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पहलवानों ने सरकार को दिया 5 दिन का अल्टीमेटम, तब तक नहीं बहाएंगे मेडल
महिला खिलाड़ियों के यौन शोषण मामले में बीजेपी सांसद और भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले पहलवानों ने जंतर-मंतर से हटाए जाने के बाद अपनी लड़ाई और तेज कर दी है। धरना प्रदर्शन कर रहे सभी पहलवानों ने गुस्से का इजहार करते हुए अपने मेडल को गंगा में बहाने का ऐलान किया है। पहलवान बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक ने सोशल मीडिया पर बयान जारी कर कहा कि वह मेडलों को गंगा में बहाने जा रहे हैं, क्योंकि जितना पवित्र गंगा को माना जाता है, उतनी ही पवित्रता से मेहनत कर उन्होंने मेडल हासिल किए थे। गंगा में मेडल बहाने के बाद रेसलर्स दिल्ली स्थित इंडिया गेट पर आमरण अनशन भी करेंगे।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत हरिद्वार पहुंचे हैं। उन्होंने पहलवानों से मेडल लिए और पांच दिन का समय मांगा। वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, “पूरा देश स्तब्ध है। पूरे देश की आंखों में आंसू हैं। अब तो प्रधानमंत्री जी को अपना अहंकार छोड़ देना चाहिए।”
हरकी पैड़ी पर आरती की तैयारी हो रही है। आरती के बाद यह पहलवान हरकी पैड़ी पर गंगा में अपने मैडल विसर्जित करेंगे और अपना विरोध जताएंगे। इस बीच, श्री गंगा सभा हरकी पैड़ी हरिद्वार के अध्यक्ष नितिन गौतम ने कहा है कि हरकी पैड़ी को किसी भी तरह राजनीति का अड्डा नहीं बनने दिया जाएगा और पहलवानों को ब्रह्मकुंड हरकी पैड़ी में घुसने नहीं दिया जाएगा। पहलवान हरकी पैड़ी के सामने मालवीय टापू में बैठे हुए हैं।
दिल्ली से खिलाड़ी हरिद्वार पहुंच चुके हैं। अभी हरकी पैड़ी के मालवीय टापू में मौजूद हैं। यहां वे हाथों में तिरंगा थामे ‘बृजभूषण मुर्दाबाद’ के नारे लगा रहे हैं।
इस बीच, कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, “यह बहुत दुख की बात है कि ये ऐसे खिलाड़ी जिन्होंने देश का मान बढ़ाया, वे देश के लिए कई प्रतिष्ठित पदक लेकर आए, उन्होंने देश की सेवा की, आज वे हार रहे हैं। प्रधानमंत्री ने खुद उन्हें देश के नायक के रूप में सम्मान किया और अब उनके साथ बहुत बुरा व्यवहार किया जा रहा है, यह देखकर दुख होता है। मैं सरकार के इस रवैये को नहीं समझ पा रहा। इसके पीछे की राजनीति हो रही है।”
इस बीच, दिल्ली पुलिस ने कहा कि पहलवानों को राष्ट्रीय स्मारक इंडिया गेट पर प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जाएगी। वहीं, मेडल को गंगा में प्रवाहित करने को लेकर हरिद्वार पुलिस प्रशासन ने कहा कि वे हरिद्वार आ रहे पहलवानों को नहीं रोकेगा और ना ही उन्हें मेडल नदी में बहाने से रोकेगा। हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने कहा कि पहलवान कुछ भी करने के लिए स्वतंत्र हैं। अगर वे अपने मेडल पवित्र गंगा में बहाने आ रहे हैं, तो हम उन्हें रोकेंग नहीं। उन्होंने बताया कि उन्हें पहलवानों को रोकने का कोई भी निर्देश वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से नहीं मिला है।
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30 मार्च को मनाई जाएगी देवताओं की होली, द्वापर युग में ऐसे हुई थी रंग पंचमी की शुरूआत
रंग पंचमी का त्योहार साल 2024 में 30 मार्च को है। पंचांग के अनुसार हर साल चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को देवताओं की होली मनाई जाती है और यही वजह है कि इसे रंग पंचमी का नाम दिया गया है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन देवी देवता धरती पर होली खेलने आते हैं। देवताओं की होली से जुड़ी कथा क्या है, और कैसे रंग पंचमी के त्योहार की शुरूआत हुई थी इसके बारे में आइए विस्तार से जानते हैं।
