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17 सितंबर से शुरू हो रहे हैं पितृ पक्ष, क्यों जरूरी होता पितरों का श्राद्ध या पिंडदान?जानिए
भाद्रपद महीने की पूर्णिमा से सोलह दिवसीय श्राद्ध प्रारंभ होते हैं। पूर्णिमा की उदयातिथि 18 सितंबर को होगी, लेकिन बुधवार को पूर्णिमा सुबह 8 बजकर 5 मिनट पर समाप्त हो जाएगी और श्राद्ध दोपहर में किया जाता है। लेकिन 17 सितंबर को दोपहर के समय पूर्णिमा है, इसलिए पूर्णिमा तिथि वालों का श्राद्ध मंगलवार को किया जाएगा, जबकि बुधवार के दिन प्रतिपदा तिथि वालों का श्राद्ध किया जाएगा। दरअसल, 18 सितंबर को दिन दोपहर के समय प्रतिपदा तिथि रहेगी। ये सोलह दिवसीय श्राद्ध 17 सितंबर से शुरू होकर 2 अक्टूबर, बुधवार के दिन आश्विन महीने की अमावस्या को समाप्त होंगे।
बता दें कि श्राद्ध को महालय या पितृपक्ष के नाम से भी जाना जाता है। 17 सितंबर, मंगलवार को उन लोगों का श्राद्ध किया जाएगा, जिनका स्वर्गवास किसी भी महीने की पूर्णिमा तिथि को हुआ हो। इसे प्रौष्ठप्रदी श्राद्ध भी कहते हैं। जिनका स्वर्गवास जिस तिथि को हुआ हो, श्राद्ध के इन सोलह दिनों के दौरान उसी तिथि को उन लोगों का श्राद्ध किया जाता है। आइए अब आचार्य इंदु प्रकाश से जानते हैं कि पितृ पक्ष में पितरों का श्राद्ध और पिंडदान करना क्यों महत्वपूर्ण होता है।
श्राद्ध शब्द श्रद्धा से बना है, जिसका मतलब है पितरों के प्रति श्रद्धा भाव। हमारे भीतर प्रवाहित रक्त में हमारे पितरों के अंश हैं, जिसके कारण हम उनके ऋणी होते हैं और यही ऋण उतारने के लिए श्राद्ध कर्म किये जाते हैं। आप दूसरे तरीके से भी इस बात को समझ सकते हैं। पिता के जिस शुक्राणु के साथ जीव माता के गर्भ में जाता है, उसमें 84 अंश होते हैं, जिनमें से 28 अंश तो शुक्रधारी पुरुष के खुद के भोजनादि से उपार्जित होते हैं और 56 अंश पूर्व पुरुषों के रहते हैं। उनमें से भी 21 उसके पिता के, 15 अंश पितामह के, 10 अंश प्रपितामाह के, 6 अंश चतुर्थ पुरुष के, 3 पंचम पुरुष के और एक षष्ठ पुरुष के होते हैं। इस तरह सात पीढ़ियों तक वंश के सभी पूर्वज़ों के रक्त की एकता रहती है। लेकिन श्राद्ध या पिंडदान मुख्यतः तीन पीढ़ियों तक के पितरों को दिया जाता है।
पितृपक्ष में किये गए कार्यों से पूर्वजों की आत्मा को तो शांति प्राप्त होती ही है। साथ ही कर्ता को भी पितृ ऋण से मुक्ति मिलती है। हमारे धर्म-शास्त्रों के अनुसार मृत्यु के बाद जीवात्मा को उसके कर्मानुसार स्वर्ग-नरक में स्थान मिलता है। पाप-पुण्य क्षीर्ण होने पर वह पुनः मृत्यु लोक में आ जाती है। मृत्यु के पश्चात पितृयान मार्ग से पितृलोक में होती हुई चन्द्रलोक जाती है। चन्द्रलोक में अमृतत्व का सेवन करके निर्वाह करती है और ये अमृतत्व कृष्ण पक्ष में चन्द्रकलाओं के साथ क्षीर्ण पड़ने लगता है। अतः कृष्ण पक्ष में वंशजों को आहार पहुंचाने की व्यवस्था की गई है। ये आहार श्राद्ध के माध्यम से पूर्वजों को पहुंचाया जाता है। पूर्णिमा के दिन श्राद्ध करने से श्राद्ध करने वाले को और उसके परिवार को अच्छी बुद्धि, पुष्टि, धारण करने की शक्ति, पुत्र-पौत्रादि और ऐश्वर्य की प्राप्त होती है।
