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सोनाक्षी-जहीर की शादी से पहले सिन्हा परिवार का दिखा स्वैग

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सोनाक्षी सिन्हा और जहीर इकबाल 23 जून, 2024 को शादी करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। शादी से पहले दुल्हन के परिवार ने एक पूजा समारोह आयोजित किया था, जिसकी कई वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं। हाल ही में एक अनदेखी तस्वीर ऑनलाइन सामने आई है, जिसमें पूजा समारोह में शत्रुघ्न सिन्हा और पूनम सिन्हा अपने परिवार के साथ अपने घर ‘रामायण’ में जश्न मनाते दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में दोनों परिवार में जश्न का माहौल बना हुआ है।

सोनाक्षी की शादी से पहले सिन्हा परिवार का दिखा स्वैग

सोनाक्षी-जहीर की शादी से पहले सिन्हा परिवार की कुछ खास तस्वीरें सामने आई हैं। इस तस्वीर में शत्रुघ्न सिन्हा के करीबी दोस्त अनु रंजन जो सोनाक्षी के पूजा समारोह में शामिल हुई थीं उन्होंने इंस्टाग्राम स्टोरी पर शादी से पहले के जश्न की दो तस्वीरें शेयर की हैं। पहली तस्वीर में पूरा सिन्हा परिवार दिखाई दे रहा है जिसका नाम ‘टीम ब्राइड’ रखा है। सभी लोग मुस्कुराते हुए इस ग्रुप फोटो के लिए पोज देते नजर आ रहे हैं।

यहां देखें तस्वीर:

 

शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी संग खास तस्वीर

सोनाक्षी की शादी से पहले की इन अनदेखी तस्वीरों में शत्रुघ्न सिन्हा और पूनम सिन्हा मुस्कुराते हुए नजर आ रहे हैं। दूसरी तस्वीर में सोनाक्षी के पिता शत्रुघ्न सिन्हा और मां पूनम सिन्हा मेहमानों के साथ पोज देते हुए नजर आ रहे हैं। ये तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। वहीं ‘टीम ब्राइड’ की ये फोटोज लोगों को बहुत पसंद आ रही है।

सोनाक्षी सिन्हा का प्री-वेडिंग

22 जून, 2024 को सोनाक्षी सिन्हा के घर पर एक पारंपरिक प्री-वेडिंग पूजा समारोह को आयोजित किया गया, जिसमें उनकी मां पूनम सिन्हा भी नजर आईं। इस पूजा में उनके पिता शत्रुघ्न सिन्हा सहित परिवार के सदस्य शामिल हुए। मुंबई के घर ‘रामायण’ में प्री-वेडिंग रीति-रिवाजों में के दौरान सोनाक्षी को अपने परिवार संग देखा गया। सोनाक्षी सिन्हा और जहीर इकबाल पिछले 7 सालों से एक-दूसरे को डेट कर रहे हैं और आखिरकार उन्होंने शादी करने का फैसला कर लिया है।

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देश-विदेश

शादी के 14 दिन बाद माता-पिता की याद में तड़पी सोनाक्षी सिन्हा, विदाई की तस्वीरें शेयर कर हुई भावुक

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सोनाक्षी सिन्हा ने 23 जून को जहीर इकबाल संग सिविल मैरिज कर अपनी जिंदगी की नई शुरुआत कर ली है। सात साल तक एक-दूसरे को डेट करने के बाद अब दोनों पति-पत्नी बन चुके हैं। कपल की शादी मुंबई में सोनाक्षी के घर पर स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत हुई है। भले ही सोनाक्षी की शादी को अब काफी समय बीत गया है, लेकिन इसके चर्चे अब तक सोशल मीडिया पर हो रहे हैं। लगातार सोनाक्षी की शादी को लेकर उनके घर में अनबन की खबरें सामने आ रही हैं। इसी बीच अब हाल ही में सोनाक्षी ने अपने माता-पिता की याद में एक पोस्ट शेयर किया है और बताया है कि वो उन्हें काफी मिस कर रही हैं।

