहां जल स्त्रोत रहा होगा जो समय के साथ उपर से सूख गया तथा आंतरिक जमीन दलदली रह गई। इसी वजह से यह जमीन दलदली व स्पंजी लगती है।
फिश प्वाइंट–
मैनपाट में पर्यटकों के लिए जंगलों के बीच एक रोमांचकारी और मन को लुभाने वाला मशहूर जगह फिश प्वाइंट (मछली) स्थित है। यह भी एक जलप्रपात है।
मेहता प्वाइंट–
मैनपाट में स्थित मेहता प्वाइंट ऊंची पहाडियां, गहरी घाटियां तथा वन मनोरम दृश्यों से भरपूर हैं। मैनपाट आने वाले पर्यटक सुंदर व्यू का आनन्द लेने के लिए इस पिकनिक स्पॉट में अवश्य पहुंचते हैं।
ठिनठिनी पत्थर-
अम्बिकापुर के 12 किमी. की दूरी पर दरिमा हवाई अड्डा हैं। दरिमा हवाई अड्डा के पास बडे-बडे पत्थरो का समूह है। इन पत्थरो को किसी ठोस चीज से ठोकने पर आवाजे आती है। सर्वाधिक आश्चर्य की बात यह है कि ये आवाजे विभिन्न धातुओ की आती है। इनमे से किसी- किसी पत्थर खुले बर्तन को ठोकने के समान आवाज आती है। इन पत्थरो मे बैठकर या लेटकर बजाने से भी इसके आवाज मे कोई अंतर नही पड़ता है। एक ही पत्थर के दो टुकडे अलग-अलग आवाज पैदा करते है। इस विलक्षणता के कारण इस पत्थरो को अंचल के लोग ठिनठिनी पत्थर कहते है।
इसके अतिरिक्त यहां बूढ़ा नागदेव जलप्रपात है जिसे जलपरी प्वाइंट भी कहते है। प्रकृति की गोद में बसे इस जलप्रपात तक पहुंचते ही सारी थकान दूर हो जाती है।

 

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चक्रधर समारोह-2024 : अंतर्राष्ट्रीय कुश्ती खिलाड़ी दिखाएंगे अपना जौहर

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रायपुर, 07 सितम्बर 2024 : रायगढ़ के रामलीला मैदान में 07 सितम्बर से चक्रधर समारोह के अंतर्गत कला संस्कृति पर आधरित कार्यक्रमों के आयोजन साथ-साथ खेल से खेल की प्रतियोगिताएं भी आयोजित होंगी। चक्रधर समारोह में कुश्ती के राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी अपना जौहर दिखाएंगे, जब कि कबड्डी प्रतियोगिता में स्थानीय खिलाड़ियों को अपना खेल दिखाने का मौका मिलेगा। 11 एवं 12 सितम्बर को अखिल भारतीय एवं राज्य स्तरीय कुश्ती प्रतियोगिता का आयोजन होगा, जब कि कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन 13, 14 एवं 15 सितम्बर को होगा।

अखिल भारतीय एवं राज्य स्तरीय कुश्ती प्रतियोगिता में शामिल होने के लिये छत्रसाल अखाड़ा नई दिल्ली, रायपुरा कुश्ती एकेडमी (नेवी) हरियाणा, सुशील कुमार कुश्ती एकेडमी हिसार हरियाणा, चौधरी चरण सिंह अखाड़ा मेरठ, कर्नाटका व्यायाम शाला कर्नाटक, मेहर सिंह अखाड़ा रोहतक, मास्टर चांदगीराम अखाड़ा दिल्ली, महाराष्ट्र कुश्ती संघ पुणे एवं गोवा कुश्ती एकेडमी गोवा के महिला एवं पुरूष पहलवानों को आमंत्रण भेजा गया है। सभी एकेडमी एवं अखाड़ा के संचालकों ने अपने श्रेष्ठ महिला एवं पुरूष पहलवानों को भेजने की स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस प्रतियोगिता के संचालन के लिये अंतर्राष्ट्रीय रेफरी श्री अजीत मानदीपक चाहर, श्री जशबीर सिंह ढ़ाका एवं महिला रेफरी सुश्री प्रतिभा दुबे भी उपस्थित रहेंगी।

