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रमन सिंह की सुरक्षा से हटे NSG कमांडों

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रायपुर :  पूर्व सीएम और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह को प्राप्त एनएसजी सुरक्षा हटा ली जाएगी. अब उनकी सुरक्षा सीआरपीएफ के सुरक्षा विंग के जिम्मे होगी. केंद्रीय गृह विभाग ने रमन सिंह के साथ नौ अन्य नेताओं की एनएसजी सुरक्षा हटाने का फैसला किया है. इनमें राजनाथ सिंह, योगी आदित्य नाथ, चंद्रबाबू नायुडू, मायावती, सर्वानंद सोनोवाल, फारुख अब्दुल्ला, गुलाम नबी आजाद भी शामिल हैं. बता दें कि डॉ. रमन सिंह को एनएसजी सुरक्षा बीते दस वर्ष से अधिक समय से मिली हुई थी. जानकारी के अनुसार, संसद की सुरक्षा में कार्यरत सीआरपीएफ जवानों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है, ताकि वे वीआईपी सुरक्षा विंग में शामिल हो सकें. इसके लिए एक नई बटालियन का गठन किया गया है, जो अब विभिन्न वीआईपी की सुरक्षा का कार्य करेगी. इसके पास पहले से 6 वीआईपी सुरक्षा बटालियन मौजूद हैं और नई बटालियन के गठन के बाद यह संख्या बढ़कर सात हो जाएगी।

केंद्र सरकार ने बुधवार को नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) को VIP सिक्योरिटी से हटाने का फैसला लिया है। इनकी जगह केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवान लेंगे। अगले महीने से आदेश लागू हो जाएगा। पार्लियामेंट की सिक्योरिटी में लगे रिटायर्ड CRPF जवानों को स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी। उन्हें VIP सिक्योरिटी विंग में भेजा गया है। इसके लिए नई बटालियन बनाई गई है। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद ये जवान VIP सुरक्षा में तैनात होंगे।

CRPF के पास पहले से 6 वीआईपी सिक्योरिटी बटालियन मौजूद है। नई बटालियन के साथ ये सात हो जाएंगी। देश में इस समय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ समेत 9 नेता ऐसे हैं, जिनकी सिक्योरिटी NSG के ब्लैक कैट कमांडो करते हैं। वीआईपी सुरक्षा में लगे NSG कमांडो को हटाने का फैसला सरकार ने किया है। 9 अति महत्वपूर्ण लोगों को वीआईपी सुरक्षा दी गई और उनकी सुरक्षा में एनएसजी के कमांडो तैनात है। अब अगले महीने से इनकी सुरक्षा का जिम्मा CRPF के हवाले होगी। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। गृह मंत्रालय ने विशेष रूप से प्रशिक्षित जवानों की एक नई बटालियन को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के वीआईपी सुरक्षा प्रकोष्ठ के साथ जोड़ने की स्वीकृति भी दी है। सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (

NSG) के ब्लैक कैट कमांडो जेड प्लस कैटेगरी के नौ वीआईपी लोगों में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा अध्यक्ष मायावती, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, केंद्रीय जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, बीजेपी नेता और छत्तीसगढ़ के विधानसभा अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद, नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू हैं, जिन्हें अब सीआरपीएफ का सुरक्षा घेरा प्रदान किया जाएगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि CRPF जिसमें छह वीआईपी सुरक्षा बटालियन हैं, से इस काम के लिए एक और सातवीं बटालियन को शामिल करने को कहा गया है। नई बटालियन वह होगी जो कुछ महीने पहले तक संसद की सुरक्षा में लगी थी। अधिकारी ने बताया कि संसद में पिछले साल सुरक्षा में चूक का मामला सामने आने के बाद संसद की सुरक्षा सीआरपीएफ से सीआईएसएफ को सौंप दी गई थी।

सीआरपीएफ एएसएल प्रोटोकॉल दिया जाएगा सूत्रों के अनुसार नया कार्यभार संभालने की प्रक्रिया के तहत आंध्र प्रदेश पुलिस की एक टीम हाल में अपने मुख्यमंत्री की सुरक्षा को एनएसजी से बदलकर सीआरपीएफ को सौंपने के मद्देनजर दिल्ली में थी। सूत्रों के अनुसार, इन नौ वीआईपी में से दो को सीआरपीएफ द्वारा दिया जाने वाला उन्नत सुरक्षा संपर्क (एएसएल) प्रोटोकॉल भी प्रदान किया जाएगा। इनमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ हैं। एएसएल में वीआईपी के आगामी दौरे वाले स्थान की पहले से जांच की जाती है। सीआरपीएफ देश में पांच वीआईपी के लिए इस तरह का प्रोटोकॉल अपनाता है, जिनमें गृह मंत्री अमित शाह, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और गांधी परिवार के तीन कांग्रेस नेता शामिल हैं। ब्लैक कैट कमांडो को दो दशक पहले इस काम में लगाया गया केंद्र सरकार ने एनएसजी को पुनर्गठित करने और अयोध्या में राम मंदिर के पास और देश के दक्षिणी हिस्से में स्थित कुछ महत्वपूर्ण संपत्तियों के आसपास कुछ उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में कमांडो की स्ट्राइक टीम को बढ़ाने और तैनात करने के लिए अपनी श्रमशक्ति का उपयोग करने का फैसला किया है। ब्लैक कैट कमांडो को दो दशक से अधिक समय पहले इस काम में लगाया गया था। यह काम 1984 में बल की अवधारणा और स्थापना के समय मूल रूप से इसके लिए निर्धारित नहीं था।

