खबरे छत्तीसगढ़
सफलता की कहानी :मनरेगा की एक छोटी सी मदद के बाद उन्नति की नई राह पर निकल पड़े हैं कृषक बीरसाय
एमसीबी : एक छोटी सी मदद भी मजबूत इच्छाशक्ति वाले के लिए बड़ा विकल्प हो जाता है। इस बात का जीता जागता उदाहरण हैं ग्राम पंचायत लाई में रहने वाले मनरेगा श्रमिक और पेशे से किसान बीरसाय की। पहले जमीन होने के बावजूद उनके पास अच्छे संसाधन नहीं थे और उन्हें मनरेगा के अकुशल रोजगार पर आश्रित रहना पड़ता था। लेकिन उनकी मजबूत इच्छाशक्ति और स्वावलंबन की सोच ने उन्हें अपने खेतों में ही उन्नति का मार्ग दिखा दिया। यह कहानी है मनेन्द्रगढ़-भरतपुर-चिरिमिरी जिले के ग्राम पंचायत लाई में रहने वाले एक पंजीकृत श्रमिक बीरसाय की जिन्होंने अपने मेहनत से अब नई राह बना ली है। मनेन्द्रगढ़ जनपद पंचायत के इस अकुशल श्रमिक के पास पहले जो भूमि थी, वह काफी उबड़-खाबड़ या कहें किसानी के लिए पूरी तरह से अनुपयुक्त थी। जिससे इस किसान परिवार के पास महात्मा गांधी नरेगा के अकुशल रोजगार का सहारा था।
परंतु बीते साल 2021 में इन्होने ग्राम पंचायत से अपने भूमि के समतलीकरण का कार्य कराए जाने हेतु आवेदन किया। उनके आवेदन को ग्राम पंचायत में आहूत ग्राम सभा के प्रस्ताव के बाद जिला पंचायत कोरिया से स्वीकृत किया गया। कुल 95 हजार रूपए से होने वाले इस भूमि सुधार कार्य के लिए ग्राम पंचायत लाई को दायित्व दिया गया। यहां बीरसाय ने स्वयं अपने गांव के मेहनती श्रमिकों के साथ अपने असमतल भूमि को कृषि के योग्य बनाकर इसकी मेढ़बंदी कराई। इस कार्य से इन्हे सौ दिवस का अकुशल रोजगार भी प्राप्त हुआ इसकी मजदूरी सीधे इनके खातों में पहंुची।
इसके बाद इन्होंने शासन से सब्जी उत्पादन के लिए मिलने वाली टपक सिंचाई योजना के साथ मल्चिंग खेती का लाभ लिया और अपने खेतों में बेहद कम पानी से होने वाली व्यवस्था बनाकर सब्जी की खेती प्रारंभ की। बीते एक साल से यह अपनी मेहनत से लगातार हर मौसम में अलग-अलग सब्जी उगाकर लगभग हर माह 10 से 15 हजार रुपए की आमदनी कर रहे हैं। इससे इनके परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत होने लगी है। अपनी सफलता के लिए खुश होकर बीरसाय कहते हैं कि मनरेगा से भूमि सुधार और कृषि विभाग से टपक सिंचाई का लाभ मिलने से अब उनकी रोजगार की समस्या हमेशा के लिए खत्म हो गई है। अब हर सप्ताह सब्जी से अच्छी आय हो जाती है और पैसों की चिंता भी खत्म हो गई है। कुछ खेतों में वह सब्जी का उत्पादन करते हैं और बाकी खेतों में वह परंपरागत धान की और गेहूं की फसल लेकर अतिरिक्त कमाई भी करने लगे हैं। समतलीकरण जैसे छोटे से काम से एक मेहनतकश श्रमिक परिवार की दशा और दिशा परिवर्तित हो रही है।
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नक्सलियों के सुरक्षित ठिकाने में पहुंची फोर्स, मिला हथियारों का जखीरा
रायपुर : छ्त्तीसगढ़-तेलंगाना राज्य के बॉर्डर इलाके से पुलिस ने हथियारों का जखीरा बरामद किया है। माओवादियों ने जंगल में SLR समेत अन्य ऑटोमेटिक वेपंस छिपाकर रखे थे। जिसे सर्चिंग पर निकले जवानों ने बरामद कर लिया है। वहीं बस्तर में पिछले 11 महीने में पुलिस ने AK-47, इंसास, SLR जैसे करीब 212 गन बरामद किए हैं। दरअसल, मुलुगु जिले की वोड्डुगुड़ेम गांव के जंगल में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन पर निकली थी। नक्सलियों ने जंगल में अपने एक सुरक्षित ठिकाने में हथियार छिपाकर रखे थे।
