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देश-विदेश

*डोनाल्ड ट्रंप ने नए साल की बधाई के साथ ईरान को दी धमकी, चुकानी होगी कीमत*

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वॉशिंगटन। इराक के बगदाद में स्थित अमेरिकी दूतावास के बाहर ईरान के हजारों समर्थकों का प्रदर्शन हो रहा है। इस दौरान दूतावास पर पत्थर फेंके गए। दीवार पर चढ़ने की कोशिश की गई। इस पर डोनाल्ड ट्रंपने ईरान को धमकी दी है।

ट्रम्प ने दूतावास पर हुए हमले के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया था और अमेरिकियों की हत्या के दुष्परिणाम झेलने  की धमकी दी थी। ट्रम्प ने टवीट किया कि हमारे किसी भी प्रतिष्ठान में किसी की भी जान जाने या किसी भी प्रकार की क्षति के लिए ईरान पूरी ही तरह जिम्मेदार होगा। ट्रम्प ने कहा कि उन्हें इसकी बड़ी कीमत चुकानी होगी। यह धमकी नहीं है, खतरा है। हैप्पी न्यू ईयर।

और सैनिक भेज रहा है अमेरिका : इराक में अमेरिकी दूतावस पर ईरान समर्थक प्रदर्शनकारियों के घुसने, आगजनी करने और ‘अमेरिका की हत्या’ के नारे लगाने के बाद अमेरिका ने सैकड़ों और सैनिकों को पश्चिम एशिया भेजने का निर्णय लिया। मंगलवार को हुए हमले के बाद दूतावास की सुरक्षा कड़ी करने के लिए अमेरिका ने नौसैनिकों के एक त्वरित प्रतिक्रिया दल को वहां पहले ही रवाना कर दिया था।

प्रदर्शनकारी रविवार को हुए अमेरिकी हवाई हमलों का विरोध कर रहे थे, जिसमें कताइब हिजबुल्लाह (हिजबुल्ला ब्रिगेड) के कट्टरपंथी गुट के कम से कम 25 लड़ाके मारे गए थे। अमेरिका ने इस गुट पर अमेरिकी ठेकेदार की हत्या का आरोप लगाया है।

अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने हमले को आतंकवादियों की साजिश करार दिया और इनमें से एक की पहचान अबू महदी अल मुहांदिस के रूप में की।

मुहांदिस तेहरान समर्थित हश्द अल-शाबी का दूसरे नंबर का प्रमुख है। कताइब हिजबुल्लाह भी इसी का हिस्सा है, जिसे अमेरिकी हवाई हमलों में निशाना बनाया गया था।

रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने मंगलवार को कहा था कि 82वीं एयरबोर्न डिवीजन की त्वरित प्रतिक्रिया इकाई के करीब 750 सैनिकों को अगले कुछ दिनों में भेजने की तैयारी है।

उन्होंने कहा कि यह तैनाती अमेरिकी कर्मियों और प्रतिष्ठानों पर बढ़ते खतरों (जैसा कि आज बगदाद में हुआ) के बाद उचित और एहतियाती कदम हैं।

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देश-विदेश

मणिपुर में बोले अमित शाह, ’15 दिन में हो जाएगा हिंसा का राजनीतिक समाधान’

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इंफाल: मणिपुर दौरे के अपने अंतिम दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इस शांतिप्रिय राज्य में हिंसा होना बेहद हु दुखद है। उन्होंने कहा कि हम कुछ दिनों में राज्य में शांति ले आएंगे। उन्होंने कहा कि अगले 15 दिनों में इस हालात का राजनीतिक समाधान निकाल लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि विगत 9 अप्रैल को मणिपुर हाईकोर्ट के एक जल्दबाजी भरे फैसले के कारण यहां पर जातीय हिंसा और दो ग्रुप के बीच में हिंसा की शुरुआत हुई थी। लेकिन हमारी सरकार इसका समाधान निकाल लेगी।

मणिपुर हो गया था हिंसा मुक्त- अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पिछले 6 वर्षों से जब से मणिपुर में भाजपा की सरकार आई मणिपुर बंद, कर्फ्यू और हिंसा से मुक्त हो गया था। मणिपुर में डबल इंजन की सरकार ने विकास के सभी पैमानों में अभूतपूर्व सिद्धि हासिल की। पिछले 1 महीने में मणिपुर में हिंसक घटनाएं हुई हैं। जिन नागरिकों की हमल की हिंसा में मृत्यु हुई है उनके परिजनों के प्रति प्रधानमंत्री मोदी, मेरी तरफ से और भारत सरकार की तरफ से संवेदना व्यक्त करता हूं।

मृतकों के परिवार को 10 लाख रुपए की आर्थिक मदद

अमित शाह ने कहा कि इस हिंसा में जिन भी लोगों की जान गई है उनके परिवार को 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसमें से 5 लाख रुपए मणिपुर सरकार और 5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता केंद्र सरकार की तरफ से दी जाएगी। यह राशि DBT के माध्यम से पीड़ितों को हस्तांतरित की जाएगी। इसके साथ ही घायलों की भी मदद की जाएगी। उन्होंने कहा कि मणिपुर में किसी जरुरी वस्तु की कमी और दिक्कत ना हो इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर काम कर रही है।

