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1 अक्टूबर अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस : ’वर्तमान पीढ़ी बुजुर्गों का करें सम्मान, अपनत्व के साथ जरूरत का रखें ध्यान’
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रायपुर, 30 सितम्बर 2023 : ‘बेटा जब भी काम में जाओगे तो बस यही कह देना कि मैं काम में जा रहा हूं और काम से लौटने के बाद भोजन के समय पूछ लेना कि भोजन कर लिए क्या ? इससे ज्यादा मुझे कुछ और नहीं चाहिए बेटा। मैं पैसे या अन्य वस्तुओं के लिए कोई मांग भी नहीं करूंगा। अब इस दुनिया तुम्हारी माँ नहीं है, तुमको मालूम बेटी ससुराल चली गई है, जो कुछ हो अब तुम ही लोग हो। यह कोई कहानी का अंश नहीं है बल्कि इस तरह एक वृद्ध पिता की अपेक्षा अपने बच्चों से होती है।’ संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा है कि ‘वृद्ध व्यक्ति ज्ञान और अनुभव के अमूल्य स्रोत हैं और उनके पास शांति, सतत विकास और हमारे गृह की सुरक्षा में योगदान करने के लिए बहुत कुछ है।’
यह महत्वपूर्ण संयोग है कि हिंदू पंचांग के अनुसार, पितृपक्ष शुरू हो चुका है। और आज अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस है। बुजुर्गों का सम्मान, प्रेम, सहयोग और आत्मीयता और उनकी जरूरतों को समझना आज की पीढ़ी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। आए दिन खबर पढ़ने, सुनने को मिल जाता है कि परिवार, समाज में बुजुर्गों का अपमान और उनके स्वास्थ्य, जरूरतों को अनदेखी किया जाता है, ऐसे में हम सबकी जिम्मेदारी है कि किसी भी परिस्थितियांे में अपने वृद्धजन का सम्मान में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहिए। एक तरफ पितृ पक्ष चल रही है, जिसमें मृत व मोक्ष प्राप्त रिश्ते को जल अर्पण किया जा रहा है, ऐसे में हम जीवित दादा-दादी, नाना-नानी, माता-पिता व घर परिवार में रहने वाले वृद्धजन का ध्यान रखने की आवश्यकता है। वे अपने दुःख-दर्द को किसके पास साझा करें यह सोचते हुए दिन काट रहे हैं। विदित हो कि 14 दिसंबर 1990 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के रूप में नामित किया था।
जैसे कि प्रत्येक जीवधारी उत्पन्न होने के पश्चात् क्रमशः, बाल्यावस्था, किशोरावस्था, युवावस्था, अधेड़ावस्था एवं वृद्धावस्था से गुजरता है। वृद्धावस्था को जीवन संध्या भी कहा जाता है, क्योंकि यह जीवन का अंतिम पड़ाव होता है। इस अवस्था तक आते आते मानव शरीर थकने लगता है, शारीरिक क्रियाएं उम्र के साथ साथ शरीर को शिथिल करने लगती हैं। वैसे तो चिकत्सा जगत में आश्चर्य जनक प्रगति हुई है, परन्तु कोई बुजुर्ग आर्थिक रूप से पराधीन है अथवा निम्न स्रोत का उपभोक्ता है, तो निश्चित तौर पर उसके लिए रोग का निदान कर पाना मुश्किल हो जाता है। संवेदन हीनता, किसी बीमार को आश्रय और सुकून देने में सक्षम नहीं हैं। यह तो सत्य है की प्रत्येक इन्सान को मौत आनी है, परन्तु यह भी सत्य है ऐसा कोई निश्चित नहीं है की पति और पत्नी एक साथ दुनिया से विदा लें, अर्थात दोनों की मृत्यु एक समय पर हो किसी एक को पहले जाना होता है। दाम्पत्य जीवन में अकेला रहने वाला व्यक्ति एकाकी पन का शिकार होता है। किसी भी व्यक्ति को अपने जीवन साथी की सबसे अधिक आवश्यकता प्रौढ़ अवस्था में होती है। प्रौढ़ावस्था में अपने विचारों के आदान प्रदान का एक मात्र मध्यम जीवन साथी ही बनता है। वृद्धवस्था में बीमारी एवं दुःख दर्द में सेवा, सहानुभूति, सहयोग मुख्यतः जीवन साथी से प्राप्त होता है। इसलिए वृद्ध व्यक्ति को भी अपनी भावनाएं व्यक्त करने के लिए उसी विचारधारा के लोगों की जरूरत होती है।