रंग पंचमी से जुड़ी पौराणिक कथा
द्वापर युग में भगवान विष्णु ने कृष्ण अवतार लिया था। माना जाता है कि, भगवान कृष्ण ने ही रंग पंचमी की शुरुआत की थी। पौराणिक ग्रंथों में वर्णित है कि, चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को भगवान कृष्ण ने राधा जी के साथ होली खेली थी। भगवान कृष्ण और राधा जी को होली के रंगों में रंगा देखकर गोपियां भी शामिल हो गईं। राधा-कृष्ण की होली से धरती पर एक अद्भुत छटा बिखने लगी, जिसे देखकर देवी-देवता भी मंत्रमुग्ध हो गए। देवी-देवता भी राधा-कृष्ण के साथ होली खेलना चाहते थे और इसीलिए वो भी गोपी और ग्वालों का रूप धारण करके राधा-कृष्ण की टोली में शामिल हो गए। यानि धरती पर सारे देवी-देवताओं ने राधा-कृष्ण के साथ होली मनाई। यही वजह है कि रंग पंचमी को देवताओं की होली कहा जाता है। मान्यताओं के अनुसार, आज भी रंग-पंचमी के दिन देवी-देवता धरती पर राधा-कृष्ण के साथ होली मनाने पहुंचते हैं।
रंग पंचमी पर ये कार्य करना शुभ
रंग पंचमी को लेकर कहा जाता है कि इस दिन हवा में गुलाल उड़ाने से वातावरण की नकारात्मकता दूर होती है। साथ ही समाज में सौहार्द बना रहता है। इस दिन देवी-देवताओं खासकर भगवान कृष्ण की पूजा करने से मनोवांछित फल प्राप्त हो सकते हैं। यह दिन आध्यात्मिक उन्नति के लिए भी अतिउत्तम कहा गया है, साधकों को इस दिन अपने इष्ट की साधन अवश्य करनी चाहिए। इस दिन किये गये ध्यान से आपको मानसिक शांति और आध्यात्मिक बल प्राप्त होता है। जो लोग आध्यात्मिक क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं उनको कुछ ऐसे अनुभव इस दिन हो सकते हैं जिससे उनकी आध्यात्मिक यात्रा आसान हो सकती है। मान्यताओं के अनुसार, क्योंकि इस दिन देवी-देवता धरती पर आते हैं इसलिए उनकी आराधना करके भक्तों को शुभ फलों की प्राप्ति शीघ्र हो सकती है।
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Chaitra Navratri 2024 नवरात्रि के दिन कलश को स्थापित करने से पहले जान लें इसका महत्व और स्थापना विधि
चैत्र नवरात्रि का पावन पर्व साल 2024 में 9 अप्रैल से शुरू होगा। नवरात्रि के पहले दिन भक्त माता की पूजा-अराधना और व्रत रखने से पहले कलश स्थापित करते हैं। नवरात्रि की पूजा में कलश या घट स्थापना करना बेहद आवश्यक माना जाता है, खासकर तब जब आप नवरात्रि के दौरान व्रत लेने वाले हों। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना का धार्मिक महत्व क्या है और इससे क्या लाभ भक्तों को प्राप्त होते हैं।
कलश स्थापना का महत्व
हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले लोग किसी भी शुभ कार्य से पहले कलश स्थापित करते हैं। इसके पीछे वजह ये है कि कलश में सभी देवी-देवताओं के साथ ही समस्त तीर्थों का निवास भी माना गया है। कलश के मुख में भगवान विष्णु, कंठ में भोलेनाथ और मूल भाग में ब्रह्माजी विराजते हैं, साथ ही कलश के बीच वाले भाग में देवियां निवास करती हैं। साथ ही घट को ब्रह्मांड में मौजूद शक्ति का प्रतीक भी माना गया है। घट या कलश को स्थापित करने मात्र से घर में मौजूद वास्तु दोष दूर होते हैं और पूजा सफल होती है। इसलिए नवरात्रि के साथ ही किसी भी शुभ कार्य से पूर्व घट को स्थापित करने का विधान है। हर शुभ कार्य से पहले जो घट स्थापित किया जाता है उसे स्थापित करने की विधि अलग होती है। आज हम आपको बताएंगे कि अगर आप नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापित करने वाले हैं तो किस विधि से आपको घट-स्थापना करनी चाहिए
चैत्र नवरात्रि में कलश 2024 स्थापना की विधि
