कोरोना वायरस
*नॉवेल कोरोना वायरस संक्रमण से रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए घर पर ही किया जा सकता है होम आइसोलेशन , स्वास्थ्य विभाग ने ’होम आइसोलेशन’ के लिए जारी किया दिशा-निर्देश*
रायपुर । राज्य सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा नावेल कोरोना वायरस (COVID-19) के संक्रमण से रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए कोरोना वायरस से प्रभावित देशों अथवा संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए व्यक्तियों का विचरण उसके घर तक सिमित करने हेतु होम आइसोलेशन का दिशा-निर्देश जारी किया गया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा होम आइसोलेशन के लिए जारी निर्देशों में कलेक्टरों, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों और परिजनों के उत्तरदायित्व के लिए भी दिशा-निर्देश दिए गए हैं। इस संबंध में नीचे लिखे बिन्दुओं से समझा जा सकता है।
होम आइसोलेशन हेतु पात्रता के मानक –
-ऐसे सभी व्यक्ति जिन्होंने पिछले 1 माह के भीतर चीन या अन्य प्रभावित देश (WHO/Gol द्वारा घोषित) की यात्रा की हो (लक्षण नहीं होने पर भी)।
-ऐसे व्यक्ति जिनमे कोरोना वायरस के संक्रमण के कोई भी लक्षण जैसे सर्दी, खांसी बुखार इत्यादि हों, परन्तु चिकित्सक द्वारा होम आइसोलेशन की सलाह दी गयी हो।
होम आइसोलेशन’ में क्या-क्या करना और क्या-क्या नहीं करना है?
(क) होम आइसोलेटेड व्यक्ति को क्या करना है
– व्यक्ति एक अलग कमरे में रहे जो हवादार तथा स्वच्छ हो जहाँ संलग्न टॉयलेट एवं बाथरूम की व्यवस्था हो।
– व्यक्ति 14 दिवस तक घर में उस निर्धारित कमरे में ही रहे।
– व्यक्ति अपने स्वास्थ्य के सम्बन्ध में जागरूक रहे एवं लक्षण उत्पन्न होने पर तत्काल फोन पर जिला नोडल अधिकारी/मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी/जिला सर्वेलेंस अधिकारी को सूचित करें।
– खांसते व छींकते समय रूमाल का उपयोग करें, नियमित रूप से हाथ धोएं और ऐसे प्रयोग किये कपड़ों/रूमाल इत्यादि को साबुन/डिटर्जेंट से धोना सुनिश्चित करें।
– अधिक मात्रा में तरल पदार्थ लेते रहना है।
(ख) होम आइसोलेटेड व्यक्ति को क्या नहीं करना है?
– भीड़ वाले स्थान में ना जावें।
-घर के साझे स्थान जैसे किचेन, हाल इत्यादि का उपयोग कम से कम करें।
– परिवार के अन्य सदस्यों के निकट संपर्क में ना आयें।
– बार-बार अपना चेहरा या आँखें ना छुएं।
– घर में अतिथि या अन्य बाहरी व्यक्ति को आमंत्रित ना करें।
– इधर उधर ना छींके/थूकें – जहाँ तक हो सके पानी भरे बर्तन में ही थूंके जिससे छींटों से होने वाले संक्रमण की संभावना को कम से कम किया जा सके।
-बुजुर्ग व्यक्ति, गर्भवती महिला एवं बच्चों से विशेष तौर पर दूर रहें।
(ग) होम आइसोलेटेड व्यक्ति के परिजनों को क्या करना है?
