देश-विदेश
अनोखा Cow Hostel, कम खर्च में होती है गायों की अच्छी देखभाल, पढ़ें क्या है यह मॉडल
कृषि में में हमेशा नये प्रयोग होते रहते हैं. भारतीय किसान इसके हर मॉडल को अपनाते हैं. पर अगर कृषि विज्ञान के जुड़े लोग खेती करते हैं तो उनका मॉडल ही अलग होता है. इसमें वैज्ञानिक तरीकों से खेती होती है. रांची के कांके प्रखंड स्थित एक गांव में भी ऐसी ही आधुनिक खेती की जा रही है. यहां पर किए जा रहे आधुनिक फार्मिंग का उद्देश्य किसानों के बीच जागरूकता फैलाना है, ताकि किसान यहां पर आकर देख सके, सीख सकें और नयी तकनीक के इस्तेमाल के प्रति उनका विश्वास जागरुक हो सके. इसके अलावा बदलते वक्त के साथ किसानों को जैविक खेती के लिए भी प्रोत्साहित करना जरूरी है. इस फार्म की सबसे खास बात यह है कि यहां पर बच्चों के लिए हॉस्टल की तर्ज पर गायों का हॉस्टल शुरू किया गया है.
कैसे हुई शुरूआत
फार्म के संचालक सदस्य सिद्धार्थ जायसवाल बताते हैं कि आज हर कोई दूध पीना चाहता है. शुद्ध दूध पीने के लिए गाय पालना जरूरी है. ऐसे में अब कई ऐसे लोग हैं जो अपने घरों में गाय पालते हैं. गाय जबतक दूध देती है तबतक तो ठीक है, पर जब गाय दूध देना बंद करती है तो उसे खाना पानी देना और उसका ध्यान रखना थोड़ा मुश्किल होता है, क्योंकि घरों में गाय के रखने के लिए जगह की कमी होती है. लोगों की इस समस्या का समाधान निकालने के लिए फार्म में ही गायों के लिए हॉस्टल की शुरूआत की गयी है.
गाय और दूध छोड़ चुके बच्चे रहते हैं आया
गायों के हॉस्टल में जो गाय दूध नहीं दे रही है उन्हें रखा जाता है साथ ही जो गाय के बच्चे दूध छोड़ चुके हैं उन्हें भी रखा जाता है. फिर जब गाय दोबारा दूध देने के लिए तैयार हो जाती है तो उसे संबंधित गाय के मालिक आकर ले जाते हैं. इसके अलावा जो बच्चे आते हैं उन्हें भी मिल्कींग स्टेज पर लाने के बाद उनके मालिक उन्हें ले जाते हैं. इस तरह से उन गायपालकों को काफी राहत मिलती है जो सिर्फ एक गाय पालते हैं, जिनके घर में जगह की कमी है.
फार्म को होता है यह फायदा
जैविक खेती करने के लिए गोबर और गोमूत्र की जरूरत होती है. ऐसे में गाय के हॉस्टल के जरिये फार्म में गोबर और गोमूत्र मिल जाता है. सबसे खास बात यह है कि फार्म में देसी नस्ल की गाय की रखी जाती है. दूसरा फायदा यह होता है कि फार्म से निकलके वाला हरा चारा बर्बाद नहीं होता है, उसे गायों को बढ़िया पौष्टिक भोजन मिल जाता है.इसमें गाय के मालिक को सिर्फ गाय को खिलाने का खर्च देना पड़ता है. गायों को यहां पर खुले बाड़े में रखा जाता है. जिससे गाय यहां पर तंदुरुस्त रहती है.
हो सकता है बढ़िया मॉडल
सिद्धार्थ जायसवाल बताते हैं कि अगर इस मॉडल के रेवेन्यु जेनरेट करने के लिए अपनाया जाए तो भी इससे बेहतर कमाई हो सकती है. इसके गाय ओर गोमूत्र से जैविक खाद बनाकर उसे बेचकर हॉस्टल के संचालक अच्छी कमाई कर सकते हैं. इसके अलावा गायों की देखभाल के लिए वो मालिकों से थोड़ी शुल्क भी ले सकते हैं.
