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*तनाव से नहीं, पूर्व तैयारी से जीतें परीक्षा के भय को*

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परीक्षाओं का दौर शुरू हो गया है। इन दिनों अभिभावकों के चेहरे पर चिंता की लकीरें स्पष्ट रूप से देखी जा सकती हैं और बच्चों के दिमाग में पल रहे तनाव को साफ-साफ महसूस किया जा सकता है। अभिभावक सोचते हैं कि बच्चे मेहनत कर लें, अच्छे अंकों से उत्तीर्ण हो जाएं, तो उनकी ठीक-ठीक लाइन बन जाएगी। किसी बेहतर स्थान पर वे पहुंचेंगे, तो माता-पिता तो गर्वित होंगे ही, स्वयं उनका भी जीवन संवर जाएगा।

अभिभावकों की सोच तो गलत नहीं है, लेकिन उस सोच को चिंता की शक्ल देकर बच्चे के मन-मस्तिष्क में उतार देना गलत है। इससे बच्चे भी अनावश्यक रूप से तनाव में आ जाते हैं और जो अध्ययन उन्हें सहजता में करना चाहिए, उसे वे चिंताग्रस्त होकर करते हैं। इसका दुष्परिणाम यह होता है कि उनकी समग्र ऊर्जा का केंद्र जहां अध्ययन होना चाहिए, वह विभाजित होकर आधा भय व तनाव में तथा शेष आधा ही अध्ययन में लग पाता है। इस कारण वे परीक्षा में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में कई बार पिछड़ जाते हैं।

दूसरे शब्दों में कहें तो यह कि परीक्षा छोटी हो अथवा बड़ी, उससे संबंधित अध्ययन जितना तनाव रहित रह कर शांत मन-मस्तिष्क से किया जाए, सफलता के अवसर उतने ही अधिक बढ़ जाते हैं। बच्चों के लिए परीक्षा निश्चित रूप से एक बड़ा पड़ाव होती है, जिसकी महत्ता वे भी भली-भांति जानते हैं। अधिकांश बच्चे परीक्षा की तैयारी समर्पित भाव से एकनिष्ठ होकर करते भी हैं, लेकिन उस समय अभिभावकों का नैतिक सहयोग उनके लिए परम आवश्यक होता है।

चूंकि अभिभावक अनुभवी होते हैं, तो वे उस समय बच्चों को योग्य मार्गदर्शन व प्रबोध देकर उनका आत्मविश्वास बढ़ा सकते हैं। अभिभावक होने के नाते अपने बच्चों का हितचिंतन सर्वथा उचित है, लेकिन इस कारण कोई तनाव न पालें क्योंकि आपका तनाव आपके बच्चों पर विपरीत प्रभाव डालता है। आपकी यह स्थिति उन्हें दोहरे तनाव में धकेल देती है। एक तो परीक्षा का सामना और दूसरा, माता-पिता की अच्छे अंक लाने की इच्छा पूर्ण करना। आप स्वयं ही सोचिए कि ऐसे में बच्चे कैसे सहज और शांत रह पाएंगे?

भय और तनाव की दशा में याद की हुई चीजें परीक्षा हॉल में भूल जाने की घटनाएं भी आम हैं। इसलिए अभिभावकों के लिए उचित यही है कि वे तनाव न करते हुए बच्चों को निरंतर बेहतर से बेहतरीन प्रदर्शन के लिए सकारात्मक व्यवहार से प्रोत्साहन देते रहें। इसके अतिरिक्त माता-पिता होने के नाते यदि उन्हें तनाव हो भी,तो वे उसे अपने मन तक सीमित रखें, बच्चों या उसके मित्रों के समक्ष अभिव्यक्त ना होने दें।

साथ ही अपने बच्चों पर विश्वास रखें। यदि आपने उन्हें अच्छे संस्कार व उचित शिक्षा दी है, तो वे उसका प्रतिफल भी अच्छा ही देंगे। अपवादों को छोड़ दें तो लगभग प्रत्येक घर में यही आलम रहता है। अभिभावकों को अपने बच्चों को शुरू से ही शिक्षा के महत्व को उनके व्यक्तित्व-निर्माण के दृष्टिकोण से समझाना चाहिए। वे अपने बच्चों को परीक्षा का भय न दिखलाते हुए वर्ष भर अच्छी पढ़ाई के लिए प्रेरित करें। उन्हें खेल और पढ़ाई के मध्य संतुलन बनाने में मदद करें क्योंकि उनके शारीरिक विकास के लिए खेलना भी जरूरी है।

