छापे के पहले दिन आयकर अधिकारियों को जो बैग राजीव जैन के पड़ोसी की घर की छत से मिला था, वह दिन भर चर्चा का विषय बना रहा। बैग में क्या था, इस पर आयकर अधिकारियों ने भी कोई जवाब नहीं दिया। हालांकि, अब जो बात समाने आई है, उसके मुताबिक बैग रुपयों से भरा था। रकम को आयकर टीम से बचाने के लिए ही राजीव जैन ने यह बैग पड़ोसी की छत पर फेंक दिया था।
100 बीघा भूमि और उस पर किए गए निवेश की भी जांच
हालांकि, घर में लगे सीसी कैमरों की फुटेज की जांच में बैग फेंकने की जानकारी मिल गई। इसके अलावा भी आयकर टीम के हाथ अघोषित संपत्ति के कई दस्तावेज मिले हैं। राजपुर क्षेत्र में जैन की करीब 100 बीघा भूमि और उस पर किए गए निवेश की भी अधिकारी जांच कर रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार अघोषित संपत्ति के कई प्रमाण जैन के स्वजनों और उनके अन्य संबंधियों से भी मिले हैं। हालांकि, अभी कर अपवंचना का आंकड़ा स्पष्ट नहीं किया गया है। माना जा रहा है कि आयकर अधिकारी जांच पूरी करने के बाद नोटिस जारी कर राजीव जैन और मानस लुंबा आदि को पूछताछ के लिए बुला भी सकते हैं।
जैन और लुंबा के ठिकानों से करोड़ों की संपत्ति के दस्तावेज मिले
कांग्रेस नेता राजीव जैन और बिल्डर मानस लुंबा के आवास और प्रतिष्ठानों पर आयकर विभाग की जांच दूसरे दिन भी गतिमान रही। इस दौरान टीम को करोड़ों रुपए की संपत्ति के दस्तावेज मिले हैं। जिन्हें कब्जे में लेकर कर अपवंचना की गणना शुरू कर दी गई है। आयकर विभाग दिल्ली से पहुंचीं टीम ने मंगलवार को कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के करीबी राजीव जैन के रोचिपुरा स्थित आवास समेत कई अन्य ठिकानों पर एक साथ छापा मारा था।
इस दौरान इसी क्षेत्र में उनके भाई, बहन और अन्य संबंधियों के आवास को भी कवर किया गया। राजीव जैन के मेरठ में रहने वाले समधी के अलावा कारोबार सहयोगी बिल्डर मानस लुंबा के डालनवाला, दिल्ली आदि क्षेत्रों के ठिकानों पर भी जांच की गई। मंगलवार पूरी रात जांच गतिमान रहने के बाद सुबह भी जब अधिकारी बाहर नहीं निकले तो लगने लगा कि जांच अभी लंबी चलेगी। इसके बाद राजीव जैन के आवास से दोपहर बाद आयकर टीम लौट आई थी। हालांकि, उनके माजरा क्षेत्र के व्यापारिक प्रतिष्ठान और अन्य स्थलों पर कार्रवाई जारी रही।
20 दुकानों पर की गई जांच
आयकर विभाग दिल्ली की टीम ने राजीव जैन, उनके संबंधियों और बिल्डर मानस लुंबा के करीब 20 ठिकानों पर जांच की। आठ स्थल अकेले देहरादून में ही कवर किए गए। जांच में 40 से अधिक अधिकारी शामिल बताए जा रहे हैं।