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उत्तर भारत में बढ़ेगी ट्रेनों की स्पीड, यात्रा के साथ-साथ माल ढुलाई में भी लगेगा कम टाइम

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पूर्वोत्तर और उत्तर भारत में चलने वाली ट्रेनों की स्पीड बढ़ेगी. खासकर माल गाड़ियों से सामान पहले के मुकाबले जल्दी पहुंचाया जा सकेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गुजरात के मेहसाणा में 77 किलोमीटर लंबे वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का उद्घाटन के बाद इसका पैसेंजर और गुड्स ट्रेनों दोनों को फायदा होगा. यह नई लाइन न्यू भांडुप और न्यू सारण उत्तर क्षेत्र में पड़ता है.

भारतीय रेलवे माल ढुलाई समय से करने के लिए वेस्टर्न और वेस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण कर रहा है. गुजरात में बनने वाले 565 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर में 402 किलोमीटर कॉरिडोर कमीशन हो चुका है. प्रधानमंत्री द्वारा देश को समर्पित किया गया 77 किलोमीटर लंबा गलियारा इसी का ही एक हिस्सा है. इस कॉरिडोर से पोरबंदर, जामनगर और पीपावाव जैसे बड़े-बड़े पोर्ट से कनेक्टिविटी बढ़ जाएगी, जिससे सीधी कनेक्टिविटी पूर्व और उत्तर को हो जाएगी.

दिल्ली मुंबई औधोगिक कॉरिडोर की कनेक्टिविटी बढ़ेगी
डीएफसीसीआईएल के अधिकारियों के अनुसार न्यू भांडुप से गांधीनगर जिले में न्यू साणंद के बीच डीएफसी का खंड माल यातायात के लिए खुलने से पेट्रोलियम पदार्थों, डेयरी उत्पादों तथा अन्य वस्तुओं के परिवहन को गति मिलेगी. लगभग 77 किमी लंबी विद्युतीकृत डबल लाइन और 24 किलोमीटर लंबी कनेक्टिंग लाइनों के साथ पश्चिमी डीएफसी का न्यू भांडुप – न्यू साणंद (उत्तर) खंड गुजरात में अहमदाबाद, गांधी नगर और महेसाणा जिलों से होकर गुजरता है.

डीएफसीसीआईएल के अधिकारियों के अनुसार, इस खंड के चालू होने से भारतीय रेलवे के अहमदाबाद दिल्ली मार्ग पर मालगाड़ियों के लिए समूचे भाग में डीएफसी की लाइन उपलब्ध हो गई है और अधिकतर मालगाड़ियों के डीएफसी पर शिफ्ट होने से रेलवे लाइन पर अधिक गाड़ियों को चलाना और गति बढ़ाने में मदद मिलेगी.

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