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छत्तीसगढ़ में 5.37 लाख मीट्रिक टन धान की हुई खरीदी

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  • अब तक राज्य के लगभग 1.16 लाख से अधिक किसानों ने बेचा धान
  • धान खरीदी के एवज में किसानों को 971.16 करोड़ रूपए का भुगतान

रायपुर, 21 नवम्बर 2024  : मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में अनवरत धान खरीदी का सिलसिला जारी है। 14 नवम्बर से शुरू हुए धान खरीदी अभियान में अब तक 5.37 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी हो चुकी है। राज्य में अब तक 1.16 लाख से अधिक किसानों ने अपना धान बेचा है। धान  खरीदी के एवज में किसानों को बैंक लिकिंग व्यवस्था के तहत 971 करोड़ 16 लाख रूपए का भुगतान किया गया है।  धान खरीदी का यह अभियान 31 जनवरी 2025 तक चलेगी।खाद्य विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि इस खरीफ वर्ष के लिए 27.68 लाख किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया है। इसमें 1.45 लाख नए किसान शामिल है। इस वर्ष 2739 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी अनुमानित है।अधिकारियों ने बताया कि आज 21 नवम्बर को 26501 किसानों से 1.18 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी हुई है। इसके लिए 30828 टोकन जारी किए गए थे। आगामी दिवस के लिए 25840 टोकन जारी किए गए है।

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स्वास्थ्य विभाग ने थोक में किया डॉक्टरों का तबादला

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रायपुर : छत्तीसगढ़ के लोक स्वास्थ्य एवं कल्याण विभाग ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए सरकारी अस्पतालों में तैनात डॉक्टरों का बड़े पैमाने पर तबादला किया है। इस कदम के तहत 15 से अधिक चिकित्सा अधिकारियों और विशेषज्ञ डॉक्टरों को नई जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। इसके साथ ही तीन डॉक्टरों को संचालनालय, स्वास्थ्य सेवाएं में प्रभारी उप संचालक के पद पर नियुक्त किया गया है।

जिला चिकित्सालय गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में पदस्थ चिकित्सा अधिकारी डॉ. नागेश्वर राव, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खोखोपारा में पदस्थ चिकित्सा अधिकारी डॉ. स्मृति देवांगन और जिला चिकित्सालय पण्डरी में पदस्थ सर्जरी विशेषज्ञ डॉ. दिनेश कुमार सिन्हा को को संचालनालय, स्वास्थ्य सेवायें में बतौर प्रभारी उप संचालक नियुक्त किया गया है।

वहीं जांचगीर चांपा में पदस्थ प्रभारी सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक मेडिसीन विशेषज्ञ डॉ. अनिल जगत को रायगढ़ जिला चिकित्सालय में बतौर चिकित्सा विशेषज्ञ, रायगढ़ में पदस्थ प्रभारी सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. उषा किरण भगत को जांजगीर-चांपा जिला चिकित्सालय में चिकित्सा विशेषज्ञ के तौर पर पदस्थ करने के साथ 15 डॉक्टरों का अलग-अलग अस्पतालों में तबादला किया गया है।

 

 

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विधानसभा उपनिर्वाचन-2024 : रायपुर नगर दक्षिण उपनिर्वाचन के लिए मतगणना 23 नवंबर को

