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डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए भारत में आएगी नई दवा, कैसे करेगी असर..

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भारत में डायबिटीज के मरीजों की संख्या हर साल बढ़ रही है. देश में इस बीमारी के 10 करोड़ से अधिक मरीज हैं. डायबिटीज को कंट्रोल में रखने के लिए लोग दवाएं खाते हैं. इसके लिए कई तरह की मेडिसिन बाजार में है, लेकिन अब भारत में इस बीमारी को कंट्रोल करने के लिए एक नई दवा को मंजूरी मिल गई है. इस ड्रग का नाम Tirzepatide है. ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन से इसको मंजूरी मिल गई है. भारत में साल 2025 तक ये मेडिसिन उपलब्ध हो सकती है. Tirzepatide डायबिटीज और वजन घटाने की एक दवा है. भारत में इसका यूज डायबिटीज की बीमारी और मोटापे को कंट्रोल करने के लिए किया जाएगा. इस मेडिसिन से ब्लड शुगर का लेवल कंट्रोल रखने का दावा किया जा रहा है. बीते 10 सालों में डायबिटीज को काबू करने के लिए कई दवाएं आ चुकी हैं, हालांकि जिस कंपनी की ये मेडिसिन है उस कंपनी ने कुछ समय पहले वजन घटाने वाली एक दवा बनाई थी, जो काफी प्रभावी साबित हुई है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि डायबिटीज की ये मेडिसिन भी मरीजों के लिए काफी फायदेमंद हो सकती है. लेकिन ये केवल टाइप-2 डायबिटीज के लिए होगी. टाइप-1 के लिए यह नहीं बनाई गई है.

Tirzepatide कैसे करेगी शरीर पर असर

मेडिसिन के डॉ. सुभाष गिरि बताते हैं कि डायबिटीज की दवाएं हार्मोन के लेवल को ठीक करती और इससे शुगर लेवल कंट्रोल रहता है. यह दवा डायबिटीज की बीमारी साथ-साथ लोगों में मोटापे को भी कंट्रोल करेगी. इसको खाने से मेटाबॉलिज्म अच्छा रहेगा और ये शरीर से फैट कम करने का काम करेगी. इस ड्रग का यूज सप्ताह में एक बार किया जाएगा. ये मेडिसिन एक डोज के हिसाब से ली जाएगी. हालांकि अभी दवा के भारत में आने में कुछ महीनों का समय बाकी है. Tirzepatide की कीमत क्या होगी इसको लेकर दवा बनाने वाली कंपनी ने रेट तय नहीं किए हैं. लेकिन अमेरिका में इस दवा की कीमत प्रति दवा एक हजार डॉलर है. हालांकि भारत में कीमत इससे कम होने की उम्मीद है.

भारत में हर साल बढ़ रहे डायबिटीज के मरीज

आईसीएमआर के मुताबिक, भारत में डायबिटीज के मरीजों की संख्या 10 करोड़ से अधिक है. देश में इस बीमारी के मरीजों का आंकड़ा हर साल बढ़ रहा है. खानपान की गलत आदतें और बिगड़े हुए लाइफस्टाइल के कारण ये बीमारी होती है. पहले 50 साल की उम्र के बाद टाइप-2 डायबिटीज के मामले सामने आते थे, लेकिन अब 30 से 35 साल वालों को भी ये बीमारी हो रही है. एक्सपर्ट्स कहते हैं कि भारत में डायबिटीज के बढ़ते मामलों को देखते हुए दुनियाभर की फार्मा कंपनी यहां अपनी डायबिटीज की दवाओं को बेचना चाहती है. इसी क्रम में नई- नई दवाएं आ रही हैं.

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