
सूर्य हर महीने राशि परिवर्तन करता है, जिसे संक्रांति कहते है. सूर्य का यही राशि परिवर्तन जब धनु राशि से मकर राशि में होता है तो इसे मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है. इस दिन सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण होते है. सनातन धर्म में मकर संक्रांति के दिन का अपना विशेष महत्व होता है. इस दिन पुण्य काल में पवित्र नदी में स्नान करना बेहद शुभकारी माना जाता है. इस बार मकर संक्रांति की तारीख को लेकर लोगों में कन्फ्यूजन की स्थिति है.कुछ लोग 14 जनवरी तो कुछ लोग 15 जनवरी को इसे मनाने की बात कर रहे हैं. आइए जानते है
मकर संक्रांति 2025 तारीख
पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि 16 जनवरी से खरमास की शुरुआत हो रही है, जो 14 जनवरी तक रहेगा. 14 जनवरी 2025 को शाम 3 बजकर 27 मिनट पर सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश कर जाएगा. इसके कारण उस दिन शाम 6 बजकर 5 मिनट तक पुण्य काल रहेगा.
14 जनवरी को ही मनाई जाएगी मकर संक्रांति
मकर संक्रांति पर पुण्य काल में ही स्नान और दान का विशेष महत्व होता है. लिहाजा 14 जनवरी 2025 को ही मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा. इस दिन आप सुबह ब्रह्म मुहूर्त में भी गंगा, गोदावरी या प्रयागराज के संगम में स्नान कर सकतें है. इसके अलावा शाम 4 बजे से 5 बजकर 15 मिनट का समय भी बेहद शुभकारी है.
स्नान के बाद इन चीजों का करें दान
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान के बाद गुड़, तिल का दान करने से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है. इसके साथ ही आपको अंनत पुण्य का लाभ भी मिलता है. यही वजह है कि इस दिन काशी, प्रयागराज, हरिद्वार समेत अन्य तीर्थ स्थलों पर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है.