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रायपुर 21 नवंबर 2024  : रायपुर नगर दक्षिण उपनिर्वाचन के लिए मतगणना 23 नवंबर को सेजबहार स्थित गवर्मेंट इंजीनियरिंग कॉलेज में होगी। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती रीना बाबासाहेब कंगाले ने जानकारी दी कि विधानसभा क्षेत्र 51-रायपुर नगर दक्षिण के उपनिर्वाचन की मतगणना तिथि 23 नवंबर दिन शनिवार को नियत है। मतगणना तिथि को मतगणना कार्य गवर्मेंट इंजीनीयरिंग कॉलेज, सेजबहार, रायपुर (ब्लॉक-ई) में सम्पन्न किया जाएगा। निर्वाचन के लिए 2 सहायक रिटर्निंग अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। इसके अतिरिक्त मतगणना के लिए 4 अतिरिक्त सहायक रिटर्निंग अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। उन्होंने कहा कि मतगणना का कार्य मतगणना तिथि के दिन प्रातः 8 बजे से प्रारम्भ होगा,  जिसमें प्रातः 8 बजे से पोस्टल बैलेट की गणना होगी। पोस्टल बैलेट की गणना प्रारम्भ होने के पश्चात् प्रातः 8.30 बजे से ईव्हीएम मशीनों के मतों की गणना प्रारम्भ होगी।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती कंगाले ने बताया कि मतगणना हॉल में ईव्हीएम में पड़े मतों की गिनती के लिए 14 टेबल लगाए गए हैं। यह गणना कुल 19 राउण्ड में पूरी होगी। पोस्टल बैलेट की गणना के लिए 1 अतिरिक्त टेबल की व्यवस्था की गई है। मतगणना हॉल के प्रत्येक टेबल में एक-एक काउटिंग सुपरवाईज़र, काउटिंग असिस्टेंट एवं माइक्रो आब्जर्वर होंगे, जो मतगणना का कार्य संपादित करेंगे। मतगणना हॉल में ही रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा मतगणना की जानकारी को संधारित करने के लिए डाटा कम्पाइलेशन एवं अपलोडिंग सेक्शन बनाया गया है। मतगणना हॉल में अभ्यर्थी या अभ्यर्थियों के मतगणना एजेन्ट्स भी उपस्थित रह सकेंगे, जो मतगणना हॉल में किए गए फेंस से बाहर लगी हुई कुर्सियों में बैठकर मतगणना कार्य का अवलोकन कर सकेंगे।

उन्होंने कहा कि मतगणना हॉल में अनाधिकृत व्यक्ति का प्रवेश निषेध रहेगा। रिटर्निंग ऑफिसर अपने विवेक के अनुसार किसी भी व्यक्ति को मतगणना परिसर या मतगणना हॉल से बाहर जाने को कह सकते हैं और यह निर्देश बाध्यकारी होगा। मतगणना हॉल में रिटर्निंग अधिकारी द्वारा दिया गया निर्देश सर्वमान्य होगा। विवाद की स्थिति निर्मित होने पर रिटर्निंग ऑफिसर कानूनी कार्यवाही कर सकता है। मतगणना हॉल में इलेक्ट्रॉनिक आईटम्स जैसे- मोबाईल, आईपैड, लैपटॉप, स्मार्ट वाच, कैमरा, तम्बाकू, गुटखा आदि ले जाना प्रतिबंधित है।

मतगणना अभिकर्ता मतगणना हॉल में कोरा कागज , मतपत्र लेखा प्रारूप 17सी भाग-1 की प्रति, रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा प्रदाय किया गया ईव्हीएम/व्हीव्हीपैट की सूची, जो विधानसभा के विभिन्न मतदान केन्द्रों में प्रयोग में लाई गई है तथा पेन/पेंसिल को ले जा सकेंगे। मतगणना हॉल के भीतर मतगणना के परिणाम का योग करने के लिए प्रत्येक टेबल पर एनालॉग कैल्क्यूलेटर की व्यवस्था की गई है. जिसका उपयोग अभ्यर्थी या उनके मतगणना अभिकर्ता कर सकते हैं। मतगणना परिसर में त्रिस्तरीय सुरक्षा रहेगी। प्रत्येक स्तर में सुरक्षाकर्मियों द्वारा प्रत्येक व्यक्ति की गहन जाँच की जाएगी। प्रत्येक व्यक्ति द्वारा सुरक्षाकर्मियों को अपना पहचान पत्र दिखाना अनिवार्य होगा। मतगणना कार्य की चक्रवार जानकारी भारत निर्वाचन आयोग के इनकोर काउटिंग एप्पलिकेशन में अपलोड किया जाएगा, जिसें आमजनhttps://results.eci.gov.in  लिंक के माध्यम से देख सकते हैं।

निर्वाचन परिणाम की घोषणा से 7 दिवस के भीतर अधिकतम मत प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी के बाद क्रम संख्या 2 एवं 3 पर आने वाले अभ्यर्थी द्वारा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र की अधिकतम 5 प्रतिशत ईव्हीएम (बीयू, सीयू एवं वीवीपेट) की बर्न्ट मेमोरी/माइक्रोकंट्रोलर की जाँच एवं सत्यापन हेतु आवेदन प्रस्तुत किया जा सकता है, जिसके लिए प्रति ईव्हीएम सेट 40,000 रूपये (18 प्रतिशत जीएसटी अतिरिक्त) का शुल्क देय होगा।

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