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कवर्धा लोहारीडीह केस: राज्यपाल ने मांगी रिपोर्ट, सड़कों पर उतरेगी कांग्रेस, क्या है बर्बरता का पूरा मामला

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रायपुर. छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले का खौफनाक लोहारडीह मामला आसानी से थमता नजह नहीं आ रहा. अब इस मामले में राज्यपाल रामेन डेका ने राज्य महिला आयोग की चिट्ठी पर संज्ञान लिया है. राज्यपाल के अवर सचिव ने सामान्य प्रशासन विभाग के अपर सचिव से इस मामले में जवाब मांगा है. राज्यपाल ने राज्य महिला आयोग की उस रिपोर्ट पर भी संज्ञान लिया है, जिसमें जेल में महिलाओं के बयान लिए गए और वहां का मुआयना किया गया. दूसरी ओर, इस मामले में अब कांग्रेस जल्द बड़ा आंदोलन करेगी.

उसके आंदोलन में पीड़ित परिवार के लोग भी सड़क पर उतर सकते हैं. इस मामले में करीब 167 लोगों के खिलाफ मॉब लिंचिंग का मामला दर्ज किया गया. इन लोगों में से 137 लोग साहू समाज से हैं. मॉब लींचिंग के मामले में नए कानून के मुताबिक फांसी तक की सजा है. कांग्रेस का कहना है कि इस मामले में बेकसूर लोगों को फंसाया गया है. कांग्रेस के पूर्व मंत्री शिव डहरिया ने कहा कि कांग्रेस इस मामले में न केवल सड़क पर उतरेगी, बल्कि पीड़ित लोगों के परिवार से भी मिलेगी. कांग्रेस इस मामले में सड़क से लेकर कोर्ट तक लड़ाई लड़ेगी. उन्होंने कहा कि जाहिर तौर पर यह मामला फिलहाल तो नहीं थमेगा. सामने निकाय चुनाव है. निकाय चुनाव में भी इसे बड़ा मुद्दा बनाया जाएगा.

33 महिलाओं के साथ पुलिस ने की बर्बरता- राज्य महिला आयोग
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने 24 सितंबर को जेल में बंद लोगों से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद उन्होंने गंभीर आरोप लगाए. नायक ने आरोप लगाया है कि जेल में बंद महिलाओं को निर्वस्त्र करके पीटा गया. महिलाओं के संवेदनशील अंगों पर चोट के निशान हैं. उन्होंने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, हाईकोर्ट के न्यायाधीश, मानवाधिकार आयोग, राज्यपाल को पत्र लिखकर तत्कालीन एसपी अभिषेक पल्लव सहित पुलिसकर्मियों पर हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की है. नायक ने कहा कि उन्होंने जेल में बंद तैतीस महिलाओं से बात की. वह महिलाओं के बयान की वीडियोग्राफी भी करना चाहती थीं, लेकिन पुलिस ने मोबाइल नहीं लेने जाने दिया. नायक ने कहा कि उनके पत्र में महिलाओं के चोट के निशान की वीडियोग्राफी कराने की भी अनुशंसा की है. 33 महिलाओं को दुर्ग के महिला बंदिनी गृह में बंद किया गया है. इनमें से 32 महिलाओं के शरीर में गंभीर चोटे हैं. मेरे साथ तहसीलदार के साथ सरकारी वकील और एक डॉक्टर थीं. हमने उनके शरीर की जांच की. उनकी चोटों के बारे में लिखा.

क्या है कवर्धा का लोहारीडीह अग्निकांड
15 सितंबर को कवर्धा के लोहारीडीह में भयानक अग्निकांड हुआ था. यहां गांववालों को शक हुआ कि शिवप्रकाश उर्फ कचरू साहू की हत्या उपसरपंच रहुनाथ साहू ने कराई है. इसके बाद गांववाले इकट्ठे हुए और उसके घर में आग लगा दी. इस अग्निगांड में साहू जिंदा जल गया. हैरानी की बात यह है कि गांववालों ने पुलिस को गांव में घुसने नहीं दिया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया. इसमें एसपी सहित कई पुलिसकर्मियों को चोटें आईं. इधर, इस अग्निकांड को लेकर पुलिस ने आगजनी के आरोपी और बीजेपी कार्यकर्ता प्रशांत साहू को उठा लिया. प्रशांत की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई. इसके बाद बवाल मच गया. इसके बाद मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस मामले को लेकर मजिस्ट्रियल जांच के निर्देश दिए. उन्होंने तत्काल प्रभाव से कलेक्टर और एसपी को हटा दिया. दूसरी ओर, सरकार ने 23 पुलिसकर्मियों को लाइन अटैच कर दिया.