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शरीर, आत्मा और मस्तिष्क का सार्वभौमिक चेतना से जुड़ऩा ही योग है कर्मों की कुशलता ही योग :  रेणुका सिंह

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एमसीबी :  जिले में 10 वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन स्वामी आत्मानंद स्कूल प्रांगण मनेंद्रगढ़ में समाज कल्याण विभाग एवं जिला प्रशासन के द्वारा किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि माननीय विधायक श्रीमती रेणुका सिंह के द्वारा सामूहिक योग का प्रदर्शन किया गया। दसवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि भरतपुर-सोनहत विधायक श्रीमती सिंह ने सामूहिक योग कार्यक्रम में बच्चों, युवाओं सभी लोगों का उत्साहपूर्वक विभिन्न प्रकार के आसनों का अभ्यास एवं प्राणायाम कर नियमित योग के लिए प्रेरित करते हुए सभी को स्वस्थ रहने का संदेश दिया। इस वर्ष ‘‘महिला सशक्तिकरण के लिए योग’’ की थीम पर सभी लोगों ने उत्साह एवं नई ऊर्जा के साथ योग किया। इस अवसर पर विधायक श्रीमती सिंह ने सभी योग गुरूओं विश्वजीत पटेल, सुश्री विनिता अग्रवाल, विवेक तिवारी, संजय सेन तथा जिला अध्यक्ष अनिल केशरवानी, पूर्व जिला अध्यक्ष लखन श्रीवास्तव, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष सुरेश श्रीवास्तव, नगर पंचायत नई लेदरी सरोज यादव, राहुल सिंह, मनीष सहित अन्य जनप्रतिनिधियों को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन योग करना चाहिए, योग के फायदे की वजह से इसे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में पहचान मिली है। योग हमारे देश की प्राचीन विज्ञान हैै। भारत भूमि हमेशा ऋषि मुनिया की योग भूमि रही है। हम अपने शास्त्रों, वेद और पुराणों में योग का उल्लेख पाते हैं। योग को सही मायने में सारी सीमाओं से ऊपर उठाकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने का काम हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है।

श्रीमती सिंह ने योगा दिवस पर प्रकाश डालते हुए बतया कि 11 दिसम्बर 2014 को अमेरिका में स्थित संयुक्त राष्ट्र महासभा में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद सर्वप्रथम इसे 21 जून 2015 को पूरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (इंटरनेशनल डे ऑफ योगा) के नाम से मनाया गया। तब से प्रत्येक वर्ष हम योगा दिवस मनाते आ रहे हैैं। योगः कर्मसु कौशलम् अर्थात् योग से आती है हमारे कर्मों में कुशलता और हम बन जाते हैं आत्मनिर्भर। योग न केवल हमारा स्वाभिमान बढ़ाता है बल्कि उपयोगी व आत्मनिर्भर बनाकर हमें स्वावलंबन की सनातन परंपरा से भी जोड़ता है। तभी तो कहा गया है कि योग कर्मसु कौशलम् अर्थात कर्मों की कुशलता ही योग है।

वास्तव में योग जब जीवन में उतरता है तो जीव पर सुख-दुख अपना नकारात्मक प्रभाव नहीं डाल पाते। इसलिए कहा गया है कि योग करने का नहीं, बल्कि जीने का नाम है। हमारे ऋषियों ने जीवन को धैर्य और संयम युक्त बनाने के लिए योग को प्रमुख माध्यम बनाया था। वर्तमान समय में संपूर्ण मानवता की रक्षा के लिये धैर्य, संयम और करुणा जैसे दिव्य आभूषणों की ही आवश्यकता है, जो केवल योगमय जीवन पद्धति में निहित हैं। शरीर, मन व भावनाओं को संतुलित करता है। योग का तात्पर्य जोडऩा व एकीकरण है। आध्यात्मिक दृष्टि से देखें तो आत्मा का सार्वभौमिक चेतना से मिलन, आत्मा का परमात्मा से मिलन और व्यावहारिक दृष्टि से देखें तो योग शरीर, मन व भावनाओं को संतुलित व समरेखीय बनाने का एक सर्वश्रेष्ठ माध्यम है। योग अंतर्मुखी और बहिर्मुखी, दोनों ही स्थितियों में संतुलन स्थापित करता है। शरीर, आत्मा और मस्तिष्क का सार्वभौमिक चेतना से जुडऩा ही योग है, जो हमें शिक्षा देता है और इसी में संपूर्ण मानवता की सुरक्षा निहित है। योग को आत्मसात कर ही हम प्रकृतिमय जीवन जी सकते हैं। योग असीम ऊर्जा और उत्साह का संचार कर हमारी व्यवहारकुशलता व कार्यक्षमता को बढ़ाता है। इसीलिए गीता में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं, योगः कर्मसु कौशलम्।

