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चुनाव आचार संहिता क्‍या है? कब और किन-किन चीजों पर रहेगी पाबंदी; जानें नियम और शर्तें

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आज लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों का ऐलान होने वाला है। दोपहर तीन बजे चुनाव प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा जिसमें चुनाव की तारीखों की घोषणा की जाएगी। खबर है कि इस बार लोकसभा चुनाव सात से आठ चरण में हो  सकते हैं। लोकसभा के साथ-साथ ओडिशा, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और आंध्र प्रदेश के विधानसभा के भी चुनाव कराए जाएंगे तो आज इन चुनावों की तारीखों का भी ऐलान होगा। पिछली बार अप्रैल-मई में चुनाव हुए थे, इस बार भी इसी दौरान चुनाव होंगे।

2024 लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के बाद आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी जिसका मतलब चुनाव आयोग के वो निर्देश जिनका पालन चुनाव खत्म होने तक हर चुनाव लड़ने वाली पार्टी को करना होता है। चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही वहां चुनाव आचार संहिता भी लागू हो जाती हैं। चाहे केंद्र सरकार हो या राज्य सरकारें, सभी चुनाव आचार संहिता के दायरे में आती हैं।

क्या होती है आदर्श आचार संहिता?

जब भी चुनाव आयोग की ओर से चुनाव का आयोजन किया जाता है, तो इससे पहले से ही आदर्श चुनाव संहिता को लागू किया जाता है, जिसकी मदद से चुनाव पूरी तरह से निष्पक्ष और स्वतंत्र रूप से हो सके। इसके तहत कुछ नियमों को तय किया जाता है, जिसका चुनावी प्रक्रिया के दौरान संबंधित राजनीतिक पार्टियों को पालन करना होता है। चुनाव आचार संहिता को चुनाव की तारीख की घोषणा के साथ ही लागू कर दिया जाता है और यह चुनाव समापन तक जारी रहती है।

आचार संहिता का पालन नहीं करने पर क्या होता है?

यदि कोई राजनीतिक दल या फिर राजनीतिक दल का कोई प्रत्याशी आदर्श आचार संहिता का पालन नहीं करता है, तो उस पर चुनाव आयोग की ओर से कार्रवाई की जाती है। उदाहरण के तौर पर उम्मीदवार को चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है। यदि जरूरत पड़े तो आपराधिक मुकदमा भी दर्ज हो सकता है, वहीं नियमों के उल्लंघन पर जेल भी जाना पड़ सकता है।

राजनीतिक सभाओं से जुड़े नियम:

  • सभा के स्थान व समय की पूर्व सूचना पुलिस अधिकारियों को दी जाए।
  • सभा स्थल में लाउडस्पीकर के उपयोग की अनुमति पहले प्राप्त करें।
  • दल या अभ्यर्थी पहले ही सुनिश्चित कर लें कि जो स्थान उन्होंने चुना है, वहॉं निषेधाज्ञा तो लागू नहीं है।
  • सभा के आयोजक विघ्न डालने वालों से निपटने के लिए पुलिस की सहायता करें।

सत्ताधारी दल के लिए नियम:

  • कार्यकलापों में शिकायत का मौका न दें।
  • मंत्री शासकीय दौरों के दौरान चुनाव प्रचार के कार्य न करें।
  • इस काम में शासकीय मशीनरी तथा कर्मचारियों का इस्तेमाल न करें।
  • सरकारी विमान और गाड़ियों का प्रयोग दल के हितों को बढ़ावा देने के लिए न हो।
  • हेलीपेड पर एकाधिकार न जताएं।
  • विश्रामगृह, डाक-बंगले या सरकारी आवासों पर एकाधिकार नहीं हो।
  • इन स्थानों का प्रयोग प्रचार कार्यालय के लिए नहीं होगा।
  • सरकारी धन पर विज्ञापनों के जरिये उपलब्धियां नहीं गिनवाएंगे।
  • मंत्रियों के शासकीय भ्रमण पर उस स्थिति में गार्ड लगाई जाएगी जब वे सर्किट हाउस में ठहरे हों।
  • कैबिनेट की बैठक नहीं करेंगे।
  • स्थानांतरण तथा पदस्थापना के प्रकरण आयोग का पूर्व अनुमोदन जरूरी।