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जानिए राशि के अनुसार आपका दिन कैसा रहेगा और किन उपायों से इसे आप बेहतर कर सकते हैं
आज आश्विन शुक्ल पक्ष की उदया तिथि तृतीया और रविवार का दिन है। तृतीया तिथि आज सुबह 7 बजकर 50 मिनट तक रहेगी, उसके बाद चतुर्थी तिथि लग जाएगी। आज नवरात्र का चौथा दिन है। आज पूरा दिन पूरी रात पार कर कल सुबह 6 बजकर 40 मिनट तक प्रीति योग रहेगा। साथ ही आज रात 12 बजकर 11 मिनट तक विशाखा नक्षत्र रहेगा। इसके अलावा आज विनायक श्री गणेश चतुर्थी व्रत किया जाएगा। जानिए कैसा रहेगा आपके लिए 06 अक्टूबर 2024 का दिन और किन उपायों से आप ये दिन बेहतर बना सकते हैं। साथ ही जानते हैं कि आपके लिए लकी नंबर और लकी रंग कौन सा होगा।
मेष राशि-
आज आपका दिन अच्छा रहेगा। किसी भी काम को करते समय अपना मन शांत रखना चाहिए। इससे आपका काम आसानी से पूरा होगा। पैसों से जुड़े बड़े फैसले आपको सोच-समझकर ही लेने चाहिए। आज घरवालों के साथ कहीं बाहर घूमने जाना आपके लिए अच्छा रहेगा। कोर्ट-कचहरी के मामले में आपको किसी अनुभवी व्यक्ति से ही सलाह लेनी चाहिए। छात्रों के लिए दिन ठीक रहेगा। मां कूष्मांडा को फूल अर्पित करें, आपको अपनी मेहनत का फल जरूर मिलेगा।
- शुभ रंग- बैंगनी
- शुभ अंक- 3
वृष राशि-
आज आपका दिन उत्तम रहेगा। इस राशि के स्टूडेंट्स के लिए आज का दिन अच्छा है। किसी कॉम्पिटिटिव एग्जाम से रिलेटिड शुभ समाचार मिलेगा। आर्थिक क्षेत्र में स्थिरता बनी रहेगी। आप दोस्तों के साथ कुछ खुशी के पल बितायेंगे। जो लोग मीडिया के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं, उनके कामों की आज प्रशंसा होगी। किसी खास व्यक्ति का सहयोग आपको मिलेगा। मां दुर्गा की आरती करें, आपकी आमदनी में बढ़ोतरी होगी।
- शुभ रंग- बैंगनी
- शुभ अंक- 5
मिथुन राशि-
आज आपका दिन बेहतरीन रहेगा। किसी व्यक्ति से आपको उम्मीद से अधिक फायदा होगा। घर के किसी काम को पूरा करने में बड़े-बुजुर्ग की राय आपके लिए कारगर साबित होगी। इस राशि के लवमेट के लिए आज का दिन बढ़िया है। थोड़ी मेहनत से किसी बड़े धन लाभ का अवसर प्राप्त होगा। नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं को आज किसी बड़ी कंपनी में जॉब मिलेगी। महिलाएं अगर कोई घरेलू उद्योग शुरु करना चाहती हैं, तो आज का दिन अच्छा रहेगा। मां कूष्मांडा के सामने घी का दीपक जलाये, जीवन में दूसरे लोगों का सहयोग मिलता रहेगा।
- शुभ रंग- पीला
- शुभ अंक- 9
कर्क राशि-
आज आपका दिन ठीक-ठाक रहेगा। आप अपने व्यवहार को निखारने की कोशिश करेंगे। आपके कुछ कामों में अधिक समय लगेगा, जिससे आपको थोड़ी उलझन होगी। ऑफिस में आपको कुछ लोगों से मदद मिलेगी। इस राशि वाले छात्रों को आज पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। आपको अच्छे फल पाने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी। मां दुर्गा का ध्यान करें सेहत अच्छी बनी रहेगी।
