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Samsung A21s भारत में हुआ लांच, मिलेंगे 48MP क्वाड कैमरा और 5000mAh बैटरी जैसे दमदार फीचर्स

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सैमसंग ने भारत में अपना नया स्मार्टफोन Galaxy A21s लांच कर दिया है। इस फोन का इंतजार काफी वक्त से किया जा रहा था। स्मार्टफोन दमदार बैटरी से लैस है। फीचर्स की बात करें नए Samsung Galaxy A21s में 6.5 इंच का एचडी प्लस पंच-होल डिस्प्ले दिया गया है।

परफॉरमेंस के लिए इस फोन में ऑक्टा-कोर Exynos 850 प्रोसेसर मिलेगा। स्मार्टफोन एंड्रॉयड 10 पर आधारित One UI ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करता है। स्मार्टफोन में 5,000 mAh की दमदार बैटरी लगी है जो कि 15 वॉट फास्ट चार्जिंग के साथ सपोर्ट से लैस है।

कनेक्टिविटी के लिए इसमें Wi-Fi, ब्लूटूथ, GPS, 3.5mm हेडफोन जैक और यूएसबी पोर्ट टाइप-C जैसे फीचर्स हैं। फीचर और प्राइज सैगमेंट में Galaxy A21s का मुकाबला Realme X2 से होगा।

कैसा है कैमरा : फोटोग्राफी के लिए Samsung ने नए Galaxy A21s के रियर में क्वाड कैमरा कैमरा सेटअप दिया है। इसमें 48 MP +8 MP 2 MP+ और 2 MP का मैक्रो लेंस शामिल हैं। इसके अतिरिक्त स्मार्टफोन में फ्रंट में 13 MP का सेल्फी कैमरा दिया गया है। वीडियो बनाने के शौकीनों के लिए यह एक अच्छा स्मार्टफोन है।

सैमसंग ने नए Galaxy A21s को 4GB रैम+64 GB स्टोरेज और 6 GB रैम+64 GB स्टोरेज वेरिएंट में लांच किया गया है। इनकी कीमत क्रमश: 16,499 रुपएऔर 18,499 रुपए है। फोन में ग्राहकों को ब्लैक, व्हाइट, ब्लू कलर ऑप्शन मिलेंगे। नए Galaxy A21s को कंपनी की वेबसाइट, स्टोर और फ्लिपकार्ट से खरीदा जा सकता है।

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गोविंद द्वादशी का व्रत करने से मिलती है श्री हरि की विशेष कृपा, यहां जानिए मंत्र, तिथि और पूजा मुहूर्त

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 21 मार्च को गोविंद द्वादशी का व्रत किया जाएगा। फाल्गुन शुक्ल पक्ष की द्वादशी को गोविंद द्वादशी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन व्रत कर भगवान विष्णु की गोविंद नाम से पूजा की जाती है। आज के दिन षोडशोपचार या पंचोपचार के द्वारा भगवान विष्णु का विधिवत पूजन करें। चंदन, अक्षत, तुलसी दल व पुष्प को श्री गोविंद व श्री हरि बोलते हुए भगवान को अर्पित करने चाहिए। इसके बाद भोग लगाकर आरती करना चाहिए। गोविंद द्वादशी के दिन भगवान श्री विष्णु के मंत्र का जप करना अत्यंत शुभ फलदायी होता है। मंत्र इस प्रकार है- ‘ॐ नारायणाय नम’। इसके अलावा फाल्गुन शुक्ल पक्ष की द्वादशी को नृसिंह द्वादशी भी मनाने का विधान है। इस दिन भगवान विष्णु की नृसिंह स्वरूप की पूजा की जाती है।

गोविंद द्वादशी पूजा मुहूर्त

द्वादशी तिथि आरंभ- 21 मार्च को प्रातः 2 बजकर 23 मिनट से

द्वादशी तिथि समाप्त- 22 मार्च को शाम 4 बजकर 44 मिनट तक

गोविंद द्वादशी का महत्व

जगत का पालन करने वाले श्री गोविंद का स्वरूप शांत और आनंदमयी है। इनका स्मरण करने से भक्तों के जीवन के समस्त संकटों का निवारण होता है। घर-परिवार को धन-धान्य और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस व्रत के प्रभाव से मानव जीवन के समस्त समस्याएं दूर हो जाती हैं और अंत में बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती।