यदि बच्चे पूरे साल अध्ययन करते रहेंगे, तो परीक्षा के समय तनाव से अपने आप ही दूर रहेंगे। यह तय बात है कि काम कोई भी हो, यदि पूर्व तैयारी कर ली जाए तो वह सदैव बेहतर ढंग से संपादित होता है। शिक्षित माता पिता बच्चों के अध्ययन में व्यक्तिगत रूचि लें। इसके तहत वे घर पर ही छोटी-छोटी परीक्षाएं आयोजित करें और अच्छे अंक लाने पर अपने बच्चों को कोई छोटा-सा उपहार भी दें, जो उन्हें प्रिय हो।

इसके तीन लाभ होंगे। एक, बच्चे इस बहाने परीक्षा की तैयारी कर लेंगे। दो, घरेलू माहौल में वे निर्भय होना सीखेंगे। तीन, उपहार की प्राप्ति से उन्हें बेहतर से बेहतर करने की प्रेरणा मिलेगी। फिर जब विद्यालय की परीक्षा होगी, तो बच्चे अपनी पूर्व तैयारी और घरेलू प्रोत्साहन के बल पर बिना कोई तनाव पाले परीक्षा दे पाएंगे। इस प्रकार की सकारात्मक सोच को अपनाकर वे स्वयं भी तनावमुक्त रहेंगे और बच्चों को भी परीक्षा का कोई भय या तनाव नहीं रहेगा।

अब बात करें हमारे प्यारे बच्चों की। आजकल पहले की तुलना में प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है और इसलिए अध्ययन व परीक्षा की जटिलताओं में भी वृद्धि हो गई है। साथ ही कोर्स भी विविधमुखी हो गया है। बच्चों को पढ़ाई के लिए समय कम पड़ने लगा है। उन्हें अपने मनोरंजन के समय में भी कटौती करनी पड़ती है। पहले अधिकतर बच्चे विद्यालय में ही पढ़ लेते थे। कोचिंग केवल संपन्न वर्ग के बच्चे ही जाते थे, लेकिन आजकल शिक्षा पद्धति की कठिनता के चलते लगभग सभी बच्चे कोचिंग पर भी जाते हैं। इसलिए धनी और निर्धन की जेब के हिसाब से महंगे और सस्ते कोचिंग सेंटर खुल गए हैं।

बहरहाल, बच्चे दोहरा भार झेल रहे हैं। विद्यालय के साथ कोचिंग संस्थानों के टेस्ट, प्रोजेक्ट आदि उत्तीर्ण करते ये बच्चे घर आकर भी मुक्त नहीं हो जाते क्योंकि वहां पर इन्हें दोनों शिक्षा स्थलों में दिया हुआ होमवर्क करना पड़ता है। निश्चित रूप से यह सब उनके लिए बेहद थका देने वाला और तनाव से भर देने वाला होता है। लेकिन इस सब से परे मैं उन्हें यह बात समझाना चाहूंगी कि उन्हें ये सब तो करना ही है क्योंकि इसी पर उनका भविष्य निर्भर करता है, लेकिन तनाव में रहकर न करें। यदि वे दिमाग में सतत् चिंता रखकर पढ़ाई करेंगे तो पूरा ध्यान उस पर न दे पाएंगे।

‘क्या होगा’ के भय से सर्वथा मुक्त रहकर पढ़ें क्योंकि सबसे पहली बात, ‘क्या होगा’ का परिणाम आपके हाथों में नहीं हैं। फिर काहे को डरना। दूसरी बात, इस सकारात्मक सोच के साथ पढ़ें कि जो भी होगा, अच्छा होगा क्योंकि यदि आप मेहनत कर रहे हैं तो उसका फल भी अच्छा ही मिलेगा।

