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जनकपुर घघरा के हजारों वर्ष पुराने मंदिर नष्ट होने की कगार पर( संबोधन संस्था ने संरक्षण हेतु कलेक्टर से लगाई गुहार) 

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मनेन्द्रगढ़।एमसीबी :  देवगढ़ और कैमूर पहाड़ियों से घिरे जनकपुर (भरतपुर ) विकास खंड घघरा में हजारों वर्ष पुराने मंदिर की जर्जर स्थिति पर अंचल की सांस्कृतिक संस्था संबोधन साहित्य एवं कला विकास संस्थान मनेन्द्रगढ़ द्वारा चिंता व्यक्त करते हुए जिला कलेक्टर मनेन्द्रगढ़ को ज्ञापन सौपा है. संस्था ने ज्ञापन में उल्लेख किया है कि घघरा में हजारों वर्ष पुराना यह मंदिर अपनी प्राचीन शिल्प कला एवं अद्भुत इंजीनियरिंग का उत्तम उदाहरण है . जो एमसीबी जिले के वर्तमान घनघोर जंगलों के बीच पुरातन कालीन सभ्यता के अवशेष के साक्ष्य है. दबी जुबान में मौर्य कालीन सिक्कों की इस अंचल से प्राप्ति के कारण किवदंतियों में यह मौर्यकालीन मंदिर कहा जाता है. पुरातत्ववेत्ता डा. वर्मा के अनुसार यह 13वीं शताब्दी का मंदिर है तथा राज्य सरकार के रिकॉर्ड में विगत 50 वर्षों से दर्ज है, किंतु जिले में प्राचीन सभ्यता के इस प्रमाण को संरक्षित करने का अब तक कोई प्रयास नहीं किया जाना अंचल की उपेक्षा को दर्शाता है.

विगत पाँच दशक से सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण हेतु प्रयासरत संस्था संबोधन ने जिला कलेक्टर से इसे संरक्षित करने एवं आसपास की भूमि मे चहारदीवारी बनाकर एक पार्क विकसित करने का अनुरोध किया है. ताकि जनकपुर से कोटाडोल रामवन गमन मार्ग के मध्य स्थित इस मंदिर से आने वाले पर्यटक परिचित हो सके, और इस अंचल की प्राचीन सभ्यता को जान सके. संरक्षण कार्य से आसपास की भूमि के अनधिकृत कब्जे से मुक्त इस स्थल से स्थानीय ग्रामीणों को जहां रोजगार मिलेगा वहीं नगर समितियां की देखरेख का जिम्मा सौंपने से उन्हें भी रोजगार के संसाधन उपलब्ध होंगे. माननीय जिलाधीश श्री राहुल वेंकट जी ने संरक्षण हेतु संस्था को विश्वास दिलाया है.स्मरणीय है कि पर्यावरण एवं धरोहर चिंतक बीरेंद्र श्रीवास्तव द्वारा अंचल के धरोहरों पर साप्ताहिक लेखो के प्रकाशन से घाघरा मंदिर के संरक्षण की दास्तान वर्तमान में लोगों की चर्चा का विषय बना हुआ है. अलग-अलग स्तर पर सामाजिक संस्थायें इसै बचाने एवं संरक्षित करने हेतु प्रयासरत है. जनप्रतिनिधियों एवं सामाजिक संगठनों द्वारा सही समय पर आवाज उठाने और प्रयासों से ही हजारों साल की सभ्यता के प्रतीक इन मंदिरों को बचाया जा सकेगा. जो आज समय की माँग है ।

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सुकमा-ओडिशा बॉर्डर में एक नक्सली ढेर, एक जवान घायल

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सुकमा :  सुरक्षाबलों की लगातार कार्रवाई से छत्तीसगढ़ में नक्सली अब बैकफुट पर आ गए हैं। तमाम बड़े नेताओं के मारे जाने के बाद अब दूसरे राज्यों में सक्रिय छत्तीसगढ़ में दाखिल हो रहे हैं। छत्तीसगढ़ में दाखिल हो रहे नक्सलियों से सुरक्षाबल के जवानों की गुरुवार को सुकमा-ओडिशा सीमा में मुठभेड़ हो गई। यह मुठभेड़ ओडिशा पुलिस के साथ हुई है। इस मुठभेड़ में एक नक्सली के मारे जाने की खबर है। वहीं एक जवान घायल हो गया है। फिलहाल इलाके में सर्चिंग तेज कर दी गई है।

मिली जानकारी के अनुसार यह मुठभेड़ ओडिशा पुलिस के साथ सुकमा जिले के एर्राबोर की सीमा पर हुई है। बड़ी संख्या में ओडिशा के नक्सलियों की छत्तीसगढ़ में दाखिल होने की सूचना जवानों को मिली थी। सभी नक्सली एर्राबोर सीमा से सुकमा जिले में दाखिल हो रहे थे। इसी दौरान जवानों के साथ मुठभेड़ हो गई। इस मुठभेड़ में एक नक्सली के मारे जाने की खबर है। वहीं एक जवान घायल हो गया है। फिलहाल इलाके में सर्चिंग तेज कर दी गई है।