अखिल भारतीय एवं राज्य स्तरीय कुश्ती प्रतियोगिता में विभिन्न प्रदेशों के पहलवान अपना दॉव-पेच दिखायेंगे इनमें 57 से 75 किलोग्राम वर्ग में उत्तर प्रदेश मेरठ से सर्वश्री विशाल तोमर, विनय तोमर, यशकुमार, अर्जुन प्रधान, सतेन्द्र तोमर, निशांत कुमार, भानू, निहाल गुप्ता, वंश, हिमांशू, लक्की, आलोक कुमार शामिल होंगे। इसी तरह 56 से 110 किलोग्राम वर्ग में दिल्ली से सर्वश्री अनिरूद्ध कुमार, आशीष, विशाल, अतुल, निखिल, सागर, अमित, सुमित, विकास, आशीष, 57 से 110 किलोग्राम वर्ग में उत्तर प्रदेश से सर्वश्री लक्ष्मण यादव, सचिन मिरी, शेर बहादुर, 50 से 110 किलोग्राम वर्ग में छत्तीसगढ़ दुर्ग से सर्वश्री लक्की यादव, सत्येन्द्र निषाद, सुनील निषाद, शेख फरदीन, संतोषी चंद्राकर, 55 से 110 किलोग्राम वर्ग में भिलाई छत्तीसगढ़ से सर्वश्री विशाल पांडे, पवन कुमार, शुभांकर यादव, सतपाल यादव, सत्येन्द्र कुमार यादव, सचिन पासवान, विजेन्द्र पाल, मृत्युंजय यादव, अंकित यादव, सत्यम कुमार सिंह, हिमांशू यादव एवं अश्वनी कुमार पांडे, 50 से 80 किलोग्राम वर्ग में धमतरी छत्तीसगढ़ से कुनाल यादव, मनीष यदु, गिरजा शंकर, अरियन्त भोय, हर्ष चंद्रवंशी, संदीप यदु, यनेश साहू, वेद कुमारी नेताम, लक्ष्मी साहू, लोकेश्वर निषाद एवं कु.मोनिका भोय शामिल है। इसी तरह 55 से 76 किलोग्राम वर्ग में महिला पहलवानों में शीतल, अंजली, डोली, रेनु, सुची, खुशबू, वाशु, अंजली एवं वर्षा शामिल है।

महिला एवं पुरूष पहलवानों के चार वजन वर्ग में प्रतियोगिता होगी, जिसमें विजेता पहलवानों को नगद पुरस्कार भी प्रदान की जाएगी। इस आयोजन को सफल बनाने में छत्तीसगढ़ कुश्ती संघ का सहयोग मिल रहा है।

कबड्डी प्रतियोगिता में महिला-पुरूष खिलाड़ी दिखाएंगे अपना जौहर-

चक्रधर समारोह-2024 के अवसर पर महिला रामलीला मैदान में 13 से 15 सितम्बर तक कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन होगा। जिसमें पुरूष एवं महिला दोनों वर्ग के खिलाड़ी शामिल होंगे। पुरूष वर्ग में कुल 13 टीम शामिल है। इनमें विकासखण्ड रायगढ़, पुसौर, खरसिया, घरघोड़ा, तमनार, लैलूंगा, धरमजयगढ़, पुलिस विभाग, होमगार्ड, नगर पालिक निगम, बरमकेला, सारंगढ़ एवं पूर्वाचल कबड्डी दल शामिल है। इसी तरह महिला वर्ग में कुल 14 टीम शामिल होंगी। इनमें विकासखण्ड रायगढ़, पुसौर, खरसिया, घरघोड़ा, तमनार, लैलूंगा, धरमजयगढ़, पुलिस विभाग, होमगार्ड, नगर पालिक निगम, बरमकेला, सारंगढ़, अडानी पावर कं. लि. एवं जिंदल पावर तमनार कं. लि. शामिल है।

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रायगढ़ में आज से शुरू हुए चक्रधर समारोह में प्रख्यात अभिनेत्री, नृत्यांगना एवं सांसद श्रीमती हेमा मालिनी एवं उनकी टीम द्वारा भरतनाट्यम पर रासबिहारी नृत्य नाटिका की शानदार प्रस्तुति दी

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रायपुर, 07 सितम्बर 2024 :रायगढ़ में आज से शुरू हुए चक्रधर समारोह में प्रख्यात अभिनेत्री, नृत्यांगना एवं सांसद श्रीमती हेमा मालिनी एवं उनकी टीम द्वारा भरतनाट्यम पर रासबिहारी नृत्य नाटिका की शानदार प्रस्तुति दी। नृत्य नाटिका रासबिहारी की मनमोहक प्रस्तुति से कलाप्रेमी और दर्शक मंत्रमुग्ध हो उठे। इस प्रस्तुति के बीच में कई प्रसंगों के मध्य दर्शकों ने जोरदार तालियां बजाकर कलाकारों का उत्साहवर्धन किया। श्रीमती हेमा मालिनी और उनकी टीम द्वारा प्रस्तुत रासबिहारी नृत्य नाटिका भगवान श्रीकृष्ण की रासलीला, आराधना, संयोग-वियोग के प्रसंग दर्शकों को अभिभूत कर गए।

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संगीत सम्राट महाराज चक्रधर सिंह ने शास्त्रीय कला संगीत को दी विश्व में नई पहचान : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

