खबरे छत्तीसगढ़
बिजली के बकायेदारों पर एक्शन कनेक्शन काटने चल रहा अभियान
रायपुर। रायपुर जिले में जिन बकायादारों का बिजली बिल एक माह से ज्यादा बकाया है, उनका कनेक्शन काटकर बिजली कंपनी के अधिकारी बिल की वसूली कर रहे हैं। अब तक विभाग ने बकायेदारों से करीब 12 करोड़ रुपये वसूला है। दरअसल, बिजली मुख्यालय के निर्देश पर रायपुर जिले में जोनवार अभियान चलाकर उपभोक्ताओं से बकाया बिजली बिल वसूला जा रहा हैं। जोन अधिकारियों ने बताया कि बकाया बिल वसूलने चलाए जा रहे अभियान में सर्किल प्रभारी शामिल है। रायपुर जिला तीन सर्किल में बटा हुआ है।
सर्किल एक में बिजली कंपनी के अधिकारियों ने अभियान चलाकर 11 करोड़ 38 लाख 66 हजार से ज्यादा राशि पिछले पांच महीने के भीतर वसूला है। इसी तरह सर्किल दो में जोनवार अधिकारियों ने अभियान चलाकर इस महीने 67 लाख से ज्यादा बकाये की रिकवरी की है। बिजली कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि बकाया बिजली बिल की राशि वसूलने पिछले छह महीने से कनेक्शन काटने का अभियान चलाया जा रहा है। जब तक बकायेदारों से वसूली नहीं हो जाती, तब तक अभियान जारी रहेगा। जिन उपभोक्ताओं का बिल एक माह का बाकी है, उनकी भी लाइन काटकर रिकवरी की जा रही है।
बिजली कंपनी की टीम बड़े बकाएदारों पर सख्ती करने के बाद अब छोटे बकायेदारों के खिलाफ भी कार्रवाई कर रही है। दरअसल मुख्यालय से निर्देश मिलने के बाद जिले भर बिजली कंपनी के अधिकारियों ने जोनवार बकायेदारों का बिजली कनेक्शन काटने अभियान शुरू किया है। जिन उपभोक्ताओं का बिजली बिल पांच हजार रूपये या उससे अधिक बकाया होगा, उसका बिजली कनेक्शन भी काटा जा रहा है। उपभोक्ता जब तक बकाया बिल जमा नहीं करेगा, तब तक कनेक्शन नहीं जोड़ा जाएगा।
रायपुर सर्किल-एक में साढ़े छह हजार से अधिक बकायेदार उपभोक्ताओं से बिजली बिल वसूला जाना है।इसके बाद सर्किल दो और ग्रामीण इलाके में भी रिकवरी अभियान चलाया जायेगा।बिजली कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि जिले के सर्किल एक में आने वाले सभी जोन पर कार्रवाई की जा रही है।सबसे ज्यादा सेंट्रल जोन में बकाया है, इसलिए वहां के अधिकारियों को छोटे बकायेदारों पर सख्ती बरतने को कहा गया है।
रायपुर वृत्त-1 अधीक्षण अभियंता मनोज वर्मा ने बताया कि बकायेदारो से बिजली बिल की रिकवरी करने जोनवार अभियान चलाया जा रहा है।इस अभियान के दौरान करीब 12 करोड़ रूपये वसूला जा चुका है।जिन घरेलू उपभोक्ताओं का पांच हजार या उससे ज्यादा बिजली बिल बकाया है, उनका बिजली कनेक्शन काटकर उनसे रिकवरी की जा रही है।
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धमतरी के तरसींवा केन्द्र में 90.80 क्विंटल धान जब्त
रायपुर, 22 नवम्बर 2024 : धमतरी जिले के प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति तरसींवा के उपार्जन केन्द्र में खाद्य विभाग के अधिकारियों की टीम ने कृषक गोपीचंद द्वारा बेचने के लिए लाए गए 90 क्विंटल 80 किलो धान जब्त किया। धान जब्ती की यह कार्यवाही कोचिया से मिली भगत कर किसान द्वारा पुराने धान को नए धान के साथ मिक्स कर समर्थन मूल्य पर खपाने का आरोप सही पाए जाने पर की गई।
गौरतलब है कि खाद्य विभाग के अधिकारियों की टीम आज तरसींवा धान उपार्जन केन्द्र में गठित निगरानी समिति से प्राप्त सूचना के आधार वहां पहुंची और किसान गोपीचंद साहू द्वारा लाए गए धान का परीक्षण किया। जिसमें मिक्स किस्म का पुराना धान लाना पाया गया। किसान गोपीचंद ने बताया कि रांवा में कुल 6 खसरों में 1.75 हेक्टे. कृषि भूमि है, जिसका पंजीयन उपार्जन केन्द्र तरसींवा में किया गया है। किसान गोपीचंद के बयान के बाद खाद्य विभाग के अधिकारियों एवं समिति के सदस्यों द्वारा किसान के सभी खसरों का मौका मुआयना किया गया, जिसमें सिर्फ एक खसरे रकबा 0.73 हेक्टे. पर ही धान की कटाई एवं मिंजाई होना पाया गया तथा शेष खसरों पर खेत में धान होना पाया गया।
