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*जे बी डी ऐ व्ही स्कूल में बड़े धूमधाम से मनाया गया बसंत पंचमी का त्यौहार*

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तपेश शर्मा संवाददाता सक्ती ।सक्ति शहर में आज बसंत पंचमी के अवसर पर जे बी डी ऐ व्ही स्कूल में बड़े धूमधाम से बसंत पंचमी का त्यौहार मनाया गया । बता दें माघ महीने की शुक्ल पंचमी को बसंत पंचमी के रूप में मनाया जाता है इसी कड़ी में स्थानीय स्कूल जे बी डी ऐ व्ही में बड़े धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर स्कूल

में विद्या और बुद्धि की देवी मां सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्प माला अर्पण कर विधि विधान से पूजा-अर्चना कर हवन किया गया जिसमें स्कूल के प्रधानाध्यापक एवं अध्यापक सहित कक्षा बारहवीं के छात्राओं ने भी भाग लिया, आयोजन के लिये स्कूल प्रांगण को रंग-बिरंगी

पतंगों व फूलों से सजाया गया,प्रधानाचार्या के नागमणि राव ने छात्रों को शरद ऋतु जाने और वसंत ऋतु आने की बधाई दी, मां सरस्वती की पूजा-अर्चना के बाद बच्चों ने सुंदर भजन व श्लोक की मनमोहक प्रस्तुतियां दीं और फिर मिठाई का वितरण किया गया, वहीं विद्यालय के संचालक अनिल दरयानी ने भी बच्चों को संबोधित किया इस दौरान स्कूल के प्रिंसिपल सहित पूरे स्टाफ़ मौजूद थे।

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पालकी पर सवार होकर आ रही हैं मां दुर्गा, जानिए माता रानी के अलग-अलग वाहन क्या देते हैं संकेत

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हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्रि प्रारंभ होते हैं। नवमी तक मनाए जाने वाले इस पावन त्यौहार में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की उपासना की जाती है। इस बार नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू हो रहे हैं और 11 अक्टूबर को समाप्त होंगे। 12 अक्टूबर को विजयादशमी यानी दशहरा मनाया जाएगा। नवरात्रि में देवी मां की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने से भक्तों की सभी मुरादें पूरी होती हैं।

इस साल नवरात्रि में मां दुर्गा का आगमन पालकी पर होगा। ज्योतिष में माता रानी के वाहनों का अलग-अलग मतलब बताया गया है। माता रानी का पालकी पर आना शुभ संकेत नहीं माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माता दुर्गा का पालकी पर आने का अर्थ है कि देश-दुनिया में बीमारी और महामारी फैल सकती है। इतना ही नहीं व्यापार में मंदी, अर्थव्यवस्था में गिरावट की भी आशंका होती है।

आपको बता दें कि मां दुर्गा का वाहन सिंह यानी शेर है लेकिन जब माता रानी पृथ्वीलोक पर आती हैं तब उनका वाहन बदल जाता है। तो आइए जानते हैं कि देवी दुर्गा के वाहन का कैसे पता चलता है और उनका क्या संकेत होता है।  देवीभाग्वत पुराण के श्लोक- शशि सूर्य गजरुढा शनिभौमै तुरंगमे। गुरौशुक्रेच दोलायां बुधे नौकाप्रकीर्तिता॥ के अनुसार सप्ताह के सातों दिनों के अनुसार देवी मां के आगमन का अलग-अलग वाहन बताया गया है.

  1. पालकी- जब नवरात्रि का आरंभ गुरुवार, शुक्रवार के दिन होता है तब माता रानी की सवारी डोली या पालकी रहती है। देवी मां का पालकी पर आना शुभ संकेत नहीं माना जाता है।
  2. घोड़ा- नवरात्रि की शुरुआत शनिवार और मंगलवार को होती है तो माता रानी घोड़े पर सवार होकर आती हैं। मां दुर्गा का घोड़े पर आना भी शुभ नहीं माना गया है।
  3. नाव- जब नवरात्रि की शुरुआत बुधवार से होती है तो मां दुर्गा का आगमन नाव पर होता है। देवी मां का नाव पर आना बहुत ही शुभ होता है।
  4. हाथी- नवरात्रि में मां शेरावाली जब हाथी पर सवार आती हैं तो यह बेहद ही शुभ संकेत होता है। नवरात्रि का आरंभ सोमवार या रविवार को होता है तब माता रानी की सवारी हाथी होती है।

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बस कुछ दिनों बाद लगने वाला है साल का अंतिम सूर्य ग्रहण, इन राशियों पर पड़ेगा बुरा प्रभाव