-जहाँ तक हो सके परिवार के कम से कम व्यक्ति (संभव हो तो सिर्फ एक) ही होम आइसोलेटेड व्यक्ति की देखभाल करे। देखभाल करने वाला व्यक्ति हमेशा मास्क पहल कर ही होम आइसोलेटेड व्यक्ति के समीप जाए।
– जहाँ तक हो सके परिवार के बाकी सदस्य अलग कमरे में रहे, यदि ऐसा नही संभव हो तो कम से कम एक मीटर की दूरी बना कर रखे।
– होम आइसोलेटेड व्यक्ति का विचरण सीमित रखने में सहयोग करें।
– जहाँ तक हो सके होम आइसोलेटेड व्यक्ति द्वारा घर के साझे स्थानों में विचरण न किया जाये। यदि किसी कारणवश उन स्थानों में व्यक्ति को जाना पड़ता है तो घर के जिन साझे स्थानों का उपयोग होम आइसोलेटेड व्यक्ति द्वारा भी किया जा रहा है, उनके खिड़की, रोशनदान इत्यादि खुले रखे जाएं।
ऽ-परिवार के सभी सदस्य नियमित रूप से हाथ धोएं।
– होम आइसोलेटेड व्यक्ति के संपर्क में आये सभी कपड़े, बेडशीट, टॉवल इत्यादि, उनके द्वारा छुए गये सतह जैसे टेबल, बेड फ्रेम इत्यादि को 5 प्रतिशत ब्लीच सोलयूशन तथा 1 प्रतिशत सोडियम हाइड्रोक्लोराइट के मिश्रण से तथा उनके द्वारा उपयोग किये जा रहे बाथरूम, टॉयलेट इत्यादि को नियमित रूप से कीटाणुनाशक से साफ करें।
-अइसोलेटेड व्यक्ति में अथवा परिवार के किसी भी सदस्य में कोई भी लक्षण उत्पन्न होने पर तत्काल फोन पर जिला नोडल अधिकारी/मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी/जिला सर्वेलेंस अधिकारी को सूचित करें।
– यदि घर में पालतू पशु हों तो उन्हें होम आइसोलेटेड व्यक्ति से दूर रखें।
(घ) होम आइसोलेटेड व्यक्ति के परिजन क्या ना करें
– आईसोलेटेड व्यक्ति के साथ बर्तन, कपड़े एवं बिस्तर इत्यादि साझा ना करें।
– आइसोलेटेड व्यक्ति का मास्क एवं अन्य व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण सामग्री घर के अन्य सदस्य उपयोग ना करें।
सम्बंधित जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वासथ्य अधिकारी को क्या करना है/क्या नहीं करना है?
-होम आइसोलेटेड व्यक्ति के सम्बन्ध में समसत जानकारी तत्काल राज्य सर्वेलेंस इकाई को उपलब्ध कराएं।
-सैंपल संग्रहण एवं ट्रांसपोर्ट हेतु निर्धारित प्रोटोकॉल का अक्षरश: पालन सुनिश्चित करते हुए सैंपल संकलित कर जांच हेतु भेजें।
– होम आइसोलेटेड व्यक्ति से दूरभाष के माध्यम से चर्चा कर –
-होम आइसोलेशन की आवश्यकता एवं इस दौरान क्या करना है क्या नहीं करना है – के विषय में विस्तार से समझाएं।
– यात्रा के दौरान एवं विभाग को सूचिना प्रापत होने तक संपर्क में आये समस्त व्यक्तियों का विवरण प्रापत करेंक।
— होम आइसोलेटेड व्यक्ति के परिजनों को भी दूरभाष के माध्यम से होम आइसोलेशन की आवश्यकता एवं इस दौरान क्या करना है क्या नहीं करना है – के सम्बन्ध में अवगत करावें।
— यदि किसी परिस्थिति में पूछताछ अथवा जांच हेतु होम आइसोलेटेड व्यक्ति के घर जाना अनिवार्य प्रतीत होता है तो पी.पी.ई./मास्क इत्यादि का प्रयोग कर संक्रमण की संभावना से व्यक्तिगत सुरक्षा सुनिश्चित करें।
— जिला चिकित्सालय में एक नोडल अधिकारी नियुक्त करें, जो होम आइसोलेशन की अवधि के दौरान संबंधित व्यक्यिों से दूरभाष के माध्यम से दैनिक रूप से संपर्क में रहे। यदि नोडल अधिकारी को सम्बंधित व्यक्ति अथवा उसके परिजनों में लक्षण उत्पन्न होने की सूचना मिलती है, तो विशेषज्ञ की सलाह अनुसार तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