खाद्य अधिकारी ने बताया कि किसान गोपीचंद द्वारा ग्राम रांवा के धान कोचिया श्री देवेन्द्र कुमार के साथ मिलीभगत कर शेष धान की मात्रा 52.48 क्विंटल (मिक्स किस्म का पुराना धान)को उपार्जन केन्द्र में लाकर खपाने की कोशिश की गई। इस प्रकार धान कोचिया के धान को किसान गोपीचंद साहू द्वारा अपने टोकन में फर्जी तरीके से बिक्री करते पाए जाने पर बिक्री हेतु लाए गए 90.80 क्विंटल धान को उपार्जन केन्द्र तरसींवा में गठित निगरानी समिति के सदस्यों द्वारा जब्ती की कार्यवाही की गई। कार्यवाही में खाद्य विभाग एवं उपार्जन केन्द्र तरसींवा में गठित निगरानी समिति के सदस्य श्रीमती बसंती नेताम, श्रीमती चंद्रकला साहू, श्री विकास कुमार साहू, श्रीमती तोषी भूआर्य उपस्थित थे।
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विधायक अग्रवाल ने पीएम स्वनिधि योजना का किया शुभारंभ,हितग्राही को किये ₹50 हजार का चेक वितरण
रिपोर्टर मुन्ना पांडेय,सरगुजा : नगर पंचायत लखनपुर में प्रधानमंत्री स्वनिधि पखवाड़ा 18 नवंबर से 2 दिसंबर 2024 तक चलाया जा रहा है इसी क्रम में 21 नवंबर दिन गुरुवार को नगर पंचायत कार्यालय परिसर में प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना का शुभारंभ बतौर अतिथि अंबिकापुर विधायक राजेश अग्रवाल द्वारा किया गया।
साथ ही हितग्राही हुसैन को अतिथि के करकमलों से ₹50000 चेक का वितरण किया गया। दरअसल प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना अंतर्गत शहर के रेहड़ी पटरी वाले व्यवसाय हेतु बिना ब्याज दरों पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। इसी तारतम्य में स्वनिधि योजना अंतर्गत नगर पंचायत कार्यालय परिसर में रेडी पटरी और जरूरतमंदों को स्व निधि योजना से लाभ अर्जित करने फॉर्म भराया गया।
इस दौरान नगर अध्यक्ष श्रीमती सावित्री साहू भाजपा मंडल अध्यक्ष दिनेश साहू ओबीसी पिछड़ा वर्ग जिला अध्यक्ष राजेंद्र जायसवाल,मुख्य नगर पालिका अधिकारी विद्यासागर चौधरी ,जितेंद्र सिंह सहित अन्य कर्मचारी मौजूद रहे।
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कांकेर जिले को मत्स्य पालन के लिए मिला बेस्ट इनलैंड डिस्ट्रिक्ट का राष्ट्रीय अवार्ड
रायपुर, 22 नवम्बर 2024 : छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले को मत्स्य पालन के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर बेस्ट इनलैंड डिस्ट्रिक्ट अवार्ड मिला है। आज 21 नवंबर को विश्व मात्स्यिकीय दिवस के अवसर केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन, डेयरी एवं पंचायतीराज मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, राज्य मंत्री प्रोफेसर एस.पी. सिंह बघेल एवं जॉर्ज कुरियन ने छत्तीसगढ़ के मछली विभाग के संचालक नारायण सिंह नाग, सहायक संचालक मछली पालन कांकेर एस.एस. कंवर को नई दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित सुषमा स्वराज भवन में ट्राफी एवं प्रशस्ति पत्र भेंटकर सम्मानित किया। छत्तीसगढ़ राज्य को इससे पूर्व मत्स्य पालन के क्षेत्र में देश के बेस्ट इनलैंड स्टेट का अवार्ड मिल चुका है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कांकेर को देश का बेस्ट इनलैंड डिस्ट्रिक्ट अवार्ड मिलने पर प्रसन्नता जताई है। उन्होंने इस गौरवपूर्ण उपलब्धि के लिए कांकेर सहित राज्य के सभी मत्स्य कृषकों एवं मछलीपालन विभाग के अधिकारियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि छत्तीसगढ़ लैंड लॉक प्रदेश होने के बावजूद भी मत्स्य पालन के क्षेत्र में देश में अग्रणी स्थान पर है। मछली बीज उत्पादन में छत्तीसगढ़ देश का आत्मनिर्भर राज्य है। यह राज्य के मत्स्य कृषकों की मेहनत का परिणाम है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में मछली पालन के लिए 2.032 लाख हेक्टेयर जल क्षेत्र है, जिनमें से 96 प्रतिशत में किसी न किसी रूप में मत्स्य पालन हो रहा है। राज्य में प्रतिवर्ष 546 करोड़ मत्स्य बीज तथा 7.30 लाख टन मत्स्य उत्पादन हो रहा है। यहां से पड़ोसी राज्यों को भी मत्स्य बीज का निर्यात होता है। राज्य मत्स्य बीज उत्पादन में देश में 6वें तथा मत्स्य उत्पादन में देश में 8 वें स्थान पर है। छत्तीसगढ़ राज्य के मत्स्य पालकों को किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से बैंक से ऋण की सुविधा प्रदान की जा रही है। पात्रतानुसार मत्स्य कृषकों को एक प्रतिशत से लेकर तीन प्रतिशत ब्याज पर अल्प अवधि ऋण भी दिया जा रहा है।
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