सोनाक्षी को आई मायके की याद

सोनाक्षी ने जो तस्वीरें शेयर की हैं, वो उनके विदाई के दौरान की है। इन तस्वीरों में जहां एक तरफ उनकी विदाई पर उनकी मां रोती हुई दिखाई दे रही हैं। तो वहीं दूसरी तरफ उनके पिता शत्रुघ्न सिन्हा मायूस नजर आ रहे हैं। इन तस्वीरों में सोनाक्षी को माता-पिता के साथ गले लगकर इमोशनल होते हुए देखा जा सकता है। आखिर वह बाबुल का अंगना छोड़ ससुराल जो जा रही हैं। वहीं इन तस्वीरों को शेयर करते हुए सोनाक्षी ने  इमोशनल नोट भी लिखा है, जिसे पढ़कर साफ जाहिर हो रहा है कि उन्हें अपने मायके की बहुत याद आ रही हैं। सोनाक्षी ने लिखा है- ‘शादी में मां रोने लगीं, जब उन्हें लगा कि मैं घर से बाहर जा रही हूं। मैंने उनसे कहा- चिंता मत करो… जुहू से बांद्रा बस 25 मिनट दूर है। आज उनकी थोड़ी ज्यादा याद आ रही है, इसलिए मैं अपने आप से यही बात कह रही हूं। आशा है कि घर पर रविवार की सिंधी कढ़ी बनी होगी… जल्द ही मिलते हैं… जूम जूम जूम।’ अब एक्ट्रेस का ये पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। लोग उनके पोस्ट पर कमेंट कर अपना-अपना रिएक्शन भेज रहे हैं।

इस दिन शादी के बंधन में बंधेंगे कपल

बता दें, 23 जून को परिवार वालों की मौजूदगी में सोनाक्षी सिन्हा और जहीर इकबाल ने रजिस्टर्ड मैरिज की और फिर कुछ रीति रिवाज भी निभाए थे। दोनों ही सितारों के परिवार वाले और करीब दोस्त उनके साथ हर मौके पर खास मौके पर मौजूद रहे। शादी के इस सेलिब्रेशन में सभी ने जमकर मौज-मस्ती भी की, जिसकी झलकियां सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुईं।

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देश-विदेश

लापता होने के बाद पहली बार मुंबई में दिखे गुरुचरण सिंह, शो की पेमेंट को लेकर किया खुलासा

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तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ के स्टार गुरुचरण सिंह, जिन्होंने रोशन सिंह सोढ़ी का किरदार निभाया था। इस साल की शुरुआत में लापता होने के बाद पहली बार पब्लिक प्लेस पर दिखाई दिए हैं। अभिनेता को शनिवार रात, 6 जुलाई को अपने पेट डॉग के साथ मुंबई एयरपोर्ट पर देखा गया। गुरुचरण को पैपराजी के साथ टीआरपी लिस्ट में धूम मचा रहे कॉमेडी शो TMKOC में अपने वापसी के बारे में बात करते देखा गया। सोशल मीडिया पर ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ के रोशन सिंह सोढ़ी को लापता होने के बाद पहली बार मुंबई में देखा गया।

लापता होने के बाद पहली बार मुंबई में दिखे रोशन सोढ़ी

इंस्टाग्राम पर शेयर किए गए वीडियो में गुरुचरण सिंह ने इस साल की शुरुआत में अपने अचानक गायब होने के बारे में कुछ नहीं बताया। हालांकि, वह मुंबई वापस आकर खुश दिख रहे हैं। वीडियो में गुरुचरण से पूछा गया कि क्या ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ के निर्माताओं ने उनका बकाया पैसा उन्हें दे दिया। इस पर अभिनेता ने कहा कि हां लगभग चुका दिया गया है, लेकिन वो दूसरों के बारे में नहीं जानते हैं। उन्होंने कहा, ‘हां जी, सबका कर दिए हैं लगभग… लगभग। कुछ का मुझे पता नहीं है वो मुझसे पूछना पड़ेगा।’ ऐसी अटकलें थीं कि गुरुचरण सिंह ने भुगतान में देरी के कारण शो को छोड़ दिया था। हालांकि, अभिनेता आज तक इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हैं।

