नई दिल्ली. देश के कुछ हाईवे खास बनने वाले हैं. यहां पर जानवरों को हादसे से बचाने के लिए एंबुलेंस तैनात की जाएंगी. इसके लिए नेशनल आथारिटी ऑफ इंडिया और हाईवे निर्माण कंपनी के बीच समझौता हो गया. पायलट प्रोजेक्ट के रूप में हरियाणा और राजस्थान के कुछ सेक्शन में एंबुलेंस की तैनाती की जाएगी और फर्स्टएड सेंटर व अस्पताल बनेंगे. सड़क सुरक्षा बढ़ाने और आवारा मवेशियों की समस्या से निपटने, नेशनल हाईवे पर जानवरों को दुर्घटनाओं से बचाने के लिए हाईवे के किनारे फर्स्ट एड सेंटर बनाये जा रहे हैं. इस पहल का उद्देश्य नेशनल हाईवे के किनारे पाए जाने वाले आवारा मवेशियों और जानवरों की देखभाल और प्रबंधन सुनिश्चित करते हुए यात्रियों के लिए एक सुरक्षित यात्रा कराना है. घायल आवारा जानवरों को समय पर इलाज उपलब्ध कराने के लिए मवेशी एम्बुलेंस तैनात की जाएंगी. प्रत्येक 50 किमी. की दूरी तक प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र बनाए जाएंगे.
यहां तैनात होंगी एंबुलेंस:- यह पहल विभिन्न नेशनल हाईवे के सेक्शन पर लागू की जाएगी, जिसमें यूपी/हरियाणा सीमा से एनएच-334बी का रोहना खंड भी शामिल है, खरखौदा बाईपास के साथ आश्रय स्थल बनाए जाएंगे. इसी प्रकार, एनएच-148बी के भिवानी-हांसी खंड पर हांसी बाईपास, एनएच-21 के कीरतपुर-नेरचौक खंड और एनएच-112 पर जोधपुर रिंग रोड के डांगियावास से जजीवाल खंड पर आश्रयों का निर्माण किया जाएगा.
यह है समझौता:- एनएचएआई ने मौजूदा निर्माण कंपनी मेसर्स गावर कंस्ट्रक्शन लिमिटेड के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. अनुबंध के तहत, मेसर्स गावर कंस्ट्रक्शन लिमिटेड, एनएचएआई द्वारा दी गयी गई जमीन पर मवेशी-आश्रयों का निर्माण करेगा. कंपनी जानवरों की बेहतरी सुनिश्चित करते हुए मेंटीनेंस के दौरान प्राथमिक चिकित्सा, पर्याप्त चारा, पानी और देखभाल करने वालों की तैनाती इन आश्रय स्थलों पर करेगी.