प्रत्येक वृद्ध इतना सौभाग्यशाली नहीं होता, की वह जीवन के अंतिम पड़ाव तक आत्मनिर्भर बना रहे, अर्थात उसका आए स्रोत उसके भरण पोषण के लायक जीवन पर्यंत बने रहें। अनेक वृद्धों को आर्थिक रूप से अपने परिजनों जैसे पुत्र, पुत्री, भाई इत्यादि पर निर्भर रहना पड़ता है। उसके व्यक्तिगत खर्चे परिजनों की आय से पूरे होते हैं, जिसमे अनेक बार असहज स्थितियों का सामना इन वृद्धजनों को करना पड़ता है। व्यक्ति का आत्मसम्मान भी दांव पर लग जाता है। कभी कभी आवश्यकताएं पूर्ण भी नहीं हो पातीं। बीमारी, इत्यादि में साधनों का अभाव कचोटता है। उसे मानसिक वेदनाओं का शिकार होना पड़ता है। कभी उसे आत्मग्लानी होती है, उसे अपना जीवन निरर्थक लगने लगता है। महिला वृद्ध जो पहले गृहणी रही हैं उनके लिए आर्थिक निर्भरता कोई व्यथा का कारण नहीं बनती क्योंकि वह पहले भी अपने पति पर निर्भर थी उसके पश्चात् अन्य परिजन पर निर्भर हो जाती है। परन्तु पुरुष जिसका पहले परिवार का पालनहार था और अब उसे स्वयं किसी अन्य परिजन की आय पर निर्भर होना पड़ता है।
सामाजिक व्यवस्था ने बुजुर्गों के लिए अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है। संयुक्त परिवार बिखर कर एकल परिवार बन चुके हैं। बढती जनसंख्या की समस्या, बढ़ता जीवन स्तर एवं बढती प्रतिस्पर्द्धा के कारण प्रत्येक दम्पति के लिए सीमित परिवार की अवधारणा को स्वीकार करना आवश्यक हो गया है। पुत्री को विवाह कर ससुराल विदा करना होता है और पुत्र को अपने अच्छे भविष्य की तलाश में अपने परिवार, अपने शहर से दूर जाना पड़ता है। अंत में परिवार में रह जाते हैं सिर्फ बुजुर्ग पति और पत्नी। ऐसे बुजुर्ग दम्पति को अपने स्वास्थ्य की देख भाल स्वयं ही करनी पड़ती है, अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता सताने लगती है। विकलांगता और वह भी वृद्धावस्था में सिर्फ निराशा, हताशा, उपेक्षा का कारण बनती है और जीवन को बोझिल बनाती है।
इसलिए वर्तमान व नव पीढी को यह प्रशिक्षित होना भी जरूरी है कि घर, परिवार व समाज में रहने वाले तमाम वृद्धजनों का देखभाल, अपनत्व व आवश्यक जरूरतों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। वैसे तो सरकार वृद्वजनों के लिए अनेक योजनाएं संचालित की इसके बावजूद उन्हें प्यार औऱ सम्मान जो घर, परिवार से मिल जाए तो उनका बुढापा निश्चय ही अनेक बाधाओ को पार करते हुए कट जाएगा। इसलिए हम सबकी जिम्मेदारी है कि बुजुर्गों का करें सम्मान, उन्हें दे भरपूर प्यार औऱ रखें ध्यान।
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राज्य कर जीएसटी विभाग द्वारा सराफा व्यपारियों के लिए किया गया एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन
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रायपुर : राज्य कर जीएसटी विभाग संभाग क्रमांक 01 सिविल लाइन्स रायपुर द्वारा रायपुर के सराफा व्यपारियों के लिए EODB (इज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस ) के तहत एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन दिनांक 26.07.2024 को सराफा भवन, सदर बाजार , रायपुर में शाम 5.00बजे किया गया। इस कार्यशाला में उपायुक्त राज्य कर श्री दुर्गेश पांडेय, श्रीमती रीता बड़ा, सहायक आयुक्त श्री नवदीपक साहू, श्रीमती सुलोचना पटेल, सुश्री पूर्वा गुप्ते द्वारा सराफा व्यापारियों से जीएसटी रिटर्न्स समय पर फ़ाइल करना,आगत कर क्लेम, डिलीवरी चालान, लाइन सप्लाई आदि के अनुपालन के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई।