जो भी भक्त नवरात्रि में माता की विधि-विधान से पूजा करते हैं उन्हें नवरात्रि के पहले दिन कलश की स्थापना जरूर करनी चाहिए। कलश स्थापना से पहले स्वयं स्वच्छ होना चाहिए और उसके बाद जहां आप कलश स्थापित करने वाले हैं उस जगह को साफ करके सबसे पहले गंगाजल वहां छिड़कना चाहिए।
इसके बाद कलश में जल भरकर उसके मुख पर अशोक या आम के पत्ते लगाने चाहिए और उसके बाद नारियल पर लाल कपड़ा लपेटकर और उसे कलावे से बांधकर कलश के मुख पर रखना चाहिए। फिर कलश पर रोली से स्वास्तिक का चिह्न बनाया जाता है जिसे चार युगों का प्रतीक माना जाता है। कलश के मुख पर सुपारी, दुर्वा, अक्षत, सिक्का रखना भी शुभ माना जाता है। नवरात्रि के पहले दिन कलश को स्थापित करने से पूर्व बालू की एक वेदी भी बनाई जाती है जिस पर जौ बोए जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि जौ बौने से माता अन्नपूर्णा की कृपा भक्त को प्राप्त होती है और उसके जीवन में धन-धान्य की कभी कमी नहीं आती।
जौ की वेदी को तैयार करने के बाद धूप दीप जलाकर कलश की पूजा की जाती है। भक्त कलश की पूजा के साथ ही नवरात्रि के व्रत का संकल्प भी लेते हैं और माता को अपने घर आमंत्रित करते हैं। इसके बाद माता दुर्गा की पूजा आराधना शुरू की जाती है। अगर विधि-विधान और पूरी श्रद्धा से कलश स्थापना की जाए और नवरात्रि के नौ दिनों तक माता की पूजा की जाए तो माता की असीम कृपा भक्त को प्राप्त होती है। नवरात्रि में कलश को स्थापित करने का महत्व ये भी है कि इससे आपकी पूजा अर्चना में किसी तरह की बाधा नहीं आती। अगर आप भी नवरात्रि में माता को प्रसन्न करना चाहते हैं, व्रत रखना चाहते हैं तो नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना अवश्य करें।
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50MP कैमरे, 16GB RAM के साथ वनप्लस का ये तगड़ा स्मार्टफोन लॉन्च, जानें फीचर्स और कीमत
OnePlus ने आज चीन में OnePlus Ace 3V स्मार्टफोन की घोषणा की है। OnePlus Ace 3V में 6.7 इंच की फ्लैट ओएलईडी डिस्प्ले और 50 मेगापिक्सल का प्राइमरी कैमरा दिया गया है।
OnePlus Ace 3V के 12GB + 256GB वेरिएंट की कीमत CNY 1,999 (लगभग 23,085 रुपये) है, जबकि 12GB + 512GB वेरिएंट की कीमत CNY 2,299 (लगभग 26,585 रुयपे) है। 16GB + 512GB वेरिएंट की कीमत CNY 2,599 (लगभग 30,085 रुपये) है। स्मार्टफोन मैजिक पर्पल सिल्वर और टाइटेनियम एयर ग्रे कलर ऑप्शन में उपलब्ध है।
OnePlus Ace 3V : फीचर्स और स्पेसिफिकेशंस
OnePlus Ace 3V में 6.7 इंच की फ्लैट ओएलईडी डिस्प्ले दी गई है, जिसका 1.5K रेजॉल्यूशन, 2160Hz PWM डिमिंग और 120Hz रिफ्रेश रेट है।
OnePlus Ace 3V में एक सपाट फ्रेम है और बाईं ओर तीन-स्टेज अलर्ट स्लाइडर और दाईं ओर पावर और वॉल्यूम रॉकर बटन हैं।
बैक पैनल पर एक पिल शेप का वर्टिकल स्टैक्ड कैमरा मॉड्यूल है। फोन IP65-रेटेड है।
वनप्लस ऐस 3वी में फिंगरप्रिंट स्कैनर दिया गया है।
स्मार्टफोन 100W फास्ट चार्जिंग के सपोर्ट के साथ 5,500mAh बैटरी से लैस है।
वनप्लस ऐस 3वी में के रियर में OIS सपोर्ट के साथ 50 मेगापिक्सल Sony IMX882 प्राइमरी कैमरा और 8 मेगापिक्सल का अल्ट्रा-वाइड-एंगल कैमरा है। इसमें 16 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा दिया गया है।
वनप्लस ऐस 3वी में स्नैपड्रैगन 7+ जेन 3 प्रोसेसर दिया गया है। इसमें 16GB LPDDR5x रैम और 512GB UFS 4.0 स्टोरेज दी गई है।
हीट डिसिपेशन के लिए एयरोस्पेस-ग्रेड वीसी कूलिंग सिस्टम है जो वनप्लस 12 सीरीज में पाया जाता है।
यह स्मार्टफोन एंड्रॉइड 14 पर बेस्ड ColorOS 14 के साथ आता है।
कनेक्टिविटी ऑप्शंस में ड्यूल गेमिंग एंटीना, वाईफाई, एनएफसी, आईआर कंट्रोल और काफी कुछ शामिल हैं।
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