बजट 2020-21
*Budget 2020 : IPO के जरिए LIC की हिस्सेदारी बेचेगी सरकार*

नई दिल्ली। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में ऐलान किया कि केंद्र सरकार भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) में अपनी हिस्सेदारी को बेचेगी। बजट में इस ऐलान के बाद विपक्ष ने हंगामा किया।
वित्तमंत्री ने कहा कि 15वें वित्त आयोग ने अपनी रिपोर्ट दे दी है, जिसे सरकार ने स्वीकार कर लिया गया है।
वित्तमंत्री ने कहा कि 2020-21 के लिए जीडीपी का अनुमान 10 प्रतिशत का है। इस वित्तीय वर्ष में खर्च का अनुमान 26 लाख करोड़ रुपए का है।
बजट 2020-21
बुजुर्गों को राहत, 75 वर्ष के नागरिकों को आयकर रिटर्न से छूट

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्वतंत्रता के 75वें साल में 75 वर्ष और उससे अधिक आयु के उन वरिष्ठ नागरिकों को आयकर रिटर्न भरने से छूट दी है, जिनकी आय केवल पेंशन एवं ब्याज से होती है।
सीतारमण ने सोमवार को संसद में वित्त वर्ष 2021-22 का आम बजट पेश करते हुए कहा कि स्वतंत्रता के 75वें साल के बजट में 75 वर्ष की आयु और उससे अधिक के वरिष्ठ नागरिकों को ज्यादा राहत प्रदान की गई है। ऐसे वरिष्ठ नागरिक जिन्हें पेंशन और ब्याज सहित आय प्राप्त होती है, उन्हें आयकर दाखिल करने में राहत प्रदान की गई है। उन्हें भुगतान करने वाला बैंक ही उनकी आय से आवश्यक कर की कटौती करके राशि अंतरित कर देगा।
उन्होंने कहा कि कर प्रणाली एवं विवाद प्रबंधन को और भी अधिक सरल बनाने तथा प्रत्यक्ष कर प्रणाली के अनुपालन को आसान बनाया जाएगा। इसके लिए विवाद समाधान समिति और फेसलेस (उपस्थिति रहित) आयकर अपीलीय ट्रिब्यूनल-आईटीएटी के गठन की घोषणा की गई। उन्होंने अप्रवासी भारतीयों को कर राहत प्रदान करने की बात कही और लेखा परीक्षा में छूट तथा लाभांश आय में राहत की घोषणा की।
वित्त मंत्री ने विनिर्माण के क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों का उल्लेख किया। इसके अलावा, सस्ते मकानों और किराए के घरों की परियोजना को भी अतिरिक्त राहत प्रदान की। सस्ते घर खरीदने के लिए मिलने वाले ऋण के ब्याज में 1.5 लाख रुपए तक की छूट का प्रावधान 31 मार्च, 2022 तक बढ़ा दिया जाएगा।
बजट 2020-21
बजट 2021-22 : MSP से डेढ़ गुना ज्यादा पैसा, जानिए सीतारमण के बजट में किसानों को और क्या मिला…

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को संसद में बजट पेश करते हुए कहा कि हम किसानों को MSP से डेढ़ गुना ज्यादा पैसा दे रहे हैं। उन्होंने लोकसभा में वर्ष 2021-22 का बजट पेश करते हुए कहा कि कृषि ऋण 16.5 हजार करोड़ रुपए किया जाएगा।
पहले यह राशि 15 हजार करोड़ रुपए था। सरकार ने पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन क्षेत्र में ऋण की राशि 30 हजार करोड़ रुपए से बढ़ाकर 40 हजार करोड़ रुपए करने का प्रस्ताव है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य के निर्धारण में मूलभूत परिवर्तन किए हैं। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद का कार्य तेजी से जारी है, इसके परिणामस्वरूप किसानों को पर्याप्त भुगतान किए जाने के मामले में बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2020-21 में किसानों को कुल 75 हजार 60 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया।
गेहूं उत्पादन करने वाले लाभान्वित किसानों की संख्या 2019-20 में 35.57 लाख से बढ़कर 2020-21 में 43.36 लाख हा गई है। दाल की खरीदारी पर वर्ष 2014 में 236 करोड़ रुपए खर्च हुए। इस साल 10 हजार 500 करोड़ रुपए की खरीदारी करने के प्रयास किए जा रहे हैं। दालों की खरीद में 40 गुना इजाफा हुआ है।
कपास के किसानों को मिलने वाली राशि में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई। वित्त वर्ष 2021-22 में कपास खरीद योजन को सभी राज्यों में लागू किया जाएगा।
जानिए बजट में किसानों के लिए क्या है खास…
-किसानों को 75 हजार करोड़ रुपए दिए गए।
-किसानों के हित के लिए सरकार प्रतिबद्ध।
-एमएसपी से डेढ़ गुना ज्यादा कीमत दी जा रही है।
-दालों के लिए 40 गुना ज्यादा भुगतान।
-गेहूं के लिए 62 हजार करोड़ रुपए का भुगतान।
-लघु सिंचाई पर खर्च 5 हजार करोड़ रुपए बढ़ाया जाएगा।
-एमएसपी पाने वाले गेहूं किसानों की संख्या बढ़ी।
-किसान और ग्रामीण क्षेत्रों पर ज्यादा ध्यान।
बजट 2020-21
बजट 2021-22 की मुख्य बातें…