गृह मंत्री ने कहा कि यहां के नागरिकों को हर तरह की मदद केंद्र और राज्य की सरकार मुहैया कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि यहां हिंसा को अंजाम देने वालों के साथ सख्ती से निपटा जाएगा। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि जिस किसी के पास हथियार हों, वे पुलिस के सामने सरेंडर कर दें। कल से पुलिस कॉम्बिंग करेगी, अगर इस दौरान किसी के पास हथियार बरामद होते हिं तो उसके सतह सख्ती से पेश आया जाएगा। उन्होंने कहा नागरिक किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान ना दें और अफवाह फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।

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देश-विदेश

बृजभूषण सिंह को गिरफ्तार क्यों नहीं कर रही दिल्ली पुलिस? सूत्रों ने बताई सारी बात

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महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के विवाद के बीच लोगों के मन में यह सवाल पैदा हो रहा है कि आखिर दिल्ली पुलिस भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और पूर्व सांसद बृजभूषण सिंह को गिरफ्तार क्यों नहीं कर रही है? सूत्रों की मानें तो अभी तक दिल्ली पुलिस के पास इतने सबूत ही नहीं हैं कि वह बृजभूषण की तरफ गिरफ्तारी का हाथ बढ़ा सके। बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी के लिए दिल्ली पुलिस के पास अभी तक कोई पुख्ता सबूत नहीं है, जिस कारण कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे है।

दिल्ली पुलिस के सूत्र ने बताया कि पुलिस हर आरोपों कि गहनता से जांच कर रही है, चाहे कजाकिस्तान या रांची.. या जहां भी छेड़खानी के आरोप लगाए है, वहां जांच जारी है। जांच में अभी तक कोई फोटो, सीसीटीवी, विटनेस ऐसा नहीं मिला है। दिल्ली पुलिस बहुत जल्द अपनी जांच पूरी करेगी। सूत्र ने आगे जानकारी दी की जांच में ये तय हो जाएगा कि अगले 15 दिन में पुलिस चार्जशीट दाखिल करेगी या फिर एफआर यानी फाइनल रिपोर्ट। बता दें कि चार्जशीट का मतलब है कि केस में कुछ जान है, जांच की जरूरत है, फाइनल रिपोर्ट यानी एफआर का मतलब कि केस में कुछ नहीं मिला है। इस केस को बंद कवर दिया जाना चाहिए ये जांच के बाद तय हो जाएगा।

नाबालिग से जुड़े सवाल पर सूत्र ने कहा एक पहलवान नाबालिग है या नहीं, इसको लेकर जांच जारी है, इसमें जो भी डेवलपमेंट होगा पॉक्सो कोर्ट में बता दिया जाएगा। अगर जांच में आएगा कि डॉक्यूमेंट्स के साथ छेड़खानी की गई है या गलत उम्र बताई गई है तो फेडरेशन चाहे तो इसमें एक्शन लिया जा सकता है, अभी इसे लेकर डॉक्यूमेंट्स वेरिफाई किए जा रहे है। सूत्र ने आगे कहा कि पॉक्सो केस में भी कुछ जजमेंट है, जो केस रजिस्टर्ड है उसकी सजा 7 साल तक है, 7 साल तक कि सजा वाले केस में अगर कुछ सबूत मिलते भी है तो जजमेंट है। गिरफ्तारी की तुरंत जरूरत नहीं है।

इसके अलावा अभी जंतर मंतर पर संसद के उद्घाटन के दिन धारा 144 का उल्लंघन करने पर एफआईआर हुई है उसमें फिलहाल दिल्ली पुलिस का अभी खिलाड़ियों का बयान दर्ज करने का कोई प्लान नहीं है।

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क्राइम

महाराष्ट्र में 3 सिख नाबालिग बच्चों को भीड़ ने जमकर पीटा, 1 की मौत

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महाराष्ट्र के परभणी जिले से मॉब लिंचिंग का मामला सामने आया है। यहां के उखलाद गांव में भिड़ ने एक नाबालिग सिख बच्चे को चोर समझ कर मार डाला, जबकि दो सिख बच्चे को पुलिस ने बचा लिया। मॉब लिंचिंग की इस घटना में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दरअसल, महाराष्ट्र का परभणी में 27 मई में बकरी चोर समझ कर लोगों ने 3 सिख बच्चों की पिटाई कर डाली, जिसमें एक सिख बच्चे की मौत हो गई है।

6 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज

पुलिस ने इस मामले में कुल 6 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इसमें मुख्य आरोपी ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच अकरम पटेल को भी गिरफ्तार किया है। मॉब लिंचिंग की इस घटना को लेकर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने कड़ी निंदा की है।

14 साल के नाबालिग की मौत

हरजिंदर सिंह धामी ने बताया कि मिली जानकारी के मुताबिक, इस घटना में 14 साल के नाबालिग कृपाल सिंह नाम के सिख युवक की मौत हो गई है, जबकि दो अन्य नाबालिग सिख युवक अवतार सिंह (16) और अरुण सिंह (15) गंभीर रूप से घायल हुए हैं।

“पूरे सिख जगत में आक्रोश की लहर है”

उन्होंने कहा कि इस घटना से सिख मानस को गहरी ठेस पहुंची और पूरे सिख जगत में आक्रोश की लहर है। उन्होंने कहा कि यह जघन्य अपराध मानवता पर धब्बा है, जिसके दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पुलिस को सभी दोषियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उन्हें सख्त सजा दी जाए।

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