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रोहित शर्मा की टीम इंडिया ने रचा इतिहास, ऑस्ट्रेलिया की बादशाहत को चुनौती
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भारतीय क्रिकेट टीम तीसरी बार आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची है। इससे पहले दो और बार भारत ने ऐसा किया है, जिसमें से एक बार भारतीय टीम जीती थी और एक बार उसे हार का सामना करना पड़ा है। इस बीच क्रिकेट की दुनिया में आज भी ऑस्ट्रेलिया को सबसे बड़ी और मजबूत टीम माना जाता है। लेकिन अब उसकी बादशाहत को भारतीय चुनौती देते हुए नजर आ रही है। अगर आईसीसी टूर्नामेंट की ही बात की जाए तो ऑस्ट्रेलिया के बाद टीम इंडिया ऐसी दूसरी टीम बनने जा रही है, जो सबसे ज्यादा बार आईसीसी का फाइनल खेलते हुए नजर आएगी।
साल 1983 में भारत ने कपिल देव की कप्तानी में पहली बार खेला था आईसीसी का फाइनल
टीम इंडिया के क्रिकेट की दुनिया में छा जाने का सिलसिला साल 1983 में शुरू हुआ था। उस वक्त भारतीय टीम के कप्तान कपिल देव हुआ करते थे। वेस्टइंडीज की बादशाहत को धता बताते हुए भारतीय टीम ने उस साल का वनडे क्रिकेट वर्ल्ड कप जीता था। इसके बाद आईसीसी टूर्नामेंट का फाइनल खेलने के लिए भारतीय टीम को एक बड़ा और लंबा इंतजार करना पड़ा। साल 2000 में एक बार फिर से टीम सौरव गांगुली ने आईसीसी का फाइनल खेला। इस बार चैंपियसं ट्रॉफी थी, हालांकि भारत को हार का मुंह देखना पड़ा। इसके बाद साल 2002 में एक बार फिर भारतीय टीम फिर से सौरव गांगुली की कप्तानी में चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल खेला। इस बार भारत संयुक्त विजेता यानी ज्वाइंट विनर बना था। साल 2003 में भी भारतीय टीम वनडे विश्व कप के फाइनल में पहुंचने में कामयाब रही थी। इस बार भी भारत के कप्तान सौरव गांगुली थे। हालांकि ये मुकाबला भी भारतीय टीम हार गई।
साल 2007 में जीता टी20 वर्ल्ड कप का फाइनल
साल 2007 में भारतीय टीम एक बार फिर से आईसीसी का फाइनल खेलने में कामयाब रही। तब भारत पहली बार टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची थी। ये पहला ही टी20 विश्व कप था। एमएस धोनी की कप्तानी में भारत ने इस ट्रॉफी पर भी कब्जा किया था। साल 2011 में फिर से भारतीय टीम वनडे विश्व कप के फाइनल में एंट्री करती है और इस बार भी धोनी की कप्तानी में भारत ने खिताब जीता था। साल 2013 में भी भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल खेला और इसे जीतने में भी कामयाबी हासिल की। साल 2014 में भारत फिर टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची, लेकिन यहां उसे हार का मुंह देखना पड़ा था। साल 2017 में भी भारतीय टीम चैंपियंस ट्राफी के फाइनल में पहुंची थी।
भारत ने खेले विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के दो फाइनल
इसके बाद आईसीसी ने पहली बार आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप का आगाज किया गया। भारतीय टीम ने पहली बार इसके फाइनल में अपनी जगह बनाई, लेकिन फाइनल में उसे न्यूजीलैंड के हाथों हार का सामना करना पड़ा। ये साल 2021 था। इसके दो साल बाद साल 2023 में एक बार फिर से भारत ने आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल खेला। इस बार भी उसे हार का ही मुंह देखना पड़ा। साल 2023 के वनडे विश्व कप में भारतीय टीम फिर से फाइनल खेलती है, लेकिन हार का ही सामना करना पड़ता है। अब साल 2024 में टीम इंडिया टी20 वर्ल्ड कप का फाइनल खेलने जा रही है।
ऑस्ट्रेलिया और भारत इस वक्त बराबरी पर
