17 जनवरी 2025:- मौनी अमावस्या का हिंदू धर्म विशेष महत्व है. इस दिन को हिंदू धर्म शास्त्रों में बेहद शुभ माना गया है. महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान मौनी अमावस्या पर किया जाने वाला है. इस बार मौनी अमावस्या और अमृत स्नान का दुर्लभ संयोग बना है. हिंदू मान्यता है कि मौनी अमावस्या पर पितर धरती पर आते हैं. हिंदू धर्म शास्त्रों में मौनी अमावस्या के दिन के लिए कुछ विशेष उपाय बताए गए हैं, जिन्हें करने से आपको पितरों का आशीर्वाद प्राप्त हो सकता है. साथ ही पितृ दोष से भी मुक्ति मिल सकती है. आइए जानते हैं कि ये उपाय कौन से हैं.
इस साल कब है मौनी अमावस्या?
इस साल मौनी अमावस्या 29 जनवरी को है. हालांकि हिंदू पंचांग के अनुसार, मौनी अमावस्या की तिथि का शुभारंभ 28 जनवरी की शाम 7 बजकर 35 मिनट पर हो जाएगा. वहीं ये तिथि 29 जनवरी की शाम 6 बजकर 5 मिनट तक रहेगी. ऐसे में मौनी अमावस्या 29 जनवरी को मनाई जाएगी. इसी दिन महाकुंभ में दूसरा अमृत स्नान भी किया जाएगा.
मौनी अमावस्या पर करें ये उपाय
इस मंत्र का जाप
मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ में डुबकी लगाते हुए पितरों को याद करें. इस दिन सूर्य को अर्ध्य देना बहुत आवश्यक है. साथ ही ‘ॐ पितृ देवतायै नम:’ के मंत्र का कम से कम 11 बार जाप करें. ऐसा करने से धरती पर आए पितरों का आशीर्वाद प्राप्त हो सकता है. पितरों के आशीर्वाद से घर में सुख-समृद्धि आती है.
दान करना चाहिए
मौनी अमावस्या के दिन दान करना बहुत ही पुण्यकारी माना गया है. इस दिन अन्न और वस्त्रों का दान अवश्य करना चाहिए. हिंदू मान्यताओं के अनुसार, मौनी अमावस्या पर दान करने से पितर भी प्रसन्न होते हैं. इस दिन दान करने से पितरों की आत्मा तृप्त हो जाती है. इस दिन किया दान पृत दोष से मुक्ति दिला देता है.
करने चाहिए ये पाठ
मौनी अमावस्या के दिन पितरों के निमित्त दिया जलाना चाहिए. पितृ कवच, पितृ सूक्तम या फिर पितृ स्तोत्रम का पाठ करना करना चाहिए. ऐसा करने से पितरों की असीम कृपा प्राप्त होती है. साथ ही परिवार में खुशी का वातावरण बना रहता है. मौनी अमावस्या पर ये सभी उपाय करके आप पितरों का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं. साथ ही सच्चे मन से इन उपायों को करने से शुभ फलों की भी प्राप्ति होती है.