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छत्तीसगढ़ में महिला सशक्तिकरण के नये आयाम

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रायपुर . महिलाओं को सशक्त बनाना है तो स्वास्थ्य-शिक्षा के साथ-साथ उन्हें अधिकार और आगे बढ़ने के सुरक्षित अवसर देने होंगे। उन्हें आर्थिक रूप से संपन्न बनाने के लिए नये रास्ते बनाना भी जरूरी हैे। इसी सोच के साथ छत्तीसगढ़ सरकार ने महिलाओं को अधिकार संपन्न बनाने के साथ उनके स्वावलंबन की नीति अपनाई है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर महिलाओं की रचनात्मक क्षमता को बढ़ाने के साथ उनकी सृजन क्षमता को स्थानीय संसाधनों के साथ जोड़ा गया है। महिलाओं की व्यक्तिगत, सामाजिक और आर्थिक स्थिति से जुड़ा यह दृष्टिकोण उनके लिए विकास के नये आयाम खोलता है।

नीति आयोग द्वारा जारी वर्ष 2020-21 की इंडिया इंडेक्स रिपोर्ट के अनुसार लैंगिक समानता में छत्तीसगढ़ पहले स्थान पर है। कुपोषण और एनीमिया से लड़ाई में भी छत्तीसगढ़ को बड़ी सफलता मिली है। छत्तीसगढ़ में 2 अक्टूबर 2019 से शुरू हुए मुख्यमंत्री सुपाषण अभियान से अब तक 2 लाख 65 हजार बच्चे कुपोषण मुक्त तथा एक लाख 50 लाख महिलाएं एनीमिया मुक्त हो चुकी हैं। एनीमिया मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत बच्चों, किशोरों, गर्भवती तथा शिशुवती महिलाओं को आईएफए (आयरन फोलिक एसिड) सप्लीमेंटेशन उपलब्ध कराने में छत्तीसगढ़ देश में तीसरे स्थान पर है।

बिहान से जुड़ी है ढाई लाख महिला समूह – छत्तीसगढ़ में महिलाओं की प्रगति के लिए अपनाई गई नीतियों और उनके संरक्षण का ही परिणाम है, कि यहां वनोपज के कारोबार से 50 हजार से अधिक महिलाएं जुड़कर छत्तीसगढ़ की आर्थिक उन्नति में अपना योगदान दे रहींे हैं, वहीं जिला खनिज न्यास निधि बोर्ड में ग्रामीण महिलाएं, ग्राम सभा सदस्यों के रूप में खुद के लिए नीतियां भी तैयार कर रही हैं। प्रदेश में करीब 300 रूरल इंडस्ट्रियल पार्क शुरू किए जा चुके हैं, जहां महिलाओं को अच्छा रोजगार और अच्छी आय मिल रही है। महिलाओं को बैंकिंग प्रक्रिया से जोड़ने लगभग चार हजार बहनें बीसी सखी के रूप में चलते-फिरते बैंक के रूप में बैंकिंग सुविधाएं दूर-दराज के क्षेत्रों तक पहुंचा रही हैं। छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान से करीब 27 लाख गरीब परिवारों की महिलाएं 02 लाख 54 हजार स्व-सहायता समूहों से जुड़ी हैं।

महिलाओं के श्रम से चमका डेनेक्स – बस्तर के घने जंगलों में नक्सलियों से साहस के साथ मोर्चा ले रहीं बस्तर की दंतेश्वरी फाइटर्स अपने पूरे देश के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं। गोधन न्याय योजना के तहत गांव-गांव में बनाए गए गौठानों में लगभग 45 प्रतिशत भागीदारी महिलाओं की है। ये महिलाएं गौठानों में आर्थिक गतिविधियों के माध्यम से न सिर्फ सशक्त बन रही हैं, बल्कि अपने परिवारों के लिए भी संबल बन गई हैं। गोठानों बनाए जा रहे रूरल इंडस्ट्रियल पार्क और सी-मार्ट स्टोर जैसी नई अवधारणा से महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण हो रहा हैं। महिलाओं द्वारा तैयार सामाग्री को बाजार मिल रहा हैं। बस्तर के आदिवासी जिले दंतेवाड़ा की डेनेक्स गारमेंट फैक्टरी में काम कर रही महिलाओं ने देश-विदेश में डेनेक्स ब्रांड को लोकप्रिय बनाकर आर्थिक सशक्तिकरण की नई मिसाल पेश की है। बीजापुर की महिलाओं का महुआ लड्ड, कोंडागांव का तिखुर शेक, सुकमा की ईमली-कैंडी और नारायणपुर का फूल झाडू भी प्रसिद्ध हो चुका है।

