खबरे छत्तीसगढ़
जिले में 14 समिति के माध्यम से 25 उपार्जन केंद्रों में किया गया धान की खरीदी,किसानों का पुष्पगुच्छ और श्रीफल भेंट कर किया गया स्वागत
एमसीबी/14 नवम्बर 2024 : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के सुशासन में प्रदेश के समस्त 33 जिलों में कृषक उन्नति योजना के तहत किसानों से 3100 रूपए प्रति क्विंटल की दर और प्रति एकड़ 21 क्विंटल के मान से धान खरीदी का कार्य आज 14 नवम्बर से प्रारम्भ कर दिया है। खरीदी के प्रथम दिन जिले के 11 उपार्जन केन्द्रों से 934.4 क्विंटल धान का टोकन काटा गया। सभी खरीदी केंद्रों में कृषकों की सुविधा का ध्यान रखा गया है। उनके बैठने के लिए छायादार स्थान की व्यवस्था, पेयजल, शौचालय आदि की व्यवस्था की गयी है। सभी उपार्जन केन्द्रों में किसान का स्वागत पुष्पगुच्छ और श्रीफल देकर किया गया। सभी उपार्जन केंद्रों में आद्रता मापी यंत्र से धान की आद्रता मापकर 17 प्रतिशत से कम आद्रता वाले धान ही खरीदे जायेंगे। धान की राशि का भुगतान कृषक द्वारा लिये गये ऋण के समायोजन के पश्चात् पीएफएमएस सिस्टम के माध्यम से किसान के खाते में ही किया जायेगा। किसानों से धान खरीदी ऑनलाइन काटे गये टोकन के आधार पर ही जायेगी। धान की खरीदी में लगने वाले बारदानों की पर्याप्त व्यवस्था कर ली गयी है।
धान उपार्जन केंद्रों में धान की खरीदी बायोमेट्रिक आधारित होगी। किसान स्वयं या उसके द्वारा नामित एक नॉमिनी को खरीदी केंद्र में उपस्थित होकर बायोमेट्रिक एथेन्टिकेशन के आधार पर धान विक्रय कर सकेगा। नामिनी के रूप में किसान के परिवार के नामित सदस्य जैसे कि माता, पिता, पति, पत्नी, पुत्र, पुत्री, दामाद, पुत्रवधू, सगे भाई-बहन एवं अन्य करीबी रिश्तेदार को मान्य किया जायेगा। यदि इस आधार पर धान खरीदी विक्रय में कठिनाई आती है तो ट्रस्टेड पर्सन के द्वारा आधार प्रमाणीकरण कर ही धान विक्रय किया जा सकेगा। यदि आधार प्रमाणीकरण में किसी प्रकार की समस्या आती है तो अंतिम विकल्प के रूप में आधार से लिंक मोबाइल नंबर में ओटीपी भेजकर किसान अथवा नामांकित व्यक्ति का पहचान प्रमाणीकरण का विकल्प भी उपलब्ध रहेगा। जो कृषक विगत वर्ष पंजीयन कराने के बाद भी धान अपने खाते में नहीं बेच हैं उन्हें अपने क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व से अनुमति लेकर अपना धान उपार्जन केंद्र में विक्रय करना होगा।
धान निरीक्षण- प्रति उपार्जन केंद्र में प्रति सप्ताह शनिवार को उपार्जित किये धान की मात्रा का परीक्षण सहायक नोडल अधिकारी द्वारा मोबाइल ऐप के माध्यम से किया जायेगा। समर्थन मूल्य पर एफएक्यू क्वालिटी का धान खरीदा जायेगा। सीमावर्ती राज्यों से धान की आवक में रोक लगाने हेतु 10 अन्तर्राज्यीय बैरियर चेक पोस्ट बनाये गये है। खरीफ वर्ष 2024-25 में 14 नवंबर, 2024 से 30 अप्रैल, 2025 तक अन्य राज्यों से धान का आयात संचालक खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति की अनुमति से ही हो सकेगा। कोचियों एवं बिचौलियों के द्वारा समिति में धान लाकर अन्य किसानों के पंजीयन में खपाने का प्रयास करने पर उनका वाहन एवं धान जप्ती कर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।धान खरीदी की अवधि- 31 जनवरी तक होगी धान खरीदी खरीफ विपणन साल 2024-25 में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन और कस्टम मिलिंग की नीति को अप्रूव किया गया। राज्य में खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के दौरान समर्थन मूल्य पर राज्य के किसानों से नगद और लिंकिंग में धान खरीदी 14 नवम्बर से शुरू होकर 31 जनवरी 2025 तक धान खरीदी चलेगी।
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सुंगेरा एनीकट निर्माण के लिए 9 करोड़ से अधिक रुपये स्वीकृत
रायपुर, 22 नवंबर 2024 : राज्य शासन ने बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के विकासखंड तिल्दा की कोल्हान नाले पर सुंगेरा एनीकट के निर्माण के लिए नौ करोड़ चार लाख 14 हजार रूपये स्वीकृत किये हैं। योजना के कोर्यों के निर्माण हो जाने पर क्षेत्रीय किसानों को निस्तारी, पेयजल, भू-जल संवर्धन आवागमन एवं कृषकों को निजी पम्प के माध्यम से करीब 80 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा मिलेगी। जल संसाधन विभाग मंत्रालय महानदी भवन से मुख्य अभियंता महानदी गोदावरी कछार जल संसाधन विभाग रायपुर को एनीकट का निर्माण कराने प्रशासकीय स्वीकृति जारी की है।
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बाल विवाह रोकने जागरूकता व जनभागीदारी जरूरी : रेणुका सिंह