याद रखिए, विचारों की सकारात्मकता से बड़ी-बड़ी समस्याओं के समाधान निकल आते हैं। तीसरी बात, यदि परीक्षा परिणाम आपकी आशा पर खरा न भी उतरे, तो दुःख मनाने की कोई आवश्यकता नहीं क्योंकि जीवन में कोई भी परीक्षा अंतिम नहीं होती। एक परीक्षा में असफलता पर आपके संपूर्ण जीवन की दिशा तय नहीं हो जाती। एक रास्ता बंद होने पर दूसरे कई रास्ते खुल जाते हैं। आवश्यकता सिर्फ अपनी सोच और समझ को खुला रखने की है।

कई बच्चे परीक्षा का इतना तनाव पाल लेते हैं कि कोई एक प्रश्नपत्र बिगड़ जाने पर ही आत्महत्या कर लेते हैं। कुछ बच्चे अनुत्तीर्ण हो जाने पर साल बिगड़ जाने के गम में मौत को गले लगा लेते हैं। मेरे विचार से ऐसा करना बिल्कुल ही अनुचित है। बच्चों को ऐसा कदम उठाने से पहले केवल यह सोचना चाहिए कि उनका आत्मघात उनके माता-पिता पर कितना बड़ा वज्राघात करेगा।

उनका शेष जीवन फिर वे मृतक समान ही बिताते हैं क्योंकि अपनी संतान की मृत्यु अपनी आंखों के सामने देखना माता-पिता के लिए इस जगत् में सर्वाधिक दुखदायी है। जो माता- पिता आपके पालन पोषण के लिए दिन-रात परिश्रम करते हैं, अपना सुख और सुविधाएं त्यागकर आपको एक बेहतर ज़िंदगी देने का अथक प्रयास करते हैं, उन्हें इस प्रकार जीवन भर का कष्ट देना कतई उचित नहीं है।

यदि वे आपके प्रति अपनी जिम्मेदारी पूरी ईमानदारी से निभा रहे हैं, तो आपका भी यह दायित्व है कि परीक्षा कोई भी हो, ठीक से अध्ययन कर आत्मविश्वास के साथ दें और यदि दुर्भाग्यवश परिणाम अनुकूल ना आए, तो निराश होने के स्थान पर अपनी तैयारी को और धार दें ताकि अगली बार अपेक्षित परिणाम प्राप्त हो सके।

स्मरण रखिए, परीक्षा का तनाव नहीं बल्कि पूर्व तैयारी आवश्यक है। यदि वह ठीक से होगी तो तनाव स्वमेव ही नहीं होगा। आप छोटे-छोटे हिस्सों में समय को बांटकर अध्ययन करें। साथ ही घर के सदस्यों व अपने मित्रों को भी समय-समय पर इसमें शामिल करें। कई बार अनेक विषयों की तैयारी समूह चर्चा से अधिक बेहतर ढंग से हो जाती है और समूह चर्चा को मस्तिष्क याद भी रखता है।

आप तो विद्यार्थी हैं और विद्यार्थियों को ज्ञान लेने में बिल्कुल संकोच या शर्म नहीं करना चाहिए। घर, विद्यालय, कोचिंग, मित्र, रिश्तेदार- अपनी जिज्ञासा के समाधान के लिए जहां, जो उपयुक्त लगे उससे विनम्रतापूर्वक मदद लें।

अपने संदेह दूर करें, अपने अध्ययन को समग्रता प्रदान करें और फिर देखिए कि परीक्षा आपको डराएगी नहीं बल्कि आप स्वयं इसे देने के लिए उत्सुक होंगे क्योंकि बेहतर पूर्व तैयारी से आप आत्मविश्वास से लबरेज होंगे और जीवन के किसी भी रणक्षेत्र में उतरने के लिए पहली शर्त आत्मविश्वास होती है, साधन, अवसर आदि तो बाद में आते हैं। इसलिए अपने अध्ययन के प्रति सजग रहें, सहज रहें और शांत मन से परीक्षा दें।