— यदि भेजे गये सैंपल की रिपोर्ट में कोरोना संक्रमण की पुष्टि होती है, तो इस सम्बन्ध में राज्य सर्वेलेंस इकाई को सूचित करते हुए तत्काल विभाग द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण से उपचार के सम्बन्ध में जारी किये गए विसतृत दिशा निर्देश का पालन सुनिश्चित करें।
— किसी भी परिस्थ्तिि में होम आइसोलेशन 14 दिन की अवधि सेकम न हों।
ऽ कोरोना वायरस के अंतरप्रजातीय (interspcies) संचरण की सम्भावना को देखते हुए – यदि होम आइसोलेटेड व्यक्ति के घर में पालतू पशु हैं तो उन्हें होम आइसोलेटेड व्यक्ति से दूर रखें – और यदि पशुओं में कुछ असाधारण लक्षण मिलते हैं तो तत्काल पशु चिकित्सक से जाँच करवाएँ।
सम्बंधित जिले के कलेक्टर के उत्तरदायित्व
–होम आइसोलेटेड व्यक्तियों के स्वास्थ्य की अद्यतन स्थिति के सम्बन्ध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से प्रतिदिन जानकारी प्राप्त करना।
— यदि होम आइसोलेटेड व्यक्ति में लक्षण उत्पन्न होने अथवा सैंपल रिपोर्ट में कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त होती है तो तत्काल मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी/सिविल सर्जन को निर्देशत कर संक्रमित व्यक्ति का उपचार जिला अस्पताल/मेडिकल कॉलेज अथवा अन्य किसी अस्पताल में जहाँ आइसोलेशन वार्ड की सुविधा हो, उपचार उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
— यदि होम आइसोलेशन के कारण सम्बंधित व्यक्ति अथवा परिवार दैनिक उपयोग की सामग्रियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने में कठिनाई की अनुभव कर रहें हैं तो स्थानीय प्रशासन/समीप में निवासरत परिवार के रिश्तेदार/पड़ोसी से चर्चा कर उन्हें आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराना।
— यदि होम आइसोलेटेड व्यक्ति के पालतू पशु में कोई असाधारण लक्षण परिलक्षित होते हैं तो तत्काल पशु चिकित्सक के द्वारा जाँच उपरांत पशु विभाग से वितृत रिपोर्ट प्राप्त करें।
उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देश में कहा गया है कि वर्तमान में नॉवेल कोरोना वायरस (COVID-19) का संक्रमण ने महामारी का रूप ले लिया है और अब तक विश्व के 100 से अधिक देश प्रभावित हैं। भारत में भी इस रोग के संक्रमण से 11 मार्च 2020 की स्थिति में 60 से अधिक लोग प्रभावित हैं। इस विषाणु के संक्रमण से सामान्य बुखार एवं खांसी जैसे सामान्य लक्षण होते हैं और सिर्फ कुछ लोगों में ही यह गंभीर बीमारी का स्वरूप लेता है। अतः नॉवेल कोरोना वायरस (COVID-19) से संक्रमण की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए होम आइसोलेशन उक्त जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप घर पर भी किया जा सकता है।
कोरोना वायरस
छत्तीसगढ़ में पिछले 24 घंटे में मिले 17 नए कोरोना मरीज..
रायपुर : कोरोना के 17 मरीज फिर छत्तीसगढ़ में मिले है. स्वास्थ्य विभाग ने बुलेटिन जारी कर यह जानकारी दी और बताया कि 17 जनवरी को 17 नए कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पहचान की गई है. 4 हजार सैंपलों की जांच की गई. फ़िलहाल प्रदेश के 15 जिलों में संक्रमित मरीज सक्रिय है.
