राजनांदगांव : छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में हुई पुलिस आरक्षक भर्ती में गड़बड़ी के मामले ने तूल पकड़ लिया है. वहीं संदेह के घेरे में आए पुलिस आरक्षक अनिल कुमार रत्नाकर की खुदकुशी की घटना ने इसे अलग ही मोड़ दे दिया. अब इसे लेकर निष्पक्ष जांच के लिए एसआईटी टीम का गठन किया है.
बता दें कि 21 दिसंबर को लालबाग थाना क्षेत्र के ग्राम रामपुर में आरक्षक ने फांसी लगाकर आत्महत्या की थी. राजनांदगांव में हुए पुलिस आरक्षक भर्ती मामले में गड़बड़ी में आरक्षक संदेही था. राजनांदगांव रेंज आईजी दीपक कुमार झा ने विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया एसआईटी टीम में एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सहित चार पुलिस अधिकारी शामिल हैं जो 10 दिन के अंदर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करेंगे.
क्या है मामला?
राजनांदगांव में हुए पुलिस आरक्षक भर्ती मामले में गड़बड़ी में 14 लोगों को संदेह के दायरे में रखा गया था. इसमें से एक आरक्षक ने खुदकुशी कर ली. खुदकुशी करने वाले आरक्षक ने अपनी हथेली में सुसाइड नोट भी लिख रखा था. इस मामले में उसने आला अफसरों की संलिप्तता की बात लिखी थी, जिसके बाद आनन-फानन में 4 पुलिसकर्मी समेत 2 टेक्निकल टीम के लोगों को न्यायालय के समक्ष पेश कर जेल भेज दिया गया.
6 लोगों की हुई गिरफ्तारी
पुलिस भर्ती मामले में गड़बड़ी को लेकर 6 लोगों को जेल भेजा गया. गिरफ्तार लोगों में दो महिला पुलिसकर्मी, दो आरक्षक और दो टेक्निकल टीम के लोग शामिल हैं. बता दें कि राजनांदगांव जिले में चल रहे पुलिस आरक्षक भर्ती में एक गड़बड़ी का मामला सामने आया था, जिसमें बीते 16 दिसंबर को पुलिस ने लालबाग थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. पुलिस भर्ती घोटाला को लेकर पुलिस विभाग की कार्यशैली पर तमाम तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं.