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एसईसीएल से प्रभावित ग्रामीणो की शिकायत पत्र को लेना गवारा न समझा थाना प्रभारी (लखनपुर) ने आवेदकों में नाराजगी

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रिपोर्टर मुन्ना पांडेय,लखनपुर  : हद तो तब हो गई जब नियमों को ताक में रखकर आवेदक ग्रामीणो के अनावेदन को लखनपुर थाना प्रभारी ने लेना गवारा नहीं समझा इस बात को लेकर ग्रामीणों में नाराजगी है। दरअसल थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत परसोडीकला के ग्रामीण एसईसीएल प्रबंधन के द्वारा गांव के निस्तारी तालाब को जबरन तोड़े जाने की शिकायत लेकर थाना प्रभारी लखनपुर के पास पहुंचे थे। थाना पहुंच कर ग्रामीण अपने गांव की समस्या बताने लगे और शिकायत की कॉपी देने की कोशिश करने लगे पर थाना प्रभारी ने नियमों का किताब खोल कर कहा – यह राजस्व का मामला है बोलकर आवेदन लेने से ही साफ मना कर दिया !

आवेदान नहीं लेने पर ग्रामीण जन काफी आक्रोशित है। ग्राम के सरपंच और उपसरपंच का कहना है नितिगत लखनपुर थाना प्रभारी को आवेदकों के दरखास्त को लेना था कार्यवाही करना नहीं करना दिगर बात है। लेकिन दरखास्त नहीं लेना मौलिक अधिकार का हनन ही नहीं अपितु सारासर गलत है। इससे लोगों के दिलों में कानून के प्रति ऐतबार कायम रहना बहुत ही मुश्किल होगा । दरअसल बीते सप्ताह भर पहले रात के अंधेरे में एसईसीएल प्रबंधन द्वारा गांव के निस्तारी तालाब मेड को चोरी छिपे जबरन खुदाई किया जा रहा था जिसका ग्रामवासियों ने पुरजोर विरोध किये थे,।

इस मसले में तब घटना स्थल पर तहसीलदार लखनपुर को भी आना पड़ा था जहां जबरन खुदाई के विरोध में ग्रामीणों ने तहसीलदार के माध्यम से कलेक्टर सरगुजा को भी ज्ञापन सौपे थे। बाद 3-4 दिन अंबिकापुर विधायक राजेश अग्रवाल ने भी गांव पहुंच ग्रामीणों की समस्याएं सुने और घटना स्थल का भी दौरा कर मुआयना किया था तब उन्होने ग्रामवासियों को थाना प्रभारी लखनपुर को मसले से मुतालिक एक दरखास्त पेश करने कहा था। परंतू जब ग्रामीण थाना प्रभारी लखनपुर को शिकायत देने पहुचे तो थाना प्रभारी ने आवेदन लेने से ही मना कर दिया ! आवेदन पेश करने वालों में पूर्व जनपद सदस्‍य धर्मेन्द्र कुमार झारिया , सरपंच नंदलाल सिंह उपसरपंच गोवर्धन राजवाड़े, सुनील राजवाड़े , श्रीमती कांता राजवाड़े तमाम ग्रामवासी शामिल रहे।

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