खास बात ये है कि भारतीय टीम ने अब ऑस्ट्रेलिया की बराबरी कर ली है। ऑस्ट्रेलिया ने भी अब तक आईसीसी के 13 ही फाइनल खेले हैं। इस बार भारत ने सुपर 8 में ही ऑस्ट्रेलिया को हराकर इस टूर्नामेंट से बाहर कर दिया है। खास बात ये है कि जहां एक ओर ऑस्ट्रेलिया ने ज्यादा खिताब जीते हैं, वहीं भारतीय टीम ने इस दौरान 5 आईसीसी के खिताब अपने नाम किए हैं। इसमें जब भारत ज्वाइंट विनर बना है, उसे भी शामिल किया गया है। अब भारतीय टीम के पास मौका है कि साउथ अफ्रीका को फाइनल में हराकर करीब दस साल से चला आ रहा आईसीसी ट्रॉफी का सूखा खत्म किया जाए।
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रोहित-कोहली के बाद अब रवींद्र जडेजा ने भी किया T20 इंटरनेशनल से संन्यास का ऐलान
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भारतीय टीम ने 29 जून को बारबाडोस के केनिंग्सटन ओवल मैदान पर साउथ अफ्रीका की टीम को टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल मुकाबले में 7 रनों से मात देने के साथ ट्रॉफी को अपने नाम किया। इस ऐतिहासिक जीत के बाद जहां विराट कोहली और कप्तान रोहित शर्मा ने टी20 इंटरनेशनल से अपने संन्यास का ऐलान तुरंत कर दिया था तो वहीं अब एक दिन बाद स्टार ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा ने भी टी20 इंटरनेशनल से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया है। जडेजा ने इस बात की जानकारी फैंस को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर वर्ल्ड कप ट्रॉफी के साथ फोटो पोस्ट करते हुए दी।
मैंने हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास किया
रवींद्र जडेजा ने अपने संन्यास की जानकारी सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा कि मैं अपने दिल की से कृतज्ञता के साथ टी20 अंतरराष्ट्रीय फॉर्मेट को अलविदा कहता हूं। एक सरपट दौड़ते की तरह मैंने हमेशा अपने देश के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने का प्रयास करा है और आगे भी अन्य फॉर्मेट में इसे जारी रखने की पूरी कोशिश करूंगा। टी20 वर्ल्ड कप की ट्रॉफी जीतना एक सपने के होने जैसा था और ये मेरे टी20 इंटरनेशनल करियर का सबसे बड़ा पल भी है। आप सभी का इन यादों के लिए शुक्रिया साथ लगातार हौसला बढ़ाने के लिए भी।
ऐसा रहा है रवींद्र जडेजा का टी20 इंटरनेशनल फॉर्मेट में प्रदर्शन
टी20 इंटरनेशनल में रवींद्र जडेजा के प्रदर्शन को लेकर बात की जाए तो उन्होंने 74 मैचों 21.46 के औसत से 515 रन बनाए हैं, जिसमें उनका स्ट्राइक रेट 127.16 का रहा है, इस दौरान वह 17 पारियों में नाबाद पवेलियन लौटे हैं। वहीं गेंदबाजी में जडेजा ने 71 पारियों में 29.85 के औसत से 54 विकेट अपने नाम किए हैं। इसमें जडेजा ने अपना एक मैच में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 15 रन देकर 3 विकेट दिया है।
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भारत ने दूसरी बार जीता T20 वर्ल्ड कप का खिताब, 2 प्लेयर्स ने लिया T20I से संन्यास
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भारतीय टीम ने टी20 वर्ल्ड कप 2024 का खिताब साउथ अफ्रीका को 7 रनों से हराकर जीत लिया है। टीम इंडिया की तरफ से गेंदबाजों और बल्लेबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया। भारतीय टीम ने दूसरी बार टी20 वर्ल्ड कप का खिताब जीता है। इससे पहले टीम इंडिया ने टी20 वर्ल्ड कप 2007 का खिताब महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में जीता था।
