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राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों का राष्ट्रनिर्माण में अहम योगदान : मुख्यमंत्री साय

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मुख्यमंत्री साय ने कहा है कि राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयं सेवक राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। स्वयं सेवको ने ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में भी सेवा की अलख जगाई है। स्वच्छता अभियान, साक्षरता अभियान सहित शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में रचनात्मक योगदान देकर एक मिसाल प्रस्तुत की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नशामुक्ति के कार्य में स्वयं सेवकों को सक्रिय भूमिका निभाना चाहिए।

मुख्यमंत्री साय आज इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कृषक सभागार में आयोजित राष्ट्रीय सेवा योजना के राज्य स्तरीय स्थापना दिवस एवं सम्मान समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना की राज्य इकाई को विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन के लिए 50 लाख रूपए की मंजूरी की घोषणा की। उन्होंने कहा कि राज्य इकाई के कार्यक्रमों के आयोजन के लिए 13 लाख रूपए की राशि दी जाती थी, जिसे बढ़ाकर 50 लाख रूपए किया जा रहा है।

इस अवसर पर उच्च शिक्षा विभाग के सचिव श्री प्रसन्ना आर., इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल, उच्च शिक्षा विभाग के आयुक्त श्री जनक प्रसाद पाठक, राज्य एनएसएस अधिकारी डॉ. नीता बाजपेयी भी उपस्थित थीं। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सेवा कार्याें में उत्कृष्ट योगदान देने वाले युवा स्वयंसेवियों, कार्यक्रम अधिकारियों और संस्थाओं को सम्मानित किया तथा एनएसएस की पत्रिका समर्पण का विमोचन किया। उन्होंने उपस्थित लोगों को स्वच्छता की शपथ दिलाई।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना की शुरूआत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की सौवीं जयंती पर हुई थी। पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. कलाम को याद करते हुए कहा कि वे अक्सर कहते थे कि अपने लिये मत जियो, ऐसे जियो कि आने वाली पीढ़ी को तुम पर गर्व हो। आने वाली पीढ़ी आप पर गर्व तभी करेगी जब आप अपने रचनात्मक योगदान से समाज को कुछ देकर जाएंगे। उन्होंने कहा कि हमारे राष्ट्र निर्माताओं ने जो मशाल हमें सौंपी है, उसे हमें आगे ले जाने में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में कर्तव्य पथ में आयोजित परेड में हमारे राज्य की राष्ट्रीय सेवा योजना की आठ छात्राओं ने हिस्सा लिया। यह हम सबके लिए गर्व का विषय है। यह परेड नारी शक्ति को समर्पित थी और हमारी छात्राओं ने इसमें हिस्सा लेकर प्रदेश का मान बढ़ाया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार युवाओं के लिए बड़े काम कर रही है। नई शिक्षा नीति के माध्यम से युवाओं को रोजगारोन्मुखी शिक्षा प्रदान की जा रही है। युवाओं को स्किल ट्रेनिंग दी जा रही है। नये जमाने के ट्रेड्स से उन्हें परिचित कराया जा रहा है। युवा आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, रोबोटिक्स का कौशल सीख सकते हैं। युवाओं को प्रोफेशनल पढ़ाई के लिए मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा योजना के माध्यम से ब्याज मुक्त ऋण की सुविधा दी जा रही है। विभिन्न विभागों में बड़ी संख्या में भर्ती निकल रही है। उद्यम के क्षेत्र में जाने के इच्छुक युवा छत्तीसगढ़ उद्यम क्रांति योजना का लाभ उठा सकते हैं। इसमें 50 प्रतिशत सब्सिडी पर ब्याज मुक्त ऋण दिया जाता है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा युवाओं को उद्योग जगत में अवसर प्रदान करने इंटर्नशिप योजना आरंभ की गई है। इसमें देश की शीर्ष 500 कंपनियों में एक करोड़ युवाओं को काम सीखने का मौका मिलेगा और इसके लिए भत्ता भी मिलेगा। आप सभी इसका भी समुचित प्रचार-प्रसार करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी विवेकानंद कहते थे कि मुझे 100 ऊर्जावान युवा मिल जाएं तो मैं देश की दशा और दिशा बदल सकता हूँ। छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय सेवा योजना से एक लाख छह हजार स्वयंसेवक जुड़े हैं। इस विशाल संख्या और आप लोगों के उत्साह और ऊर्जा को देखकर मैं पूरी तरह आश्वस्त हूँ कि हम विकसित भारत और विकसित छत्तीसगढ़ के लक्ष्य को अवश्य प्राप्त करेंगे।

उच्च शिक्षा विभाग के सचिव श्री प्रसन्ना आर. ने कहा कि एनएसएस के माध्यम से प्रदेश में 7 से 8 लाख युवा वालेंटियर तैयार किए गए हैं, वर्तमान में एनएसएस के एक लाख से अधिक वालेंटियर हैं, जो रचनात्मक कार्याें में योगदान दे रहे हैं। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल, उच्च शिक्षा विभाग के आयुक्त श्री जनक प्रसाद पाठक ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया। राज्य एनएसएस अधिकारी डॉ. नीता बाजपेयी ने स्वागत भाषण दिया। कार्यक्रम को संचालन एनएसएस के कार्यक्रम समन्वयक डॉ. आर.पी. अग्रवाल ने किया। इस अवसर पर प्रदेश भर से आए एनएसएस से जुड़े विद्यार्थी, अधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।