गुरुचरण सिंह शो में करेंगे वापसी

रोशन सोढ़ी से जब पूछा गया कि क्या उनके शो में वापस आने की संभावना है तो गुरुचरण ने कहा कि उन्होंने यह भगवान पर छोड़ दिया है। रोशन सोढ़ी कहते हैं कि ‘भगवान जाने। रब जाने। मुझे कुछ नहीं पता है। जैसे ही पता चलेगा, आपको बताऊंगा।’ आपको बता दें कि दो महीने यह खबर आई थी कि गुरुचरण दिल्ली एयरपोर्ट से अचानक गायब हो गए। इसके बाद उनके परिवार ने उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। हालांकि,  25 दिन के बाद एक्टर अपने घर पहुंचे थे।

गुरुचरण सिंह गुमशुदा होने पर हुआ था बवाल

बता दें कि गुरुचरण सिंह 22 अप्रैल, 2024 को लापता हो गए थे। दिल्ली पुलिस की खोजबीन के बाद, अभिनेता 18 मई को अपने दिल्ली स्थित घर लौट आए। रोशन सोढ़ी के घर लौटने के तुरंत बाद दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने उनसे पूछताछ की, जिसके बाद पता चला कि अभिनेता धार्मिक यात्रा पर जाने के लिए घर से निकले थे। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सिंह ने अपने लापता होने के बाद से अमृतसर और लुधियाना जैसे कई शहरों में गुरुद्वारों का दौरा किया। हालांकि, बाद में उन्हें एहसास हुआ कि उन्हें घर लौट जाना चाहिए।

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खबरे छत्तीसगढ़

विद्यार्थियों की उपलब्धियां, कठिन परिश्रम, समर्पण, शैक्षणिक उत्कृष्टता का प्रमाण: राज्यपाल विश्व भूषण हरिचंदन

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पंडित सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय के छठवें दीक्षांत समारोह में शामिल हुए राज्यपाल श्री विश्व भूषण हरिचंदन एवं मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय

पंडित सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय के छठवें दीक्षांत समारोह में शामिल हुए राज्यपाल श्री विश्व भूषण हरिचंदन एवं मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय

पंडित सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय के छठवें दीक्षांत समारोह में शामिल हुए राज्यपाल श्री विश्व भूषण हरिचंदन एवं मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय

पंडित सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय के छठवें दीक्षांत समारोह में शामिल हुए राज्यपाल श्री विश्व भूषण हरिचंदन एवं मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय

पंडित सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय के छठवें दीक्षांत समारोह में शामिल हुए राज्यपाल श्री विश्व भूषण हरिचंदन एवं मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय

पंडित सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय के छठवें दीक्षांत समारोह में शामिल हुए राज्यपाल श्री विश्व भूषण हरिचंदन एवं मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय

पंडित सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय के छठवें दीक्षांत समारोह में शामिल हुए राज्यपाल श्री विश्व भूषण हरिचंदन एवं मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय

पंडित सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय के छठवें दीक्षांत समारोह में शामिल हुए राज्यपाल श्री विश्व भूषण हरिचंदन एवं मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय

रायपुर, 06 जुलाई 2024:  राज्यपाल श्री विश्व भूषण हरिचंदन और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज पंडित सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय बिलासपुर के छठवें दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। दीक्षांत समारोह में विभिन्न शैक्षणिक सत्रों की परीक्षाओं में छात्रों को स्नातक, स्नातकोत्तर, डिप्लोमा, पत्रोपाधि के लिए उपाधि एवं स्वर्ण पदक प्रदान किया गया। इस मौके पर श्री राम प्रताप सिंह एवं सुश्री सुरभा देश पांडे को विद्या वाचस्पति की मानद उपाधि दी गई। समारोह में कुलाधिपति द्वारा पीएचडी छात्रों को उपाधि प्रदान की गई एवं इस उपाधि के आचार एवं गौरव की रक्षा करने का संदेश दिया गया। अतिथियों ने उपाधि प्राप्त करने वाले छात्रों को उज्जवल भविष्य के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दी।

