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UP में एनकाउंटर पर बरसे राहुल गांधी, पूछा- फैसला अदालत करेगी या पुलिस

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उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में डकैती में शामिल एक व्यक्ति की पुलिस मुठभेड़ में मौत को लेकर केंद्र पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि कैमरों के सामने संविधान को माथे से लगाना महज दिखावा है ‘जब आपकी सरकारें इसका खुलेआम उल्लंघन कर रही हैं.’ लोकसभा में विपक्ष के नेता गांधी ने मांग की कि उत्तर प्रदेश में सभी संदिग्ध मुठभेड़ों की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.

अधिकारियों ने बताया कि सुल्तानपुर में आभूषण की एक दुकान में 1.5 करोड़ रुपये की डकैती में शामिल वांछित अपराधी मंगेश यादव बृहस्पतिवार सुबह पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया. यादव की गिरफ्तारी पर एक लाख रुपये का इनाम था. पुलिस के अनुसार, यादव मिशिरपुर पुरैनी गांव में उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) के साथ मुठभेड़ में मारा गया.

राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में आरोप लगाया, “भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्यों में ‘कानून और संविधान’ की धज्जियां वही उड़ा रहे हैं, जिनपर उनका पालन कराने की जिम्मेदारी है. सुल्तानपर में मंगेश यादव की मुठभेड़ में मौत ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि भाजपा कानून के शासन में विश्वास ही नहीं करती.”

उन्होंने कहा, “मंगेश के परिवार के आंसू पूरे देश से सवाल पूछ रहे हैं -कौन जिएगा और कौन नहीं, इसका फैसला अदालत करेगी या पुलिस?” कांग्रेस नेता ने कहा, “एसटीएफ जैसे पेशेवर पुलिस बल को भाजपा सरकार में ‘आपराधिक गिरोह’ की तरह चलाया जा रहा है, जिसपर केंद्र सरकार की चुप्पी इस ‘ठोको नीति’ पर उनकी स्पष्ट सहमति है.”

उन्होंने कहा, “उप्र एसटीएफ की दर्जनों मुठभेड़ सवालों के घेरे में हैं. क्या आज तक उनमें से किसी भी अधिकारी पर कोई कार्रवाई हुई? आखिर कौन उन्हें बचा रहा है और क्यों?” राहुल गांधी ने कहा, “कैमरों के आगे संविधान को माथे से लगाना सिर्फ ढोंग है, जब आपकी सरकारें ही उसकी खुलेआम धज्जियां उड़ा रही हों.” उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में हुई सभी संदिग्ध मुठभेड़ों की निष्पक्ष जांच कर इंसाफ किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “वर्दी पर लगे खून के छींटें साफ होनी चाहिए.”

लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के कुछ दिनों बाद, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के नवनिर्वाचित सांसदों की संसद भवन में बैठक हुई, जिसमें गठबंधन का नेता तय किया गया। अपने आगमन पर, प्रधानमंत्री मोदी ने संविधान की पुस्तक को माथे से लगाकर सम्मान व्यक्त किया.