देश-विदेश
Ayushman Bharat: इस डॉक्यूमेंट के बिना 70+ वाले सीनियर सिटीजन नहीं कर सकते अप्लाई, जानें डिटेल
वरिष्ठ नागरिकों के लिए बहुप्रतीक्षित आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना की शुरुआत हो चुकी है। इस योजना के तहत वरिष्ठ नागरिक 5 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज के लिए पात्र होंगे। भारत सरकार की इस स्कीम से करीब 4.5 करोड़ परिवारों के 6 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को सहायता मिलने की उम्मीद है। अगर किसी परिवार में इस योजना के लिए पात्र एक से अधिक वरिष्ठ नागरिक हैं, तो 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा उनके बीच साझा किया जाएगा, यानी कवरेज प्रति परिवार के आधार पर होगा। इस योजना के तहत
आयुष्मान भारत PMJAY
आयुष्मान भारत योजना या प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 70 वर्ष या उससे अधिक उम्र के सभी वरिष्ठ नागरिक, चाहे उनकी आर्थिक स्थिति कुछ भी हो, 5 लाख रुपये तक के फ्री मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए पात्र हैं। इस योजना के तहत 70 वर्ष या उससे अधिक आयु के सभी पात्र वरिष्ठ नागरिकों को एक अलग आयुष्मान कार्ड जारी किया जाएगा। यह कार्ड सार्वभौमिक है और इसमें कोई आय सीमा नहीं है, चाहे वह गरीब हो या मध्यम वर्ग या उच्च वर्ग।
इस डॉक्यूमेंट के बिना नहीं बनेगा कार्ड
आयुष्मान भारत योजना के तहत रजिस्ट्रेशन कराने के लिए 70 वर्ष या उससे अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक के पास आधार होना जरूरी है। पात्र वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयुष्मान कार्ड के नामांकन और जारी करने के लिए आधार-बेस्ड ई-केवाईसी जरूरी है। इसके बिना वरिष्ठ नागरिक यह कार्ड नहीं बनवा पाएंगे। 70 वर्ष या उससे अधिक आयु के लाभार्थी नामांकन के पहले दिन से ही इलाज कराना शुरू कर सकते हैं। किसी भी बीमारी या उपचार के लिए कोई प्रतीक्षा अवधि नहीं है, इसलिए कवरेज तुरंत शुरू हो जाता है।
क्या है एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
इस स्पेशल स्कीम के लिए पात्रता का एकमात्र मानदंड है कि व्यक्ति की आयु 70 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए। उम्र आधार कार्ड में दर्ज जन्मतिथि के मुताबिक तय किया जाता है, चाहे उनकी आर्थिक स्थिति कुछ भी हो। वरिष्ठ नागरिक योजना में नामांकन के लिए आधार एकमात्र जरूरी दस्तावेज है। 70 वर्ष या उससे अधिक आयु के सभी पात्र वरिष्ठ नागरिकों को एक अलग आयुष्मान कार्ड जारी किया जाएगा।
खेल
IND vs AUS: टीम इंडिया में अचानक नई एंट्री, प्लेइंग इलेवन में भी खेलने का सबसे तगड़ा दावेदार
भारत और आस्ट्रेलिया के बीच पांच टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला मुकाबला शुक्रवार यानी 22 नवंबर से शुरू हो रहा है। बीसीसीआई ने टीम का ऐलान पहले ही कर दिया था। रोहित शर्मा को छोड़कर बाकी टीम इस वक्त आस्ट्रेलिया के पर्थ में है, जहां पहला मुकाबला खेला जाएगा। अब पहले टेस्ट में ज्यादा वक्त नहीं बचा है, लेकिन इससे पहले अचानक टीम में एक नए खिलाड़ी की एंट्री हुई है। हालांकि स्क्वाड से बाहर तो किसी को नहीं किया गया है, लेकिन देवदत्त पडिक्कल को टीम में शामिल किया गया है। उम्मीद की जा रही है कि उन्हें प्लेइंग इलेवन में भी खेलने का मौका मिलेगा।
बीसीसीआई ने किया देवदत्त के नाम का ऐलान
बीसीसीआई की ओर से अब से कुछ देर पहले ऐलान किया गया है कि देवदत्त पडिक्कल को भारतीय टीम के स्क्वाड में पहले टेस्ट के लिए शामिल किया गया है, वे बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं। हालांकि देवदत्त पडिक्कल ने इसी साल अपना टेस्ट डेब्यू किया था, लेकिन इसके बाद उन्हें भारतीय टीम में जगह नहीं मिली। इसके बाद अब उनकी एक तरह से वापसी हो रही है। इस बात की संभावना पहले ही जताई जा रही थी कि शुभमन गिल की इंजरी के कारण देवदत्त पडिक्कल को पहले टेस्ट में जगह मिल सकती है। अब इस बात का आधिकारिक ऐलान भी कर दिया गया है।
