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रमन सिंह की जिस योजना को भूपेश बघेल ने किया था बंद, 21 जून को फिर से शुरू करेंगे सीएम

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रायपुर: छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार 21 जून को प्रदेशवासियों के लिए चरण पादुका योजना की शुरुआत करेंगे। इस योजना को पूर्व सीएम रमन सिंह के कार्यकाल में शुरू किया गया था। 2018 में राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी थी और भूपेश बघेल मुख्यमंत्री।

भूपेश बघेल ने इस योजना को बंद कर दिया था। अब यह योजना फिर से शुरू हो रही है। सीएम विष्णुदेव साय 21 जून को जशपुर जिले के तपकरा में चरण पादुका वितरण योजना का प्रदेशव्यापी शुभारंभ करेंगे।

मुख्यमंत्री इस मौके पर तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों की महिलाओं को चरण पादुका प्रदान करेंगे। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ सरकार का राज्य के तेंदूपत्ता संग्राहकों से किया गया एक और वादा पूरा होगा। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने संकल्प पत्र में चरण पादुका योजना को फिर से शुरू किये जाने का वादा किया था, जिसे पूर्ववर्ती सरकार ने बंद कर दिया था।

योजना के लिए कितना फंड

इस योजना के क्रियान्वयन के लिए सरकार ने 40 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है। यह योजना सीधे-सीधे राज्य के 12 लाख 40 हजार तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों की महिलाओं को लाभ पहुंचाएगी। जिन्हें चरण पादुका का फ्री में वितरण किया जाएगा।क्या है चरण पादुका योजना

चरण पादुका वितरण योजना की शुरुआत राज्य में 2005 में हुई थी। इस समय डॉ रमन सिंह मुख्यमंत्री थे। इस योजना के तहत तेंदुपत्ता इकट्ठा करने वाले आदिवासियों को राज्य सरकार हर साल एक जोड़ी जूते देती है। पहले यह योजना सिर्फ पुरुषों के लिए थी। 2008 में इसमें महिलाओं को शामिल किया गया। पहले इस योजना के तहत जूते दिए जाते थे बाद में 2013 से जूते की जगह चप्पल मिलने लगी।क्या कहा सीएम ने

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि हमारी सरकार की प्राथमिकता हमेशा अंतिम पंक्ति के व्यक्ति तक न्याय और सुविधा पहुंचाना है। तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों का राज्य की अर्थव्यवस्था और वनोपज आधारित आजीविका में अमूल्य योगदान है। चरण पादुका योजना हमारे संकल्प पत्र का वादा था, जिसे हम पूरा करने जा रहे है। यह सिर्फ चरण पादुका का वितरण नहीं, बल्कि संग्राहक परिवार के स्वाभिमान और सुरक्षा का प्रतीक है।

चरण पादुका वितरण योजना की शुरूआत इस बात का प्रमाण है कि छत्तीसगढ़ सरकार तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों की आवश्यकता, सम्मान और गरिमा का ध्यान रख रही है। इस योजना का उद्देश्य न सिर्फ तेंदूपत्ता संग्राहक परिवार की महिलाओं को सम्मान देना है, बल्कि कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में काम करने वाली संग्राहक महिलाओं की सुविधा सुनिश्चित करना भी है।745 करोड़ रुपये की तेंदूपत्ता खरीदी

छत्तीसगढ़ में इस साल तेन्दूपत्ता संग्रहण का काम अप्रैल महीने से शुरू हुआ था। बेमौसम वर्षा, तूफान और ओलावृष्टि के कारण फसल प्रभावित हुई, परंतु इसके बावजूद 745 करोड़ रुपये के तेंदूपत्ता की खरीदी की गई है। अधिकारियों ने बताया कि अब तक 300 करोड़ रुपये से अधिक की राशि सीधे संग्राहकों के खाते में ट्रांसफर कर दी गई है। बची हुई राशि को जल्दी ही ट्रांसफर किया जाएगा।

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