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समाज के अंतिम व्यक्ति का उत्थान करने से होगा देश का उत्थान – श्री रमेन डेका

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समाज के अंतिम व्यक्ति का उत्थान करने से देश का उत्थान होगा। हमारे देश 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था तभी बन सकता है जब समाज के अंतिम व्यक्ति भी विकास की मुख्य धारा में शामिल हो। यह विचार राज्यपाल श्री रमेन डेका ने भगवान श्री अग्रसेन जयंती समारोह में व्यक्त किये।

छत्तीसगढ़ प्रांतीय अग्रवाल संगठन द्वारा रायपुर में आयोजित भगवान श्री अग्रसेन की 5148 वीं जयंती समारोह में राज्यपाल श्री डेका बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। इस अवसर पर अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि आज के समय में, जब समाज में आर्थिक असमानता और सामाजिक विभाजन की चुनौतियाँ सामने हैं, भगवान अग्रसेन के आदर्श हमारे लिए एक मार्गदर्शक हो सकता है। उनका जीवन समाज के प्रत्येक व्यक्ति को समर्पण, समानता और सेवा का संदेश देता है। उनकी नीतियों में ‘एक ईंट और एक रुपया‘ का सिद्धांत स्पष्ट रूप से समाज के कमजोर वर्गों के प्रति उनकी संवेदनशीलता को दर्शाता है। उन्होंने यह सिद्ध किया कि समाज का उत्थान तब ही संभव है, जब समाज का हर व्यक्ति समृद्ध हो।

राज्यपाल श्री डेका ने कहा कि भगवान अग्रसेन के सिद्धांतों का पालन करते हुए अग्रवाल समाज ने समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलने की भावना को बनाए रखा है। यह समाज हमें यह सिखाता है कि किस प्रकार एकजुट होकर समाज का हर व्यक्ति समृद्ध और सशक्त हो सके। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में भी अग्रवाल समाज की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उद्योगों का विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में उनका योगदान और समाज सेवा की भावना प्रशंसा के योग्य है। छत्तीसगढ़ की सामाजिक और आर्थिक संरचना में अग्रवाल समाज ने अपनी अमिट छाप छोड़ी है।

राज्यपाल ने कहा कि छत्तीसगढ़, अपनी विविधताओं के बावजूद, एकता का प्रतीक है। यहाँ हर वर्ग और समुदाय के लोग मिल-जुलकर रहते हैं और इसमें अग्रवाल समाज का महत्वपूर्ण योगदान है। हमें इस सामाजिक समरसता को बनाए रखने की दिशा में काम करना चाहिए।

राज्यपाल ने अग्रवाल समाज के द्वारा छत्तीसगढ़ में समाज सेवा के क्षेत्र में किए गये कार्यों को लिपिबद्ध करने का सुझाव दिया जिससे आने वाली पीढ़ी जान सके कि उनके समाज का क्या योगदान है।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के विकास में अग्रवाल समाज की उल्लेखनीय  भागीदारी है। व्यापार के साथ-साथ वे सेवा के कार्य भी करते हैं। उन्होंने अग्रवाल समाज के लोगों से आग्रह किया कि कम से कम एक गरीब कन्या का विवाह, एक गरीब बच्चे की शिक्षा, एक गरीब व्यक्ति का इलाज कराने और एक गरीब बस्ती को गोद लेने का संकल्प लें तभी समाज की सार्थकता सिद्ध होगी।