 

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ED रेड के बाद गौरव मेहता की 6 और कंपनियों का खुलासा

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रायपुर :  महाराष्ट्र के कथित ‘बिटकॉइन घोटाले’ मामले में छत्तीसगढ़ में ईडी की जांच लगातार जारी है। मामले में जांच के बीच अब अब एब बड़ी खबर सामने आ रही है। खबर है कि गौरव मेहता की 6 और कंपनियों का खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है कि गौरव ने साल 2016 में ब्लॉक चेन इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनाई थी, जिसमें गौरव मेहता समेत भाई अक्षय मेहता और उनके दोस्त डायरेक्टर हैं। सभी लोग कोलकाता में स्पंज आयरन और मुंबई की ब्रोकरेज कंपनी समेत 6 कंपनी के डायरेक्टर हैं।

बताया जा रहा है कि गौरव मेहता एक कंसल्टेंसी के लिए काम करते हैं, जो पुणे पुलिस को अमित भारद्वाज के 6600 करोड़ के क्रिप्टोकरेंसी घोटाले की जांच में मदद कर रही थी। पूर्व आईपीएस रवींद्रनाथ पाटिल ने पिछले दिनों दावा किया था कि गौरव मेहता से कांग्रेस पार्टी की नेता सुप्रिया सुले और नाना पटोले ने संपर्क किया था और चुनाव में उपयोग के लिए धनराशि गौरव के जरिए बिटकॉइन घोटाले से पहुंचाई गई है। बताया ये भी जा रहा है कि ED के अधिकारियों को गौरव के घर में कुछ दस्तावेज और लैपटॉप समेत कंप्यूटर हार्ड डिस्क मिले है जिसकी जांच ईडी की टेक्निकल टीम कर रही है। साथ ही बैंक से संबंधित कुछ अहम दस्तावेज भी मिले है जिसकी जांच के लिए लोकल बैंकों के कर्मचारियों को बुलाकर जांच की जा रही है।

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देश की राजधानी दिल्ली में छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति की दिखी झलक

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रायपुर 21 नवंबर 2024  : देश की राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान में छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति व कला के बड़ी संख्या में लोग साक्षी बने। मौका था 43वें भारत अंतरर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में छत्तीसगढ़ राज्य दिवस  समारोह का, जहां एमफी थियेटर में छत्तीसगढ़ के लोक कलाकारों ने मनोहर सांस्कृतिक प्रस्तुति दी।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ राज्य दिवस समारोह का  शुभारंभ किया। उन्होंने छत्तीसगढ़ पवेलियन में अलग-अलग स्टॉलों का भ्रमण कर कलाकारों को प्रोत्साहित किया। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपने संबोधन में राज्य को “संभावनाओं की भूमि” बताते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ अब “सशक्त भारत” के निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। राज्य में बुनियादी ढांचे के विकास, कृषि में नवाचार, और उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा कई प्रभावी कदम उठाए गए हैं।  हमारा उद्देश्य राज्य को शिक्षा, स्वास्थ्य, और रोजगार के क्षेत्र में अग्रणी बनाना है। छत्तीसगढ़ अपनी सांस्कृतिक धरोहर और आधुनिक विकास के संयोजन के साथ एक वैश्विक पहचान बनाने के लिए तैयार है।

सांस्कृतिक संध्या में छत्तीसगढ़ से आये कलाकारों ने छत्तीसगढ़ में विभिन्न उत्सवों, तीज त्योहारों पर किए जाने वाले नृत्यों की प्रस्तुति दी। दर्शकों ने भरपूर तालियां बजाकर कलाकारों का उत्साहवर्धन किया। छत्तीसगढ़ी लोकमंच पर गौरा-गौरी, भोजली, राउत नाचा, सुआ, और पंथी जैसे पारंपरिक लोक नृत्यों की शानदार प्रस्तुतियां दी गई। नृत्य के माध्यम से कलाकारों ने छत्तीसगढ़ की लोक कला और सांस्कृतिक विविधता का जीवंत प्रस्तुतिकरण किया। कलाकारों ने गौरा-गौरी और भोजली की धार्मिक परंपरा, सुआ नृत्य के भावपूर्ण गीत, और राउत नाचा के माध्यम से छत्तीसगढ़ की जीवंत लोक परंपराओं से दर्शकों को रूबरू कराया। इसके साथ ही पंथी और करमा नृत्य द्वारा आध्यात्मिकता और भक्ति भाव से दर्शकों को सराबोर कर दिया।

इस अवसर पर दिल्ली में पदस्थ छत्तीसगढ़ की इन्वेस्टमेंट कमिश्नर श्रीमती ऋतु सैन, मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत, संस्कृति विभाग के सचिव श्री अन्बलगन पी, संस्कृति व राजभाषा विभाग के संचालक श्री विवेक आचार्य, लघु वनोपज के महाप्रबंधक श्री मणिवासन एस, सीएसआईडीसी के महाप्रबंधक विश्वेश कुमार, जनसंपर्क आयुक्त श्री रवि मित्तल, आवासीय आयुक्त श्रीमती श्रुति सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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