महिला कोष का बजट 25 करोड़- महिला कोष से ऋण लेकर आर्थिक गतिविधि जुड़ी महिला समूहों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से समूह द्वारा लिए गए पुराने 12 करोड़ रूपये के ऋण माफ कर दिये हैं। साथ ही ऋण लेने की सीमा को भी दो से चार गुना तक बढ़ा दिया है। महिला कोष द्वारा दिए जाने वाले ऋण सीमा में भी दोगुनी वृद्धि की गई है। महिला कोष के बजट में ऐतिहासिक वृद्धि की गई है। पूर्व वर्षों में महिला कोष को एक या दो करोड़ वार्षिक आबंटन उपलब्ध होता था मगर वर्ष 2023-24 में 25 करोड़ रूपए का वार्षिक बजट उपलब्ध कराया गया है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में छत्तीसगढ़ महिला कोष के द्वारा 10 हजार 500 से अधिक महिलाओं के लिए पिछले 5 सालों में सर्वाधिक 10 करोड़ 70 लाख रुपए से अधिक ऋण राशि स्वीकृत की गई है। नई कौशल्या समृद्धि योजना शुरू करने की योजना है, इसमें महिलाओं को व्यवसाय के लिए आसान शर्तों पर 3 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण दिया जाएगा। इसके लिए 25 करोड़ रूपए का बजट अतिरिक्त रूप से स्वीकृत किया है। महिला उद्यमिता नीति – महिलाएं जितनी सशक्त होंगी, राज्य का विकास उतनी ही तेजी से होगा, इसे देखते हुए छत्तीसगढ़ में महिलाओं की क्षमता को एक नई ऊंचाई देने के लिए महिला उद्यमिता नीति 2023-28 लागू कर दी गई है। इसमें महिलाओं को उद्यम स्थापित करने के लिए आर्थिक सहायता देने के साथ कई प्रकार की छूट का प्रवाधान किया गया है।

राज्य की महिला उद्यमी को विनिर्माण उद्यम परियोजना के लिए 10 से 50 लाख रूपए ऋण के साथ विद्युत शुल्क, अतिरिक्त स्टाम्प शुल्क से छूट, परिवहन अनुदान, मण्डी शुल्क से छूट, किराया अनुदान जैसे कई प्रावधान किये गए हैं। महिला स्व-सहायता समूहों और महिलाओं द्वारा स्थापित स्टार्ट-अप उद्यमों के लिए भी 5 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान एवं एक वर्ष अतिरिक्त छूट का प्रावधान किया गया है, इससे उद्योग एवं व्यापार में महिलाओं की भागीदारी और बढ़ेगी। राशन कार्ड और मकान महिलाओं के नाम पर – छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए भूमि और संपत्ति पंजीयन पर एक प्रतिशत की छूट दी जा रही है। राशन कार्ड और आवास आबंटन महिलाओं के नाम पर किए जा रहे है। सरकारी सेवाओं में महिलाओं के अधिकार सुरक्षित रहें, इसके लिए भर्ती, पदोन्नति, दस्तावेजों की छानबीन के कार्यों के लिए बनाई गई समितियों में एक महिला प्रतिनिधि अनिवार्य रूप से रखने की व्यवस्था बनाई गई है। लैंगिक अपराध को रोकने के लिए प्रत्येक कार्यालय में एक समिति बनाई गई है, जो इस मामले की जांच पड़ताल कर आवश्यक कार्यवाही करने वरिष्ठ अधिकारियों को प्रतिवेदन प्रस्तुत करती हैं। कामकाजी महिलाओं के लिए हॉस्टल – हर संभाग में कामकाजी हॉस्टल के साथ जिला मुख्यालयों में महिला हॉस्टल बनाए जाने की शुरूआत की गई है। थानों में महिलाओं के लिए हेल्प डेस्क संचालित हैं, जिससे महिलाएं मजबूती से अपने कदम आगे बढ़ा सकें।

छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा सहायता के लिए अभिव्यक्ति एप बनाया गया है। महिला हेल्पलाईन नम्बर 181 और सखी सेंटर के माध्यम से पीड़ित महिलाओं को तुरंत सहायता और आश्रय भी प्रदान किया जा रहा है। अब तक 37 हजार 158 पीड़ित महिलाओं को सहायता और 13 हजार 750 महिलाओं को आश्रय दिया गया है। नवा बिहान योजना के माध्यम से घरेलू हिंसा के प्रकरणों में 4331 महिलाओं को सहायता प्रदान की गई है। बढ़ा मान और बढ़ा मानदेय – राज्य सरकार ने बड़ी संख्या में महिलाओं और बच्चों की सेहत और स्वास्थ्य की देखभाल कर रहीं महिला कर्मियों के मानदेय में वृद्धि कर उनका सम्मान भी बढ़ाया है। इस साल बजट में प्रदेश के 46 हजार 660 आंगनवाड़ी केंद्रों में कार्यरत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के मासिक मानदेय में वृद्धि करते हुए अब इसे 06 हजार 500 रुपए से बढ़ाकर 10 हजार रुपए प्रति माह कर दिया गया है। आंगनवाड़ी साहियकाओं का मानदेय 03 हजार 250 रुपए से बढ़ाकर 05 हजार रुपए प्रति माह कर दिया गया है। मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय 04 हजार 500 रुपए से बढ़ाकर 07 हजार 500 रुपए प्रति माह कर दिया गया है। मितानिन बहनों को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि के अतिरिक्त राज्य मद से 22 सौ रुपए प्रति माह की दर से मानदेय देने का प्रावधान भी बजट में किया गया है, इससे प्रदेश की 72 हजार मितानिनों की पुरानी मांग पूरी हुई है। इसके साथ ही मध्यान्ह भोजन बनाने वाले रसोईयों के मानदेय को भी बढ़ाया गया है, जिससे बहुत सी ग्रामीण महिलाएं लाभान्वित होंगी। कन्या विवाह के लिए अब 50 हजार – मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सामाजिक पृष्टिभूमि में महिलाओं और उनके परिवारोें के मान-सम्मान का भी ध्यान रखते हुए कई निर्णय लिए हैं।

मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के अंतर्गत दी जाने वाली सहायता राशि को भी अपने कार्यकाल में दो बार बढ़ाकर बेटियों के विवाह के लिए बड़ी राहत दी है। 2019 में यह राशि 15 हजार रूपए से बढ़ाकर 25 हजार रुपए की गई और अब बढ़ाकर 50 हजार रुपए कर दिया गया है। निराश्रितों, बुजुर्गों, दिव्यांगों, विधवा तथा परित्यक्ता महिलाओं को मिलने वाली सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि में भी बढ़ोतरी की गई है। 9 नए महिला महाविद्यालय – महिलाओं को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए उन तक उनके अधिकारों की जानकारी पहुंचाकर जागरूकता लाना भी आवश्यक है। इसे देखते हुए पिछले साल 2239 विधिक व महिला जागृति शिविरों का आयोजन किया गया। इस वर्ष महिला जागृति शिविर मद के बजट में दोगुनी वृद्धि कर 4.85 करोड़ से बढ़ाकर 9.33 करोड़ किया गया। इसके साथ ही राज्य महिला आयोग के द्वारा मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ के माध्यम से गांव-गांव पहुंचकर महिलाओं को उनके अधिकारियों और कानूनों की जानकारी भी दी जा रही हैं। राज्य की 9 जिला मुख्यालयों में नए महिला महाविद्यालय की शुरूआत के साथ महिलाओं के लिए उच्च शिक्षा के रास्ते खोले गए हैं।

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उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा को मिली बड़ी राहत, जिस मामले में जाना पड़ा था जेल अब उसी मामले में कोर्ट ने किया दोषमुक्त

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रायपुर :  डिप्टी सीएम विजय को एक बड़े मामले में जीत मिली है. 2021 में तत्कालीन खाद्य अधिकारी अरूण मेश्राम ने विजय शर्मा और कैलाश चंद्रवंशी गरीबों का राशन कार्ड बनवाने गए थे. उसी दौरान खाद्य अधिकारी अरुण मेश्राम ने जातिसूचक गाली देने का आरोप लगाकर दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. विजय शर्मा और कैलाश चंद्रवंशी पर एट्रोसिटी एक्ट के तहत केस ठोका गया था. जिसमें विजय शर्मा जेल भी गए थे. गुरुवार को जिला न्यायालय में फैसला सुनाया. जिसमें दोनों को दोषमुक्त किया गया है.

जिला न्यायालय में अंतरिम सुनवाई के दौरान जिला सत्र न्यायाधीश सत्यभामा अजय दुबे ने फैसला सुनाते हुए विजय शर्मा को दोषमुक्त करार दिया. डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा कि तत्कालीन मंत्री मोहम्मद अकबर की शह पर हम पर फर्जी एट्रोसिटी एक्ट के तहत कार्रवाई की गई थी. आज सच सबके सामने आ गया है. उस दौरान मोहम्मद अकबर लोगों की आवाज दबाने के लिए फर्जी एक्ट लगवाकर कारवाई कराने का काम करते थे.

