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सेहत

नींद को लेकर मची है मारामारी, कम सोने से बढ़ रही है दिल की बीमारी, बचने के लिए छुट्टी वाले दिन करें ये काम

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रोजाना अच्छी नींद लेने से हमारा शरीर रिपेयर और रीचार्ज होता है। नींद का कनेक्शन हमारे दिल से जुड़ा है। यूरोपीयन सोसाइटी ऑफ कार्डियोलॉजी की लेटेस्ट स्टडी के मुताबिक जो लोग अपने हफ्ते भर की अधूरी नींद की भरपाई छुट्टी के दिन कर लेते हैं, उनमें दिल की बीमारी का जोखिम 20% तक कम हो जाता है। इससे समझ आ गया होगा कि नींद कितनी जरूरी है। इन दिनों सबसे ज्यादा मारामारी नींद को लेकर ही है। भागदौड़ भरी जिंदगी में वक्त की कमी को पूरा करने के लिए अगर आप भी रातों की नींद से समझौता करते हैं। तो आपको वीकेंड पर नींद पूरी करने वाला फॉर्मूला अपनाना होगा। गांठ बांध लीजिए कि छुट्टी के दिन अपनी बची कुची नींद की भरपाई जरूर करेंगे।

कम सोने से शरीर पर पड़ता है ऐसा असर

ऐसा नहीं करते हैं तो होने वाले खतरे को भी जान लीजिए। अगर पिछले 18 घंटे से आप नहीं सोए हैं तो ब्लड प्रेशर बिगड़ेगा और फिर हार्ट पर इसका लोड बढ़ेगा। जबकि 24 घंटे तक लगातार जागने पर इन परेशानियों के साथ ही चिड़चिड़ापन भी बढ़ेगा। किसी काम में मन नहीं लगेगा। नींद की परेशानी तो ऐसी है कि कई लोग 36 घंटे तक ढंग से सो नहीं पाते। अगर आपके साथ भी ऐसा हो रहा है तो समझ लीजिए इसका असर आपके दिमाग पर पड़ने वाला है। इससे कंसंट्रेशन खराब होगा और कोई भी फैसला लेने में आपको दिक्कत होगी। कुछ लोग तो ऐसे भी हैं, जिन्हें दो-दो दिन तक नींद नहीं आती है। ऐसे लोग एक्स्ट्रीम स्ट्रेस और एंग्जाइटी की गिरफ्त में आ जाते हैं। ऐसे लोग बात-बात पर चिढ़ते रहते हैं। दिमाग अशांत रहने लगता है जिससे बड़ी गलतियों की आशंका बढ़ जाती है।

शरीर के लिए क्यों जरूरी है अच्छी नींद

कहने का मतलब ये कि रोज 7 घंटे की साउंड स्लीप की अहमियत को आप समझिए। नींद के दौरान शरीर का डिफेंस सिस्टम एक्टिव होता है। जब हम गहरी नींद में होते हैं, तो शरीर का ओटोनॉमिक नर्वस सिस्टम इसे रिपेयर करना शुरु करता है। नींद में ये सारे काम अचेत अवस्था में चलते हैं, जिससे बॉडी ऑटो रिवर्स हो जाती है। यानि हर हाल में आपको साउंड स्लीप लेना जरूरी है।

नींद की कमी से बीमारी

  • शुगर-बीपी इम्बैलेंस
  • कोलेस्ट्रॉल  हाई
  • हार्मोनल प्रॉब्लम
  • DNA डैमेज का खतरा
  • कैंसर का रिस्क

नींद का हेल्थ कनेक्शन 

  • सोने के दौरान शरीर रिपेयर
  • कम नींद से कमजोर डिफेंस सिस्टम
  • खराब नींद से इम्यूनिटी पर असर

कम सोने से दिक्कत 

  • फैसले लेने में मुश्किल
  • सीखने की क्षमता घटती है
  • याद्दाश्त कमज़ोर होती है

नींद की कमी से सेहत पर असर

  • स्ट्रेस
  • एंग्जायटी
  • डिप्रेशन
  • BP इम्बैलेंस
  • इंसुलिन रेजिस्टेंस
  • इंफ्लेमेशन
  • शरीर में टॉक्सिन हाई