राज्यपाल श्री विश्व भूषण हरिचंदन ने समारोह में अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए कहा कि मुझे छठवें दीक्षांत समारोह में शामिल होते हुए बेहद खुशी हो रही है। उन्होंने स्वर्ण पदक एवं उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी और उपाधि प्राप्त करने वाले शोधार्थियों के परिवारजनों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि उनके सहयोग, त्याग एवं मार्गदर्शन में आपने ये महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं।

राज्यपाल श्री हरिचंदन ने छात्रों से कहा कि आपकी महत्वपूर्ण उपलब्धियां आपके कठिन परिश्रम, समर्पण, आपकी शैक्षणिक उत्कृष्टता का प्रमाण हैं। उन्होंने कहा कि पंडित सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय 21 मार्च 2005 को स्थापित हुआ। पंडित सुंदरलाल शर्मा ने छत्तीसगढ़ में जन जागरूकता एवं सामाजिक प्रगति लाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। यह विश्वविद्यालय पंडित सुंदरलाल शर्मा जी के सपनों को गढ़ने एवं साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने उच्च शिक्षण गुणवत्ता बनाए रखने के लिए विश्वविद्यालय को नैक द्वारा ए प्लस ग्रेड दिए जाने पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी।

राज्यपाल श्री हरिचंदन ने कहा कि विकसित भारत, समृद्ध भारत की संकल्पना पर आधारित है। विकसित भारत संकल्पना के जरिए क्षेत्र के सभी नागरिकों को अपनी क्षमता के अनुसार विकास करने के अवसर प्रदान किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय जनजाति क्षेत्र में रहने वाले अति पिछड़े समुदायों तथा कॉविड-19 से प्रभावित लोगों को शिक्षा का अवसर प्रदान कर अपने सामाजिक सरोकारों के उद्देश्य को भी पूरा कर रहा है।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने दीक्षांत समारोह में स्वर्ण पदक एवं उपाधि हासिल करने वाले विद्यार्थियों को बधाई और उनके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी। श्री साय ने कहा मुझे प्रसन्नता है कि हमारे छत्तीसगढ़ राज्य का एकमात्र यह मुक्त विश्वविद्यालय अपने अकादमिक और शैक्षणिक गतिविधियों के साथ नित नई ऊंचाइयों को छू रहा है। दूरस्थ अंचलों में बसे ऐसे शिक्षार्थियों के लिए जो किसी कारणवश उच्च शिक्षा से वंचित रह गए हैं या नौकरी पेशा वर्ग के ऐसे विद्यार्थी जो अपने भावी सपनों को साकार करना चाहते हैं, उनके लिए यह विश्वविद्यालय शिक्षा के अवसर प्रदान करने का प्रमुख केंद्र बन गया है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि मैं स्वयं राज्य के दूरस्थ क्षेत्र जशपुर का हूं इसलिए मैंने हमारे छत्तीसगढ़ के दूरस्थ अंचलों के लोगों की कठिनाईयों को बहुत नजदीक से देखा है मैं दूरस्थ अंचलों में बसे हमारे राज्य के लोगों की कठिनाईयों को महसूस कर सकता हूं। मुझे खुशी है कि विश्वविद्यालय अपने ध्येय वाक्य ‘‘उच्च शिक्षा आपके द्वार‘‘ के अनुरूप अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा, शिक्षा का मूल उद्देश्य सर्वे भवंतु सुखिनः के ध्येय वाक्य के साथ एक दूसरे की मदद करना है। हमारे राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू किए जाने से युवाओं में तार्किक क्षमता के संवर्धन के साथ ही उनका सर्वांगीण विकास होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के पंडित सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय को यूजीसी के 235 विश्वविद्यालयों की उस सूची में शामिल किया गया है, जो संयुक्त अथवा दोहरी डिग्री दे सकता है। अब यह विश्वविद्यालय विदेशी विश्वविद्यालय के साथ मिलकर संयुक्त डिग्री के लिए कार्यक्रम शुरू कर सकता है, यह खुशी की बात है कि हमारे छत्तीसगढ़ के विद्यार्थी विदेशी विश्वविद्यालय से जुड़ सकेंगे।

मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय परिवार की प्रशंसा करते हुए कहा मेरा सुझाव है कि विश्व के लोगों का छत्तीसगढ़ की भाषा और संस्कृति से परिचय कराया जाए, इस दिशा में छत्तीसगढ़ी भाषा में पाठ्यक्रम की शुरुआत इस विश्वविद्यालय ने की है यह सराहनीय कदम है। इस विश्वविद्यालय का अध्ययन-अध्यापन के साथ यह भी दायित्व बनता है कि छत्तीसगढ़ अंचल के भाषा, संस्कृति को समृद्ध करने के लिए निरंतर प्रयास करते रहे। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर मुख्यमंत्री श्री साय ने समारोह में उपस्थित जनों से ‘‘एक पेड़ माँ के नाम अभियान‘‘ से जुड़ने की अपील की और कहा कि अपने आसपास सुलभ स्थान देखकर आप सभी एक पेड़ माँ के नाम जरुर लगाएं और उसकी देखरेख करें।

उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने भी दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। उन्होंने उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई दी एवं उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा विश्वविद्यालय परिवार द्वारा पूरे मनोयोग से विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान की जा रही है। रामचरितमानस के पाठ्यक्रम संचालित कर यहां पर आध्यात्म से जुड़ी शिक्षा दी जा रही। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिए पाठ्यक्रम में आमूल चूल परिवर्तन किया गया है और विषयों के बंधन से मुक्त किया गया है। योग्यता, गुणवत्ता एवं आवश्यकता पर आधारित विषयों को समाहित कर पाठ्यक्रम को वर्तमान उद्देश्यों के अनुरूप बनाया गया है।

केंद्रीय राज्य मंत्री श्री तोखन साहू ने दीक्षांत समारोह में अपना उद्बोधन देते हुए स्वर्ण पदक, उपाधि प्राप्तकर्ताओं एवं स्वर्ण पदक पाने वाले विद्यार्थियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा व्यक्ति के लिए शिक्षा एवं संस्कार महत्वपूर्ण आधार स्तंभ है। शिक्षा मनुष्य को अपने कार्य क्षेत्र से संबंधित कौशल प्रदान करता है, वहीं संस्कार मनुष्य को समाज में श्रेष्ठ नागरिक बनने के लिए प्रेरित करता है। मानव जीवन में शिक्षा महत्वपूर्ण स्थान रखता है शिक्षित व्यक्ति अपना समुचित विकास करते हुए समाज और राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

कुलपति प्रोफेसर बंशगोपाल सिंह ने इस गरिमामय अवसर पर सभी विद्याार्थियों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय अपने उद्देश्यों को साकार करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। यह विश्वविद्यालय पूरे छत्तीसगढ़ में 105 से अधिक अध्ययन केन्द्रों के माध्यम से दूरस्थ अंचलों तक उच्च शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए कार्यरत है।

इस अवसर पर बिलासपुर विधायक श्री अमर अग्रवाल, तखतपुर विधायक श्री धर्मजीत सिंह, बिल्हा विधायक श्री धरमलाल कौशिक, बेलतरा विधायक श्री सुशांत शुक्ला, कोटा विधायक श्री अटल श्रीवास्तव, मस्तुरी विधायक श्री दिलीप लहरिया, जिला पंचायत बिलासपुर अध्यक्ष श्री अरूण सिंह चौहान, प्रबुद्ध नागरिक, विश्वविद्यालय परिवार के सदस्य, जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी और बड़ी संख्या में विद्यार्थी मौजूद रहे।

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