
रायपुर : CGPSC घोटाले के आरोपी से ज्यादा शातिर उन साला देवेंद्र जोशी निकला। बेरोजगार युवाओं को ठगी का शिकार बनाने वाले देवेंद्र जोशी ने करोड़ों रुपए के वारे न्यारे किए थे। पूछताछ में अब तक 20 से ज्यादा युवाओं से ठगी का मामला सामने आया है।
हैरान करने वाली बात यह है कि फूड इंस्पेक्टर और पटवारी की नौकरी के नाम पर युवाओं से देवेंद्र जोशी और उसकी पत्नी ने रेलवे कर्मचारी के साथ मिलकर करोड़ों रुपए लिए थे।देवेंद्र जोशी और उसके साथी की पुलिस रिमांड में पूछताछ चल रही है।
पूछताछ में अब तक कई चौंकाने वाले खुलासे हुए है। पहले यह जानकारी आई थी कि सिर्फ चार युवाओं से एक करोड रुपए की राशि ही इन शातिर दंपति ने लिए थे, लेकिन अब ठगी का शिकार बनने वाले युवाओं की संख्या 20 से ज्यादा हो गई है। इन सभी युवाओं से फूड इंस्पेक्टर और पटवारी की नौकरी के नाम पर ही पैसे लिए गए थे।
जानकारी के मुताबिक पुलिस के पास जब्त आरोपियों के मोबाइल फोन पर दो दिनों तक लगातार फोन आते रहे।
पुलिस ने कॉल रिसीव किया तो कई पीड़ितों के नाम सामने आए। बेरोजगारों ने आरोपियों को पैसे देने की बात स्वीकार की। पुलिस ने अब तक 20 से ज्यादा पीड़ितों की सूची तैयार की है।
फूड इंस्पेक्टर से लेकर पटवारी की नौकरी तक का झांसा देकर पैसे की वसूली की गई थी। देवेंद्र जोशी और उनके साथियों ने बेरोजगारों से 50-50 लाख तक वसूले है।
CGPSC के पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी से करीबी रिश्तेदारी की वजह से युवा बेरोजगार झांसे में आ गए। लिहाजा, जितने भी पैसे मांगे गए। बेरोजगारी वक्त देते चले गए माना जा रहा है कि ठगी गई राशि 5 से 10 करोड़ तक हो सकती है। फिलहाल पुलिस हर एंगल से जांच कर रही है।