मेरा मानना है कि यदि माता-पिता और बच्चे इस प्रकार की सोच व आचरण रखेंगे तो निश्चित रूप से परीक्षा का तनाव ना उन्हें होगा और ना ही किसी प्रकार की नकारात्मकता की ओर वे उन्मुख होंगे। बस, स्वयं को सकारात्मकता से भरपूर रखें और अपने चारों ओर उसी का प्रसार करें। संभवतः यही हमारी इस आत्महत्या की ओर अधिक झुकती पीढ़ी को सबसे अच्छी देन होगी क्योंकि तब हमारा समाज सही मायनों में ‘शिक्षा’ को जी पाएगा और हम ‘सुशिक्षित’ कहलाएंगे।

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श्रमवीर हमारे प्रदेश के रीड़ की हड्डी, इनके निरंतर श्रम से ही हमारा राज्य प्रगतिशील : श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन

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  • 46 करोड़ 60 लाख 53 हजार 993 रूपए डीबीटी के माध्यम से 85,026 श्रमिक हितग्राहियों के खाते में हुई अंतरित
  • श्रमेव जयते पोर्टल और हेल्पलाइन नंबर 0771-3505050 से लाभ उठाने की अपील की
  • कोरबा में प्रदेश स्तरीय वृहद श्रमिका सम्मेलन का किया गया आयोजन

 

रायपुर, 16 नवंबर 2024 : छत्तीसगढ़ शासन के वाणिज्य उद्योग व श्रम मंत्री श्री लखन लाल देवांगन की मुख्य आतिथ्य में कोरबा शहर के प्रियदर्शिनी इंदिरा स्टेडियम परिसर में प्रदेश स्तरीय श्रमिक सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल, असंगठित कर्मकार राज्य सामाजिक सुरक्षा मंडल एवं श्रम कल्याण मंडल अंतर्गत संचालित 17 विभिन्न योजनाओं के 85,026 श्रमिक हितग्राहियों को 46 करोड़ 60 लाख 53 हजार 993 रूपए डीबीटी के माध्यम से उनके बैंक खाते में सीधे अंतरित की गई।

श्रम मंत्री श्री देवांगन ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि श्रमवीर हमारे प्रदेश के रीड़ की हड्डी है, इनके निरंतर श्रम से ही हमारा राज्य प्रगतिशील है। उन्होंने कहा कि श्रमवीरों के सच्चे सम्मान के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के कुशल नेतृत्व में श्रमिकों के हित में अनेक कल्याणकारी योजनाएं संचालित की गई है। जिनके बेहतर क्रियान्वयन से श्रमिक को लाभ मिल रहा है। कैबिनेट मंत्री श्री देवांगन ने कहा कि प्रदेश सरकार सभी वर्ग के हितों के विकास के दृढ़ संकल्पित है। राज्य सरकार द्वारा योजनाओं के क्रियान्वयन में सुशासन और पारदर्शिता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। अब सरकार एवं श्रमिकों के बीच कोई बिचौलिया नहीं रह गया है। श्रमिकों को उनके हित की राशि अब सीधे उनके बैंक खातों में मिल रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर विभिन्न योजनांतर्गत 235 करोड़ की सहायता राशि श्रमिकों को प्रदान की गई थी। अनेक सामग्री का वितरण भी किया गया था। आज भी श्रमिकों को विभिन्न योजनाओं के तहत सहायता राशि डीबीटी के माध्यम से भेजी गई है। जिसका सीधा लाभ श्रमिकों एवं उनके परिवार के सदस्यों को मिलेगा।