अधिकारियों के लिए नियम:

  • शासकीय सेवक किसी भी अभ्यर्थी के निर्वाचन, मतदाता या गणना एजेंट नहीं बनेंगे।
  • मंत्री यदि दौरे के समय निजी आवास पर ठहरते हैं तो अधिकारी बुलाने पर भी वहॉं नहीं जाएंगे।
  • चुनाव कार्य से जाने वाले मंत्रियों के साथ नहीं जाएंगे।
  • जिनकी ड्यूटी लगाई गई है, उन्हें छोड़कर सभा या अन्य राजनीतिक आयोजन में शामिल नहीं होंगे।
  • राजनीतिक दलों को सभा के लिए स्थान देते समय भेदभाव नहीं करेंगे।

सामान्य नियम:

  • कोई भी दल ऐसा काम न करे, जिससे जातियों और धार्मिक या भाषाई समुदायों के बीच मतभेद बढ़े या घृणा फैले।
  • राजनीतिक दलों की आलोचना कार्यक्रम व नीतियों तक सीमित हो, न ही व्यक्तिगत।
  • धार्मिक स्थानों का उपयोग चुनाव प्रचार के मंच के रूप में नहीं किया जाना चाहिए।
  • मत पाने के लिए भ्रष्ट आचरण का उपयोग न करें। जैसे-रिश्वत देना, मतदाताओं को परेशान करना आदि।
  • किसी की अनुमति के बिना उसकी दीवार, अहाते या भूमि का उपयोग न करें।
  • किसी दल की सभा या जुलूस में बाधा न डालें।
  • राजनीतिक दल ऐसी कोई भी अपील जारी नहीं करेंगे, जिससे किसी की धार्मिक या जातीय भावनाएं आहत होती हों।

जुलूस संबंधी क्या है नियम?

  • जुलूस का समय, शुरू होने का स्थान, मार्ग और समाप्ति का समय तय कर सूचना पुलिस को दें।
  • जुलूस का इंतजाम ऐसा हो, जिससे यातायात प्रभावित न हो।
  • राजनीतिक दलों का एक ही दिन, एक ही रास्ते से जुलूस निकालने का प्रस्ताव हो तो समय को लेकर पहले बात कर लें।
  • जुलूस सड़क के दायीं ओर से निकाला जाए।
  • जुलूस में ऐसी चीजों का प्रयोग न करें, जिनका दुरुपयोग उत्तेजना के क्षणों में हो सके।

मतदान के दिन संबंधी नियम:

  • अधिकृत कार्यकर्ताओं को बिल्ले या पहचान पत्र दें।
  • मतदाताओं को दी जाने वाली पर्ची सादे कागज पर हो और उसमें प्रतीक चिह्न, अभ्यर्थी या दल का नाम न हो।
  • मतदान के दिन और इसके 24 घंटे पहले किसी को शराब वितरित न की जाए।
  • मतदान केन्द्र के पास लगाए जाने वाले कैम्पों में भीड़ न लगाएं। कैम्प साधारण होने चाहिए।
  • मतदान के दिन वाहन चलाने पर उसका परमिट प्राप्त करें।

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सोनाक्षी सिन्हा की शादी पर यूपी के कुशीनगर में क्यों मचा बवाल..