नींद की कमी से कमजोर इम्यूनिटी 

  • नेचुरल किलर सेल टी-सेल 70% कम
  • एंटीबॉडी कम बनते हैं
  • इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है

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सेहत

रोज सुबह खाली पेट खाएं 2 भीगे हुए अखरोट दुर हो जाएंगी ये समस्याएं…

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अखरोट एक शक्तिशाली ड्राईफ्रूट होता है। इसे खाने से शरीर को कई लाभ मिलते हैं। अखरोट हमारे दिमाग को तेज बनाता है। अखरोट हेल्दी फैट्स, विटामिन्स, प्रोटीन और मिनरल्स जैसे कई पोषक तत्वों से भरपूर है। डाइटिशियन हेल्दी रहने के लिए रोज 2 अखरोट खाने की सलाह देते हैं। अखरोट को भिगोकर सुबह खाली पेट खाया जाए तो और भी ज्यादा गुणकारी हो जाता है। चलिए जानते हैं रातभर भिगोए हुए अखरोट खाने के क्या लाभ हैं।

कब्ज :- आजकल लोगों को कब्ज की समस्या बनी रहती है। अखरोट हाई फाइबर से भरपूर होता है। रोज 2 भिगोए हुए अखरोट खाने से आपका पाचन तंत्र मजबूत होता है। इससे फ्रेश होने में भी परेशानी महसूस नहीं होती है। पेट की समस्या लगातार बनी रहती है तो रोजाना भीगे अखरोट खाएं।

अच्छी नींद:- लोगों में नींद की कमी की समस्या आम हो गई है। इसका कारण स्ट्रेस और तनाव है। अखरोट को अच्छी नींद के लिए सुपरफूड माना जाता है। अगर आपको भी अच्छी और गहरी नींद चाहिए तो रोज 2 अखरोट को रातभर भिगोकर रखें और सुबह खाली पेट खाएं। इससे आपकी नींद में काफी सुधार आ जाएगा।

इम्युनिटी:- वीक इम्युनिटी की प्रॉब्लम से लाखों लोग गुजर रहे हैं। कमजोर इम्युनिटी से आप जल्दी-जल्दी बीमार होते हैं। इम्युनिटी बढ़ाने के लिए रोजाना अखरोट खाने की सलाह दी जाती है। इसके लिए आपको 2 अखरोट रातभर पानी में भिगोकर रखने होंगे। सुबह खाली पेट लगातार कुछ दिनों तक खाएं। खाली पेट अखरोट खाने से दिमाग भी तेज होता है।

डायबिटीज:- कई रिसर्च में अखरोट को डायबिटीज के लिए फायदेमंद माना गया है। अखरोट डायबिटीज टाइप-2 के खतरे को भी कम कर सकता है। रोज खाली पेट भिगोए हुए अखरोट खाने से शरीर का ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रहता है। अखरोट में ऐसे कई एंजाइम्स हैं जो शुगर में फायदा पहुंचाते हैं।

मजबूत हड्डियां:- अखरोट को शरीर की हड्डियों के लिए भी फायदेमंद माना जाता है। अखरोट कैल्शियम से भरपूर होता है, जो आपकी हड्डियों को मजबूत बनाता है। अखरोट में ओमेगा-3 भी होता है, जो दांतों की सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है।

हार्ट हेल्थ:- अखरोट में गुड फैट्स होते हैं। ये ओमेगा-3 का भी बढ़िया सोर्स है। अखरोट खाने से शरीर का बीपी कंट्रोल रहता है और बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल कम होता है। ये सभी घटक अच्छी हार्ट हेल्थ के लिए जरूरी होते हैं। इसलिए दिल के मरीजों को भी रोज खाली पेट भीगे अखरोट खाने चाहिए।

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सेहत

गरमा-गरम खाने और पीने से सेहत के लिए हो सकता है भारी नुकसान..

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आपने देखा होगा कि बहुत लोग गरमा-गरम चाय पीना पसंद करते हैं. गरमा-गरम खाना खाना पसंद करते हैं. कई बार तो लोग बरसात में भीगने के बाद गर्म चाय, सूप, खिचड़ी खाते हैं, इससे ये लोग मानते हैं कि मूड अच्छा हो जाता है. थकान तुरंत दूर हो जाती है. बेहतर महसूस करते हैं. मगर, क्या आप जानते हैं कि गर्म खाना आपकी हेल्थ को नुकसान पहुंचा सकता है. कैसे? जानने के लिए आप इस आर्टिकल को जरूर पढ़ें.