 नृसिंह द्वादशी पूजा विधि और महत्व

पूजा के लिए स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ कपड़े पहनकर, ईशान कोण, यानि उत्तर-पूर्व दिशा के कोने को साफ करके, उस कोने को गाय के गोबर से लीपकर, उस पर आठ पंखुड़ियों वाला कमलदल बनाएं। फिर उस कमल के बीचों-बीच एक कलश स्थापित करें और कलश के ऊपर एक चावलों से भरा हुआ बर्तन रखें। अब उस चावलों से भरे बर्तन के ऊपर भगवान नृसिंह की प्रतिमा रखें और पूजन विधि आरंभ करें। सबसे पहले पंचामृत से स्नान कराएं। फिर चंदन, कपूर, रोली, तुलसीदल, फल-फूल, पीले वस्त्र आदि भगवान को भेंट करें और फिर धूप दीप आदि से भगवान की पूजा करें।

साथ ही भगवान नृसिंह के इस मंत्र का जप करें। मंत्र इस प्रकार है- ‘ॐ उग्रवीरं महाविष्णुं ज्वलन्तं सर्वतोमुखं। नृसिंहं भीषणं भद्रं मृत्युमृत्युं नमाम्यहम् ॥’ इस दिन इस मंत्र का जप करने से आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। आपको किसी प्रकार का कोई भय नहीं होगा। आपको कोई बुरी शक्ति परेशान नहीं कर पाएगी।

 

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फूलेरा दूज पर जरूर करें ये काम, मिलेगा मनचाहा वरदान, बरसेगी राधारानी संग श्री कृष्ण की कृपा

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 हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष फाल्गुन माह की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को फूलेरा दूज का पर्व बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है। इस बार यह पर्व 12 मार्च 2024 यानी कल मंगलवार के दिन मनाया जाएगा। भगवान कृष्ण की नगरी मथुरा-वृंदावन में यह पर्व बड़े ही हर्ष के साथ मनाया जाता है। इस दिन लोग राधारानी और श्री कृष्ण को रंग-बिरंगे फूल अर्पित करते हैं। वहीं वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में इस दिन लोग एक दूसरे के ऊपर फूल बरसा कर इस पर्व को होली की तरह खेलते हैं।

मान्यता है कि इस दिन श्री कृष्ण ने अपने बचपन में राधारानी पर फूल हंसी-हंसी में फेंके फिर प्रेम पूर्वक राधा रानी नें कान्हा पर फूल फेंके इस प्रकार से यह पर्व लोकप्रसिद्ध हुआ और इसका नाम फूलेरा दूज पड़ गया। होली के प्रथम पर्व की शुरुआत भी ब्रजभूमि में फूलेरा दूज से मानी जाती है। इस दिन श्रीराधा-कृष्ण की पूजा का सर्वाधिक महत्व है, माना जाता है इस दिन राधारानी संग श्री कृष्ण की पूजा करने से परिवार में सुख-समृद्धि आती है और पारिवारिक जीवन में खुशियां बनी रहती हैं। पूजा पद्धति के अनुसार जानते हैं फूलेरा दूज की क्या है पूजा विधि।

फूलेरा दूज के दिन इस विधि से करें राधा-कृष्ण की पूजा

  • फूलेरा दूज के दिन प्रातः उठ कर स्नान करें।
  • स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद पूजा घर में श्री राधारानी और कृष्ण भगवान की प्रतिमा स्थापित करें।
  • उनकी प्रतिमा स्थापित करने के बाद जल से आचमन करें, फिर राधा-कृष्ण भगवान की पूजा-अर्चना करें।
  • इस दिन राधा-कृष्ण के विग्रह पर फूल अर्पित करना बेहद शुभ होता है। अतः इस दिन आप उन्हें फूल की माला अर्पित करें, ऐसा करने से आपके दांपत्य जीवन में चल रही समस्याएं दूर होंगी और जीवन में प्रेम बना रहेगा।
  • पूजा के दौरान आप राधारानी और कृष्ण भगवान को गुलाल अर्पित करें। फूलेरा दूज के दिन राधा-कृष्ण जी को गुलाल अर्पित करने से घर की आर्थिक परेशानियां मिट जाती हैं। साथ ही सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं।
  • फूलेरा दूज पर मैवे-मिष्ठान में मिश्री और माखन का भोग लगाएं। ऐसा करने से राधारानी और कृष्ण जी प्रसन्न होकर आपको सुख-सौभाग्य का आशीर्वाद देंगे।
  • फूलेरा दूज पर इन चीजों को अर्पित करने के बाद राधारानी और कृष्ण जी की आरती करें उसके बाद आरती की लौ को घर में दिखाएं। मान्यता है कि ऐसा करने से घर में कभी भी नकारात्मक ऊर्जा वास नहीं करती है।
  • इसी के साथ फूलेरा दूज के दिन राधा-कृष्ण नाम का जाप करने से मनोवांछित फलों की पूर्ति होती है।