- शुभ रंग- पिच
- शुभ अंक- 1
सिंह राशि-
आज आप लोगों को अपनी योजनाओं से सहमत कर लेंगे। आपको सबका पूरा साथ मिलेगा। ऑफिस में सीनियर्स आपके काम को देखकर खुश होंगे। लवमेट के लिए आज का दिन अनुकूल रहेगा। माता-पिता आपको कोई बड़ा गिफ्ट देंगे इससे आप बड़े ही खुश नजर आएंगे। तकनीकी क्षेत्र के स्टूडेंट्स के लिए आज का दिन फेवरेबल है। आप किसी नई तकनीक को सीखने की भी कोशिश करेंगे। मां कूष्मांडा को किसी मीठे का भोग लगायें, आपको किस्मत का सहयोग मिलेगा।
- शुभ रंग- भूरा
- शुभ अंक- 9
कन्या राशि-
आज आपका दिन आपके अनुकूल रहेगा। आपका दिन घूमने-फिरने में अधिक बीत सकता है। परिवार वालों के साथ समय बितायेंगें। इस राशि के व्यापारी वर्ग को अचानक कोई बड़ा धन लाभ होगा। आपका आर्थिक पक्ष पहले की अपेक्षा मजबूत होगा। पैसों की स्थिति में बड़े बदलाव होने की संभावना है। आज आपके व्यवहार से आपके जीवनसाथी प्रसन्न होंगे। आज शाम तक कोई शुभ समाचार मिलने से घर में खुशियों का माहौल बनेगा। मां दुर्गा को लाल चुनरी चढ़ाए समाज के लोगों में आपका समान बढ़ेगा।
- शुभ रंग- मैजेंटा
- शुभ अंक- 7
तुला राशि-
आज आपका दिन अच्छा रहेगा। आप अपने कार्यक्षेत्र में बेहतर ढंग से काम करने की कोशिश करेंगे। मेहनत से किये गये काम में आपको सफलता मिलेगी। इस राशि के कॉलेज के स्टूडेंट्स को नये प्रोजेक्ट पर काम करनेका मौका मिलेगा। बड़ों का सहयोग आपके करियर को आगे बढ़ाने में मदद करेगा। लंबे समय से रूके हुए सरकारी कामों का आज निपटारा हो जायेगा। अपनी जिम्मेदारियों को अच्छे से निभायेंगे। दोस्तों की सलाह आज आपके बहुत काम आयेगी। मां कूष्मांडा को इलायची अर्पित करें, जीवन में खुशियों की प्राप्ती होगी।
- शुभ रंग- हरा
- शुभ अंक- 8
वृश्चिक राशि-
आज आपका दिन फेवरेबल रहेगा। बच्चे आपको कोई शुभ समाचार देंगे, जिससे परिवार के सभी सदस्य खुश होंगे। सेहत के मामले में आप खुद को स्वस्थ महसूस करेंगे। आपको अपनी मेहनत का फल जरूर मिलेगा। किसी रचनात्मक कार्य में आपका नाम होगा और आपको प्रसिद्धि मिलेगी। आपको आर्थिक मामलों में लाभ मिलेगा। अपने भविष्य को बेहतर बनाने के लिए आप नये कदम उठाएंगे, जिसमें आप सफल भी होंगे। आपकी सकारात्मक सोच आपको लाभ दिलायेगी। मां दुर्गा को लौंग अर्पित करें, आपके सभी रूके हुए काम बनेंगे।
- शुभ रंग- गुलाबी
- शुभ अंक- 6
धनु राशि-
आज आप अपने खर्चे पर कंट्रोल करने की कोशिश करेंगे। इस राशि के स्टूडेंट्स को शिक्षकों का सपोर्ट मिलेगा। आने वाले समय में आपकी महत्वकांक्षाएं बढ़ भी सकती हैं। हर कोई आपकी बातों से प्रभावित होगा। जल्द ही कुछ नई जिम्मेदारियां आपको मिलेगी। आपको अपनी मनपसंद कंपनी में इंटरव्यू के लिए बुलावा आयेगा। आज आप धार्मिक कार्यों में रूचि लेंगे। साथ ही किसी धार्मिक आयोजन का हिस्सा भी बनेंगे। मां कूष्मांडा के आगें हाथ जोडें, रूकें हुए काम पूरें होंगे।
- शुभ रंग- पीला
- शुभ अंक- 3
मकर राशि-
