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सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों के हित में काम करने वाला एक विशाल संगठन है लघु उद्योग भारती – मुख्यमंत्री श्री साय

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मुख्यमंत्री साय ने आज अग्रसेन भवन खुर्सीपार में आयोजित क्षेत्रीय उद्यमी सम्मेलन 2024 का शुभारंभ दीप प्रज्जवलित कर किया। इस अवसर पर उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन, लघु उद्योग के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य श्री पुरूषोत्तम पटेल, प्रदेश अध्यक्ष श्री ओमप्रकाश सिंघानिया, लघु उद्योग भारती के म.प्र. अध्यक्ष राजेश मिश्रा सहित अन्य उद्यमी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री साय ने उद्यमी सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि उद्यमिता के विकास और प्रदेश में नये निवेशकों को आकर्षित करने के लिए लघु उद्योग भारती द्वारा सम्मेलन का आयोजन एक महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने कहा कि लघु उद्योग भारती, सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों के हित में काम करने वाला एक विशाल संगठन है। देश में इस संगठन की करीब 1000 इकाईयां और 65000 सदस्य होना सचमुच गौरव की बात है। सरगुजा और बस्तर जैसे जनजातीय क्षेत्रों में भी संगठन ने अपना विस्तार किया है। इससे निश्चित ही इन क्षेत्रों में भी लघु और सूक्ष्म उद्योगों को ताकत मिल रही है और उद्यमिता का विकास हो रहा है। हमारे प्रदेश में खनिज सम्पदा का भंडार है। यहां का 44 प्रतिशत भू-भाग वनों से आच्छादित है। हमारे प्रदेश में मेहनतकश किसान है, इसलिए छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है। यहां पर उद्योग की बहुत अच्छी संभावना है।

मुख्यमंत्री साय ने आगे कहा कि आगामी माह नवम्बर में प्रदेश की नई उद्योग नीति 2024-29 लांच करने की तैयारी है। इस नीति में छोटे और मझोले उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष रूप से प्रावधान किये जा रहे हैं। उद्यमियों की मांग पर मुख्यमंत्री श्री साय ने लघु उद्योग भारती के लिए नया रायपुर में भूमि एवं मध्यप्रदेश के समान छत्तीसगढ़ में भी एमएसएमई (माइक्रो एंड स्माल मिडियम इंटरप्राइजेस) मंत्रालय के अधीन स्थापित करने का आश्वासन दिया। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय एवं उद्योग मंत्री श्री लखनलाल देवांगन ने लघु उद्योग भारती की ’छत्तीसगढ़ उद्योग दर्पण 2024’ पुस्तक का विमोचन किया।

उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने कहा कि हमारी सरकार उद्योग को आगे बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। उद्योगों की स्थापना की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए सिंगल विंडो प्रणाली 2.0 लागू की गई है। उद्यमियों को अब विभिन्न विभागों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है। सभी आवश्यक अनुमतियां और लाइसेंस इसी पोर्टल के माध्यम से प्राप्त होंगे। उद्योगों में उत्पादित होने वाले माल की बिक्री हेतु विदेश से एमओयू किया गया है। देवांगन ने कहा कि उद्योगों के विस्तार के लिए कार्य किया जा रहा है। सरकार द्वारा इस्पात उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कई नीतियां लागू की जा रही है, जो इस उद्योग को गति देगी।

इस अवसर पर दुर्ग शहर विधायक गजेन्द्र यादव, दुर्ग ग्रामीण विधायक ललित चंद्राकर एवं अन्य जनप्रतिनिधि तथा कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी, पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र शुक्ला, संयुक्त कलेक्टर हरवंश मिरी सहित बड़ी संख्या में म.प्र.एवं छत्तीसगढ़ के उद्यमी उपस्थित थे।