बस्तर , 11 जनवरी 2025 : बस्तर की इंद्रावती नदी के किनारे, पहाड़ों की तलहटी में बसे 42 घरों वाले कोरली गांव में जल जीवन मिशन ने विकास की नई कहानी लिखी है। दुर्गम घाटियों और कच्चे रास्तों के बीच बसे इस गांव में पहले ग्रामीण अपनी दैनिक जरूरतों के लिए नदी और हैंडपंप के पानी पर निर्भर थे। बारिश के मौसम में गंदे पानी के उपयोग से स्वास्थ्य समस्याएं आम थीं।
गांव की 203 लोगों की आबादी, जिनका मुख्य व्यवसाय खेती-किसानी और वनोपज संग्रहण है, अब इस योजना से लाभान्वित हो रही है। कोरली के सरपंच श्री केशवलाल मौर्य ने बताया कि हर घर में समान रूप से नल कनेक्शन के जरिए शुद्ध पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की गई है। इससे न केवल महिलाओं का जीवन आसान हुआ है, बल्कि अब उनके पास खेती-किसानी और वनोपज संग्रहण के लिए भी पर्याप्त समय मिलेगा।
गांव की महिला तुलसी ने बताया, ष्पहले हमें नदी से पानी लाने के लिए कच्चे रास्तों पर जोखिम उठाना पड़ता था। बारिश के दिनों में मिट्टी पर फिसलने का डर हमेशा बना रहता था। अब हर घर में नल से शुद्ध पानी मिल रहा है। यह हमारी जिंदगी में सकारात्मक बदलाव है। सरपंच श्री मौर्य और ग्रामीणों ने सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जल जीवन मिशन ने गांव में खुशहाली का नया दौर शुरू किया है। यह पहल न केवल स्वास्थ्य, बल्कि सामाजिक और आर्थिक जीवन में भी सकारात्मक बदलाव ला रही है।