जवान इसी जगह पहुंचे और नक्सलियों के SLR, बेल्जियम मॉडल SLR समेत 3 गन, और 165 लाइव बरामद किए हैं। बस्तर में 1 जनवरी से 8 नवंबर तक पुलिस और नक्सलियों के बीच कुल 97 मुठभेड़ हुई है। जिसमें 192 माओवादियों का शव बरामाद किया गया है। जबकि AK-47, इंसास, SLR , स्नाइपर समेत कुल 212 हथियार बरामद किए हैं। बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ पुलिस का यह साल काफी सफल रहा है।
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पोते ने की दादा की बेरहमी से हत्या, गिरफ्तार
भानुप्रतापपुर : कांकेर जिले के दुर्गूकोंदल थाना क्षेत्र के ग्राम अमोडी में एक कलयुगी पोते ने अपने दादा सन्नू राम 60 वर्ष की डंडों से पीट-पीट कर हत्या कर दी. आरोपी ने जमीन विवाद के कारण वारदात को अंजाम दिया है. पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी सुरेश को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया.
जानकारी के मुताबिक, जमीन विवाद संबंधी बैठक के बाद आरोपी ने अपने दादा से कहा था कि मैं तुम्हें मौत के घाट उतार दूंगा. घटना की शाम को मृतक सन्नू राम अपने खेत में बनी लाड़ी में सोने के लिए गया था. इस दौरान पीछे से आरोपी सुरेश पहुंचा और डंडे से सिर पर कई वार किए, जिससे सन्नू राम की मौत हो गई. घटना के बाद आरोपी वापस अपने घर आ गया.
सुबह मृतक के बेटे ने देखा कि उसके पिता आज वापस नहीं आए हैं, तब जाकर लाड़ी में पंहुचा तो मृत अवस्था में अपने पिता को पाया. इसकी सूचना दुर्गूकोंदल थाने में दी गई. दुर्गूकोंदल पुलिस ने मौके का मुआयना किया और पाया कि इसमें स्थानीय किसी व्यक्ति का हाथ है, जिस पर जांच में पता चला कि आरोपी सुरेश अपने दादा से जमीन विवाद में रंजिश रखता था और उसी ने घटना को अंजाम दिया है. आरोपी सुरेश ने हत्या करना स्वीकार कर लिया है. पुलिस ने आरोपी सुरेश को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया.
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कलेक्टर अवनीश शरण ने 5 टीचरों को किया सस्पेंड
बिलासपुर : बिलासपुर कलेक्टर अवनीश शरण मस्तूरी ब्लॉक के जयरामनगर आत्मानंद स्कूल के औचक निरीक्षण में पहुंचे। स्कूल परिसर में गंदगी और शिक्षकों में स्वेच्छाचारिता के चलते स्कूल के प्राचार्य, संकुल समन्वयक सहित पांच शिक्षकों को कलेक्टर अवनीश शरण ने निलंबित कर दिया है। कलेक्टर अवनीश शरण स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी व हिंदी माध्यम विद्यालय जयरामनगर ब्लॉक मस्तूरी में पहुंचे थे। यहां आठवीं तक की कक्षा संचालित है। आत्मानंद विद्यालय में प्राइमरी व मिडिल स्कूल दोनों संचालित है।
अंग्रेजी माध्यम में प्राइमरी स्कूल संचालित है। जबकि हिंदी माध्यम में मिडिल स्कूल संचालित है। कलेक्टर जब यहां पहुंचे तब स्कूल में साफ– सफाई नहीं मिली। इसके अलावा कुछ शिक्षकों की उपस्थिति पंजी में हस्ताक्षर तो थे पर वह स्कूल में उपस्थित नहीं थे। इस कलेक्टर ने गंभीर माना और महिला प्राचार्य एम मोइत्रा को इसके लिए जवाबदार माना। संकुल समन्वयक के द्वारा भी नियमित निरीक्षण कर कर्तव्यों का निर्वहन नहीं किया जा रहा था। जिसके चलते कलेक्टर ने स्वामी आत्मानंद विद्यालय जयरामनगर में पांच को निलंबित करने के निर्देश दिए है।
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