क्या विभाग का अपने अधिकारियों कर्मचारियों पर से उठा भरोसा
एम सी बी : कोरिया मनेंद्रगढ़ व टाइगर रिजर्व के 98 पदों के लिए 12000 नें फॉर्म भरा था कड़ाके की ठंड के बीच वन विभाग में वनरक्षक की नौकरी पाने सुबह 5:00 बजे से फिजिकल टेस्ट के लिए अभ्यर्थियों की फौज महाजन स्टेडियम में पंजीयन करने पहुंच गई, क्योंकि वन विभाग में वनरक्षक को सुबह 5:00 बजे से ड्यूटी में तैनात होना पड़ता है ।वन विभाग में भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही करीब 12000 से अधिक महिला पुरुषों ने फॉर्म भरा था इनका 12 से 17 दिसंबर तक फिजिकल टेस्ट लिया जाना है। पहले दिन करीब 1000 से अधिक अभ्यर्थी पहुंचे भर्ती में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोकने के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जा रहा है, सीसी कैमरा लगाने के साथ दौड़ गोला फेंक को मैन्युअल रिकॉर्ड करने की बजाय पहली बार सेंसर और चिप का प्रयोग किया गया है, इसके लिए कंट्रोल रूम भी बनाया गया है ।वही अभ्यर्थियों ने बताया स्टेडियम में उन्हें किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं दी गई है इतनी बड़ी संख्या में भारतीयों के लिए टॉयलेट समेत अन्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई गई, पहले ही दिन कई अवस्थाओं के बीच महिला और पुरुष फिजिकल टेस्ट देने पहुंचे कोरिया व मनेंद्रगढ़ मंडल में से कोरिया वन मंडल में 35 मनेंद्रगढ़ में 37 एवं टाइगर रिजर्व में 26 वन रक्षकों की भर्ती होनी है इतने पदों में भर्ती के लिए प्रदेश भर से 12000 से अधिक अभ्यर्थियों ने फॉर्म भरा है ,वनरक्षक भर्ती प्रक्रिया के तहत 17 दिसंबर तक नगर पंचायत शिवपुर- चर्चा के महाजन स्टेडियम में 6 दिनों में 12000 से अधिक अभ्यर्थी फिजिकल टेस्ट पास में पास होने दौड़े ऊंची कूद और गोला फेंक में अपने प्रतिभा दिखाएंगे तैयारी के साथ पहले दिन पहुंचे दौड़ में शामिल होने वाला व्यक्तियों के पैरों में चिप लगा दी गई जिससे वह कब दौड़ना शुरू की और कहां पर दौड़ खत्म किया इसकी जानकारी कंट्रोल रूम में दिखाएं कंप्यूटर में दर्ज हो गई।
क्या विभाग का अपने अधिकारियों कर्मचारियों पर से भरोसा उठा….❓
अब सवाल यहां यह है की क्या वन विभाग का अपने अधिकारियों कर्मचारियों पर से भरोसा उठ गया है जो वह किसी निजी संस्था से टाइमिंग टेक्नोलॉजी कंपनी को जवाबदारी देकर भर्ती प्रक्रिया की जवाबदारी निभा रहा है,आपको यह बता दें की दौड़ ,गोला फेंक समय ऊंची कूद को ऑनलाइन रिकॉर्ड दर्ज करने के लिए हैदराबाद की टाइमिंग टेक्नोलॉजी कंपनी को जवाबदारी दी गई है आज टाइमिंग टेक्नोलॉजी कंपनी जो ऑनलाइन रिकॉर्ड दर्ज कर रही है क्या उसका परिणाम सही होगा, क्या कंपनी के परिणाम से अभ्यर्थी संतुष्ट होंगे….? पूर्व में भी कई भर्ती प्रक्रिया में विभाग के अधिकारी कर्मचारी ही पूर्णता अभ्यर्थियों का चुनाव करने में सक्षम हुआ करते थे किंतु ऑनलाइन भर्ती प्रक्रिया संदेह को जन्म देती है ऑनलाइन में गड़बड़ियों से इनकार नहीं किया जा सकता