
रायपुर : शासकीय शिक्षक रहते हुए सरकारी स्कूल में बच्चों को पढ़ाना छोड़कर एक शिक्षक ने शिक्षा की पूरी दुकान खोल ली. हम यहां स्कूल को दुकान इसलिए कह रहे है क्योंकि छछान पैरी मीडिल स्कूल के समन्वयक बिरेंद्र पांडे ने अपनी निजी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को सरकार से मिलने वाली मुफ्त की किताबों को छोड़कर खुद किताब खरीदी और फिर बच्चों को बेची.
शासकीय शिक्षक बिरेंद्र पांडे ने अपनी स्कूलों के संचालन के लिए 1 करोड़ 90 लाख रूपए का लोन भी लिया. लेकिन हैरानी की बात ये है कि जिला शिक्षा अधिकारी रायपुर और बीईओ अभनपुर को बिरेंद्र पांडे के खिलाफ कोई भी सबूत नहीं मिले. इस मामले में जब शिकायत हुई तो उन्हें क्लीन चीट दे दी गई.
अब सवाल ये है कि जिला शिक्षा अधिकारी और विभाग को शिक्षक बिरेंद्र पांडे के निजी स्कूल संचालन से जुड़े क्या-क्या सबूत चाहिए जिसको देखने के बाद वे कार्रवाई कर सके.
देखें एक शासकीय कर्मचारी का निजी स्कूल चलाने से जुड़े सबूत



