हेल्दी लाइफ
*चौथी स्टेज का कैंसर भी हो सकता है गाजर के जूस से ठीक, जानिए कैसे करता है मदद*
कैंसर जैसी घातक बीमारी से बचने के लिए इसका इलाज पहले चरण में ही कराना बेहतर होता है। लेकिन कैंसर के ज्यादातर मामलों में इसका खुलासा तब होता है, जब यह अपनी प्रारंभिक अवस्था से आगे बढ़ चुका होता है।
ऐसे में कीमोथैरेपी के अलावा कैंसर को और कोई इलाज नहीं होता और यह अत्यधिक तकलीफदेह होता है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी, कि चौथी स्टेज पर आने के बाद भी कैंसर का इलाज संभव है, सिर्फ गाजर के सेवन से –
* ब्रिटेन की न्यू कैसल यूनिवर्सिटी में किए गए एक शोध के अनुसार, गाजर में पॉलीएसिटिलीन पाया जाता है, जो कैंसर कोशिकाओं को समाप्त कर ट्यूमर का विकास रोकने में सहायता करता है।
* इसके अलावा गाजर में कई तरह के विटामिन और मिनरल्स के अलावा बीटा कैरोटीन, अल्फा कैरोटीन, कैल्शियम एवं अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो आंतरिक अंगों को स्वस्थ रखने में सहायक होते हैं।
* शोध के मुताबिक गाजर में मौजूद फैलकारिनॉल, फैलकैरिन्डियॉल और एंटी कैंसर तत्व लंग कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर व कोलोन कैंसर के खतरे को कम करते हैं।
* इसमें पाया जाने वाला केरेटिनॉइड एसिड महिलाओं में होने वाले स्तन कैंसर की कारक कोशिकाओं के शुरुआती बदलाव को रोकने में कारगर होता है।
* गाजर के सेवन से कैंसर की चौथी स्टेज पर जीत हासिल करने का भी एक उदाहरण पिछले वर्ष सामने आया है। जिसमें कहा गया था कि कैमरून नामक एक महिला ने गाजर के जूस का सेवन कर कैंसर को चौथे चरण में आने के बावजूद मात देने में कामयाबी हासिल की है।
कैमरून के अनुसार, उन्हें सन 2013 में कोलोन कैंसर के बारे में पता चला, जो कि चौथे चरण पर पहुंच चुका था। कीमोथैरेपी के अलावा इसके लिए कोई और विकल्प भी नहीं था। कैमरून ने इंटरनेट पर रिसर्च कर, राल्प कोले नामक व्यक्ति का अनुभव पढ़ा, जिसे प्रतिदिन 2.25 किलो गाजर का जूस पीने से कैंसर में काफी लाभ हुआ था। इसके बाद कैमरून ने भी गाजर के जूस का सेवन शुरू किया।
सेहत
सदाबहार के फूलों का रस डायबिटीज का है तगड़ा काट, जानिए कैसे करें इस्तेमाल और क्या होंगे फायदे
सदाबहार ऐसा पौधा है जिसे आसानी से गमले में उगाया जा सकता है। सदाबहार का मतलब है कि ये पौधा 12 महीने हरा-भरा रहता है और फूल आते हैं। सदाबहार का छोटा सा पौधा आपकी बालकनी और घर की शोभा को कई गुना बढ़ा देता है, लेकिन क्या आप जानते हैं सदाबहार के फूलों का इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवाओं में किया जाता है। बाबा रामदेव की मानें तो सदाबहार के पौधे का रस पीने से डायबिटीज जैसी बीमारी को कंट्रोल किया जा सकता है। जानिए शुगर को खत्म करने के लिए कैसे करें सदाबहार का इस्तेमाल?
सदाबहार के फूल और पत्ते दोनों ही औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। डायबिटीज के मरीज इसका जूस निकालकर पी सकते हैं। आप सदाबहार के 3-4 पत्ते या 5-6 फूलों को ऐसे ही चबाकर भी खा सकते हैं। इससे शरीर में जमा टॉक्सिन्स बाहर निकल जाते हैं और ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
डायबिटीज में ऐसे करें सदाबहार का इस्तेमाल
डायबिटीज के मरीज 1 छोटा खीरा, 1 छोटा करेला, 1 छोटा टमाटर मिक्सी में पीस लें। आप इसके साथ सदाबहार के 6-7 फूल और 3-4 नीम के पत्ते भी डाल लें। सदाबहार के फूल न मिलें तो आप पत्तों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। सारी चीजों को मिलाकर पीस लें और फिर इसका जूस निकालकर छान लें। इस जूस का सेवन करने से डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
सदाबहार के फूल और पत्तों का पाउडर
आप चाहें तो सदाबहार के पत्तों को या फिर फूलों को सुखाकर भी उपयोग कर सकते हैं। इन पत्तों को पीसकर चूर्ण बना लें और फिर इसे जूस में मिलाकर या ऐसे ही पानी के साथ 1 चम्मच चूर्ण खा लें। इससे डायबिटीज के मरीज को काफी फायदा मिलेगा।
सदाबहार के फायदे
सदाबहार के पत्ते और फूल वात दोष को कम करते हैं। इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो सूजन को कम करते हैं। सदाबहार के पत्तों में एल्कलॉइड गुण होते हैं जो बढ़े हुए ब्लड शुगर को कम करने में मदद करते हैं। गले की खराश दूर करने और ततैया के काटने में भी सदाबहार के फूलों का रस फायदेमंद साबित होता है।
सेहत
सुबह अजवाइन की चाय पीने से दूर रहेंगी ये बीमारी
सुबह ज्यादातर लोग दूध वाली चाय के साथ दिन की शुरुआत करते हैं। जो सेहत के लिहाज से ठीक नहीं है। सुबह दूध वाली चाय की जगह आप अजवाइन की चाय पीएं। इससे तेजी से वजन होगा और शरीर को कई दूसरे फायदे भी मिलेंगे। अजवाइन की चाय पीने से पेट और पाचन से जुड़ी समस्याएं दूर होंगी। अजवाइन में भरपूर एंटी ऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। इसके साथ ही फाइबर, पोटेशियम और विटामिन भी मिलते हैं। आइये जानते हैं अजवाइन की चाय क्या फायदा करती है?