नई दिल्ली। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सोमवार को संसद में पेश 2021-22 के बजट की मुख्य बातें निम्नलिखित हैं…
राजकोषीय और स्वास्थ्य मद पर खर्च- स्वास्थ्य क्षेत्र पर खर्च 137 प्रतिशत बढ़ाकर 2.23 लाख करोड़ रुपए किया गया। एक अप्रैल से शुरू अगले वित्त वर्ष में कोरोनावायरस (Coronavirus) टीके के लिए 35,000 करोड़ रुपए के व्यय का प्रावधान।
देश में कोरोना से बचाव के लिए दो टीके उपलब्ध, दो और टीके जल्दी ही जारी किए जाएंगे। अगले वित्त वर्ष में पूंजी व्यय उल्लेखनीय रूप से बढ़ाकर 5.54 लाख करोड़ रुपए किया गया, जो चालू वित्त वर्ष में 4.39 लाख करोड़ रुपए था।
चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटा 9.5 प्रतिशत रहने का अनुमान, जो बजटीय अनुमान 3.5 प्रतिशत से कहीं अधिक है। अगले वित्त वर्ष के लिय राजकोषीय घाटा 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान। सरकार 12 लाख करोड़ रुपए कर्ज लेगी। सरकार 2025-26 तक राजकोषीय घाटा 4.5 प्रतिशत के नीचे लाने को लेकर प्रतिबद्ध।
आयकर रिटर्न भरने वालों की संख्या बढ़कर 2020 में 6.48 करोड़ हुई, जो 2014 में 3.31 करोड़ थी। सोना, चांदी डोर बार (सोने और चांदी की मिश्र धातु) पर कृषि बुनियादी ढांचा उपकर 2.5 प्रतिशत, सेब पर 35 प्रतिशत लगाया गया।
बजट में काबुली चने पर 30 प्रतिशत, मटर पर 10 प्रतिशत, बंगाल चने पर 50 प्रतिशत, मसूर पर 20 प्रतिशत, कपास पर 5 प्रतिशत पर कृषि बुनियादी ढांचा उपकर। पेट्रोल पर 2.5 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 4 रुपए प्रति लीटर का उपकर लगाया गया। नया कृषि बुनियादी ढांचा विकास उपकर दो फरवरी से लागू होगा।
कर विभाग प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) को दोहरे कराधान से होने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए नियमों को अधिसूचित करेगा।स्टार्टअप के लिए कर अवकाश, पूंजीगत-लाभ कर छूट एक साल के लिए बढ़ाई गई।विमान पट्टे पर देने वाली कंपनियों, प्रवासी मजदूरों के लिए अधिसूचित सस्ते मकान के लिए कर छूट।
सस्ते मकान के लिए ब्याज भुगतान पर 1.5 लाख रुपए की छूट एक साल के लिए बढ़ाई गई। डिजिटल तरीके से अपना ज्यादातर काम करने वाली कंपनियों के लिए कर ऑडिट छूट की सीमा को दोगुना कर 10 करोड़ रुपए किया गया।
सीमा शुल्क में पुरानी चार सौ छूटों की समीक्षा का प्रस्ताव, अक्टूबर 2021 से इस पर गहन विचार किया जाएगा।वाहनों के कुछ कल-पुर्जों, सौर उपकरणों पर सीमा शुल्क बढ़ाया गया।
आवंटन और सुधार : बीमा क्षेत्र में एफडीआई 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत किया गया। विनिवेश लक्ष्य 1.75 लाख करोड़ रुपए रखा गया। जिन कंपनियों का विनिवेश किया जाएगा, बीपीसीएल, आईडीबीआई बैंक, सार्वजनिक क्षेत्र के दो और बैंकों तथा एक बीमा कंपनी शामिल हैं।
अगले वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 20000 करोड़ रुपए की पूंजी डाली जाएगी। बजट में 64,180 करोड़ रुपए के आवंटन के साथ आत्मनिर्भर स्वास्थ्य कार्यक्रम शुरू किया गया।
बजट में किए गए प्रस्ताव छह मुख्य केंद्रों पर आधारित हैं- स्वास्थ्य और सुख-सुविधाएं, भौतिक और वित्तीय पूंजी तथा बुनियादी ढांचा, आकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास, मानव पूंजी, नवप्रवर्तन, अनुसंधान एवं विकास, न्यूनतम शासन कारगर शासन।
सरकार 20000 करोड़ रुपए की पूंजी के साथ विकास वित्त संस्थान गठित करेगी। स्वैच्छिक वाहन कबाड़ नीति के तहत पुराने वाहनों को हटाया जाएगा। व्यक्तिगत उपयोग वाले वाहनों के लिए 20 साल बाद फिटनेस जांच का प्रस्ताव।
संभावित पुरानी ढांचागत संपत्तियों को बाजार पर चढ़ाने के लिए राष्ट्रीय मौद्रीकरण कार्यक्रम। डिजिटल तरीके से पहली जनगणना के लिए 3,726 करोड़ रुपए का प्रावधान।(भाषा
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