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बांग्‍लादेश बॉर्डर से घुस रहे थे कुछ लोग, देखते ही बीएसएफ ने रोका, फ‍िर मिली ऐसी चीज

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बांग्‍लादेश में शेख हसीना की सरकार बदलते ही काफी कुछ बदल गया है. वहां से लोग भागकर इंडिया में घुसने की कोश‍िश कर रहे हैं. यह देखकर बीएसएफ अलर्ट हो गई है. बॉर्डर पर पल-पल नजर रखी जा रही है, ताक‍ि परिंदा भी पर न मार सके. लेकिन सोमवार को कुछ ऐसा हुआ, जिसे देखकर बीएसएफ वाले भी हैरान रह गए. सुबह-सुबह की बात है, बांग्‍लादेश से बॉर्डर से कुछ लोग इंडिया में घुसने की कोश‍िश कर रहे थे. तभी खुफ‍िया सूचना पर बीएसएफ ने उन्‍हें रोका. लेकिन तलाशी में उनके पास से जो चीज मिली, उसे देखकर बीएसएफ वाले भी हैरान रह गए. एक दिन पहले भी यहां ‘पागलपन की दवा’ की तस्‍करी पकड़ी गई थी.

मामला पश्च‍िमी बंगाल के नद‍िया सेक्‍टर का है. बीएसएफ ने बताया क‍ि 16 सितंबर को मधुपुर सीमाचौकी को खुफ‍िया सूचना मिली क‍ि कुछ लोग बॉर्डर से अंदर आने की कोश‍िश कर रहे हैं. उनके पास कुछ सामान रखा हुआ है. इसके बाद पहले से अलर्ट जवानों ने उन्‍हें अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर घेर ल‍िया. तलाशी में उनके पास 10 सोने के बिस्कुट मिले. इनका वजन 1.174 क‍िलो था. बाजार में इसकी कीमत 86.87 लाख रुपये से ज्‍यादा है.

‘पागलपन की दवा’ भी जब्‍त
बीएसएफ ने बताया क‍ि यह सोना भारत में तस्‍करी करके लाया जा रहा था. इसे सीज कर लिया गया है. मामले की और छानबीन की जा रही है. बता दें क‍ि जब से शेख हसीना सरकार गई है, तब से पश्च‍िम बंगाल बॉर्डर पर तस्‍करी के मामले ज्‍यादा सामने आ रहे हैं. इससे पहले रव‍िवार को भी बीएसएफ ने उत्तर बंगाल के रायगंज सेक्टर में तस्‍करी की कोश‍िश को नाकाम कर दिया था. साथ ही उनसे 18.5 लाख रुपये की याबा टैबलेट भी जब्त की. इसे ‘पागलपन की दवा’ कहा जाता है.

जब जवानों ने उन्‍हें रोका…
बीएसएफ सूत्रों ने बताया क‍ि सुरक्षाकर्मियों ने 15 सितंबर की शाम को बॉर्डर पर कुछ हलचल देखी. वहां से कुछ लोग अंदर घुसने की कोश‍िश कर रहे थे. जब जवानों ने उन्‍हें रुकने के ल‍िए कहा, तो वे बांग्‍लादेश की ओर भागने लगे. लेकिन इसी बीच उन्‍होंने अपने बैग इंडियन बॉर्डर में फेंक दिए, जिसमें टैबलेट के पैकेट भरे हुए थे. तलाशी के दौरान बीएसएफ कर्मियों को 18.5 लाख रुपये की 3,700 याबा गोलियां मिलीं. याबा टैबलेट म्यांमार के कुछ प्रांतों में बनाए जाते हैं और थाईलैंड, लाओस और वियतनाम जैसे कई दक्षिण-पूर्वी देशों को सप्लाई किए जाते हैं. कई देशों में इन पर प्रतिबंध है.

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