कोरोना वायरस
ओमिक्रॉन का फैल रहा खतरनाक वेरिएंट, अब तक इतनों की हुई मौत…
12 जनवरी 2024:- छत्तीसगढ़ में जेएन-1 वायरस से ही कोरोना फैल रहा है। एम्स में हुई जीनोम सीक्वेंसिंग की जांच में इसकी पुष्टि हुई है। गुरुवार को आई रिपोर्ट में 48 सैंपलों में 25 जेएन-1 वेरिएंट का मिला। बाकी ओमिक्रॉन का है। हालांकि विशेषज्ञों के अनुसार जेएन-1 वेरिएंट ओमिक्रॉन का सब वेरिएंट है। इससे ज्यादा खतरा नहीं है। हालांकि यह तेजी से फैलता है पर मृत्यु दर कम है। प्रदेश में तीन लोगों की जो मौत हुई है, उनके वायरस भी जेएन-1 के हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि भी की है। प्रदेश में प्रदेश में पिछले 22 दिनों में 269 मरीज मिल चुके हैं। रोजाना मरीज मिलने का औसत 12 से कुछ ज्यादा है।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी पॉजिटिव केस की जीनोम सीक्वेंसिंग जांच कराने को कहा था। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने एम्स में कुल 48 सैंपल भेजे थे। प्रदेश में जिन तीन लोगों की मौत हुई है, वे पहले ही गंभीर बीमारियों से पीड़ित थे। इस सीजन में केवल कोरोना से एक भी मौत नहीं हुई है। आंबेडकर अस्पताल में चेस्ट विभाग के एचओडी डॉ. आर.के. पंडा व मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. योगेंद्र मल्होत्रा के अनुसार जेएन-1 वायरस ज्यादा खतरनाक नहीं है, लेकिन लापरवाही भारी पड़ सकती है।
राजधानी में गुरुवार को कोरोना को कोई नया मरीज नहीं मिला। वहीं प्रदेश में 18 नए केस मिले हैं। इनमें सुकमा व रायगढ़ में 4-4, बालोद व बस्तर में 3-3, दुर्ग, बेमेतरा, बलौदाबाजार व कांकेर में एक-एक मरीज मिला हैं। कुल 4714 सैंपलों की जांच की गई। संक्रमण दर 0.38 फीसदी रही। होम आइसोलेशन में 17 लोग स्वस्थ हुए।एम्स से गुरुवार को जीनोम सीक्वेंसिंग की रिपोर्ट आई। इसमें 48 में 25 सैंपलों में जेएन-1 वेरिएंट की पुष्टि हुई है। बाकी ओमिक्रॉन वेरिएंट वाले वायरस है। कोरोना से खतरा तो है, लेकिन डरने के बजाय अलर्ट रहने की जरूरत है। -डॉ. डीके तुर्रे, मीडिया प्रभारी स्वास्थ्य विभाग
कोरोना वायरस
न्यू ईयर-क्रिसमस के जश्न पर भारी पड़ा कोरोना, 2023 के आखिरी महीने में 10,000 मौतें…
कोरोना वायरस के केस फिर से आने लगे हैं. इस बार एक और नए वैरिएंट के साथ ये वायरस लोगों की अपनी चपेट में ले रहा है. संयुक्त राष्ट्र ने बुधवार को एक रिपोर्ट जारी कर बताया है कि कोरोना से पिछले महीने यानी दिसंबर में 10,000 मौतें हुईं हैं. इस रिपोर्ट पर एजेंसी के प्रमुख टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने बढ़ते कोरोना वायरस की वजह छुट्टियों में सोशल गैदरिंग को बताया है. टेड्रोस ने कहा कि दिसंबर में लगभग 10,000 मौतें हुईं, जबकि नए साल के दौरान 50 देशों में अस्पताल में 42% मरीजों की बढ़ोतरी देखी गई है. ज्यादातर मामले यूरोप और अमेरिका से आए हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के डायरेक्टर जनरल ने जिनेवा में संवाददाताओं से कहा कि 10,000 मौतें महामारी के चरम से काफी कम हैं, लेकिन रोकी जा सकने वाली मौतों का यह आकड़ा स्वीकार्य नहीं है. उन्होंने कहा कि यह तय है कि और जगहों पर भी मामले बढ़ रहे हैं जहां रिपोर्ट नहीं की जा रही हैं, उन्होंने सरकारों से निगरानी बनाए रखने और इलाज व टीकाकरण की मांग की है.टेड्रोस ने बताया कि JN.1 वैरिएंट अब दुनिया में सबसे तेजी से फैल रहा है. यह एक ओमिक्रॉन वैरिएंट है, इसलिए मौजूदा टीकों से भी इससे बचा जा सकता है. वहीं डब्ल्यूएचओ की टेक्निकल लीड मारिया वान केरखोव ने कोरोनो वायरस के साथ-साथ फ्लू, राइनोवायरस और निमोनिया के कारण दुनिया भर में सांस से संबंधी बीमारियों में इजाफा बताया है.
भारत में अब तक कितनी मौत?
भारत में अब तक, जनवरी 2020 में शुरुआती प्रकोप के बाद से कोरोनोवायरस मामलों की कुल संख्या 4,50,19, 819 तक पहुंच गई है, जबकि कुल मृत्यु का आंकड़ा 5,33,406 हो गया है. वहीं भारत में पिछले 24 घंटों में 605 नए कोविड मामले दर्ज किए गए है और चार लोगों की मौतें हुईं है.
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