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सूर्य ग्रहण एक विशेष खगोलीय घटना है, जिसका ज्योतिषीय महत्व बहुत अधिक है, क्योंकि ग्रहण के दौरान अशुभ और पापी ग्रह राहु ग्रहों के राजा सूर्य को अपने आगोश में ले लेता है। सूर्य ग्रहण की घटना का असर देश-दुनिया, मौसम, भूकंप, सुनामी और सभी राशियों पर पड़ता है। इस साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर 2024 को ‘सर्व पितृ अमावस्या’ के दिन लग रहा है। इस तिथि को पितृ पक्ष समाप्त हो रहा है। ज्योतिषियों के अनुसार, पितृ पक्ष का सूर्य ग्रहण के साथ समाप्त होना अच्छा नहीं है। इसका असर सभी 12 राशियों पर पड़ेगा। तो ज्योतिषी चिराग बेजान दारूवाला से जानिए कि सूर्य ग्रहण का प्रभाव आपकी राशि पर कैसा रहेगा।

1. मेष

मेष राशि वालों का आत्मविश्वास और मनोबल कम होगा। आपकी आमदनी में कमी आ सकती है। शेयर बाजार में अभी निवेश न करें, धन हानि हो सकती है। नौकरी से जुड़े लोग मानसिक परेशानी में रहेंगे। होटल व्यवसाय से जुड़े व्यापारियों को घाटा हो सकता है। किसी की होने वाली शादी टूट सकती है। प्रेम जीवन में ब्रेकअप हो सकता है।

2. वृषभ

अपने अंदर के आध्यात्मिक योद्धा को बाहर निकालिए! इस सूर्य ग्रहण के कारण आपके रहस्य, उपचार और एकांत के बारहवें घर में सक्रियता आ गई है, जितना अधिक आप आंतरिक अध्ययन को अपनाएंगे, आपका भविष्य उतना ही समृद्ध होगा! लेकिन इससे पहले कि आप अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकें, दुख या क्रोध की उन दबी हुई भावनाओं से निपटें।

3. मिथुन

साल का आखिरी सूर्य ग्रहण मिथुन राशि वाले लोगों के लिए लाभकारी साबित होगा। लंबे समय से चली आ रही परेशानियों से राहत मिलेगी। आर्थिक स्थिति के साथ-साथ व्यक्तित्व में भी सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे। लोगों को सही मार्गदर्शन दे पाएंगे। प्रगति के नए अवसरों का लाभ उठायेंगे। स्वास्थ्य में सुधार होगा।

4. कर्क

कर्क राशि के जातक परीक्षा में अच्छी रैंक न आने के कारण काफी तनाव में रहेंगे। मन उदास रहेगा तो लक्ष्य प्राप्ति में देरी होगी। व्यापार के लिए यह समय ठीक नहीं है। बेचे गए सामान का मूल्य मिलने में देरी से आर्थिक संकट बढ़ सकता है। आय में कमी और घरेलू जिम्मेदारियों में वृद्धि के कारण खर्चों का प्रबंधन करने में कठिनाई हो सकती है।

5. सिंह

सिंह राशि वालों के लिए यह समय काफी चुनौतीपूर्ण रहेगा। व्यापार में अस्पष्ट निर्णयों के कारण वित्तीय घाटा बढ़ सकता है। व्यापार में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिलेंगे। जमीन या मकान खरीदने में जल्दबाजी न करें, धोखाधड़ी का खतरा है। रिश्तों में बनते-बनते काम बिगड़ सकते हैं। दांपत्य जीवन में कलह बढ़ेगी।

6. कन्या

कन्या राशि के जातकों पर इस सूर्य ग्रहण का आंतरिक प्रभाव पड़ेगा। आप आत्मविश्वास में कमी महसूस करेंगे। आप स्वयं को आत्मनिरीक्षण और आत्म-नियंत्रण के लिए प्रयास करते हुए महसूस करेंगे। आप कोई नया काम शुरू करने की योजना बनाएंगे, लेकिन असमंजस के कारण निर्णय लेने में थोड़ी दिक्कत महसूस होगी। आपके स्वभाव में धैर्य की कमी रहेगी।

7. तुला

आपने हाल ही में अपने जीवन में एक महत्वपूर्ण अंत का अनुभव किया है। और अब, आपके पास एक नई शुरुआत का द्वार खोलने का मौका है! चूंकि अब आप सह-निर्भर पैटर्न में पड़े बिना दूसरों से संबंध बनाने के लिए तैयार हैं, इसलिए सूर्य ग्रहण एक रोमांटिक रिश्ते या महत्वपूर्ण व्यक्तिगत संबंध के जन्म को बढ़ावा देता है।

8. वृश्चिक

वर्ष का दूसरा सूर्य ग्रहण वृश्चिक राशि वालों के लिए बहुत शुभ रहने वाला है। सूर्य ग्रहण के प्रभाव से लंबे समय से लंबित कार्य पूरे होंगे, जीवन में परेशानियां खत्म होंगी और व्यापार में उन्नति होगी।