आज आपका दिन फेवरेबल रहेगा। आप ज्यादा समय परिवार वालों के साथ बिता सकते हैं। आज आपके लिए कोई फैसला करना कठिन होगा। ऑफिस में काम ज्यादा होने के कारण जीवनसाथी के साथ कहीं घूमने का प्लान कैंसिल हो जायेगा। आज आपका मन अध्यात्म की ओर रहेगा आप धार्मिक समारोह का आयोजन करवा सकते है। आज आपको उन लोगों से सावधान रहने की जरूरत है, जो आपको गलत राह पर ले जाने की सोचते हैं। मां दुर्गा को पान का पत्ता चढ़ाएं, आपकी परिवारिक परेशानियाँ भी दूर होंगी।
- शुभ रंग- लाल
- शुभ अंक- 2
कुंभ राशि-
आज आपका दिन मिला-जुला रहेगा। घर पर अचानक कोई रिश्तेदार आ सकते हैं, जिससे घर के माहौल में कुछ अच्छे बदलाव आएंगे। आपको किसी भी वाद-विवाद से बचने की जरुरत है। किसी से बातचीत करते समय आपको अपनी वाणी पर संयम रखना चाहिए। इस राशि के इंजीनियर्स के लिए आज का दिन फायदेमंद होगा। मेहनत के बल पर आपको काम में सफलता मिलेगी। बच्चों की सफलता से आपको गर्व की अनुभूति होगी। मां कूष्मांडा के आगे माथा ठेके, करोबार में बरकत होगी।
- शुभ रंग- आसमानी
- शुभ अंक- 2
मीन राशि-
आज आपका दिन शानदार रहेगा। आपको परिवार से जुड़ी कई जिम्मेदारियां निभानी पड़ेंगी, जो कि आप अच्छे से संभाल लेंगे। साथ काम करने वाले लोगों से आपको मदद मिलेगी। दोस्तों की मदद से आपके काम की प्लानिंग सफल होगी। अपने व्यक्तित्व को निखारने के लिए आज का दिन बढ़िया है। साथ ही आज का दिन कम मेहनत में ज्यादा फल दिलाने वाला रहेगा। ऑफिस में बहुत दिनों से रुके हुये कामों को आप आसानी से निपटा लेंगे। साथ ही आपको बॉस का पूरा-पूरा सहयोग भी प्राप्त होगा। मां दुर्गा को इलायची चढाए, आपकी मेहनत रंग लाएगी।
- शुभ रंग- नारंगी
- शुभ अंक- 4
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महाअष्टमी कब, 10 या 11 अक्टूबर को, जानें शुभ-मुहूर्त…
हैदराबादः शारदीय नवरात्रि जारी है. इस दौरान मां भगवती के नौ रूपों की नौ दिनों तक श्रद्धा व नियम के साथ भक्त पूजा अर्चना करते हैं. नवरात्रि में कन्या पूजन का विशेष महत्व है. दुर्गा पूजा का दूसरा दिन महाष्टमी है, जिसे महा दुर्गाष्टमी के रूप में भी जाना जाता है. महाष्टमी नवरात्रि का सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक है. षोडशोपचार पूजा एवं महास्नान के साथ महाष्टमी प्रारंभ होता है. धार्मिक मामलों के जानकारों के साथ सप्तमी के समान ही महाअष्टमी की पूजा होती है, सिर्फ महासप्तमी पर प्राण प्रतिष्ठा की जाती है.
कब है महाअष्टमी 10 या 11 अक्टूबर को
द्रिक पंचांग के अनुसार अष्टमी तिथि 10 अक्टूबर 2024 दोपहर 12.31 बजे से प्रारंभ है. 11 अक्टूबर 2024 दोपहर 12.06 बजे अष्टमी समाप्ति का समापन हो जायेगा. वहीं नवमीं तिथि 11 अक्टूबर को दोपहर दोपहर 12 बजकर 6 मिनट से प्रारंभ होकर 12 अक्टूबर को सुहब 10 बजकर 58 मिनट तक है. 10 अक्टूबर को अष्टमी व्रत नहीं रखा जा सकता है. धर्म ग्रंथों में सप्तमी युक्त अष्टमी व्रत निषेध माना गया है. 11 अक्टूबर को दोपहर तक अष्टमी तिथि है. उसके बाद नवमी शुरू हो जायेगा. इस कारण 2024 में अष्टमी व नवमीं एक ही दिन पड़ रहा है.