चर्चा में सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री सुरेश भंसाली सचिव श्री दीपचंद कोटड़िया कोषाध्यक्ष श्री जितेन्द्र गोलछा उपाध्यक्ष श्री हरीश डागा सहसचिव श्री प्रवीण मालू छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ़ कॉमर्स के कोषाध्यक्ष श्री उत्तम गोलछा छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री कमल सोनी महासचिव श्री प्रकाश गोलछा कार्यवाहक अध्यक्ष श्री संजय कानुगा रायपुर सराफा व्यवसायी वरिष्ठ श्री महावीर पारख एवम अन्य सभी सदस्य व्यपारियों की समस्त समस्याए सुनी गई एवम उनका निदान किया गया। इज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस के तहत व्यापारियों को उनके व्यापार करने में पूरा सहयोग देने की बात कही गयी। समस्त अधिकारियो द्वारा अपने मोबाइल नंबर भी साझा किए गए जिससे व्यापारियों को जीएसटी से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या होने पर जानकारी ली जा सके।
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कारगिल विजय दिवस पर शहीद जवानों को दी गई श्रद्धांजलि
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अनिता गर्ग अमनपथ ब्यूरों,रायगढ़, 26 जुलाई 2024 : रायगढ़ शहर के कारगिल चौक में आज सुबह कारगिल विजय दिवस जयंती समारोह मनाया गया। इस दौरान उपस्थित सभी लोगों ने भारतीय जवानों की वीरता को नमन करते हुए कारगिल युद्ध के शहीदों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।कारगिल विजय दिवस के दिन हम देश के उन वीर जवानों की बहादुरी को याद करते है, जिन्होंने देश की सीमाओं की रक्षा के लिए अपनी प्राणों की परवाह न करते हुए कारगिल को मुक्त कराया। उनकी बहादुरी और शौर्य की गाथा हमें सदैव प्रेरणा देती रहेगी।
यह देश के वीर सपूतों, कारगिल योद्धाओं की बहादुरी का स्मरण करने, उनके प्रति सम्मान और कृतज्ञता प्रगट करने का दिन है। इस अवसर पर नेता प्रति नगर निगम श्रीमती पूनम सोलंकी, श्री सुभाष त्रिपाठी, श्रीमती आशा त्रिपाठी, जिला सैनिक कल्याण के कर्नल आशीष पाण्डेय एवं कर्मचारीगण, एन.सी.सी. बटालियन के कमाण्डिग ऑफिसर कर्नल हेमन्त झा एवं एन.सी.सी. केडेट्स तथा पूर्व सैनिक संगठन के सदस्य एवं जनसामान्य उपस्थित रहे।
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जिले के अंतिम छोर में पहुंचा प्रशासन, जनसामान्य के समस्याओं का किया निराकरण जनसमस्या निवारण
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- जनसमस्या निवारण शिविर के माध्यम से लें सभी शासकीय योजनाओं का लाभ-कलेक्टर कातिकेया गोयल
- धरमजयगढ़ के विजयनगर में लगा जिला स्तरीय जन समस्या निवारण शिविर
- मौके पर शिविर में 108 आवेदनों का किया गया निराकरण, शेष प्राप्त आवेदनों का गुणवत्तापूर्ण निराकरण के दिए निर्देश
अनिता गर्ग अमनपथ ब्यूरों ,रायगढ़, 26 जुलाई 2024 : जनसामान्य की समस्याओं के निराकरण के लिए जिला प्रशासन जन समस्या निवारण शिविर के माध्यम से लगातर दूरस्थ ग्रामीण अंचल के गांवों में पहुंचकर ग्रामीणों की समस्याओं को दूर कर रहे है। इसी क्रम में आज रायगढ़ जिला मुख्यालय से लगभग 135 किलोमीटर दूर धरमजयगढ़ के दूरस्थ ग्राम विजयनगर में जन समस्या निवारण शिविर का आयोजन हुआ। मौके पर 108 आवेदनों का निराकरण किया गया। शेष आवेदनों को कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल ने शीघ्र गुणवत्तापूर्ण निराकरण करते हुए आवेदकों को सूचित करने के निर्देश दिए।कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल ने कहा कि स्थानीय समस्याओं का त्वरित निराकरण के उद्देश्य से जिला स्तरीय जनसमस्या निवारण शिविर का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मौके पर जिला प्रशासन की पूरी टीम मौजूद है, ताकि ग्रामीणों की जो भी समस्याएं है उसका निराकरण स्थल पर किया जा सके। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य व शिक्षा पर विशेष रूप से कार्य किया जा रहा है। उन्होंने सभी को विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉल में योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ लेने हेतु कहा।
इस दौरान कलेक्टर श्री गोयल ने आम नागरिकों से रूबरू होकर समस्याएं सुनी, कुछ समस्याओं का मौके पर निराकरण किया। उन्होंने कुछ के लिए समय-सीमा निश्चित कर समाधान करने अधिकारियों को निर्देश दिए। शिविर स्थल में विभागों द्वारा आकर्षक स्टॉल लगाया गया था, जिसमें अपने-अपने विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के बारे में जानकारी आमजनों की दी गई। मौके पर कलेक्टर श्री गोयल ने विभाग द्वारा लगाए गए स्टॉल का निरीक्षण किया और हितग्राहियों को सामग्री वितरित किए। स्वास्थ्य विभाग द्वारा हितग्राहियों के मेडिकल टेस्ट कर उन्हें बुखार, उल्टी-दस्त, हीमोग्लोबिन, शुगर जैसी दवाइयों का वितरण किया गया। आयोजित शिविर में वन विभाग द्वारा ‘एक पेड़ मां के नाम’ पर लोगों को पौधे का वितरण किया गया।
शिविर में पुलिस अधीक्षक श्री दिव्यांग पटेल, सीईओ जिला पंचायत श्री जितेन्द्र यादव, डीएफओ धरमजयगढ़ श्री अभिषेक जोगावत, जिला पंचायत सदस्य श्री बलवंत तिग्गा, जनपद अध्यक्ष पुनीत राठिया, बीडीसी श्री गणेश राम राठिया, सरपंच विजयनगर श्रीमती धनकुंवर, श्री विनय पाण्डेय, श्री नीरज शर्मा, श्री विनोद गुप्ता, श्री देवेन्द्र वर्मा, जगजीत महंत, तुलसी प्रसाद दुबे, श्री कार्तिक श्रीवास सहित बड़ी संख्या ग्रामवासी उपस्थित रहे।
विभागीय योजनाओं से लाभान्वित हुए हितग्राही
विजय नगर में आयोजित जनसमस्या निवारण शिविर में पांच हितग्राहियों का मौके पर बीपीएल एवं एपीएल राशन कार्ड बनाया गया। इनमें सुकरी यादव, सुभ्रित, सुमन्ती, सिरमोती, कौशल्या शामिल थे। इसी तरह तीन स्व-सहायता समूह का बैंक लोन पास किया गया। शिविर में श्री गजानंद राठिया को स्प्रिंकलर सेट, श्री मनमोहन राठिया एवं श्री मुरलीधर यादव को विद्युत पंप एवं श्री मनोज माझी, श्री लोहर साय, श्री अरूण कुमार सिदार, श्री ललित चौहान एवं श्री पेनसाय सिदार को मृदा स्वास्थ्य कार्ड एवं सूक्ष्म पोषक तत्व से लाभान्वित किया गया। मछली पालन विभाग अंतर्गत श्रीमती जयमोती नगेशिया एवं श्रीमती राजू बाई यादव को जाल तथा श्रीमती गनपति नाग एवं श्रीमती देवंती नाग को आईस बाक्स प्रदान किया गया। मौके पर 10 हितग्राहियों का आयुष्मान कार्ड बनाया गया। इसी तरह पांच बच्चों को गणवेश, पांच बच्चों को सुपोषण किट दिया गया। वहीं स्कूली बच्चों को जाति प्रमाण-प्रदाय किया गया। इसी तरह 9 गर्भवती महिलाओं की गोद भराई की गई एवं 10 बच्चों का अन्नप्रासन्न कराया गया।
लखपति दीदी से हुई सम्मानित
जनसमस्या निवारण शिविर में धरमजयगढ़ विकासखण्ड अंतर्गत की 4 महिलाओं को लखपति दीदी से सम्मानित किया गया। इनमें ग्राम-रतनपुर की हेमलता बंजारा, विजयनगर की मोहरमती महंत, कुमरता की अम्बिका सिदार एवं कमरई की टिकेश्वरी राठिया को लखपति दीदी सम्मान पत्र से सम्मानित किया गया।
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