आंतों को पहुंचता है नुकसान

उमस या गर्मी वाले मौसम में अगर आप गर्म खाना खाते हैं तो इससे आपकी आंतों को भी नुकसान पहुंच सकता है. आंतों में जलन और गर्मी बढ़ सकती है.

जल सकती है जीभ

बहुत गर्म खाना खाने वाले लोगों की कई बार जीभ जल जाती है. इससे जीभ पर छाले पड़ सकते हैं जिसकी वजह से आपको लंबे समय तक दर्द और तकलीफ हो सकती है.

दांतों को नुकसान

गर्म खाना आपके दांतों को नुकसान पहुंच सकता है. दांतों की ऊपरी परत (इनेमल) डैमेज हो सकती है. दांतों का रंग खराब हो सकता है और टूथ सेंसिटिविटी बढ़ सकती है. अगर, आप गर्म खाने के शौकीन है तो आपने यह कई बार महसूस किया होगा. इसके साथ ही बहुत गर्म खाना खाने वाले लोगों गले में सूजन ​की शिकायत रहती है. इससे फूड पाइप से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं.

बढ़ सकती हैं पेट की बीमारी

गर्म खाना खाने से पेट संबंधी बीमारियां पनप सकती हैं. पेट की स्किन जल सकती है. पेट में छाले पड़ जाते हैं. जिसके चलते एसिडिटी, उल्टी और पेट में जलन जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं.

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सेहत

गर्भनिरोधक दवाईयों से महिलाओं में बढ़ता है ब्लड क्लोटिंग का खतरा? जाने एक्सपर्ट से

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महिलाएं अक्सर अनचाहे गर्भ को रोकने के लिए गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल करती हैं. इन गोलियों को अगर डॉक्टर की सलाहनुसार और एक सीमित मात्रा में ली जाए तो ठीक हैं वर्ना ये एक बड़ी परेशानी का सबब बन सकती हैं क्योंकि इनके अनियमित इस्तेमाल से कई परेशानियों का खतरा बढ़ता है जिनमें से एक है ब्लड क्लोटिंग का. माना जाता है कि गर्भनिरोधक के ज्यादा इस्तेमाल से ब्लड क्लोटिंग की समस्या पैदा हो जाती है.

कई महिलाएं जो कि सेक्सुअली एक्टिव है और निकट भविष्य में बच्चा भी नहीं चाहती ऐसे में अक्सर गर्भ निरोधक तरीकों का इस्तेमाल करती हैं. जिनमें गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल भी शामिल है. लेकिन अगर ये दवाईयां काफी अधिक मात्रा में और बिना डॉक्टर के परामर्श के ली जाएं तो कई नुकसान हो सकते हैं. अक्सर देखा गया है कि इस दवाओं के ज्यादा इस्तेमाल से सिरदर्द, सूजन, पेट में दर्द और वजन बढ़ना जैसे लक्षण शामिल हैं.

ब्लड क्लोटिंग का खतरा 3 गुना अधिक

सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर वरूण बंसल कहते हैं कि कुछ बर्थ कंट्रोल दवाइयों से ब्लड क्लोटिंग का खतरा बढ़ सकता है, हालांकि इसके चांस बहुत कम हैं, परंतु जो महिलाएं ओबेसिटी या डायबिटीज की शिकार हैं या जिनका ब्लड प्रेशर ज्यादा रहता है, उनमें यह खतरा ज्यादा देखा गया है. दरअसल, इन दवाओं को लेने से हार्मोंस में तेजी से बदलाव होता है यही कारण है गर्भधारण नहीं हो पाता, ऐसे ही अन्य हार्मोन बेस्ड दवाईयां लेने से भी ब्लड क्लोटिंग का रिस्क 3 गुना तक बढ़ जाता है, साथ ही इस अध्ययन से ये बात भी सामने आई है कि अगर इन दवाईयों के उपयोग को बंद कर दिया जाए तो दो से चार सप्ताह के भीतर ये रिस्क काफी हद तक कम और खत्म हो जाता है.

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