कोरिया : भरतपुर-सोनहत विधायक रेणुका सिंह ने कल कटगोड़ी ग्राम पंचायत में आयोजित जिला स्तरीय जनसमस्या निवारण शिविर में आम लोगों से अपील करते हुए कहा कि बाल विवाह रोकने की जिम्मेदारी सिर्फ शासन-प्रशासन की ही नहीं है, हम सबकी है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह एक सामाजिक बुराई है, ऐसे में समाज प्रमुखों व जनप्रतिनिधि आप सब अपने परिवार, गांव व समाज में बाल विवाह के खिलाफ अभियान चलाएं ताकि कम उम्र में होने वाले विवाह को रोका जा सके।
उन्होंने आम लोगों को संकल्प दिलाते हुए कहा कि 18 वर्ष से कम उम्र के लड़कियों और 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के का विवाह नहीं होने दे, कम उम्र की शादी एक सामाजिक बुराई एवं कानून अपराध है। इसकी रोकथाम के लिए हर संभव प्रयास किया जाए ताकि जिले को बाल विवाह मुक्त बनाया जा सके।
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श्रमिक सम्मेलन: श्रमिक सशक्तिकरण की नई पहल..कोरिया जिले के 304 हितग्राहियों को विभिन्न योजनाओं के तहत 27 लाख से अधिक की राशि प्रदान
कोरिया : विगत दिनों कोरबा में आयोजित श्रमिक सम्मेलन ने छत्तीसगढ़ में श्रमिक सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्थापित किया।कार्यक्रम में कोरिया जिले के श्रमिकों और उनके परिवारों के लिए आर्थिक, शैक्षणिक और सामाजिक विकास के तहत संचालित योजनाओं का लाभ सीधे हितग्राहियों तक पहुंचाया गया।जिले के 304 हितग्राहियों को विभिन्न योजनाओं के तहत कुल 27 लाख 20 हजार 266 की राशि प्रदान की गई। यह राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में जमा की गई, जिससे पारदर्शिता और विश्वास सुनिश्चित हुआ।
श्रमिक हित में संचालित योजनाएं
कार्यक्रम के दौरान विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सहायता प्रदान की गई।मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण सहायता योजना का उद्देश्य बेटियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। कार्यक्रम में 73 हितग्राहियों को 14 लाख 60 हजार की राशि वितरित की गई। यह योजना बेटियों की शिक्षा और भविष्य को सुरक्षित करने का प्रयास है। मिनीमाता महतारी जतन योजना के तहत मातृ स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए 4 लाभार्थियों को 80 हजार रुपये की सहायता राशि दी गई। मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना के तहत शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए तीन विद्यार्थियों को एक लाख 10 हजार रुपए की सहायता प्रदान की गई, वहीं निर्माण श्रमिकों के बच्चों हेतु निःशुल्क गणवेश एवं पुस्तक- कॉपी सहायता योजना के तहत इन श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा के लिए 191 बच्चों को दो लाख 74 हजार रुपये की राशि दी गई। मुख्यमंत्री सायकल सहायता योजना के अंतर्गत श्रमिकों के आवागमन को सुविधाजनक बनाने के लिए 26 श्रमिकों को 96 हजार 266 की सहायता राशि प्रदान की गई, वहीं मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजना निर्माण कार्य के दौरान दिवंगत या दिव्यांग श्रमिकों के परिवारों को 7 नॉमिनियों को 7 लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान कर सहयोग किया गया।
श्रमिक कल्याण के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता
यह सम्मेलन मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में श्रमिकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा संचालित योजनाएं श्रमिक वर्ग के समग्र विकास की दिशा में मजबूत कदम हैं।
पारदर्शिता और सशक्तिकरण का मॉडल
इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी विशेषता डीबीटी के माध्यम से राशि का सीधा हस्तांतरण है। इससे हितग्राही को त्वरित लाभ मिलता है। निश्चित ही प्रदेश की श्ऊर्जाधानीश् के रूप में प्रसिद्ध कोरबा में आयोजित यह श्रमिक सम्मेलन राज्य सरकार की श्रमिकों के प्रति संवेदनशीलता और उनके सशक्तिकरण के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है। इस प्रकार के कार्यक्रम न केवल श्रमिक वर्ग का मनोबल बढ़ाते हैं, बल्कि उनके जीवन में वास्तविक बदलाव लाने में सहायक होते हैं। श्रम मंत्री श्री लखन देवांगन व छत्तीसगढ़ सरकार के इन प्रयासों से श्रमिक वर्ग को नई उम्मीदें मिली हैं और यह राज्य के समावेशी विकास की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है।
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