9. धनु

इस ग्रहण के कारण आपके रोमांस, मौज-मस्ती और रचनात्मकता के पांचवें घर में आग लग जाएगी, जिससे आप आने वाले छह महीनों में जीवंत और ऊर्जावान रहने की उम्मीद कर सकते हैं। यह अवधि आपकी कामुक प्रवृत्तियों के साथ आपके जुड़ाव को बढ़ाएगी, संभावित रूप से आपके जीवन में नए और गतिशील रोमांटिक हितों को पेश करेगी।

10. मकर

मकर राशि वालों की बात करें तो यह समय आपके लिए शुभ है। यदि आप किसी क्षेत्र में निवेश करना चाहते हैं, तो उसमें भी आपको लाभ मिलेगा। मान-सम्मान में वृद्धि होगी। लंबे समय से चली आ रही सभी समस्याओं का अंत होगा। आने वाले छह महीने घर में सुधार और प्रयासों के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं क्योंकि आप दुनिया में अपनी उपस्थिति स्थापित करने में अग्रणी भूमिका निभाएंगे।

11. कुंभ 

आपके लिए यह ग्रहण संचार से जुड़ी परियोजनाओं के लिए उत्प्रेरक साबित हो सकता है, जो आपके जीवन को एक नई और रोमांचक दिशा में ले जाने की क्षमता रखती हैं। अगर आपके मन में कोई किताब, पॉडकास्ट या शैक्षणिक परियोजना है, तो उसमें अपनी सारी रचनात्मकता डालने का संकल्प लें। अगर आपके भाई-बहन हैं, तो इस दौरान उनके साथ संबंध बनाने का एक नया तरीका भी सामने आ सकता है।

12. मीन

वित्तीय मामलों में लापरवाही से भारी वित्तीय नुकसान हो सकता है। ग्राहकों में कमी के कारण व्यापार में नुकसान हो सकता है। लाभ की उम्मीद है। घर में अस्थिरता का माहौल हो सकता है। किसी बात को लेकर रिश्तेदारों से बहस हो सकती है। ऑफिस में किसी से विवाद हो सकता है।घर के बढ़े हुए खर्चों को पूरा करने में दिक्कतें आएंगी।

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पितृपक्ष में गाय को खिला दें ये छोटी सी चीज जन्म-जन्मों के पितृदोष होगें दूर..

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हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का बहुत अधिक महत्व है. 18 सितंबर से पितृ पक्ष शुरू हो चुका है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस समय हमारे पूर्वज पृथ्वी पर आते हैं और सभी के दुखों को दूर करते हैं. सर्व पितृ अमावस्या के साथ इस महत्वपूर्ण समय का समापन हो जाता है. इसके बाद पितर अपने धाम पितृ लोक में वापस चले जाते हैं. पितृ पक्ष में गाय को ग्रास खिलाने का बेहद महत्व है.उत्तराखंड के नैनीताल निवासी पंडित प्रकाश जोशी ने लोकल 18 को बताया कि पितृ पक्ष में हर रोज गाय को चारा और गौ ग्रास(रोटी) खिलाना चाहिए. ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है साथ ही देवी देवताओं की कृपा भी प्राप्त होती है. शास्त्रों में बताया गया है कि पितृ पक्ष में पूरी भावना के साथ गाय को चारा खिलाने से श्राद्ध का पूरा फल मिलता है, और पितृ भी तृप्त होते हैं. पितृ पक्ष में गाय को रोटी और हरा चारा खिलाने से पितरों का परिवार पर सदैव आशीर्वाद बना रहता है

पितृ पक्ष में जरूर करें ये काम
पंडित प्रकाश जोशी आगे बताते हैं कि पितृ पक्ष में हर दिन तर्पण करना चाहिए. लेकिन जिनके माता पिता जीवित हैं, उनके लिए तर्पण का नियम लागू नहीं होता है. जिनके माता पिता जीवित हैं, वे हर रोज सुबह पितर और ईष्टदेवों का ध्यान करते हुए सूर्यदेव को जल अर्पित करना चाहिए. साथ ही वो लोग भी सुबह गौ माता को रोटी दें सकते हैं. इससे देवता भी प्रसन्न होते हैं. और मनोकामनाओं की पूर्ति भी होती है.

क्या होता है गौ ग्रास?
पंडित प्रकाश जोशी बताते हैं कि भोजन बनाते समय पहली रोटी गाय के लिए निकलना ही गौ ग्रास कहलाता है. गौ ग्रास सुबह सुबह बनने वाले भोजन से पहली रोटी निकालकर स्नान आदि करके गौ माता को खिलाना चाहिए. वहीं यदि आस पास गाय न हो तो निकटवर्ती गौशाला में जाकर गौ ग्रास के लिए उपयुक्त राशि दान के रूप में दिया जा सकता है. वहीं श्राद्ध पक्ष के दौरान गौ माता का सेवा करना भी फलदायक होता है. मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होने हैं और पितरों का आशीर्वाद भी मिलता है.

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