सुबह अजवाइन की चाय पीने के फायदे
- वजन घटाए- अजवाइन की चाय मोटे लोगों को जरूर पीनी चाहिए। सुबह अजवाइन की चाय पीने से लटकती हुई तोंद अंदर होने लगेगी। मोटापा से जूझ रहे लोगों को दूध की चाय नहीं बल्कि अजवाइन की चाय पीनी चाहिए। इससे मेटाबॉलिज्म तेज होता है और वजन कम होता है। महीने भर में ही इस चाय से वजन में फर्क नजर आने लगेगा।
- गैस में राहत- जिन लोगों को गैस और एसिडिटी की समस्या रहती है उन्हें सुबह अजवाइन वाली चाय पीनी चाहिए। अजवाइन की चाय पीने से गैस की समस्या में आराम मिलता है। अजवाइन में पाए जाने वाले पोषक तत्व पाचन तंत्र को मजबूत बनाते हैं। कब्ज की समस्या में भी आराम मिलता है।
- पीरियड्स के दर्द में राहत- अगर आपको पेट में दर्द है फिर वो चाहे ठंड के कारण हो या फिर पीरियड्स के कारण, अजवाइन की चाय फायदेमंद साबित होती है। पीरियड्स के दौरान दिन में 1-2 कप अजवाइन वाली चाय जरूर पीनी चाहिए। इससे दर्द में आराम मिलेगा।
- अस्थमा में फायदेमंद- अजवाइन की चाय पीने से अस्थमा के मरीज को फायदा होता है। अजवाइन की तासीर गर्म होती है जो अस्थमा के मरीज के लिए दवा का काम करती है। अस्थमा में दूध और दूध की चाय से सुबह बचना चाहिए। अजवाइन की चाय इन लोगों को फायदा करती है।
- तनाव घटाए- जिन लोगों को लगातार तनाव बना रहता है उन्हें सुबह 1 कप अजवाइन की चाय जरूर पीनी चाहिए। अजवाइन की चाय पीने से तनाव दूर होता है। इस चाय को पीने से थकान दूर होती है और शरीर को एनर्जी मिलती है।
सेहत
निमोनिया और वजन कम करने में रामबाण है ये फल..
इंद्रायण का फल ऐसी आयुर्वेदिक औषधि है, जिसके इस्तेमाल से शरीर पर चौंकाने वाले फायदे होते हैं. यह वजन को कम करने, शुगर जैसी गंभीर समस्या को ठीक करने, निमोनिया जैसी गंभीर समस्या को ठीक करने और पीरियड्स की अनियमित को दूर करने में मदद करता है. यह मूत्र संबंधी सभी समस्याओं को ठीक करने में काफी असरदार साबित होता है. बागपत में आयुर्वेदिक चिकित्सा डॉक्टर सरफराज अहमद ने बताया कि इंद्रायण का फल एक ऐसी चमत्कारी औषधि है, जो आसानी से किसी भी मार्केट में उपलब्ध होती है. यह शरीर को स्वस्थ बनाने में भूमिका निभाती है. आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में होने वाली डायबिटीज और बढ़ने वाले वजन को कम करने में काफी मददगार साबित होती आई है. डायबिटीज को ठीक करने के साथ वजन को भी कम करने में अहम भूमिका निभाती है. वहीं बच्चों में अत्याधिक मात्रा में होने वाले निमोनिया को भी आसानी से ठीक कर देती है.
इंद्रायण का इस्तेमाल कैसे करें
महिलाओं में पीरियड्स के दौरान अनियमितता दूर करने में यह औषधि बहुत लाभदायक होती है. यह तेजी से महिलाओं को फायदा पहुंचाती है. वहीं इसका उपयोग पुरुषों में होने वाले मूत्र संबंधित रोगों को ठीक करने में किया जाता है. इसका इस्तेमाल भी आसानी से किया जाता है. इसका इस्तेमाल दूध और पानी के साथ किया जा सकता है. इसके उपयोग से शरीर पर कोई भी दुष्प्रभाव नहीं होता. फिर भी इसका उपयोग चिकित्सक की देखरेख और सही मात्रा में करना चाहिए.
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