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कुशीनगर. बॉलीवुड एक्ट्रेस सोनाक्षी सिन्हा और जहीर इक़बाल की शादी के बाद यूपी के कुशीनगर में बवाल मच गया. एक वर्ग विशेष के युवक ने सोनाक्षी सिन्हा की जहीर इकबाल से शादी के बाद सोशल मीडिया पर एक आपत्तिजनक पोस्ट डाली. जिसके बाद गांव के युवाओं ने चैराहे पर जाम लगाकर जमकर नारेबाजी की और आरोपी युवक के खिलाफ एक्शन लेने की मांग करने लगे. जिसके बाद पुलिस ने सर्वर सिद्दीकी नाम के युवक को हिरासत में लिया है. दरअसल, पूरा मामला कसया थाने के अहिरौली राजा गांव का है. जहां के रहने वाले युवक सरवर सिद्दीकी ने सोशल मीडिया पर एक एक वर्ग विशेष को टारगेट करते हुए पोस्ट डाली। जो तेजी से वायरल हो गया. इसके बाद गांव के युवा भड़क उठे और सर्वर की गिरफ्तारी के लिए कसया मार्ग पर जाम लगा दिया. सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंची और काफी मशक्कत के बाद समझा बुझाकर जाम खत्म करवाया. पुलिस ने आरोपी सरवर सिद्दीकी को हिरासत में ले लिया है. प्रभारी निरीक्षक गिरीजेश उपाध्याय ने बताया कि सोशल मीडिया पर एक विवादित पोस्ट की वजह से गांव में माहौल तनावपूर्ण हो गया था. लोगों को समझा बुझाकर शांत करवाया गया है. आरोपित के विरुद्ध आईटी एक्ट सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उसे कोर्ट ले जाया जा रहा है.

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CM अरविंद केजरीवाल को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ा झटका, शराब घोटाला मामले में नहीं मिली जमानत

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दिल्ली शराब घोटाला मामले में हुए भ्रष्टाचार के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत पर रोक लगा दी है। दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में बड़ा फैसला सुनाया है और केजरीवाल की जमानत पर रोक जारी रखी है। इस फैसले के बाद केजरीवाल फिलहाल तिहाड़ जेल में ही रहेंगे। कोर्ट ने आज साफ कहा है कि अरविंद केजरीवाल की जमानत पर लगी रोक जारी रहेगी। ईडी ने उनकी जमानत को रद्द करने के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसपर हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी होने तक जमानत पर रोक जारी रखने का फैसला सुनाया है।

दिल्ली हाई कोर्ट में जस्टिस सुधीर कुमार जैन की एकल बेंच ने आज मामले की सुनवाई की और फेसला सुनाया। बता दें कि केजरीवाल को 20 जून को निचली अदालत ने जमानत दे दी थी जिसके बाद इस जमानत के फैसले के खिलाफ ईडी ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी और जमानत को रद्द करने की मांग की थी। 21 जून को दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल की जमानत पर अंतरिम रोक लगाया था और फैसला सुरक्षित रख लिया था।

कोर्ट ने आज दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुनाया है।

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लोकसभा स्पीकर को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने, ओम बिरला या के. सुरेश पर कल होगा फैसला

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18वीं लोकसभा के पहले संसद सत्र का आज दूसरा दिन है। पहले दिन यानी सोमवार को लोकसभा में 280 सांसदों ने शपथ ली थी। आज दूसरे दिन बाकी बचे हुए 264 सांसद लोकसभा के सदस्य के पद की शपथ ले रहे हैं। आज एनडीए की ओर से ओम बिरला को लोकसभा के स्पीकर का उम्मीदवार बना दिया गया है। विपक्ष की ओर से कांग्रेस नेता के. सुरेश ने लोकसभा स्पीकर के लिए अपना नामांकन पत्र भरा है। लोकसभा के स्पीकर का चुनाव बुधवार को होना है।

देश में तीसरी बार हो रहा लोकसभा स्पीकर का चुनाव

देश में 72 साल में तीसरी बार लोकसभा स्पीकर को लेकर चुनाव होने जा रहा है। इससे पहले 1952, 1976 में भी स्पीकर को लेकर चुनाव हुआ था।

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