पूर्णिमा तिथि मां लक्ष्मी को समर्पित होती है. इस दिन का हिंदू धर्म में बड़ा महत्व होता है. वहीं मार्गशीर्ष महीने की पूर्णिमा का अपना अधिक महत्व है. इस बार मार्गशीर्ष पूर्णिमा 15 दिसंबर को पड़ने वाली है. इस दिन मां लक्ष्मी की सच्चे मन से आराधना करने पर घर में धन की स्थिरता बढ़ती है और अन्य सभी परेशानियों से छुटकारा भी मिलता है. इस दिन एक पौधा लगाने से हर काम में सफलता मिलती है. कौनसा है वो पौधा आइए जानते हैं
मार्गशीर्ष माह डेट और टाइम
पंचांग के मुताबिक, मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि 14 दिसंबर को दोपहर 04 बजकर 58 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन यानी 15 दिसंबर को दोपहर को 02 बजकर 31 मिनट पर इसका समापन होगा. उदया तिथि के अनुसार, मार्गशीर्ष पूर्णिमा 15 दिसंबर को मनाई जाएगी. माना जाता है कि मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन अगर घर में कुछ विशेष तरह के पौधों को लगाया जाए तो इससे भी मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है. इस बारे में ज्योतिषाचार्य ने बताया कि मां लक्ष्मी के प्रिय कुछ पौधे हैं जिन्हें मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन घर में लगाने से कई लाभ मिल सकते हैं. आइये जानते हैं कौन से हैं वो पौधे
मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन लगाएं ये पौधा
1. शास्त्रों में जिक्र मिलता है कि मां लक्ष्मी को गुड़हल का पौधा बहुत प्रिय माना जाता है. इसलिए अगर मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा के दिन घर में गुड़हल का पौधा लगाया जाए तो इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और साथ ही उनका आशीर्वाद भी प्राप्त होता है.
2. इसके अलावा यदि मार्गशीर्ष माह में गुड़हल का पौधा घर में लगाया जाए तो इससे घर की सभी नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होने लगता है. इतना ही नहीं इससे पारिवारिक शांति भी बनी रहती है.
3. मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन गुड़हल के पौधे को घर में लगाने से आपको अटका हुआ धन मिलने की संभावनाएं बढ़ जाती है क्योंकि यह पौधा धन को वापस लाने में मदद करता है. इसके साथ ही यदि आपके ऊपर किसी प्रकार का कोई कर्ज है तो यह उससे भी मुक्ति दिलाता है.
4. मार्गशीर्ष के पूर्णिमा के दिन आप अपने रिश्तों में प्यार सम्मान बढ़ाने के लिए भी गुड़हल का पौधा लगा सकते हैं. गुड़हल का पौधा प्रेम और रिश्तों को मजबूत बनाने का काम भी करता है.
5. घर में गुड़हल का पौधा लगाने से विवाह में विलंब की समस्या भी दूर करता है. जिन लोगों के विवाह के योग नहीं बन रहे उनके भी योग बन सकते हैं.