विराट कोहली फाइनल मैच में तीन गेंदों का सामना करते हुए T20I क्रिकेट में 3000 गेंदें खेलने वाले दूसरे बल्लेबाज बन गए। वहीं, रोहित शर्मा इस मैच में 2 गेंद खेलते ही T20I क्रिकेट में 3000 गेंदें खेलने वाले तीसरे बल्लेबाज बने। बता दें, इससे पहले सिर्फ बाबर आजम की T20I क्रिकेट में 3000 गेंदें खेल सके थे। अब इस लिस्ट में रोहित शर्मा और विराट कोहली का नाम शामिल हो गया है।
ऋषभ पंत स्टार बॉलर केशव महाराज की गेंद पर आउट होकर पवेलियन लौट गए। भारत ने इससे पहले दो बार टी20 वर्ल्ड कप का फाइनल खेला है। पहले साल 2007 में भारत का मुकाबला पाकिस्तान से हुआ था, इसके बाद साल 2014 में भारतीय टीम फिर से फाइनल में पहुंची थी। तब भारत का मुकाबला श्रीलंका से हुआ था। इन दोनों मैचों में भारत का कोई भी बल्लेबाज शून्य पर आउट नहीं हुआ था। यानी ऋषभ पंत भारत के ऐसे पहले बल्लेबाज बन गए हैं, जो टी20 विश्वकप के फाइनल में डक पर आउट हुए हैं।
टीम इंडिया ने इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 7 विकेट के नुकसान पर 176 रन बनाए। बता दें, सूखी और धीमी पिच पर पावरप्ले में 34/3 पर सिमटने के बाद भारतीय बल्लेबाजों ने जोरदार वापसी की और टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल का सबसे बड़ा स्कोर बना दिया। इससे पहले किसी भी टीम ने टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में इतना बड़ा स्कोर नहीं बनाया था।
टीम इंडिया ने इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 7 विकेट के नुकसान पर 176 रन बनाए। साउथ अफ्रीका की टीम 20 ओवर में 8 विकेट के नुकसान पर 169 रन ही बना सकी और भारतीय टीम ने 7 रन से ये मैच अपने नाम किया। टीम इंडिया के गेंदबाजों ने कमाल का प्रदर्शन किया। अर्शदीप सिंह, हार्दिक पांड्या और जसप्रीत बुमराह टीम इंडिया की जीत से सबसे बड़े हीरो रहे। वहीं विराट कोहली ने 76 रनों की पारी खेली और वह प्लेयर ऑफ द मैच रहे।
विराट कोहली ने टी20 वर्ल्ड कप 2024 का खिताब जीतने के बाद कहा कि यह मेरा आखिरी टी20 वर्ल्ड कप था, यह वही है जो हम हासिल करना चाहते थे। एक दिन आपको ऐसा महसूस होता है कि आप दौड़ नहीं सकते और ऐसा होता है, भगवान महान है। ये अभी नहीं तो कभी नहीं जैसा अवसर था। भारत के लिए खेलते हुए यह मेरा आखिरी टी20 मैच था। हम उस कप को उठाना चाहते थे। अब अगली पीढ़ी के लिए टी20 खेल को आगे ले जाने का समय।
रोहित शर्मा भारतीय टीम के लिए दो टी20 वर्ल्ड कप जीतने वाले पहले खिलाड़ी बन गए हैं। उन्होंने भारतीय टीम के लिए टी20 वर्ल्ड कप 2007 का खिताब भी जीता था। वहीं मौजूदा टी20 वर्ल्ड कप में वह भारतीय टीम के कप्तान हैं।
विराट कोहली ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ फाइनल मैच में 76 रनों की पारी खेली। कोहली को शानदार पारी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच का अवार्ड भी दिया गया। टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट में अब विराट कोहली के कुल 16 प्लेयर ऑफ द मैच हो गए हैं। उन्होंने अब तक अपने करियर के दौरान 125 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले हैं और उसमें से 16 बार वे प्लेयर ऑफ द मैच बने हैं। इससे पहले विराट कोहली और सूर्यकुमार यादव इस मामले में बराबरी पर थे। दोनों ने 15 बार इस अवार्ड को अपने नाम किया था।
रोहित शर्मा ने टी20 वर्ल्ड कप 2024 का खिताब जीतने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने इस फैसले के बारे में सभी को जानकारी दी जिसमें उन्होंने कहा कि ये मेरा टी20 इंटरनेशनल में आखिरी मैच था। मैंने हर उस पल का पूरा आनंद लिया जबसे मैंने इस फॉर्मेट में खेलने की शुरुआत की। मैंने भारतीय टीम से अपने करियर की शुरुआत भी इस फॉर्मेट से की थी। इस फॉर्मेट से संन्यास लेने का फैसले का समय इससे अच्छा नहीं हो सकता था। मुझे कप जीतना था।