विजय शर्मा ने कहा कि हमने किसानों और गरीबों की आवाज उठाई थी. जिसके बदले एक अधिकारी के मार्फत फर्जी एट्रोसिटी एक्ट लगवाया गया. जबकि उस अधिकारी के पास राशन कार्ड की समस्याएं लेकर हम पहुंचे थे. जिसकी वीडियो भी हमारे पास उपलब्ध है. लेकिन आज हम इस मामले में दोषमुक्त हुए हैं. जिसके लिए सम्माननीय न्यायालय को धन्यवाद देता हूं.

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भाजपा प्रकोष्ठों के बैठक में शामिल हुए विधायक राजेश मूणत

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रायपुर :  भारतीय जनता पार्टी रायपुर शहर/ग्रामीण सभी मोर्चा प्रकोष्ठों की महत्वपूर्ण बैठक में सम्मिलित हुआ। लोकसभा चुनाव में अब कुछ ही महीने का समय बाकी है ऐसे में भारतीय जनता पार्टी का शीर्ष नेतृत्व जमीनी स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत करने अपने बड़े नेताओ को मैदान में उतारने की योजना पर काम शुरू कर चुकी है अलग अलग लोकसभा के समीकरण के हिसाब से कार्ययोजना बनाई जा रही है इसके लिए पार्टी लोकसभा को क्लस्टर में बांट कर बड़े नेताओ को क्लस्टर की जिम्मेदारी देकर क्रियान्वयन कर रही है छत्तीसगढ़ के दृष्टिकोण से 3 क्लस्टर बनाए गए हैं।

जिसमे रायपुर क्षेत्र की आवश्यक बैठक आज लोकसभा चुनाव कार्यालय में क्लस्टर प्रभारी राजेश मूणत के नेतृत्व में संपन्न हुई क्लस्टर प्रभारी विधायक राजेश मूणत ने आज बैठक में कहा हमे लोकसभा क्षेत्र में लोकसभा चुनाव के दृष्टिकोण से भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा छत्तीसगढ़ भाजपा को जो भी निर्देश और कार्य योजनाएं मिलेंगी उसका पालन प्रदेश भाजपा का प्रत्येक कार्यकर्ता अक्षरसह करेगा हम सभी को एकजुट होकर पार्टी की सबसे सूक्ष्म इकाई बूथ तक ऐसा समायोजन स्थापित करना है।

बूथ से लेकर शीर्ष नेतृत्व तक सभी संवाद पारदर्शी बने रहे और क्लस्टर प्रभारियों का मुख्य कार्य यही पारदर्शी संवाद स्थापित करना है हमे जितनी भी जिम्मेदारियां शीर्ष नेतृत्व से प्राप्त होंगी उन्हे बूथ तक पहुंचाना और उन पर क्रियान्वयन करवाना उदाहरणतः नव-मतदाता सम्मेलन, गांव चलो घर घर चलो अभियान, मीडिया, सोशल मीडिया का सकारात्मक उपयोग हमे पार्टी ज्वाइनिंग का अभियान चलाना है महिला समूहों और गैर राजनीतिक संस्थाओं का भी एक अभियान चलाना है, गांव चलो घर घर चलो अभियान जिसका शुभारंभ हो चुका है।

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आचार संहिता में बड़ी करवाई, 25 करोड़ नकद किया जब्त

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रायपुर :  मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबासाहेब कंगाले ने लोकसभा आम निर्वाचन के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक कार्यवाही किए जाने के संबंध में सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन दिशा-निर्देशों के परिपालन में राज्य में विभिन्न प्रवर्तन एजेंसियों के माध्यम से धन और वस्तुओं के अवैध परिवहन तथा संग्रहण पर कड़ी नजर रखी जा रही है। प्रदेश में लागू आदर्श आचार संहिता के अंतर्गत निगरानी दलों द्वारा सघन जांच की कार्यवाही लगातार जारी है। राज्य में लोकसभा आम निर्वाचन के लिए आदर्श आचार संहिता के प्रभावी होने के बाद से अब तक 25 करोड़ 8 लाख रुपए की अवैध धन राशि तथा वस्तुएं जब्त की गई हैं।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रवर्तन एजेंसियों (इन्फोर्समेंट एजेंसीज) द्वारा निगरानी के दौरान 28 मार्च तक 5 करोड़ 28 लाख रुपए की नगद धन राशि जब्त की गई हैं। इस दौरान 17311 लीटर अवैध शराब जब्त की गई है, जिसकी कीमत 41 लाख रुपए है। सघन जाँच अभियान के दौरान एक करोड़ 48 लाख रुपए कीमत के 784 किलोग्राम मादक पदार्थ तथा 94 लाख रुपए कीमत के 23 किलोग्राम कीमती आभूषण भी जब्त किए गए हैं। इनके अतिरिक्त 16 लाख 96 हजार रुपए कीमत की अन्य सामग्रियां भी जब्त की गई हैं।

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