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रायपुर, 07 सितम्बर 2024 :संगीत एवं कलाधानी नगरी रायगढ़ में आज 39वें चक्रधर समारोह का भव्य एवं रंगारंग आगाज हुआ। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने 10 दिन तक चलने वाले इस समारोह का विधिवत शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि संगीत सम्राट महाराज चक्रधर ने शास्त्रीय कला संगीत को विश्व में एक नई पहचान दिलाई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के गारंटी को सायं-सायं पूरा कर रही है। उन्होंने प्रदेश के किसानों, गरीबों सहित सभी वर्गों का आश्वस्त करते हुए कहा कि उनकी सरकार राज्य के प्रगति के लिए पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रही है। उन्होंने स्थानीय कला संस्कृति के साथ-साथ पारंपरिक विरासत को सहेजने के लिए हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। उन्होंने इस मौके पर रायगढ़ में संगीत महाविद्यालय प्रांरभ करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने संगीत और कला के क्षेत्र में योगदान देने वाले संगीत के मर्मज्ञ विद्वतजनों को नमन किया। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर रायगढ़ के शैल चित्रों पर आधारित अभिलेखीकरण पुस्तिका एवं चक्रधर समारोह की परिचय पुस्तिका का विमोचन किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि विगत पांच सालों में चक्रधर समारोह का आयोजन फीका पड़ गया था, अब रायगढ़ के विधायक और हमारे सरकार में वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी की पहल से चक्रधर समारोह के आयोजन को और बेहतर तथा भव्य स्वरूप दिया गया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ को प्रकृति ने भरपूर खनिज संपदा से नवाजा है। यहां हीरा, कोयला, लोहा का भरपूर भंडार है, यहां की धरती में भरपूर उर्वरा शक्ति है। मेहनतकश किसान और हम सब मिलकर छत्तीगसढ़ को कृषि प्रदेश बनाने की दिशा में कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने किए गए वायदे के अनुरूप प्रदेश के किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल 3100 रूपए के भाव से खरीदने का वायदा पूरा किया। तेन्दूपत्ता का पारिश्रमिक दर प्रति मानक बोरा 4000 रूपए से बढ़ाकर 5500 रूपए किया गया। महतारी वंदन योजना के तहत 70 लाख से अधिक माताओं-बहनों को उनके खाते में राशि अंतरित करने का काम कर रही है। श्रीरामलला दर्शन योजना से यहां के लोगों को प्रभु श्रीराम का दर्शन करने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने अभी दो दिन पहले ही छत्तीसगढ़ को साढ़े आठ लाख से अधिक परिवारों के लिए प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति प्रदान की है, हम इसके लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद ज्ञापित करते हैं। मुख्यमंत्री श्री साय ने चक्रधर समारोह को नये स्वरूप में भव्य और आकर्षक रूप में आयोजित करने के लिए संस्कृति एवं पर्यटन विभाग को बधाई दी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर श्री विनय पाण्डेय द्वारा ब्राम्हीलिपि एवं खरोष्ठी लिपि में अनुसंधान पर आधारित कॉफी टेबल बुक का भी विमोचन किया। श्री पाण्डेय द्वारा इस मौके पर मुख्यमंत्री को ब्राम्ही लिपि में लिखी नाम पट्टिका भेंट की गई।

कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री श्री रामविचार ने कहा कि महाराज चक्रधर ने रायगढ़ घराना के कला संगीत को संजोकर रखा है। उन्होंने कला संगीत को देश और दुनिया में एक नई ऊचाई देने का काम किया है। उनके इस योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि सम्राट चक्रधर शास्त्रीय कला संगीत के साथ-साथ स्थानीय कलाकारों को मंच प्रदान कर कला संस्कृति को एक नया आयाम दिया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में प्रदेश की कला संस्कृति, यहां की विरासत के संरक्षण और संवर्धन के लिए तत्परता से काम कर रही है।

वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी ने चक्रधर समारोह के शुभारंभ समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा चक्रधर समारोह को एक भव्य तरीके से आयोजित किया जाएगा और आज उसे जिला प्रशासन, संस्कृति विभाग और पर्यटन विभाग के सहयोग से आज भव्य स्वरूप में आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस आयोजन में देश के प्रतिष्ठित आठ पद्मश्री कलाकार भाग लेने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि चक्रधर समारोह की महत्ता अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि देश के विभिन्न प्रांतों के नामी-गिनामी कलाकार यहां अपनी प्रस्तुति देने की अभिलाषा रखते हैं। उन्होंने इस भव्य आयोजन के लिए जिला प्रशासन सहित आयोजकों को बधाई और शुभकामनाएं दी। इस मौके पर राज्यसभा सांसद श्री कुंवर देवेन्द्र प्रताप सिंह, रायगढ़ सांसद श्री राधेश्याम राठिया, राजपरिवार के श्रीमती उर्वशी सिंह, श्रीमती बिजया सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में नागरिकगण उपस्थित थे।

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