
हिंदू धर्म में नवरात्रि का त्यौहार बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। नवरात्रि में दुर्गा माता के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। देवी भगवती की उपासना के लिए नवरात्रि के दिन सबसे ज्यादा उत्तम माने जाते हैं। नवरात्रि में 9 दिन व्रत करने का भी विधान है। वहीं कुछ लोग पहला दिन और अष्टमी, नवमी का व्रत रखते हैं। बता दें कि अभी चैत्र नवरात्रि चल रहे हैं, जिसका समापन 6 अप्रैल को होगा। ऐसे में लोगों के बीच चैत्र नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। तो चलिए जानते हैं कि इस महाष्टमी कब है।
चैत्र नवरात्रि 2025 अष्टमी कब है?
दुर्गा अष्टमी को महाअष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन मां दुर्गा के नौवें स्वरूप माता गौरी की पूजा की जाती है। पंचांग के अनुसार, अष्टमी तिथि का आरंभ 4 अप्रैल को रात 8 बजकर 12 मिनट पर होगा। अष्टमी तिथि समाप्त 5 अप्रैल को शाम 7 बजकर 46 मिनट पर होगा। ऐसे में चैत्र नवरात्रि की अष्टमी पूजा 5 अप्रैल को होगी। इसी दिन महाष्टमी का व्रत रखा जाएगा।
चैत्र नवरात्रि 2025 अष्टमी कन्या पूजन मुहूर्त
बता दें कि नवरात्रि में कन्या पूजन का विशेष महत्व है। कन्या पूजन अष्टमी और नवमी के दिन किया जाता है। छोटी-छोटी कन्याओं को देवी मां का रूप माना जाता है। ऐसे में नवरात्रि के दौरान कन्या पूजन करने से मां दुर्गा की खास कृपा प्राप्त होती है। चैत्र नवरात्रि की अष्टमी के दिन कन्या पूजन के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 4 बजकर 58 मिनट से शाम 6 बजकर 7 मिनट तक रहेगा। वहीं अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 49 मिनट तक रहेगा।
नवरात्रि अष्टमी के दिन करें इन मंत्रों का जाप
मंत्र- ॐ देवी महागौर्यै नमः॥
प्रार्थना- श्वेते वृषेसमारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः। महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा॥
स्तुति- या देवी सर्वभूतेषु माँ महागौरी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