 

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Special News

क्या है कोर्टिसोल बेली फैट, जो आपकी टेंशन और तनाव से तेजी से बढ़ता है, कैसे कम करें

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पेट पर जमा चर्बी शरीर में कई तरह की समस्याओं को जन्म दे सकती है। एब्डोमिनल फैट बढ़ने के कारण फैटी लीवर, हार्ट की बीमारी, हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। क्रोनिक स्ट्रेस शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन को बढ़ाता है। ये एक तनाव हार्मोन है, जिसके ज्यादा मात्रा में पैदा होने से कई तरह की शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं पैदा होती हैं। अतिरिक्त कोर्टिसोल हार्मोंन फैट को भी बढ़ावा देता है। खासतौर से पेट के आसपास ज्यादा चर्बी जमा होने लगती है। इसे ‘कोर्टिसोल बेली’ भी कहा जाता है। इसके अलावा फिजिकल एक्टिविटी कम होना, खराब डाइट और तनाव भी मोटापे की वजह बनता है।

क्या है कोर्टिसोल बेली फैट

कोर्टिसोल बेली फैट पेट के आसपास जमा होने वाली चर्बी होती है। ये फैट शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन के हाई होने के कारण बढ़ता है। कोर्टिसोल को अक्सर तनाव हार्मोन के रूप में भी जानते हैं। ज्यादा समय तक तनाव रहने के कारण कोर्टिसोल हार्मोन का लेवल हाई हो जाता है। इससे शरीर में अलग-अलग प्रभाव सामने आते हैं जैसे भूख बढ़ना, चयापचय में परिवर्तन और फैट जमा होना। अगर आपको लग रहा है कि तनाव की वजह से पेट की चर्बी बढ़ रही है तो इस तरह वजन को कंट्रोल करें।

कोर्टिसोल बेली फैट को कैसे कम करें?

  1. तनाव कम करें- किसी भी तरह तनाव को कम करने की कोशिश करें। इसके लिए योग करें। आपको जो चीजें पसंद हो उन पर ज्यादा ध्यान और समय दें। आपको कौन सी चीज शांत करती है उसे करें। योग, किताबें पढ़ना, संगीत सुनना आराम दे सकता है।
  2. व्यायाम करें- तनाव को कम करने के लिए व्यायाम जरूर करें। एक्सरसाइज से मूड बेहतर बनता है। हफ्ते में चार दिन 30 मिनट की मीडियम एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए। इसके अलावा हफ्ते में 2 दिन स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करें। रोजाना वॉक करें। वर्कआउट के वक्त शरीर में एंडोर्फिन रिलीज होता है जिससे मूड में सुधार आता है।
  3. भरपूर नींद लें- तनाव को कम करना है तो आपको पर्याप्त नींद जरूर लेनी चाहिए। नींद की कमी से न सिर्फ दिमाग बल्कि शरीर पर भी असर पड़ता है। पर्याप्त नींद नहीं लेने से शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन बढ सकता है। इसलिए रोजाना कम से कम 8 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए।
  4. हाइड्रेटेड रहें- आपको दिनभर में भरपूर पानी पीना चाहिए। शरीर को हाइड्रेट रखने से फैट को पचाने में मदद मिलती है। वजन घटाने और शरीर को स्वस्थ रखने में पानी मदद करता है।
  5. हेल्दी डाइट लें- मोटापा कम करना है तो डाइट में हेल्दी फूड्स शामिल करें। संतुलित भोजन लें जिसमें फल, सब्जियां, लीन प्रोटीन और हेल्दी फैट शामिल हों। ज्यादा शुगर के सेवन से बचें। इससे शरीर पर सकाराक्तम असर दिखेगा।

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