मंत्री श्री देवांगन ने कहा कि कोरबा श्रमिक बाहुल्य जिला है। यहां बाल्को, एनटीपीसी एसईसीएल जैसे अनेक संयंत्र स्थापित है। जहां कार्य करने वाले श्रमिकों की बहुलता है। इन मेहनतकश श्रमिकों के हित में वीर नारायण सिंह श्रम अन्न योजना संचालित है। जहां श्रमिकों को 5 रुपए में भरपेट भोजन मिलता है। इसे पूरे राज्य में संचालित करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उद्योग विभाग अंतर्गत लागू नई औद्योगिक नीति में अनुदान की व्यवस्था से बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। श्रम मंत्री ने सम्मेलन में पड़ोसी जिलों से आए श्रमिकों का अभिवादन करते हुए कहा कि आप सभी को विभागीय योजनाओं से लाभांवित करने के लिए शिविर का आयोजन किया गया है, आप सभी इसका लाभ उठाएं। साथ ही विभागीय प्रदर्शनी में जाकर शासकीय योजनाओं की जानकारी प्राप्त करें एवं योजनाओं से जुड़कर लाभ लें। उन्होंने बताया कि श्रमिकों की समस्या-शिकायतों के समाधान एवं सहायता के लिए श्रमेव जयते पोर्टल लागू की गई है। जिसका हेल्पलाइन नंबर 0771-3505050 है। उन्होंने श्रमिकों से हेल्पलाइन नंबर साझा करते हुए कहा कि आपकी समस्या व शिकायतों का इसके माध्यम से समाधान किया जाएगा।

इस अवसर पर विधायक कटघोरा श्री प्रेमचंद पटेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की भूमि में श्रमिकों का योगदान अहम है। उनके बिना विकास की परिकल्पना भी संभव नही है। उन्होंने कहा कि श्रमवीरों एवं उनके परिवार के हित में सरकार द्वारा अनेक योजनाएं संचालित की गई है। उन्होंने श्रमिकों को इन योजनाओं की जानकारी रखने एवं उनका लाभ उठाने के किये कहा।

प्रभारी सचिव श्रीमती मंगई डी ने कहा कि देश की तरक्की में श्रमिकों का महत्वपूर्ण योगदान है। उनके सहयोग के बिना विकास की धुरी थम जाएगी। श्रम वीरों के कल्याण के लिए विभाग द्वारा अनेक कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही है। जिसका उन्हें लाभ दिलाने जिला प्रशासन द्वारा निरंतर कार्य किया जा रहा है। प्रभारी सचिव ने कहा कि कोरबा से उनका पुराना रिश्ता रहा है। उनके शासकीय सेवा की शुरुआत कोरबा जिले से हुई है। वह यहां सहायक कलेक्टर व मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत के रूप में अपनी सेवा दे चुकी है। आज लगभग 15 वर्ष बाद पुनः कोरबा आकर प्रसन्नता हो रही है। उन्होंने बताया कि श्रमिक परिवार के मेधावी बच्चों के लिए अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना प्रारम्भ की गई है। जहां ऐसे परिवार के मेधावी छात्रों का प्रदेश के उत्कृष्ट विद्यालयों में निःशुल्क अध्ययन की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि श्रमिकों को अनेक योजनाओं का लाभ दिलाने शिविर लगाई गई है। जहां उनका श्रमिक पंजीयन, स्वास्थ्य जांच कर निःशुल्क दवाई वितरण भी किया जा रहा है। उन्होंने सभी से शिविरों का लाभ लेने का आग्रह किया।

कलेक्टर श्री अजीत वसंत ने कहा कि उर्जाधानी कोरबा में माइंस एवं संयंत्र दोनों संचालित है। जहां बड़ी संख्या में श्रमिक जीविकोपार्जन करते है। राज्य शासन के मंशानुसार श्रमिक परिवारों को लाभान्वित करने हेतु श्रम विभाग की सभी योजनाओं का प्रशासन द्वारा बेहतर क्रियान्वयन किया जा रहा है। जमीनी स्तर पर इन योजनाओं का लाभ समाज के कमजोर लोगों तक पहुंचाने जिला प्रशासन द्वारा प्रभावी कार्ययोजना तैयार कर कार्य किया जा रहा है। जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार हो सके। सम्मेलन को नेता प्रतिपक्ष नगर पालिक निगम श्री हितानंद अग्रवाल, पार्षद श्री नरेंद्र देवांगन ने भी संबोधित किया और योजनाओं का लाभ उठाने की अपील की।