इस साल मार्च में खेला था पहला टेस्ट मुकाबला
देवदत्त पडिक्कल ने अपना पहले टेस्ट मार्च 2024 में इंग्लैंड के खिलाफ धर्मशाला में किया था। तब उनके नंबर चार पर खेलते हुए देवदत्त ने 65 रन की बहुमूल्य पारी खेली थी। तब वे विराट कोहली की जगह टीम में आए थे और चार नंबर खेलते हुए दिखे थे। लेकिन इस बार वे शुभमन गिल की जगह टीम में आए हैं और हो सकता है कि तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए दिखाई दें।
भारत की ए टीम से खेल रहे थे देवदत्त
अभी जब भारत ए की टीम ने आस्ट्रेलिया ए के सामने मैच खेला था, तब उन्होंने ठीकठाक बल्लेबाजी की थी। पहले मैच की दूसरी पारी में उन्होंने 88 रन बनाए थे। हालांकि इसके बाद वे ज्यादा बड़ी पारी नहीं खेल पाए। वे पिछले काफी वक्त से आस्ट्रेलिया में ही हैं, इसलिए वे वहां की चुनौतियों से अच्छी तरह से रूबरू हो चुके हैं, इसलिए उन्हें टीम में मौका दिया गया है। अब देखना होगा कि वे अपने को मिले दूसरे मौके का किस तरह से फायदा उठाते हैं।
देश-विदेश
बाबा बागेश्वर ने हिंदू एकता पद यात्रा में मुस्लिमों को आने का दिया निमंत्रण, बोले- आओ तो वेलकम, नहीं तो भीड़ कम
छतरपुरः पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्ती उर्फ बाबा बागेश्वर की हिंदू एकता यात्रा बागेश्वर धाम सिद्ध पीठ से ओरछा के लिए शुरू हो गई है। धीरेंद्र शास्ती ने कहा कि हम रामराजा ओरछा में दोपहर 2:00 बजे लाखों हिंदूओं के एक साथ जात-पात भेदभाव को मिटाने के लिए संकल्प ले लेंगे। इसके बाद में हम मथुरा को पाने के लिए भी जाएंगे।
मुस्लिमों को दिया पद यात्रा में आने का निमंत्रण
बाबा बागेश्वर ने कहा कि हम सभी मुसलमानों को पद यात्रा में आने का आमंत्रण देते हैं। उन्होंने कहा कि मुस्लिम आएं तो वेलकम, नहीं आओ तो भीड़ कम। बाबा बागेश्वर ने कहा कि इस देश में जितने भी मुसलमान हैं। वह सब कन्वर्टेड मुसलमान हैं। असली मुसलमान तो अरब में हैं। अरब के मुसलमान तो स्वागत ही करते हैं जो यहां पर ईसाई हैं कन्वर्टेड ईसाई हैं। इसलिए उन लोगों को बढ़िया मौका है। 400-500 साल बाद उन्हें इतिहास जगाने के लिए यह महात्मा आ गया है। अब घर वापसी कर लो।
हिंदुओं को एक करके ही मानेंगेः बागेश्वर
उन्होंने कहा कि भारत का हिंदू जाग रहा है। यह जागे हिंदुओं का उबाल है। दूसरा यह लहराते हुए भगवा ध्वज यह बता रहा है कि इस देश में हिंदू एक है। जात-पात से हिंदू ऊपर उठ रहा है और हर-हर में भारत को भव्य बनाकर हिंदुओं को एक करके ही हम मानेंगे। उन्होंने कहा कि हिंदुओं और बेटियों पर अत्याचार किया जा रहा है। इसलिए धर्म विरोधी राज कर रहे धर्म विरोधी हिंदुओं को एक-एक करके मार रहे हैं।
जाति जनगणना पर कही ये बात
जाति जनगणना पर बाबा बागेश्वर ने कहा कि इस देश में दो जातियां बना दीजिए। एक अमीर की और एक गरीब की। वर्तमान में अमीर और अमीर हो रहा है। गरीब और गरीब हो रहा है। कभी लोगों की तरफ देखो, विकास की तरफ देखो, गांव-गांव में अस्पताल नहीं है। स्वास्थ्य की सुविधा खराब है। शिक्षा नहीं है। इस देश का युवा उपद्रव करने के लिए इसलिए रेडी है क्योंकि उसके पास रोजगार नहीं है। इस देश की युवा के हाथों में कलम पकड़े जाएं।
पदयात्रा में चप्पल नहीं पहना चाहिए। पादुका का प्रयोग इसलिए नहीं करेंगे क्योंकि कुछ पाने के लिए कुछ त्याग करना पड़ता है। ऐसा हमने सुना है। हमने अपने जीवन का तो एक हिसाब से त्याग कर दिया है। इस देश के हर दिल में भगवान चाहिए। जिनको विघ्न पैदा करना है, उनको लगता है तो वह आ जाएं.. नो प्रॉब्लम।
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