योग शिक्षकों ने प्रार्थना, ताड़ासन, वृक्षासन, पादहस्तासन, अर्धचक्रासन, भ्रदासन, वज्रासन, सेतु बंध आसन, योग निद्रासन, मकरासन जैसे अन्य योग भ्रामरी प्राणायाम एवं ध्यान का अभ्यास कराया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण का केन्द्र अर्पिदा दत्ता तथा 9 वर्ष की दिव्यांग वर्षा मिश्रा रहीं। इन दोनों बच्चियों ने योगासन के विभिन्न आसन कर सबको उत्साहित कर दिया। बिलासपुर की अर्पिता दत्ता राज्यपाल के हाथों योगा गोल्डमेडलिस्ट से सम्मानित हैं। इन्होंने प्रतिभागियों के साथ प्रारंभ से अंत तक सभी आसनों को बड़ी ही सहजता एवं सरलता से किया। कार्यक्रम की समाप्ति पश्चात् सभी प्रतिभागियों को स्वल्पाहार प्रदान किया गया तथा जिला शिक्षा अधिकारी ने आभार व्यक्त करते कार्यक्रम समाप्ति की घोषण की।

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सिविल सेवा परीक्षा की कोचिंग हेतु पात्र अभ्यर्थियों का संभाग स्तर पर प्राक्चयन परीक्षा 14 जुलाई को होगी आयोजित

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अम्बिकापुर, 04 जुलाई 2024  : आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त ने बताया कि आयुक्त आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास के द्वारा जारी पत्र के अनुसार राजीव युवा उत्थान योजनांतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा की कोचिंग हेतु पात्र अभ्यर्थियों का संभाग स्तर पर प्राक्चयन परीक्षा 30 जून 2024 को दोपहर 12:00 बजे से 2:30 बजे तक आयोजित किया जाना था। किन्तु उक्त समय दिवस पर प्री.बीएड. एवं प्री.डी.एलएड. की परीक्षा होने के कारण विभाग द्वारा  आयोजित प्राक्चयन परीक्षा की तिथि में संशोधन करते हुए प्राक्चयन परीक्षा  14 जुलाई 2024 रविवार को समय 12:00 बजे से 02:30 बजे तक आयोजित की जावेगी।

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श्रमवीरों के बच्चे अब बनेंगे डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक और अधिकारी

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रायपुर, 4 जुलाई 2024 :श्रमवीरों के परिवार के बच्चों के लिए अब डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक और प्रशासनिक अधिकारी बनने की राह अब आसान हो गई है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने अपने निवास में आयोजित जनदर्शन कार्यक्रम में श्रम विभाग की मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना के तहत दो-दो लाख रुपए के चेक प्रदान किए और उन्हें उज्ज्वल भविष्य के लिए आशीर्वाद प्रदान किया।

श्रमवीर परिवारों के ऐसे मेधावी बच्चे जिन्होंने 10वीं और 12वीं की परीक्षा में मेरिट प्रथम दस में स्थान बनाया है, उन्हें दो-दो लाख रूपए की राशि के मिलने से इन बच्चों को अपने सपनों को पूरा करने का रास्ता मिल गया है। मुख्यमंत्री के हाथों बच्चों को सम्मानित और उन्हें राशि मिलने से ये बच्चे उत्साहित हैं। उन्हें मिले सम्मान और सहायता राशि से उनका आत्मविश्वास और बढ़ गया है।

कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा में सातवां स्थान प्राप्त करने वाली वेदिका निषाद ने बताया कि वह कृषि वैज्ञानिक बनना चाहती हैं। उसने कृषि महाविद्यालय में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा दी है। वेदिका ने बताया कि उसके माता-पिता किसानी और मजदूरी करके परिवार की गुजर बसर करते हैं। आज मिली राशि से उनका वैज्ञानिक बनने का सपना साकार हो सकेगा इस राशि का उपयोग वे आगे की पढ़ाई के लिए करेंगी। बालोद जिले की जिज्ञासा ने बताया कि उन्हें दसवीं की परीक्षा में प्रदेश में पांचवा स्थान मिला है। उनके पिता मजदूरी करते हैं। वह डॉक्टर बनने का सपना संजोए हुए है। दसवीं की मेरिट में दूसरा स्थान प्राप्त करने वाली पद्मनी शांडिल्य सिविल सर्विसेज में जाना चाहती हैं। इसी प्रकार मेरिट में आठवें स्थान में आने वाले खोमेंद्र इंजीनियर बनना चाहते हैं। दसवीं की बोर्ड परीक्षा में दूसरा स्थान प्राप्त करने वाली होनिशा के पिता मिस्त्री का काम करता हैं, होनिशा डिप्टी कलेक्टर बनना चाहती हैं।

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स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण हेतु प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गिधपुरी और दामाखेड़ा को मिला राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक हेतु प्रमाण पत्र

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बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के 12 चिकित्सालयों को प्राप्त हो चुका है यह प्रमाण पत्र

रायपुर,4 जुलाई 2024 :   बलौदाबाजार-भाटापारा जिला स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में नित नए प्रगति के सोपान तय कर रहा है। इसी कड़ी में जिले के पलारी ब्लॉक के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गिधपुरी और सिमगा के दामाखेड़ा को गुणवत्ता पूर्ण सुदृढ़ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है।  मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एम पी महिश्वर के अनुसार राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण पत्र (एन क्यू ए एस) उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने हेतु राष्ट्रीय स्तर से दिया जाता है। बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के 12 चिकित्सालयों को अब तक यह प्रमाण पत्र प्राप्त हो चुका है।

सीएमएचओ से मिली जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक के लिए जिला ,राज्य और राष्ट्रीय तीन स्तरों पर मूल्यांकन होता है। अंतिम मूल्यांकन हेतु अन्य प्रदेश से निरीक्षण टीम आती है। 70 प्रतिशत से अधिक के स्कोर पर ही स्वास्थ्य संस्था को यह प्रमाण पत्र प्रदाय किया जाता है। मूल्यांकन में गिधपुरी को 81.29 तथा दामाखेड़ा को 88.77 प्रतिशत अंक मिले हैं। मूल्यांकन में सुविधा उपलब्धता,मरीजों के अधिकार ,इनपुट ,सपोर्ट सर्विस,क्लीनिकल सर्विस,संक्रमण रोग की रोकथाम, गुणवत्ता प्रबंधन और परिणाम शामिल किया गया है।

सीएमएचओ के अनुसार सिमगा और पलारी के खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ पारस पटेल और डॉ बी एस ध्रुव को मार्गदर्शन की जिम्मेदारी दी गई थी। उनके देखरेख में उक्त स्वास्थ्य केंद्रों के समस्त स्टाफ के सामूहिक प्रयास और मेहनत से यह उपलब्धि हासिल हुई है। इस प्रकार जिले में अब कुल 12 स्वास्थ्य केंद्र हैं जो यह गुणवत्ता प्रमाण पत्र प्राप्त कर चुके हैं। इन संस्थाओं से पूर्व कटगी, बरपाली,हथबंद,जर्वे,मोपका जबकि आयुष्मान आरोग्य मंदिर ससहा,जारा, बया,देवपुर,रामपुर को यह प्रमाण पत्र प्राप्त हो चुका है। जिला कार्यक्रम प्रबंधक सृष्टि मिश्रा के अनुसार जिले में इस वर्ष 45 और अन्य स्वास्थ्य केंद्र हैं जो एन क्यू ए एस प्रमाण पत्र हेतु प्रयासरत हैं एवं जिन्हें जिले से प्रशिक्षित कर टीम बनाकर सहयोग दिया जा रहा है। आशा है गुणवत्तापूर्ण सेवाओं हेतु उक्त संस्थाओं द्वारा अच्छा प्रदर्शन कर प्रमाण पत्र हासिल किया जायेगा।

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