टीम इंडिया ने टी20 वर्ल्ड कप 2024 में लगातार 8 मुकाबले जीते। भारत पहला ऐसा देश बन गया है, जिसे टी20 वर्ल्ड कप के किसी एडिशन में बिना मैच गंवाए टी20 वर्ल्ड कप की ट्रॉफी जीत ली है। टीम इंडिया से पहले ऐसा कोई भी नहीं कर पाया था। अब रोहित शर्मा की कप्तानी में भारतीय टीम ने कीर्तिमान बना दिया है।
भारतीय टीम ने 17 सालों के बाद टी20 वर्ल्ड कप की ट्रॉफी अपने नाम की है। टी20 वर्ल्ड कप 2024 के साथ ही भारतीय टीम को कोच राहुल द्रविड़ का कार्यकाल खत्म हो गया है। द्रविड़ एक खिलाड़ी के तौर पर टीम इंडिया के लिए कभी भी आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीत पाए, लेकिन अब उन्होंने उसने कोच के तौर पर ट्रॉफी जीत ली है। राहुल द्रविड़ भारतीय टीम के साल 2021 में कोच बने थे।
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टीम इंडिया ने जीता टी20 वर्ल्ड कप का खिताब, फाइनल में साउथ अफ्रीका को 7 रनों से हराया
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टी20 वर्ल्ड कप 2024 का फाइनल मैच भारत और साउथ अफ्रीका की टीमों के बीच बारबाडोस के ब्रिजटाउन में स्थित केन्सिंगटन ओवल में खेला गया। इस मैच में टीम इंडिया ने बाजी मारकर 11 साल से चले आ रहे आईसीसी ट्रॉफी के सूखे को खत्म किया। वहीं, भारतीय टीम ने 17 साल के बाद टी20 वर्ल्ड कप का खिताब जीता। बता दें, टीम इंडिया ने इससे पहले साल 2013 में आईसीसी ट्रॉफी जीती थी। तब टीम इंडिया ने चैंपियन्स ट्रॉफी का खिताब जीता था।
11 साल बाद टीम इंडिया ने जीती ICC ट्रॉफी
टीम इंडिया ने इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 7 विकेट के नुकसान पर 176 रन बनाए। बता दें, सूखी और धीमी पिच पर पावरप्ले में 34/3 पर सिमटने के बाद भारतीय बल्लेबाजों ने जोरदार वापसी की और टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल का सबसे बड़ा स्कोर बना दिया। इस पारी में टीम इंडिया की ओर से सबसे ज्यादा रन विराट कोहली ने बनाए। विराट कोहली ने 59 गेंदों पर 76 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 6 चौके और 2 छक्के लगाए। वहीं, अक्षर पटेल ने 31 गेंदों पर 47 रन का योगदान दिया। अक्षर पटेल ने अपनी इस पारी में 1 चौका और 4 छक्के लगाए। दूसरी ओर शिवम दुबे ने भी 16 गेंदों पर 27 रन की पारी खेली।
गेंदबाजों ने टीम इंडिया की झोली में डाली जीत
177 रनों के जवाब में साउथ अफ्रीका की टीम 20 ओवर में 8 विकेट के नुकसान पर 169 रन ही बना सकी और भारतीय टीम ने 7 रन से ये मैच अपने नाम किया। टीम इंडिया के गेंदबाजों ने कमाल का प्रदर्शन किया। अर्शदीप सिंह, हार्दिक पांड्या और जसप्रीत बुमराह टीम इंडिया की जीत से सबसे बड़े हीरो रहे। अर्शदीप सिंह और जसप्रीत बुमराह ने 6 से कम की इकॉनमी से रन दिए और 2-2 विकेट अपने नाम किए। वहीं, हार्दिक पांड्या ने 20 रन देकर 3 विकेट हासिल किए।
जसप्रीत बुमराह ने पलट दिया पूरा मैच
इस मैच में एक समय साउथ अफ्रीकी टीम की जीत पूरी पक्की दिख रही थी, जिसके बाद जसप्रीत बुमराह ने 16वें ओवर में सिर्फ 4 रन दिए और उसके बाद 18वें ओवर में सिर्फ 2 रन देने के साथ मार्को यान्सन का विकेट भी हासिल किया, जिससे भारतीय टीम इस मुकाबले में वापसी करने में भी कामयाब हुई, साथ यहां से अफ्रीकी टीम पर दबाब भी बन गया। 19वें ओवर में अर्शदीप सिंह ने 4 दिन दिए तो वहीं आखिरी ओवर में हार्दिक ने सिर्फ 8 रन देने के साथ टीम इंडिया को 7 रनों से जीत दिलाने में अहम भूमिका अदा की।
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