स्टॉल के माध्यम से योजनाओं की दी गई जानकारी –
सम्मेलन स्थल पर छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल अंतर्गत पंजीकृत श्रमिको हेतु संचालित कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देने विभिन्न विभागों द्वारा स्टॉल लगाया गया था। जिसमे स्वास्थ्य परीक्षण कर निःशुल्क दवाई वितरण, कर्मचारी राज्य बीमा सेवाएं के तहत लागू स्कीम, श्रम पंजीयन, प्रधानमंत्री आवास, महतारी जतन, दिव्यांग सहायता, बच्चों हेतु छात्रवृत्ति जैसे अन्य योजनाओं की जानकारी देकर श्रमिको को लाभांवित किया गया। स्थल पर जनसंपर्क विभाग द्वारा छायाचित्र प्रदर्शनी के माध्यम से शासन की जनहितकारी योजनाओं की जानकारी प्रदान की गई। विभाग द्वारा शासन की योजनाओं पर आधारित जनमन, सुशासन के नवीन आयाम, उदित छत्तीसगढ़, रोजगार नियोजन जैसे अनेक पत्रिकाओं, ब्रोसर पाम्पलेट का वितरण भी किया गया।

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आम आदमी पार्टी में शामिल हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मतीन अहमद, 5 बार रह चुके हैं विधायक

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मतीन अहमद आम आदमी पार्टी में शामिल हो चुके हैं। 5 बार विधायक रह चुके मतीन अहमद को अरविंद केजरीवाल ने पार्टी की सदस्यता दिलाई। 10 दिन पहले ही ब्रह्म सिंह तंवर बीजेपी छोड़ आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे। दिल्ली में अगले साल की शुरुआत में चुनाव होने हैं। इससे पहले बीजेपी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आम आदमी पार्टी में शामिल हो रहे हैं। इससे पार्टी की मजबूती बढ़ रही है और दिल्ली में लगातार तीसरी बार आम आदमी पार्टी सरकार बना सकती है।

 

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तेज रफ्तार मोटरसाइकिल सवार ने ऑटो को मारी ठोकर बाइक सवार युवक की हालत गंभीर जिला अस्पताल रेफर

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रिपोर्टर मुन्ना पांडेय,सरगुजा :लखनपुर थाना क्षेत्र के अंबिकापुर बिलासपुर राष्ट्रीय राजमार्ग 130 में कुंवरपुर मोड़ के पास शुक्रवार के दोपहर लगभग 12:00 बजे एक तेज रफ्तार केटीएम बाइक सवार ने सामने से आ रही मछली लोड ऑटो को जबरदस्त ठोकर मार दी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि मछली लोड ऑटो सड़क पर पलट गया ऑटो के अंदर रखे मछली का पेटी सड़क पर बिखर गई । बाइक सवार युवक की हालत गंभीर होने की स्थिति में मेडिकल कॉलेज अम्बिकापुर रेफर किया गया है।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक फुलेश्वर पिता लक्ष्मण दास उम्र 26 वर्ष साकिन ग्राम रामपुर थाना मणिपुर दीपावली त्यौहार में नया केटीएम बाइक खरीदारी किया था।

अपने रिश्तेदार युवक को छोड़ने ग्राम अंधला माझापारा थाना लखनपुर आया हुआ था। बाद इसके वह अपने घर रामपुर लौट रहा था कुंवरपुर मोड़ के पास तेज रफ्तार बाइक सवार ने विपरीत दिशा से आ रहे मछली लोड ऑटो को सामने से जोरदार ठोकर मार दी। बाइक सवार युवक को गंभीर चोट लगी। सूचना पर लखनपुर पुलिस घटनास्थल पहुंच घायल युवक को उपचार हेतु लखनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया जहा प्राथमिक उपचार के बाद हाथ टूटने और शरीर में अंदरूनी चोट लगने की वजह से युवक को फौरन जिला अस्पताल रेफर कर दिया। वहीं ऑटो चालक को मामूली चोटे आई है। बताया जा रहा है कि ऑटो चालक अंबिकापुर से मछली लोड कर उदयपुर जा रहा था। घटना के बाद दोनों वाहन बुरी तरीके से क्षतिग्रस्त हो गई है। पुलिस दोनों क्षतिग्रस्त वाहनों को कब्जे में ले लिया है। यह बात भी सामने आ रही है कि बाइक सवार युवक शराब के नशे में धुत होकर मोटरसाइकिल चला रहा था। बहरहाल पुलिस मामले की तफ्तीश करने जुटी है।

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