महाअष्टमी के अवसर पर छोटे-छोटे नौ कलशों को स्थापित कर माता के नौ शक्ति के रूपों का आह्वान किया जाता है. इस दिन माता के सभी नौ रूपों की पूजा की जाती है. महाअष्टमी के अवसर पर कन्या पूजन/कुमारी पूजन की परंपरा है. इस दौरान कुंवारी कन्याओं को मां दुर्गा का साक्षात रूप मानक नियम पूर्वक उनकी पूजा-अर्चना की जाती है. इस अवसर कई जगहों को इन कन्याओं को अंग-वस्त्र, नकद व भोज्य सामग्री की भी परंपरा है. दूसरी ओर कई जगहों पर नवरात्रि में लगातार नौ दिनों तक कन्याओं का पूजन किया जाता है. ऐसे ज्यादातर जगहों पर महाष्टमी के अवसर पर कन्या पूजन की परंपरा है. महाअष्टमी के दिन पौराणिक सन्धि पूजन की परंपरा है. अष्टमी के दिन के अंतिम 24 मिनट का समय व नवमी के दिन का पहला 24 मिनट के समय को सन्धिकाल के रूप में जाना जाता है. नवरात्रि के नौ दिनों में सन्धिकाल सर्वाधिक पवित्र समय होता है. सन्धिकाल में शुभ मुहूर्त में पशुबलि की परंपरा है. वहीं कई जगहों पर शाकाहारी बलि की भी परंपरा है,
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श्रीमद् भागवत और भगवतगीता में क्या अंतर है? यहां जान लीजिए इसका सही अर्थ और महत्व
श्रीमद् भागवत को अक्सर भगवद गीता समझ लिया जाता है,क्योंकि भगवद और भागवत दोनों शब्द एक जैसे ही सुनाई देते है लेकिन इन दोनों में बहुत बड़ा अंतर होता है, दोनों ग्रंथ वेद व्यास द्वारा लिखे गए हैं। हालांकि भगवद गीता श्रीमद् भागवत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है लेकिन दोनों ग्रंथ पूरी तरह से अलग हैं। इस युग के बहुत से लोग वैदिक ग्रंथों या हिंदू धर्मग्रंथों के बारे में ज्यादातर नहीं जानते हैं। इस पीढ़ी के बीच एक आम भ्रम भगवद गीता और श्रीमद्भागवतम के बीच के अंतर को लेकर है। श्रीमद् भागवत को आम तौर पर भगवद गीता के समान ही समझ लिया जाता है। श्रीमद् भागवत को हिंदू धर्म के 18 पुराणों में से एक, भागवत पुराण के नाम से जाना जाता है।
भगवद गीता: यह 700 श्लोकों का एक संक्षिप्त ग्रंथ है, जो महाभारत के भीष्म पर्व का हिस्सा है। यह अर्जुन और भगवान श्रीकृष्ण के बीच संवाद के रूप में प्रस्तुत किया गया है।
श्रीमद् भागवत: यह एक विस्तृत ग्रंथ है, जिसमें 12 स्कंध (खंड) और 18,000 श्लोक हैं। यह मुख्य रूप से भगवान श्रीकृष्ण के जीवन और लीलाओं का वर्णन करता है।
उद्देश्य-
भगवद गीता: इसका मुख्य उद्देश्य जीवन के नैतिक और दार्शनिक पहलुओं को समझाना है। इसमें कर्म, भक्ति, ज्ञान और योग के विभिन्न मार्गों का वर्णन है।
श्रीमद् भागवत: यह भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति और उनके चमत्कारों पर केंद्रित है। इसमें भक्ति योग और भगवान की लीलाओं का गहन विवरण है।
भक्ति का स्तर-
भगवद गीता: यह भक्ति को एक मार्ग के रूप में प्रस्तुत करती है लेकिन इसमें ज्ञान और कर्म का भी महत्वपूर्ण स्थान है।
श्रीमद् भागवत: भक्ति का एक उच्चतम स्तर प्रस्तुत करता है, जिसमें भगवान की प्रेमपूर्ण भक्ति और उनके प्रति समर्पण का वर्णन है।
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